त्रिलोचन (Not for Exams) - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

 CBSE Class 11 Hindi Core A

NCERT Solutions
Chapter 06 Poem
Trilochan


1. चंपा ने ऐसा क्यों कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे?
उत्तर:-
 चंपा यद्यपि पढ़ी-लिखी नहीं है फिर भी उसके मन में भविष्य के प्रति आशंका उत्पन्न हो जाती है। आर्थिक तंगी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर काम-धंधे की तलाश में बड़ी मात्रा में लोगों का पलायन होता है और वहाँ वे शोषक व्यवस्था के शिकार बनते हैं। कवि द्वारा यह कहना कि उसका पति थोड़े समय तक साथ रहेगा और फिर कलकत्ता चला जाएगा। इसके कारण वह घर टूटने की आशंका से भयभीत हो जाती हैं और कलकत्ता पर वज्र गिरने की कामना करती है। 


2. चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता कि गांधी बाबा ने पढ़ने-लिखने की बात कही होगी?
उत्तर:-
 चंपा कवि से कहती है कि गांधीजी अच्छे हैं फिर वे पढ़ने-लिखने की बात क्यों करते हैं, क्योंकि पढ़-लिख लेने से लोगों को जीविकोपार्जन के लिए अपना घर छोड़ना पड़ता है।  उसकी  दृष्टि में  पढ़ने-लिखने की बात कहने वाला अच्छा व्यक्ति नहीं हो सकता । इस कारण वह विश्वास नहीं कर पाती कि गांधी बाबा जैसे अच्छे मनुष्य ने पढ़ने-लिखने जैसी बुरी बात कही होगी। इन पंक्तियों में यह व्यंग्य छिपा है कि पढ़-लिखकर व्यक्ति अपनी सहजता खो  बैठता है और वह शोषक व्यवस्था का एक अंग बन जाता है ।

3 . कवि ने चंपा की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?

उत्तर:- कवि ने चंपा की निम्नलिखित  विशेषताओं का वर्णन किया है -
1. चंपा एक ग्रामीण बाला है। उसका स्वभाव नटखट, चंचल और शरारती है । वह शरारतवश कभी-कभी खूब   ऊधम मचाती है और कवि की कलम और कागज को चुराकर छिपा देती है।
2. चंपा अबोध बालिका है, वह पढ़ाई-लिखाई का महत्त्व नहीं समझती।
3. चंपा का स्वभाव मुखर और विद्रोही भी है इसलिए वह शोषक व्यवस्था के प्रतिपक्ष में  खड़ी हो जाती है । 

4 . कवि के समझाने पर भी वह पढ़ना-लिखना नहीं चाहती और  अपनी मन की बात को बिना छिपाए मुँह पर कह देती है क्योंकि वह स्पष्टवक्ता है ।
5 . चंपा में परिवार के साथ मिलकर रहने की भावना है। वह परिवार को तोड़ना नहीं चाहती।


4. आपके विचार में चंपा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मैं तो नहीं पढूँगी?
उत्तर:-
 मेरे अनुसार चंपा के मन में यह भाव छिपा है कि पढ़-लिखकर लोग धन कमाने के लिए अपने परिवार से दूर चले जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप घर टूट जाते हैं और परिवार को विछोह की वेदना को सहन करना पड़ता है ।  वह मानती है कि पढ़ने-लिखने वाले लोग शोषक व्यवस्था का अंग बन जाते  हैं क्योंकि वह पढ़ाई- लिखाई का महत्त्व नहीं जानती  अत: इस कारण चंपा ने ऐसा कहा होगा कि मैं तो नहीं पढूँगी।


5. यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती, तो कवि से कैसे बातें करती?
उत्तर:-
 यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो कवि की योग्यता का सम्मान करती। चंपा का बात को अभिव्यक्त करने का तरीका विनम्र और सम्मानपूर्ण होता। तब शायद उसकी बातों में विद्रोह के स्वर की अपेक्षा कवि के प्रति श्रध्दा होती। शायद  उसकी बातों  में उतनी सहजता न होती , जितनी अभी है ।

 6. इस कविता में पूर्वी प्रदेशों की स्त्रियों की किस विडंबनात्मक स्थिति का वर्णन हुआ है?
उत्तर:-
 उपर्युक्त कविता में पूर्वी प्रदेशों में रहने वाली स्त्रियों की इस विडंबनात्मक स्थिति का वर्णन हुआ है कि वे प्राय:अनपढ़ हैं।  उनके पतियों को रोज़गार  की तलाश में दूर शहरों में जाना पड़ता है। उनकी निरक्षरता के कारण उन्हें पति के वियोग के साथ 'संदेश भेजना और पढ़ना' दोनों की विवशता को झेलना पड़ता है।  कई बार तो उन्हें अपने परिवारजन  की बहुत -लंबे समय तक कोई सूचना नहीं मिलती  और  वे   केवल अनुमान के बल पर अपना समय व्यतीत करती रहती हैं । उनका जीवन प्राय: अकेलेपन की त्रासदी से गुजरता है।

7. संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की को किस वेदना और विपत्ति को भोगना पड़ता है, अपनी कल्पना से लिखिए।
उत्तर:-
 अनपढ़ लड़की को मानसिक त्रास झेलना पड़ता है। उसे अपने प्रियजनों और परिचितों की कोई खबर नहीं मिल पाती। यदि वह किसी से चिट्टी लिखवा भी ले तो लोकलाज के भय के कारण वह अपने मन की सारी प्रेम की बातें, वियोग का दुःख या माता-पिता को ससुराल की बातें आदि अनेक ऐसी बातें होती है जो वह नहीं बता पाती; इस कारण उसकी मन की बातें मन में ही रह जाती है।

इस प्रकार  संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की को विरह की वेदना, अकेलेपन की पीड़ा, प्रेम की अभिव्यक्ति न कर पाने की विवशता और लोकलाज की विपत्ति को भोगना पड़ता है।