आलेख तथा समीक्षा - CBSE Test Papers
CBSE Test Paper 01
आलेख तथा समीक्षा
दलितों पर अत्याचार विषय पर एक आलेख लिखिए।
जन-धन योजना विषय पर एक आलेख लिखिए।
सामाजिक सुरक्षा विषय पर एक आलेख लिखिए।
CBSE Test Paper 01
आलेख तथा समीक्षा
Solution
दलितों पर अत्याचार
एक तरफ हम अपने देश में अनेक प्रकार के बदलाव उसके विकास के नाम पर कर रहे हैं, और दूसरी तरफ नीचले तबके के लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। हम भले ही 21वी सदी में जी रहे हैं, पर हमारी सोच आज भी प्राचीन काल वाली है। हमारे देश में पिछले कुछ वर्षों से दलितों पर अत्याचार का विष-वृक्ष तेजी से फैलता ही जा रहा है। वर्तमान में तो इस समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। सामाजिक बदलाव और तरक्की की बातेें और दावे चाहे जितने कर लिए जाएँ, मगर ये सच्चाई से काफी दूर है। सच यह है कि गाँवो में छुआछूत आज भी कायम हैं। इस सामाजिक विकृति की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि सरकारी स्वास्थ्यकर्मी दलितों के घर जाने से कतराते है, स्कूूूलों में उनके बच्चों को अलग बिठाकर खाना दिया जाता है। डाकिये दलितों को चिट्ठी देने नहीं जाते और उन्हें सार्वजनिक जल स्रोतों से पानी लेने से भी रोका जाता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार, बिहार में दलितों के प्रति अत्याचार पहले से बढ़ा है। राज्य में वर्ष 2005 में दलितों पर अत्याचार के 1,572 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन पिछले साल इनकी संख्या 2,786 हो गई। उत्तर प्रदेश का भी हाल कुछ ऐसा ही है, जबकि राज्य में दलित आबादी कुल जनसंख्या का 21% है। खास बात यह है कि ये आँकड़े सरकार की निगाह में होने के बावजूद स्थिति बदलने के लिए कुछ खास नहीं किया जा रहा है।
जन-धन योजना
जन-धन योजना का आशय है कि भारत के सभी नागरिकों के पास अपना बैंक खाता हो, जो खास कर गरीबों के लिए आवश्यक है। 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने जन-धन योजना की घोषणा की, जिसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को अपना एक बैंक अकाउंट बनाना होगा, जिसमें उन्हें 1 लाख रूपये की बीमा राशि एवं एक डेबिट कार्ड की सुविधा प्राप्त होगी।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना गरीबों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे उनमे बचत की भावना का विकास हो, साथ ही उनमें भविष्य की सुरक्षा का अहम भाव जागे। इसके अतिरिक्त इस कदम से देश का पैसा भी सुरक्षित होगा और जनहित के कार्यों को बढ़ावा भी मिलेगा। यह योजना केद्र सरकार का बड़ा और अहम फैसला है, जोकि देश की नींव को मजबूत बनाएगा।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना का नारा है 'सबका साथ सबका विकास' अर्थात् देश के विकास में ग्रामीण लोगों का योगदान अहम है, जिसे भूला नहीं जा सकता। अब तक जितनी भी योजनाओं को सुना जाता था वह केवल शहरों तक ही सीमित होती थीं, लेकिन देश का बड़ा भाग ग्रामीण तथा किसान परिवार हैं, जिन्हें जागरूक तथा सुरक्षित करना ही इस योजना का अहम उद्देश्य है।
इस योजना के अंतर्गत कई मूलभूत सुविधाएँ भी प्रदान की गई हैं। खाता धारकों को 30,000 रूपये का बीमा कवरेज दिया जाएगा। साथ ही किसी आपत्ति की स्थिति में बीमा राशि 1 लाख रूपये तक का कवरेज दिया जाएगा।
इस योजना में शून्य स्तर पर भी खाते खोले जा रहे हैं, जिन्हें जीरो बैलेंस की सुविधा कहा जाता है। जन-धन योजना वर्तमान सरकार द्वारा लिया गया अहम निर्णय है, जिसके तहत गरीबों को आर्थिक रूप से थोड़ा सशक्त बनाने की कोशिश की गई है, साथ ही बैंकिंग सिस्टम को देश के हर व्यक्ति तक पहुँचाने की कोशिश की गई है। इस योजना से गरीबों और मजदूरों को लाभ मिल रहा है।सामाजिक सुरक्षा
सामाजिक सुरक्षा से तात्पर्य समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समाज के द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा से है अर्थात् समाज अपने सदस्यों को इसके माध्यम से आश्वस्त करता है कि जिंदगी को जीने में आने वाली उसकी समस्याओं की चिंता उसे है। वह इन समस्याओं को दूर करने की भरपूर कोशिश करेगा और अपना पूरा सहयोग उस व्यक्ति को देगा। किसी भी व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याएँ क्या हो सकती हैं? या इसे इस तरह कहा जा सकता है कि किसी भी व्यक्ति को किस तरह की सुरक्षा की आवश्यकता पड़ती है? स्पष्ट है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताएँ होती हैं-भोजन, वस्त्र एवं आवास। इन आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही उसे रोज़गार की आवश्यकता होती है और साथ ही सम्मानपूर्वक एवं भयहीन होकर जीने के लिए कानून के द्वारा सुरक्षा एवं समानता का वातावरण उसे चाहिए। मनुष्य इन्हीं तीनों मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही सब कुछ करता है और जब ये चीजें पूरी हो जाती हैं, तब वह बाकी चीजों पर ध्यान देता है।
जीवित रहने के लिए सबसे आवश्यक है-भोजन। समाज के सर्वाधिक निःशक्त व्यक्ति को भी जीने का अधिकार है और इसके लिए उसे भोजन की प्राप्ति होनी आवश्यक है। इसमें शामिल भोजन एवं पोषण सुरक्षा की देखभाल राष्ट्रीय स्तर पर मध्याह्न भोजन कार्यक्रम, समन्वित बाल विकास योजना, किशोरी शक्ति योजना, प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना आदि के तहत की जाती है। जन वितरण प्रणाली, अनाज भंडार, अंत्योदय अन्न योजना आदि के साथ-साथ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आवास सुरक्षा से तात्पर्य केवल आवास यानी चारदीवारी एवं छत से नहीं है। आवास की अवधारणा में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था भी शामिल है; जैसे-पीने के लिए शुद्ध पानी, जल निकासी की उचित व्यवस्था, सामुदायिक केंद्र, बच्चों के लिए स्कूल, औषधालय आदि। समाज के दो कमजोर वर्गों-महिलाओं एवं अपंग लोगों को सुरक्षा प्रदान करना अत्यधिक आवश्यक है। इसके लिए महिला सशक्तीकरण के आंदोलन को मज़बूत करने के साथ-साथ अपंग लोगों को उचित ढंग से समाज में समायोजित किया जाना जरूरी है। इस दिशा में मुख्यतः दो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं सोशल सिक्योरिटी डिसेबिलिटी इंश्योरेंस तथा सप्लीमेंटल सिक्योरिटी इनकम।
इस तरह कहा जा सकता है कि सामाजिक सुरक्षा तब तक सार्थक एवं पर्याप्त नहीं कही जा सकती, जब तक समाज का सबसे कमज़ोर व्यक्ति भी स्वयं को सुरक्षित महसूस न करे। यह किसी भी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।