खनिज एवं शैल-Important Questions
CBSE कक्षा 11 भूगोल
(भाग-क) पाठ-5 खनिज एवं शैल
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
लघु प्रश्न
- खनिज को परिभाषित कीजिये।
उत्तर- खनिज एक ऐसा प्राकृतिक अकार्बनिक तत्व है जिसमें एक क्रमबद्ध परमाणविक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुण धर्म होते है। - भूपर्पटी पर लगभग कितने प्रकार के खनिजों को पहचाना गया है?
उत्तर- भूपर्पटी पर लगभग 2000 प्रकार के खनिजो को पहचाना गया है। - माइका नामक खनिज मुख्यतः किस उपयोग में आते है?
उत्तर- माइका का उपयोग मुख्यतः विद्युत उपकरणों में होता है। - आग्नेय शैलों के दो उदाहरण दे?
उत्तर- ग्रेनाइट, बैसाल्ट। - मैग्मा के शीघ्र या देर से ठंडे होने का शैलो पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर- पिघले हुए पदार्थो के धीरे-धीरे ठंडा होने पर खनिजो के कण बड़े होते जबकि आकस्मिक रूप से ठंडे होने पर कण छोटे-छोटे एवं चिकने होते है। - अधात्विक खनिज के उदाहरण दीजिये?
उत्तर- गंधक, फास्फेट एवं नाइट्रेट (ये वे खनिज है जिनमें धातु की मात्रा नही पायी जाती।) - शिली भवन की प्रक्रिया से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- अपक्षायित पदार्थो को अपरदन के कारक (जैसे नदी, पवन) निक्षेपित करते है। संघनता एवं दबाव के कारण ये संचित पदार्थ शैलो में बदल जाते है यह प्रक्रिया शिलीभवन कहलाती है। - सभी खनिजों को मूल स्रोत क्या है?
उत्तर- पृथ्वी के आन्तरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है। - क्वार्ट्ज किस खनिज का महत्वपूर्ण घटक है और इसका क्या उपयोग है?
उत्तर- क्वार्ट्ज ग्रेनाइट का महत्वपूर्ण घटक और इसका उपयोग रेडियो व रडार में होता है। - कायान्तरित शैलों के निर्माण का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर- दाब, आयतन एवं तापमान (पी. वी. टी.) में परिवतर्न की प्रक्रिया के फलस्वरूप ही कायान्तरित शैलों का निर्माण होता है। - पेट्रोलॉजी क्या है?
उत्तर- पेट्रोलॉजी शैलो का विज्ञान है जिसमें खनिजों की संरचना, बनावट, गठन, स्रोत व दूसरी शैलों के साथ उनके संबंध का अध्ययन किया जाता है। - 'शैली चक्र' का अभिप्राय स्पष्ट करो?
उत्तर- ‘शैली चक्र’ एक सतत् प्रक्रिया होती है जिसमें पुरानी शैल परिवर्तित होकर एक नया रूप ले लेती है। - पत्रण या रेखांकन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- मूल शैलों का जब कायांतरण होता है तो इन शैलो के कुछ कण या खनिज सतह या रेखा के रूप में व्यवस्थित हो जाते है इसे ही पत्रण या रेखांकन कहते है।
तीन अंक के प्रश्न
- शैल किसे कहते है? यह कितने प्रकार की होती है। प्राथमिक कही जाने वाली शैल की विशेषता बताइये?
उत्तर- एक से अधिक खनिजों से मिलकर शैलों का निर्माण होता है।
शैले तीन प्रकार की होती है।
i.आग्नेय
ii. अवसादी
iii. कायांतरित
आग्नेय शैलो को प्राथमिक शैले कहा जाता है ये शैले लावा एवं मैग्मा के ठंडे होने से बनती है ये शैले अपारग्म्य होती है यानी पानी या तरल पदार्थ इनसे रिस कर अन्दर नही जा सकता। इनमें जीवाश्मों के अवशेष भी नही मिलते। ग्रेनाइट, गैब्रो, बैसाल्ट आदि इसके उदाहरण है। - अवसादी शैल किसे कहते है निर्माण पद्धति के आधार पर इन्हे वर्गीकृत करे?
उत्तर- नदियों, पवनों, हिमानियों आदि के द्वारा निक्षेपित पदार्थो से निर्मित शैल अवशादी शैल कहलाती है।
इनके तीन वर्गीकरण निम्नलिखित है:-- यांत्रिक रूप से निर्मित:- जैसे बालुकाश्म, चूना प्रस्तर शैल आदि।
- कार्बनिक रूप से निर्मित:- खड़िया, कोयला।
- रासायनिक रूप से निर्मित:- पोटाश, हेलाइट आदि।
- शैलों का कायांतरण कितने प्रकार से हो सकता है?
उत्तर- शैलों के कायांतरण प्रक्रिया में अत्याधिक दबाव, आयतन तथा तापमान के कारण मूल शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है और शैले पुनः संगठित हो जाती है यह प्रक्रिया निम्न प्रकार से होती है।- गतिशील कायांतरण:- वास्तविक शैलों के टूटने व पिसने के कारण मूल शैलों का पुनगर्ठन।
- उष्मीय कायांतरण:- इसमें मूल शैलो में रसायनिक परिवर्तन एवं पुनः क्रिस्टलीकरण होता है यह दो प्रकार से होता है।
- प्रादिेशक कायांतरण:- उच्च तापमान एवं दबाव के कारण बहुत बड़े क्षेत्र की शैलों का रूपान्तरण हो जाता है।
- संपर्क कायान्तरण:- गर्म लावा के संपर्क में आने से शैलो का रूपान्तरण सम्पर्क कायांतरण कहलाता है।
कायांतरण की प्रक्रिया से बनी शैले:- संगमरमर, नाइस, स्लेट आदि।
- आग्नेय चट्टानों को प्राथमिक चट्टान क्यों कहा जाता है?
उत्तर- आग्नेय चट्टानें पृथ्वी पर सबसे प्राचीन चट्टानें हैं। शुरू में पृथ्वी पर मूल पदार्थ मैग्मा पिघली हुई अवस्था में था। इस मैग्मा के ठण्डा व ठासे होने के कारण आग्नेय चट्टानों का निर्माण हुआ। इसीलिए सबसे पहले बनने के कारण इन्हें प्राथमिक चट्टानें कहा जाता है। इसके बाद ही अन्य चट्टानों अवसादी व कायान्तरित का निर्माण हुआ। - बैंडेड शैलें किसे कहते है?
उत्तर- कभी कभी खनिज या विभिन्न समूहों के कण पतली से मोटी सतह में इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं कि वे हल्के एवं गहरे रंगो में दिखाई देते है। कायान्तरित शैलों में ऐसी संरचनाओं को बैंडिग कहते है तथा बैडिंग प्रदर्शित करने वाली शैलों को बैंडेड शैलें कहते है। - धात्विक व अधात्विक खनिज में अन्तर स्पष्ट करों?
उत्तर-- धात्विक खनिज:-
- इन खनिजों में धातुओं का अंश होता है।
- इन खनिजों केा पिघलाकर इनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।
- इन्हें लौह व अलौह खनिजों में बांटा जा सकता है जैसे लोहा, तांबा, सीसा, एल्यूमिनियम आदि।
- अधात्विक खनिज:-
- इन खनिजों में धातुओं का अंश नही होता है।
- इन्हें पिघलाया नहीं जा सकता।
- इनका प्रयोग केवल एक बार किया जा सकता है जैसे गंधक, फास्फेट व नाइट्रेट।
- धात्विक खनिज:-