मुहावरे और लोकोक्तियाँ - Worksheets
CBSE Worksheet 01
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
- आकाश पाताल एक करना - मुहावरे का उचित अर्थ चुनो।
- कम परिश्रम करना
- हँसकर परिश्रम करना
- जाकर परिश्रम करना
- बहुत परिश्रम करना
- दो दिन का मेहमान - मुहावरे का उचित अर्थ चुनो।
- जीवन की लाचारी
- जीवन पाना
- मृत्यु के निकट होना/ बहुत कम समय के लिए होना
- निकट जाना
- उल्लू बनाना - मुहावरे का उचित अर्थ चुनो।
- विवेकी बनाना
- बुद्धिमान बनाना
- अविवेकी बनाना
- मूर्ख बनाना
- इतने अच्छे नृत्य को देखकर जब दर्शकों ने तालियाँ न बजाई तो मुझे लगा .....?
- मान न मान मैं तेरा मेहमान
- हाथ कंगन को आरसी क्या
- अधजल गगरी छलकत जाय
- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद
- गिरगिट की तरह रंग बदलना - मुहावरे का उचित अर्थ चुनो।
- खिलोने वाला
- रंग बदलना
- गिरगिट होना
- अवसरवादी होना
- हाथ मलना मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
- मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग करें।आग में घी डालना
- मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग करें।ईद का चाँद होना
- घड़ों पानी पड़ना मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
- मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग करें।न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी
CBSE Worksheet 01
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Solution
- (d) बहुत परिश्रम करना
Explanation: वाक्य-संजीवनी बूटी खोजने के लिए हनुमानजी ने आकाश पाताल एक कर दिया। - (c) मृत्यु के निकट होना/ बहुत कम समय के लिए होना
Explanation: वाक्य- रोगग्रस्त जीवनलाल दो दिन के मेहमान हैं। - (d) मूर्ख बनाना
Explanation: वाक्य-मुकेश हमेशा सबको उल्लू बनाता रहता है। - (d) बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद
Explanation: बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद - (d) अवसरवादी होना
Explanation: वाक्य-नेता अपने फायदे के लिए गिरगिट की तरह रंग बदल लेते हैं। - हाथ मलना - (पछताना) स्टेशन पर लेट पहुँचने पर हमारी ट्रेन निकल चुकी थी और हम हाथ मलते ही रह गए।
- आग में घी डालना - (क्रोध को भड़काना) तुम्हारी बातों ने तो मीरा और राधा की लड़ाई बढ़ा कर आग में घी का काम किया।
- ईद का चाँद होना - (बहुत दिनों बाद दिखना) अरे मित्र! कहाँ रहे इतने दिन? तुम तो ईद का चाँद हो गए हो।
- घड़ों पानी पड़ना - (बेहद लज्जित होना) फेल हो जाने पर राहुल पर घड़ों पानी पड़ गया।
- न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी - (झगड़े की जड़ ही नष्ट कर देना) अगर दोनों परिवारों के बीच झगड़ा इस पेड़ को ही लेकर है तो इसे काट डालो या बेच दो, न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी।