महासागरों और महाद्वीपों का वितरण-Important Questions

                                                             CBSE कक्षा 11 भूगोल

(भाग-क) पाठ-4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


  1. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने और कब किया?
    उत्तर- जर्मन मौसम विद् अल्फ्रेंड वेगनर ने 1912 में।
  2. पैंजिया एवं पैथालसा क्या है?
    उत्तर- पैंजिया:- आज के सभी महाद्वीप एक ही भूखंड के रूप में थे जिसे पैंजिया कहा गया।
    पैथालसा:- पैंजिया के चारो और विशाल सागर को पैथालसा कहा गया।
  3. मध्य महासागरीय कटक क्या है?
    उत्तर- मध्य महासागरीय अटलांटिक महासागर के मध्य में उत्तर से दक्षिण आपस में जुड़े हुये पर्वतो की शृंखला है जो महासागरीय जल में डूबी हुयी है।
  4. रिंग आफ फायर किसे कहते है?
    उत्तर- प्रशान्त महासागर के किनारे सक्रिय ज्वालामुखी की शृंखला पायी जाती है जिसे रिंग ऑफ फायर या अग्नि वलय कहते है।
  5. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त में प्लेट से क्या तात्पर्य है?
    उत्तर- महाद्वीपीय एवं महासागरीय स्थलमंडलो से मिलकर बना, ठोस चट्टान का विशाल अनियमित आकार का खंड है जो एक दृढ़ इकाई के रूप में है।
  6. रूपांतर सीमा से क्या तात्पर्य है?
    उत्तर- दो प्लेटों जब एक दूसरे के साथ-साथ क्षैतिज दिशा में सरक जाती है और नई पर्पटी का निर्माण या किसी पर्पटी का विनाश नही होता है तो इस सीमा के रूपांतर सीमा कहते है।
  7. प्लेसर निक्षेप से क्या तात्पर्य है?
    उत्तर- नदियों के तली में खनिजो का अवसाद के रूप में निक्षेपण प्लेसर निक्षेप कहे जाते है इनके अन्तर्गत नदियों की तली में सोने के भी निक्षेप मिलते है।
  8. टिलाइट से क्या अभिप्राय है? ये कहां-कहां पाये जाते है?
    उत्तर- टिलाइट वे अवसादी चट्टाने है, जो हिमानी निक्षेपण से निर्मित होती है। गोडंवाना श्रेणी के आधार तल में टिलाइट पाये जाते है। इसी क्रम के प्रतिरूप भारत के अतिरिक्त दक्षिणी गोलार्द्ध में अफ्रीका, फाकलैंड द्वीप मेडागास्कर, अंटार्कटिका और आस्ट्रेलिया में मिलते है।
  9. लैमूरिया से आप क्या समझते है?
    उत्तर- लैमूर प्रजाति के जीवाश्म भारत मैडागास्कर व अफ्रीका में मिलते है। कुछ वैज्ञानिकों ने इन तीनों खण्डों को जोड़कर एक सतत स्थलखण्ड की उपस्थिति को स्वीकारा है जिसे वे लैमूरिया कहते है।

