पत्रकारीय लेखन - CBSE Test Papers
CBSE Test Paper 01
पत्रकारीय लेखन
समाचार शब्द को परिभाषित कीजिए।
संवाददाता किसे कहते हैं?
समाचार लेखन की विलोमस्तूपी पद्धति क्या है?
अंशकालिक पत्रकार से आप क्या समझते हैं?
संपादक के दो दायित्वों का उल्लेख कीजिए।
खोजपरक पत्रकारिता किसे कहा जाता है?
ऐडवोकेसी पत्रकारिता क्या है?
इंटरनेट पत्रकारिता क्या है?
वायस ओवर क्या है?
संपादन के दो सिद्धांत बताइए।
संपादकीय का महत्त्व समझाइए।
रेडियो की लोकप्रियता के क्या कारण हैं?
CBSE Test Paper 01
पत्रकारीय लेखन
Solution
समाचार का अंग्रेजी पर्याय (NEWS) चारो दिशाओं को सांकेतिक करता है। अपने आस-पास के समाज एवं देश-दुनिया की घटनाओं के विषय मे त्वरित एवं नवीन जानकारी, जो पक्षपात रहित एवं सत्य हो, समाचार कहलाता है।
समाचारों को संकलित करने वाले को संवाददाता कहा जाता है।
समाचार लेखन की विलोमस्तूपी पद्धति अथवा उल्टा पिरामिड पद्धति में समाचार लिखते हुए उसका चरमोत्कर्ष प्रारंभ में दिया जाता है तथा घटनाक्रम की व्याख्या करते हुए अंत किया जाता है।
अंशकालिक पत्रकार किसी समाचार संगठन के लिए एक निश्चित मानदेय के आधार पर काम करते है। ये एक से अधिक पत्रों के लिए भी काम करते हैं क्योंकि ये पूर्णकालिक पत्रकार नहीं होते हैं ।
संपादक के दो दायित्व निम्नलिखित हैं-
- संवाददाताओं तथा रिपोर्टरों द्वारा प्राप्त लिखित सामग्री को शुद्ध कर प्रस्तुति के योग्य बनाना।
- समाचार-पत्र की नीति, आचार-संहिता तथा जनकल्याण का ध्यान रखना।
खोजपरक पत्रकारिता का अर्थ उस पत्रकारिता से है, जिसमें सूचनाओं को सामने लाने के लिए उन तथ्यों की गहराई से छानबीन की जाती है, जिन्हें संबंधित पक्ष द्वारा दबाने या छुपाने का प्रयास किया जा रहा हो।
किसी खास विचारधारा या उद्देश्य को आगे बढ़ाने तथा उसके लिए जनमत तैयार करने वाली पत्रकारिता 'एडवोकेसी पत्रकारिता' कहलाती है। भारत में कुछ समाचार-पत्र या टेलीविजन चैनल कुछ खास मुद्दों को लेकर अभियान चलाते हैं। 'जेसिका लाल हत्याकांड' में न्याय के लिए चलाए गए सक्रिय अभियान को उदाहरण के तौर पर लिया जा सकता है ।
इंटरनेट पर समाचारों का प्रकाशन अथवा आदान-प्रदान, इंटरनेट पत्रकारिता कहलाता है।
किसी गतिमान/चलायमान दृश्य के पीछे से आ रही आवाज को 'वायस ओवर' कहते हैं।
संपादन के दो सिद्धांत निम्नलिखित हैं -
- निष्पक्षता - संपादन में निष्पक्षता का तात्पर्य है बिना किसी का पक्ष लिए अपना कार्य करना।
- वस्तुपरकता - संपादन में वस्तुपरकता का तात्पर्य है कि जो हम संपादित कर रहे हैं, वो विषय से जुड़ा है या नहीं ।
एक अच्छा संपादकीय किसी विषय या मुद्दे पर संपादक द्वारा प्रस्तुत उसके विचारों की सजग एवं ईमानदार प्रस्तुति है। संक्षिप्तता, विश्वसनीयता, तथ्यपरकता, निष्पक्षता एवं रोचकता एक अच्छे संपादकीय का महत्त्व है।
रेडियो के लोकप्रियता के कारण निम्नांकित हैं -
- सस्ता व सुलभ साधन
- अन्य कार्य करते हुए भी रेडियो का उपयोग संभव
- व्यापक प्रसार और दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुँच