वसंत कामचोर - Worksheets

CBSE Worksheet 01
कामचोर

  1. बच्चों को काम पर लगाने के लिए किस धमकी का इस्तेमाल किया गया? (कामचोर)
  2. कहानी में मोटे-मोटे किस काम के हैं? किन के बारे में और क्यों कहा गया? कामचोर पाठ के आधार पर बताइए।
  3. एक बड़े से मुर्गे ने क्या तमाशा शुरू कर दिया? कामचोर पाठ के आधार पर बताए।
  4. भेड़ों के आक्रमण का तूफान गुजर चुका तो कैसा दृश्य था? कामचोर पाठ के आधार पर बताए।
  5. कभी हाथ से काम न छूने वाले बच्चों में काम करने की होड़ मचने का क्या कारण था?
  6. भैंस कब चौकन्नी हो गई? कामचोर पाठ के आधार पर बताए।
  7. कामचोर पाठ में भेड़ों के हमले से क्या दृश्य उत्पन्न हुआ? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
  8. निचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    सारा घर धूल से अट गया। खाँसते-खाँसते सब बेदम हो गए। सारी धूल जो दरी पर थी, जो फर्श पर थी, सबके सिरों पर जम गई। नाकों और आँखों में घुस गई। बुरा हाल हो गया सबका। हम लोगों को तुरंत आँगन में निकाला गया। वहाँ हम लोगों ने फौरन झाड़ देने का फैसला किया। झाड़ क्योंकि एक थी और तनख्वाह लेनेवाले उम्मीदवार बहुत, इसलिए क्षण-भर में झाड़ के पुर्जे उड़ गए। जितनी सीके जिसके हाथ पड़ी, वह उनसे ही उलटे-सीधे हाथ मारने लगा। अम्मा ने सिर पीट लिया। भई, ये बुजुर्ग काम करने दें तो इंसान काम करे। जब जरा-जरा सी बात पर टोकने लगे तो बस, हो चुका काम!
    1. सारा घर धूल से क्यों अट गया?
    2. धूल उड़ने से क्या हुआ?
    3. बच्चों का काम करने के बारे में क्या विचार था?
    4. बच्चे क्या कर रहे थे
    5. 'झाड़ू के पुर्जे उड़ गए'-ऐसा क्यों कहा गया?
CBSE Worksheet 01
कामचोर

Solution
  1. बच्चों को काम पर लगाने के लिए कहा गया कि जो काम नहीं करेगा उसे रात का खाना नहीं दिया जायेगा।
  2. कहानी में 'मोटे-मोटे किस काम के हैं' बच्चों के बारे में कहा गया है क्योंकि वे घर के कामकाज में जरा सी भी मदद नहीं करते थे तथा दिन भर ऊधम मचाते रहते थे। उनका हर काम नौकरों के भरोसे था। वे बस खा-खाकर मोटे हो रहे थे।
  3. एक बड़े से मुर्गे ने अम्मा के खुले हुए पानदान पर छलाँग लगा दी और कत्थे-सने पंजों से नानी अम्मा की दूध जैसी सफेद चादर पर छापे मारता हुआ निकल गया। 
  4. भेंड़ो के आक्रमण में जहाँ-जहाँ से सूप गुजरा भेंडे शिकारी कुत्तो की तरह गंध सूँघती हुई हमला करती गई, जब उनके आक्रमण का तूफान थमा तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टेंकों और बमबारों सहित उधर से छापा मारकर गुजर गई है।
  5. कभी काम को हाथ न लगाने वाले बच्चों में काम करने की लिए इतनी होड़ मचने के दो कारण थे- काम न करने पर रात का खाना न मिलने की धमकी तथा काम करने पर तनख्वाह का लालच।
  6. भैंस को काबू में करने के लिए झूले की रस्सी उतार कर भैंस के पैर बाँध दिए गए। पिछले दो पैर चाचा जी की चारपाई के पायों से बाँध, अगले पैरों को बाँधने की कोशिश की जा रही थी, तभी भैंस चौकन्नी हो गई।
  7. भेड़ें भूखी थीं और दाने का सूप देखते ही सबकी-सब झपट पड़ीं। तख्तों पर चढ़ीं और पलंगों को फलांगती हुई सब कुछ रौंदती हुई मेंगनों का छिड़काव करती रहीं। ऐसा लगता था कि जैसे जर्मन फौज छापा मारकर इधर से ही गुजरी है। बानी दीदी का दुपट्टा रौंदा गया और सोती हुई हज्जन माँ के ऊपर से तो पूरी फौज ही निकल गई। भेड़ें तरकारी वाली की तरकारियाँ देखते-देखते चट कर गईं।
    1. बच्चों ने फर्श पर बिछी दरी जो मिट्टी से सनी हुई थी उसे झाड़ना शुरू किया था इसलिए सारा घर धूल से अट (सन) गया।
    2. धूल उड़ने से सारे घर में धूल ही धूल हो गई। साँस लेना भी कठिन हो गया। सबके सिरों पर धूल जम गई और नाकों व आँखों में घुस गई।
    3. जब बच्चों ने गलत तरीके से काम किया तो अम्मा ने सिर पीट लिया और बच्चों को डाँट पड़ने लगी। उनके कार्य को गलत कहा जाने लगा। ऐसे में उन्होंने कहा कि जब घर के बड़े-बूढ़े काम करने दें तो ही हम काम कर सकते हैं।
    4. बच्चे फर्श और दरी साफ़ कर रहे थे।
    5. बच्चों ने झाड़ू एक दूसरे से खींच-खींचकर तिनका-तिनका कर डाला।