शरीर रचना विज्ञान और मूलभूत सिद्धांत (Deleted) - पुनरावृति नोट्स

CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 8 शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान की बुनियाद बाते
पुनरावृत्ति नोट्स

स्मरणीय बिन्दु-
  • शरीर रचना (Anatomy)
    एनाटाॅमी मानव शरीर की संरचना का अध्ययन है।
    फिजियोलोजी (Physiology)
    फिजियोलाॅजी मानव शरीर के कार्यों का अध्ययन है।
  • मानव शरीर के मुख्य तन्त्र
    1. कंकाल प्रणाली
    2. मांसपेशी तंत्र
    3. पाचन तंत्र
    4. श्वसन प्रणाली
    5. तंत्रिका तंत्र
    6. गंथियां प्रणाली
    7. उत्सर्जन तंत्र
    8. प्रजनन प्रणाली
  • शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान का महत्त्व
    1. शारीरिक पुष्टि में मदद करता है।
    2. खेल चोटों से बचाता है।
    3. शरीर रचना के बारे में ज्ञान प्रदान करता है।
    4. पुनर्वास की प्रक्रिया में मदद करता है।
    5. खेल के चयन में मदद करता है।
    6. शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
    7. व्यक्तिगत मतभेदों के बारे में जानने में मदद करता है।
  • कंकाल प्रणाली और उसके कार्य
    कंकाल प्रणाली हमारे शरीर की हड्डियों की रूप रेखा है। एक वयस्क शरीर में 206 हड्डियाँ होती है।
    कंकाल प्रणाली के कार्य
    • कंकाल तंत्र शरीर को सहारा प्रदान करता है।
    • कंकाल तंत्र शरीर को आकार और संरचना देता है।
    • कंकाल तंत्र शरीर के महत्त्वपूर्ण अंगों को सुरक्षा प्रदान करता है।
    • कंकाल तंत्र एक उत्तोलक के रूप में भी कार्य करता है।
    • कंकाल तंत्र की हड्डियों के बीच की जगह खनिजो के भण्डार के रूप में कार्य करती है।
    • यह लाल रक्त कणिकाओं के उत्पाद घर के रूप में भी कार्य करता है।
    • यह Skeleton Muscle के Junction या अनुलग्नक के रूप में कार्य करता है।
  • हड्डियों का वर्गीकरण
    1. लम्बी हड्डियाँ (जांघ तथा बाँह की हड्डी)
    2. छोटी हड्डियाँ (उँगलियों की एवं कान की हड्डी)
    3. चपटी हड्डियाँ (खोपड़ी एवं पसलियों की हड्डियाँ)
    4. तिल्लाकार हड्डियाँ (टखने एवं हथेली की हड्डियाँ)
    5. सुचुरल (Setural) हड्डियाँ (खोपड़ी के जोड़ की हड्डियाँ)
  • जोड़ो के प्रकार
    • अचल या रेशेदार जोड़
    • आंशिक चल या उपास्थि जोड़
    • स्वतंत्र रूप से चल जोड़
      1. कब्जेदार जोड़
      2. किल्क जोड़
      3. बाल और सॉकेट जोड़
      4. काठीदार जोड़
      5. फिसलनदार जोड़
  • मांसपेशी तंत्र व गुण
    परिभाषा- मांसपेशी एक संकुचनशील उत्तक होता है। पेशियाँ कंकाल तन्त्र के साथ मिलकर सभी प्रकार की गति के लिए उत्तरदायी होती है।
    मांसपेशी के गुण
    • मांसपेशियाँ हमारे शरीर को गति प्रदान करने का मूलभूत आधार है।
    • मांसपेशियाँ कंकाल हड्डियों से जुड़ी होती हैं।
    • मांसपेशियाँ हड्डियों के साथ अंगों के संरक्षण में मदद करती है।
    • मानव शरीर में 650 से अधिक मांसपेशियाँ हैं।
    • मांसपेशियाँ हमारे शरीर के वजन का 40 प्रतिशत भाग है।
  • मांसपेशियों के प्रकार
    1. स्वैच्छिक, कंकाल मांसपेशी अथवा धारीदार मांसपेशी
    2. अनैच्छिक मांसपेशी अथवा चिकनी मांसपेशी
    3. हृदय की मांसपेशीय
  • मांसपेशियों के कार्य
    1. मांसपेशी शरीर को आकार एवं संरचना प्रदान करती है।
    2. शरीर के भीतरी अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है।
    3. मांसपेशियाँ तरल पदार्थों की गति में मदद करती है।
    4. मांसपेशियाँ बल (उत्तोलक में) प्रदान करती है।
