रजिया सज्जाद जहीर - CBSE Test Papers

 CBSE Test Paper 01

रजिया सज्जाद जहीर 


  1. क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते? नमक पाठ में ऐसा क्यों कहा गया?

  2. क्या सफ़िया परोक्ष रूप से लेखिका है? नमक पाठ के आधार पर बताइए।

  3. जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

  4. नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?

  5. भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए दोनों सरकारें प्रयासरत हैं। व्यक्तिगत तौर पर आप इसमें क्या योगदान दे सकते/सकती हैं?

  6. नमक कहानी में क्या संदेश छिपा हुआ है? स्पष्ट कीजिए।

  7. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (2×3=6)
    उन्होने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ़ सुरकाना शुरू किया। जब सफ़िया की बात खत्म हो गई तब उन्होने पुड़िया को दोनों हाथों मे उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफ़िया के बैग मे रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, "मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" वह चलने लगी तो वे भी खड़े हो गए और कहने लगे, "जामा मस्जिद की सीढ़ियो को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरा तरफ़ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ़्ता-रफ़्ता ठीक हो जाएगा।"

    1. पुड़िया में ऐसा क्या था जो कहानी बन गया? संक्षेप में समझाइए।
    2. आशय समझाइए- "जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा।"
    3. "बाकी सब रफ़्ता-रफ़्ता ठीक हो जाएगा" पक्ष या विपक्ष में दो तर्क दीजिए।

CBSE Test Paper 01
रजिया सज्जाद जहीर 


Solution

  1. जब सफ़िया के भाई ने पुलिस अफ़सर होने के नाते सफ़िया को यह बताया कि पाकिस्तान और भारत के बीच नमक का व्यापार प्रतिबंधित है, ये गैरकानूनी है और पकड़े जाने पर उन्हें बेइज्जती का सामना करना पड़ सकता है, तब लेखिका ने तर्क दिया कि क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं? कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

  2. बिलकुल, कई बातों से सफ़िया लेखिका का ही प्रतिरूप दिखाई पड़ती है। उसने इस काल्पनिक पात्र के माध्यम से अपनी व्यक्तिगत भावनाओं और अवधारणाओं को प्रस्तुत किया है। वह वास्तव में मुस्लिम औरत की प्रतिनिधि बनकर न केवल पाकिस्तानी बल्कि भारतीय स्त्री की परिधि का चित्रण करती है।

  3. जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो उनकी देशभक्ति की भावना से प्रभावित होकर कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप खड़े थे । उन्हें महसूस हो रहा था कि आप कहीं भी क्यों न चले जाएँ अपना वतन याद आ ही जाता है और इस समय सिख बीबी का प्रसंग छिड़ने पर ऑफिसर को भी उसके वतन ढाका की याद आ गई थी। आज उनकी मन:स्थिति सिख बीबी की तरह ही है, वतन याद आते ही वे द्रवित हो उठते है।

  4. भले ही राजनीतिक और धार्मिक आधार पर भारत और पाकिस्तान को भौगोलिक रूप से विभाजित कर दिया गया हो लेकिन उन के हृदय में आज भी पारस्परिक भाईचारा, सौहार्द्र, स्नेह और सहानुभूति की भावना विद्यमान है। अमृतसर में रहने वाली सिख बीबी लाहौर को अपना वतन कहती है और लाहौरी नमक का स्वाद  भुला नहीं पाती। पाकिस्तान का कस्टम अधिकारी उनकी भावना का सम्मान करते हुए नमक की पुड़िया सफ़िया को वापस देते हुए कहता है "जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहना" भारतीय सीमा पर तैनात कस्टम अधिकारी ढाका की जमीन और वहाँ के पानी का स्वाद भूला नहीं पाता। अत:राजनीतिक तौर पर भले ही संबंध तनावपूर्ण हों पर सामाजिक और मानसिक तौर पर आज भी भारत-पाक जनता के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है।

  5. भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए सरकारें व्यापक स्तर पर प्रयास करती हैं लेकिन  व्यक्तिगत तौर पर हमें भी छोटे-छोटे प्रयास करने चाहिए जैसे:-

    1. पिछली सभी कड़वी बातों को भुलाने का प्रयास करूँगा।
    2. जहाँ तक हो सके मैं पाकिस्तान देश की आलोचना नहीं करूँगा । 
    3. देश में आए पाकिस्तानी नागरिक को इतना मान-सम्मान दूँगा कि वह भारत देश की मीठी यादें लेकर अपने देश जाए।
    4. सांस्कृतिक और खेल कूद के स्तर पर आई वहाँ की टीमों का तहे दिल से स्वागत करूँगा।
    5. सूचना क्रांति के इस युग में इंटरनेट का प्रयोग कर पाकिस्तान में अपने दोस्तों का दायरा बढ़ाने का प्रयास करूँगा।
  6. नमक कहानी में छिपा संदेश यह है कि मानचित्र पर एक लकीर मात्र खींच देने से वहाँ रहने वाले लोगों के दिल नहीं बँट जाते हैं। जमीन बँटने से लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध और पाबंदियाँ लग जाती हैं परंतु लोगो का लगाव अपने जन्मस्थान से बना रहता है। पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी द्वारा दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अधिकारी द्वारा ढाका को अपना वतन मानना इसका प्रमाण है।जमीन का बंटवारा हो सकता है दिल का नहीं। 

    1. पुड़िया मे नमक था अर्थात् 'नमक की पुड़िया' कहानी बन गई। ‘नमक' कहानी में भारत और पाकिस्तान के बीच आरोपित भेदभाव के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद व्याप्त है। कहानी मे सीमा के दोनों तरफ के विस्थापित जनों की मार्मिक व्यथा है।
    2. कस्टम अधिकारी ने सफ़िया से कहा था कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा। कस्टम ऑफिसर जो  लाहौर में है किन्तु वह मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले थे । विभाजन के बाद वह कभी दिल्ली नहीं आ सके। इसी कारण वतन से बिछुड़ने का दुःख समझते हुए उन्होने कहा लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा। यह कथन दोनों देशों के मध्य के स्नेह संबंधों को उजागर करता है।
    3. “बाकी सब रफ़्ता-रफ़्ता ठीक हो जाएगा" पंक्ति द्वारा कस्टम अधिकारी अपने देश के साथ-साथ भारत के प्रति भी पूरी इज़्ज़त के साथ प्रेम दर्शाता है। लेखिका इस पंक्ति द्वारा कस्टम अधिकारी की प्रेम भावना को प्रदर्शित करना चाहती है।