रजनी (Not for Exams) - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

 CBSE Class 11 Hindi Core - A

NCERT Solutions
Chapter 17
Manu Bhandari


1. रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि -
क. वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।
ख. अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।
ग. वह अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
घ. उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था।

उत्तर:-
 रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया क्योंकि वह अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने की सामर्थ्य रखती थी।


2. जब किसी का बच्चा कमज़ोर होता हैतभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा हैतो उस टीचर से न ले ट्यूशनकिसी और के पास चले जाएँ... यह कोई मजबूरी तो है नहीं प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है, तर्क दीजिए।
उत्तर:-
 जब रजनी डायरेक्टर ऑफ़ एजुकेशन के पास प्राइवेट ट्यूशन की समस्या लेकर जाती है और उनसे पूछती है कि इस मामले में बोर्ड क्या कर रहा है तो शिक्षा निर्देशक रजनी द्वारा की गई ट्यूशन रैकेट की शिकायत को सहजता से लेते हुए उसे कहते हैं कि जब किसी का बच्चा कमज़ोर होता है, तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है, तो उस टीचर से न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ... यह कोई मजबूरी तो है नहीं।

शिक्षा निर्देशक द्वारा रजनी को दिया हुआ उत्तर बहुत ही गलत है। इस प्रकार वे अपनी ज़िम्मेदारियों से भागकर शिक्षकों की गलत नीति को बढ़ावा दे रहे हैं जोकि बिल्कुल भी उचित नहीं है 


3. तो एक और आंदोलन का मसला मिल गया - फुसफुसाकर कही गई यह बात -
1. 
किसने किस प्रसंग में कही?
2. इससे कहने वाले की किस मानसिकता का पता चलता है।

उत्तर:-
 1. यह बात रजनी के पति रवि ने पेरेंट्स मीटिंग के दौरान कही। रजनी ने भाषण देते वक्त प्राइवेट स्कूल के टीचर्स की समस्याओं का जिक्र किया। कुछ अध्यापकों को अधिक तनख्वाह पर हस्ताक्षर कराकर कम तनख्वाह दी जाती है। रजनी इस अन्याय का पर्दाफाश करने के लिए उन्हें आंदोलन चलाने की सलाह देती है।
2. इससे उसकी सामाजिक दायित्वों के प्रति उदासीनता प्रकट होती है।


4. रजनी धरावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या है? क्या होता अगर -
1. 
अमित का पर्चा सचमुच खराब होता।
2. 
संपादक रजनी का साथ न देता।
उत्तर:-
 1. अमित का पर्चा सचमुच खराब होता तो ट्यूशन के रैकेट का पर्दाफाश न होता।
2. संपादक रजनी का साथ न देता तो रजनी की आवाज़ ज़्यादा लोगों तक न पहुँचती और शिक्षक अपने स्कूल के छात्र का ट्यूशन नहीं लेगा ;इस नियम को मान्यता प्राप्त नहीं होती।


5. गलती करने वाला तो है ही गुनहगारपर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता इस संवाद के संदर्भ में आप सबसे ज्य़ादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं?
उत्तर:-
 मेरी दृष्टि में गुनहगार दोनों है - ज़बरदस्ती करके ट्यूशन देने वाला अध्यापक भी और इसे बढ़ावा देने वाले विद्यार्थी तथा उनके माता-पिता भी।


6. स्त्री के चरित्र की बनी-बनाई धारणा से रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है?
उत्तर:-
 स्त्री के चरित्र की बनी-बनाई धारणा के अनुसार स्त्री सहनशील, कोमल और शक्तिहीन होती है। वह संघर्षों से दूर रहती है। इससे विपरीत रजनी एक संघर्षशील, असहनशील और जुझारू महिला है। हालाँकि उसके साथ कोई अन्याय नहीं हुआ था फिर भी समाज के प्रति अपना कर्तव्य को प्रमुख मान कर वह अन्याय का विरोध करती है 


7. पाठ के अंत में मीटिंग के स्थान का विवरण कोष्ठक में दिया गया है। यदि इसी दृश्य को फ़िल्माया जाए तो आप कौन-कौन से निर्देश देंगे?
उत्तर:-
 यदि मीटिंग दृश्य को फ़िल्माया जाए तो हम निम्नलिखित निर्देश देंगे -
• मीटिंग के अनुरूप तैयार किया हुआ स्टेज तथा बैनर।
• लोगों का जोश में आना।
• रजनी की प्रॉपर डायलॉग्स डिलीवरी आदि।


8. इस पटकथा में दृश्य-संख्या का उल्लेख नहीं है मगर गिनती करें तो सात दृश्य हैं। आप किस आधार पर इन दृश्यों को अलग करेंगे?
उत्तर:-
 पटकथा में दृश्य-संख्या का उल्लेख नहीं है, परंतु दृश्य अलग-अलग दिए गए हैं। हम सभी दृश्यों को स्थान के आधार पर अलग-अलग करेंगे जैसे लीला के घर का दृश्य , रजनी के घर का दृश्य ,संपादक के कार्यालय का दृश्य आदि


• भाषा की बात

1. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंश में जो अर्थ निहित हैं, उन्हें स्पष्ट करते हुए लिखिए -
1. वरना तुम तो मुझे काट ही देतीं
2. अमित जब तक तुम्हारे भोग नहीं लगा लेताहम लोग खा थोड़े ही सकते हैं।
3. बस-बस
, मैं समझ गया।
1.
 काट ही देतीं - भूल ही जाती
स्पष्टीकरण - रजनी कहती है कि यदि वह लीला के घर न आती तो वह उसे मिठाई खिलाने की बात भूल जाती।
2. भोग नहीं लगा - चखाना
स्पष्टीकरण - लीला कहती है कि अमित अब तक रजनी को खिला नहीं लेता, तब तक किसी और को नहीं खिलाता।
3. बस-बस - अधिक कहने की आवश्यकता नहीं
स्पष्टीकरण - संपादक कहता है कि मुझे और अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है, मैं सारी बात समझ गया हूँ।