  • मांसपेशी की संरचना व कार्य
    एक मांसपेशी फाइवर मायोफीवरिल् से बनी है। प्रत्येक मायोफीवरिल और मायोसिन नामक प्रोटीन अणुओं के होते हैं।
  • श्वसन Raspiration
    श्वसन एक शारीरिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव आसपास से आॅक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाईआॅक्साइड बाहर छोड़ते हैं।
  • श्वसन प्रणाली (Raspiratory System)
    • श्वसन प्रणाली के कार्य
      1. हवा और रक्त के बीच आॅक्सीजन और कार्बन डाइआॅक्साइड का आदान-प्रदान करने के लिए।
      2. ध्वनि उत्पन्न करने के लिए।
      3. रक्त पीएच (PH) को विनियमित करने के लिए।
      4. कुछ सूक्ष्मजीवों के खिलाफ रक्षा करने के लिए।
    • श्वसन के प्रकार
      1. बाहरी श्वसन
      2. आंतरिक श्वसन
  • श्वसन प्रक्रिया
    यह नाक, फेफडे़, रक्त और कोशिकाओं के माध्यम से आॅक्सीजन और कार्बन डाइआॅक्साइड का आदान-प्रदान करते हैं और शरीर में ऊर्जा उत्पादन करते हैं।
  • संचार प्रणाली
    शरीर के विभिन्न भागों के बीच सामग्री का परिवहन संचार प्रणाली कहलाता है। यह हृदय, रक्त वाहिकाओं, धमनियों, कोशिकाओं, नसों (Venules) और तरल पदार्थ से मिलकर बना होता है।
  • हृदय की संरचना
    हृदय मुट्ठी के आकार का है। इसके चार कक्ष होते हैं। यह रक्त वाहिकाओं के माध्यम से शरीर के विभिन्न भागों से अशुद्ध/आॅक्सीजन रहित रक्त इकट्ठा करता है और शुद्ध/(Oxygenation) के बाद शरीर के विभिन्न भागों में शुद्ध/आॅक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति करता है।
  • हृदय के कार्य
    शरीर में रक्त का प्रवाह करता है। हृदय संकुलन की प्रक्रिया तथा कार्य दबाव दंप की तरह होता है जिसके कारण रक्त हृदय से निकलकर धमनियों द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाता है।
  • धमनियाँ
    वे नलिकाएँ जिनमें हृदय से रक्त निकलकर बहता है उन्हें धमनियाँ (Arteries) कहा जाता है।
    1. लचीली धमनियाँ
    2. मांसपेशिय धमनियाँ
    3. आर्टट्रीओलस (Arterioles)
  • शिराएं (Viens) इन नलिकाओं द्वारा शरीर से अशुद्ध रक्त वापिस हृदय में लाया जाता है।
  • कोशिकाएं (Capillaries)
    ये बहुत ही पतली नलिकाएं होती है जो रक्त परिसंचरण का कार्य करती है।
    1. निरंतर कोशिकाएं
    2. फेनेस्ट्रेटेड (Fenestrated) कोशिकाएँ
    3. सिन्यूसायडल कोशिकाएं (Sinusoidal)
  • रक्त (Blood)
    रक्त तरल पदार्थ का एक विशेष प्रकार है, जो शरीर के एक भाग से दूसरे भाग के लिए पोषक तत्वों और गैसों को ले जाने के एक माध्यम के रूप में कार्य करता है।
  • हृदय दर (Heart Rate)
    यह दिल द्वारा संकुचन में प्रयुक्त रक्त की मात्रा है। यह सामान्य वयस्क में लगभग 80 मिलीग्राम प्रति संकुचन है, जबकि प्रशिक्षण खिलाड़ियों में यह 110 मिलीमीटर/संकुचन होती है।
  • हृदयी निर्गम (Cardic Output)
    कार्डियक आउटपुट = स्ट्रोक मात्रा X की दर। यह बेसन स्तर पर 5 से 6 लीटर हैं।
  • रक्तचाप (Blood Presure)
    यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर रक्त के द्वारा लगाए जाने वाले बल है।
  • दूसरी पवन (Second Wind)
    लम्बे समय तक व्यायाम की वजह से सांस लेने में असमर्थता को हमारे शरीर द्वारा स्वचालित रूप से हटा दिया जाता हैं खिलाड़ी को मिलने वाली राहत के अहसास को 'दूसरी पवन' कहते हैं।
  • ऑक्सीजन ऋण
    जोरदार गतिविधि के बाद वसूली की अवधि के (Recovery Period) दौरान एक खिलाड़ी द्वारा ली आॅक्सीजन की मात्रा ‘आॅक्सीजन ऋण’ के रूप में कही जाती है।