भारत की खोज सिंधु घाटी सभ्यता - Worksheets
CBSE Worksheet 01
सिंधु घाटी सभ्यता
सिंधु घाटी सभ्यता
- कौटिल्य ने अपनी किस रचना से प्रसिद्धि पाई?
- सिंधु घाटी सभ्यता का व्यापारिक स्तर क्या था?
- प्राचीन भारत ने किन-किन क्षेत्रों में प्रगति की? (सिंधु घाटी सभ्यता)
- ‘गीता’ सभी वर्गों और संप्रदाय के लोगों के लिए क्यों मान्य है ?
- उपनिषदों का मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है ?
- प्राचीन साहित्य खोने को दुर्भाग्य क्यों कहा गया है, यह साहित्य क्यों खोया होगा?
- महाकाव्य युग में शिक्षा की क्या व्यवस्था थी ?
- सिंधु घाटी की सभ्यता के विषय में कौन-सी बातें पता चली हैं?
CBSE Worksheet 01
सिंधु घाटी सभ्यता
सिंधु घाटी सभ्यता
Solution
- कौटिल्य ने अपनी रचना 'अर्थशास्त्र' से प्रसिद्धि पाई।
- 'सिंधु घाटी सभ्यता' ने फ़ारस, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं से संबंध स्थापित कर व्यापार किया। यह नागर सभ्यता थी। यहाँ का व्यापारी वर्ग धनाढ्य था।
- प्राचीन भारत ने ग्रामों के विकास, दस्तकारी उद्योगों, विभिन्न व्यापारों, समुद्री यातायात, विभिन्न लिपियों व लिखित स्वरूपों, औषध व शल्य विज्ञान व शिक्षा के क्षेत्र में अपार प्रगति की।
- ‘गीता’ में निहित संदेश किसी वर्ग या संप्रदाय विशेष के लिए नहीं हैं। ये संदेश किसी प्रकार की सांप्रदायिकता नहीं फैलातें । इनकी दृष्टि सार्वभौमिक है। इसी सार्वभौमिकता के कारण यह सभी वर्गों एवं संप्रदायों के लिए मान्य है।
- उपनिषद भारतीय आर्यों की चिंतन क्षमता के बारे में गहराई से ज्ञान कराते हैं । ये ईसा पूर्व 800 के आस-पास की तत्कालीन सामाजिक गतिविधियों की जानकारी भी देते हैं ।
- प्राचीन साहित्य के खोने को दुर्भाग्य इसलिए कहा गया है क्योंकि साहित्य के अभाव में तत्कालीन समाज एवं संस्कृति की प्रामाणिक जानकारी नहीं मिल पाती है। यह साहित्य इसलिए खोया होगा क्योंकि उस समय का साहित्य भोज-पत्रों या ताड़-पत्रों पर लिखा जाता था। जिसे सँभालकर रखना आसान न था। उस समय कागज़ पर लिखने का प्रचलन नहीं था।
- महाकाव्य युग में कस्बों के निकट ही वनों में विद्यालय हुआ करते थे, जिनमें अनेक विषयों का शिक्षण तथा सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता था। यहाँ विद्यार्थियों को शहरी जीवन के आकर्षण से बचाकर नियमित रूप से ब्रह्मचर्य जीवन बिताने की सीख दी जाती थी।
- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विषय में ज्ञात हुआ है कि सिन्धु सभ्यता में व्यापारी वर्ग धनाढ्य था, सिन्धु सभ्यता अत्यंत विकसित सभ्यता थी, वह सभ्यता प्रधान रूप से धर्म निरपेक्ष थी तथा सांकृतिक युगों की अग्रदूत थी। सिंधु सभ्यता की खुदाई के समय मिले मकानों को देखकर जान पड़ता है कि ये दो या तीन मंजिला मकान हैं, सिन्धु घाटी की सिन्धु नामक नदी भी अपनी भयंकर बाढ़ों के लिए अत्यंत विख्यात है। यह 'एक नागर सभ्यता थी तथा अत्यंत विकसित थी।