विदाई संभाषण (Not for Exams) - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
CBSE Class 11 Hindi Core A
NCERT Solutions
Chapter 14
Balmukund
1. शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर:- शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि भारत में बिछड़ने का समय बड़ा पवित्र, निर्मल और कोमल होता है। बिछड़ते समय वैर-भाव भुलाकर सब शांत हो जाते हैं और स्वयं को दुःख पहुँचाने वाले व्यक्ति के भी बिछुड़ने पर खुश होने की जगह उनके मन में दुःख का ही भाव रहता है । इस पाठ में भी बताया गया है कि यह भाव भारत के मनुष्य के साथ-साथ पशुओं में भी देखने मिलता है। शिवशंभु की दो गाय थी;उसमें से एक दूसरी दुर्बल गाय को मारती थी फिर भी मारनेवाली गाय के जाने के दुःख में दूसरी गाय ने चारा नहीं खाया।
2. आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने ज़रा भी ध्यान नहीं दिया - यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर:- यहाँ बंग-भंग की ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है। लॉर्ड कर्जन ने क्रांतिकारी घटनाओं को रोकने के लिए कूटनीति अपनाते हुए बंगाल का विभाजन कर दिया - पूर्वी और पश्चिमी बंगाल। जनता ने बहुत विरोध किया और प्रार्थना की परंतु लॉर्ड कर्जन ने अपनी ज़िद नहीं छोड़ी।( यही पूर्वी बंगाल बाद में बांग्लादेश कहलाया ।)
3. कर्जन को इस्तीफ़ा क्यों देना पड़ गया ?
उत्तर:-लॉर्ड कर्जन को निम्नलिखित कारणों की वजह से इस्तीफ़ा देना पड़ गया -
• लॉर्ड कर्जन के बंग-भंग के कारण भारतीय उनके विरुद्ध खड़े हो गए।
• लॉर्ड कर्जन एक फ़ौजी अफ़सरको अपनी इच्छा के पद पर रखना चाहते थे, पर ब्रिटिश सरकार ने उनकी बात न मानी। उन्होंने गुस्से में इस्तीफा दे दिया।
उन्हें लगा था कि शायद उनके इस्तीफ़े की धमकी काम करेगी पर ब्रिटिश सरकार ने उनका इस्तीफ़ा मंज़ूर कर लिया और इससे उनका भारी अपमान हुआ ; फलस्वरूप उन्हें भारत छोड़ कर जाना पड़ा।
4. बिचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे! - आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- लॉर्ड कर्जन को भारत में जितना मान-सम्मान और जैसी शान-शौकत भोगने को मिली, वैसी किसी अन्य शासक को नहीं मिली होगी। देश के सब रईसों ने इन्हें पहले सलाम किया और बादशाह के भाई को पीछे। जुलूस में इनका हाथी सबसे आगे और सबसे ऊँचा था और उसके हौदा, चँवर, छत्रा आदि सबसे बढ़-चढ़कर थे। इनके एक इशारे पर देश के धनी-मानी लोग हाथ बाँधे खड़े रहते थे। ईश्वर और महाराज एडवर्ड के बाद इस देश में इन्हीं का एक दर्जा था, परंतु इस्तीफा देने के बाद सब कुछ खत्म हो गया। इसकी सिफारिश पर एक आदमी भी नहीं रखा गया। ज़िद के कारण इसका वैभव नष्ट हो गया और उन्हें इस देश को छोड़कर जाने का हुक्म मिला ।
5. आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में कोई तीसरी शक्ति और भी है- यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?
उत्तर:- आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में कोई तीसरी शक्ति और भी है यानि लॉर्ड कर्जन और भारत के निवासियों के बीच में तीसरी शक्ति ब्रिटिश सरकार है। यही शक्ति लॉर्ड कर्जन और भारत के निवासियों को नियंत्रित कर रही थी। उस शक्ति पर न भारतवासियों का ज़ोर था और न लॉर्ड कर्जन का । वह शक्ति सर्वोच्च शक्ति थी ।
6. पाठ का यह अंश शिवशंभु के चिट्ठे से लिया गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है। बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा?
उत्तर:- भारत के लोगों को ब्रिटिश शासक का विरोध करने की आज़ादी नहीं थी इसलिए लेखक 'बालमुकुंद गुप्त' ने 'शिवशंभु' नामक काल्पनिक पात्र का सहारा लेकर शासन की पोल खोलने की युक्ति निकाली। इससे वह सीधी कार्यवाही से बचे रहे । शिवशंभु सदा भाँग के नशे में मस्त रहता तथा सबके सामने खरी-खरी बातें कहता और ब्रिटिश शासन की बखिया उधेड़ता जो शिवशंभु के चिट्ठे के नाम से जनता तक पहुँचाया जाता।
7. नादिर से भी बढ़कर आपकी ज़िद है - कर्ज़न के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:- जी हाँ, हमें यह बात सही लगती है। नादिरशाह तानाशाह था। उसने दिल्ली की जनता का कत्लेआम करवाया था पर जब आसिफजाह ने तलवार गले में लटकाकर प्रार्थना की तो कत्लेआम रोक दिया। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। जनता ने बहुत प्रार्थना की परंतु लॉर्ड कर्जन ने अपनी ज़िद नहीं छोड़ी। इस संदर्भ में कर्जन की जिद्द नादिरशाह से भी बड़ी है।
8. क्या आँख बंद करके मनमाने हुक्म चलाना और किसी की कुछ न सुनने का नाम ही शासन है? - इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन क्या है? इस पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:- शासन का अर्थ है– सुव्यवस्था या प्रबंध। शासन व्यवस्था में शासक और प्रजा दोनों की भागीदारी होती है।प्रजा को अपनी बात कहने का पूरा हक है। कोई भी शासक अपनी मनमानी नहीं कर सकता ; उसे प्रजा की भी सुननी पड़ती है ।
पाठ में दिया गया है कि लॉर्ड कर्जन जनता पर अपना मनमाना हुक्म चलाता था और जनता की विनती को अनसुनी कर देता था; जो जनता के साथ अन्याय था। यह कृत्य एक अच्छे शासन की निशानी नहीं है ।
• भाषा की बात
1. वे दिन-रात यही मनाते थे कि जल्द श्रीमान् यहाँ से पधारें। सामान्य तौर पर आने के लिए पधारें शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ पधारें शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:- यहाँ पधारें शब्द का अर्थ है - चले जाएँ (विदा हों)।
2. पाठ में से कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं, जिनमें भाषा का विशिष्ट प्रयोग (भारतेंदु युगीन हिंदी) हुआ है।
उन्हें सामान्य हिंदी में लिखिए -
क. आगे भी इस देश में जो प्रधान शासक आए, अंत को उनको जाना पड़ा।
ख. आप किस को आए थे और क्या कर चले?
ग. उनका रखाया एक आदमी नौकर न रखा।
घ. पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से लाभ करे।
उत्तर:- क. पहले भी इस देश में जो प्रधान शासक हुए, अंत में उन्हें जाना पड़ा।
ख. आप किसलिए आए थे और क्या काम करके चले?
ग. उनके कहने से एक आदमी को नौकर न रखा गया।
घ. पर आशीर्वाद देता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से प्राप्त करे।