तीन अंको के प्रश्न: संक्षेप में जानिये

  1. वेगनर ने महाद्वीपीय विस्थापन के लिए किन बलों को उत्तरदायी बताया?
    उत्तर- वेगनर के अनुसार महाद्वीपीय विस्थापन के दो कारण है:-
    1. पोलर या फलीइंग बल:- पृथ्वी के घूर्णन के कारण महाद्वीपीय अपने स्थान से खिसक गये।
    2. ज्वारीय बल:- ज्वारीय बल वह है जो सूर्य व चन्द्रमा के आर्कषण से संबंध है इस आकर्षण बल के कारण महाद्वीपीय खण्डों का विस्थापन हो सकता है।
  2. भूकम्प व ज्वालामुखियों का विश्व में वितरण स्पष्ट करे?
    अथवा
    भूकम्प व ज्वालामुखी की मुख्य तीन पेटियों के बारे में बताइये
    उत्तर-
    1. अटलांटिक महासागर के मध्यवर्ती भाग में तटरेखा के समान्तर भूकम्प एवं ज्वालामुखी की एक शृंखला है जो आगे हिंद महासागर तक जाती है।
    2. दूसरा क्षेत्र अल्पाइन हिमालय श्रेणियों के और प्रशान्त महासागरीय किनारो के समरूप है।
    3. तीसरा क्षेत्र: प्रशान्त महासागर के किनारे किनारे एक वलय के रूप में है जिसे Ring of Fire भी कहा जाता है।
  3. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त को स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर- सन् 1967 में मैक्केन्जी, पारकर और मारेगन ने प्लेट विवर्तनिकी की अवधारणा प्रस्तुत की। उनके अनुसार पृथ्वी का स्थल मंडल सात मुख्य प्लेटो एवं कुछ छोटी प्लेटो मे बंटा हुआ है। ये प्लेटे दुर्बलतामंडल पर दृढ़ इकाई के रूप में क्षैतिज अवस्था में चलायमान है।
  4. अपसारी सीमा एवं अभिसरण सीमा में अन्तर स्पष्ट करें।
    उत्तर-
    • अपसारी सीमा:
      1. इसमें दो प्लेटे एक दूसरे से विपरीत दिशा में अलग हटती है।
      2. इसमे नई पर्पटी का निर्माण होता है।
      3. इसे प्रसारी स्थान भी कहा जाता है।
      4. इसका अनुसरण मध्य अटलांटिक कटक है।
    • अभिसरण सीमाः
      1. इसमें दो प्लेटें एक दूसरे के समीप जाती है।
      2. एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे धंसती है और वहां भूपर्पटी नष्ट होती है।
      3. इसे प्रविष्ठन क्षेत्र भी कहा जाता है।
      4. इसका उदाहरण प्रशान्त महासागरीय प्लेट एवं अमेरिकी प्लेट है।
  5. विवर्तनिकी प्लेटों को संचालित करने वाले बलों के अध्ययन में संवहन धारा सिद्धान्त क्या कहता है? स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर- 1930 के दशक में आर्थर होम्स ने प्लेटो के संचालन में लगने वाले बल के रूप में संवहन धाराओं के प्रवाह की संभावना व्यक्त की थी जिसका बाद में हेस ने समर्थन किया। इस सिद्धान्त के अनुसार भूगर्भ में तापमान में अन्तर पाया जाता है पृथ्वी के भीतर ताप उत्त्पत्ति के दो माध्यम है रेडियोधर्मी तत्वों का क्षय और अवशिष्ट ताप। भूगर्भ में उष्ण पदार्थ धरातल पर पहुंचता है ठंडा होता है फिर गहराई में जाकर नष्ट हो जाता है यही चक्र बारंबार दोहराया जाता है और वैज्ञानिक इसे संवहन प्रवाह कहते है।

विस्तार से जानिये

  1. महाद्वीपों के विस्थापन के पक्ष में क्या प्रमाण दिये जा सकते है? विवरण दीजिये।
    उत्तर- महाद्वीपीय विस्थापन के पक्ष में निम्नलिखित प्रमाण दिये जा सकते है:-
    1. महाद्वीपों में साम्यता- यदि हम महाद्वीपों के आकार को ध्यान से देखें तो पायेगे कि इनमे आमने सामने की तट रेखाओं में अद्भुत साम्य दिखता है।
    2. महासागरों के पार चट्टानों की आयु में समानता- आज के समय में जो दो महाद्वीप एक दूसरे से दूर है उनकी चट्टानों की आयु में समानता मिलती है उदाहरण के तौर पर 200 करोड़ वर्ष प्राचीन शैल समूहों की एक पट्टी ब्राजील तट (दक्षिणी अमेरिका) और प॰ अफ्रीका के तट पर मिलती है इससे यह पता चलता है कि दोनो महाद्वीप प्राचीन काल में साथ-साथ थे।
    3. टिलाइट- ये हिमानी निक्षेपण से निर्मित अवसादी चट्टाने है। ये निक्षेपों के प्रतिरूप दक्षिणी गोलार्द्ध के छः विभिन्न स्थल खंडो में मिलते है जो इनके प्राचीन काल में साथ होने का प्रमाण है।
    4. प्लेसर निक्षेप- सोना युक्त शिरायें ब्राजील में पायी जाती है जबकि प्लेसर निक्षेप के रूप में घाना में मिलते है इससे यह प्रभावित होता है कि द॰ अमेरिका व अफ्रीका एक जगह थे।
    5. जीवाश्मों का वितरण- कुछ महाद्वीपो पर ऐसे जीवों के अवशेष मिलते है जो वर्तमान में उस स्थान में नही पाये जाते है।