समाचार लेखन - CBSE Test Papers

 CBSE Test Paper 01

समाचार लेखन


  1. समाचार का इंट्रो लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  2. समाचार लेखन की प्रक्रिया में उल्टा पिरामिड सिद्धांत क्या है?

  3. टी वी समाचार के लिए क्या आवश्यक है? इसमें किन विशेष विषयों पर विशेष वुलेटिन तैयार किए जाते हैं?

  4. अखबार और टी.वी. के समाचार लेखन में क्या अन्तर है?

  5. समाचार-पत्रों में हार्ड न्यूज व सॉफ्ट न्यूज से क्या तात्पर्य है?

CBSE Test Paper 01
समाचार लेखन


Solution

  1. इंट्रो समाचार का प्रारम्भिक एवं महत्त्वपूर्ण भाग होता है, जिसमें समाचार का समस्त सूचनात्मक भाग निहित होता है। इंट्रो के बाद का भाग तो मात्र विस्तार के लिए ही होता है। अत: इण्ट्रो प्रभावोत्पादक होना चाहिए व क्या, कब, कौन, कहाँ के समस्त तथ्यों का समावेश इसमें होना चाहिए। भाषा सहज परन्तु प्रभावशाली होनी चाहिए।

  2. उल्टा पिरामिड सिद्धांत समाचार लेखन का बुनियादी सिद्धांत है। यह समाचार लेखन का सबसे सरल, उपयोगी और व्यावहारिक सिद्धांत है। समाचार लेखन का यह सिद्धांत कथा या कहनी लेखन की प्रक्रिया के ठीक उलट है। इसमें किसी घटना, विचार या समस्या के सबसे महत्वपूर्ण तथ्यों या जानकारी को सबसे पहले बताया जाता है, जबकि कहनी या उपन्यास में क्लाइमेक्स सबसे अंत में आता है। इसे उल्टा पिरामिड इसलिये कहा जाता है क्योंकि इसमें सबसे महत्वपूर्ण तथ्य या सूचना सबसे पहले आती है जबकि पिरामिड के निचले हिस्से में महत्वपूर्ण तथ्य या सूचना होती है। इस शैली में पिरामिड को उल्टा कर दिया जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण सूचना पिरामिड के सबसे उपरी हिस्से में होती है आरै घटते हुये क्रम में सबसे कम महत्व की सूचनाये सबसे निचले हिस्से में होती है।

  3. टीवी समाचार तथ्यों पर आधारित होने चाहिए। इनमें स्पष्टता होना अत्यंत आवश्यक है। उसके अभाव में दर्शक भ्रमित हो जायेंगे। टी वी समाचार संक्षिप्त भी होने चाहिए तथा इसमें भाषा का प्रवाह तथा ऑडियो विजुअल में साम्य भी होना चाहिए। टी वी में विशेष विषयों पर केन्द्रित विशेष बुलेटिन भी तैयार किए जाते हैं जैसे क्राइम से जुड़ी खबरों के लिए क्राइम बुलेटिन, खेल की खबरों के लिए स्पोर्ट्स बुलेटिन तथा चुनाव का खबरों को दर्शाने के लिए चुनाव बुलेटिन।
  4. अखबार एक पठन माध्यम है और टी.वी. दृश्य-श्रव्य माध्यम। अखबार का सम्बन्ध मुख्य रूप से साक्षर वर्ग से होता है, जबकि टी.वी. का सम्बन्ध साक्षर व निरक्षर दोनों वर्गों से। दोनों माध्यमों की प्रकृति में अन्तर होने के कारण दोनों के लिए समाचार लेखन में अन्तर होता है। अखबार की भाषा बहुसंख्यक लोगों द्वारा समझी जाने वाली होनी चाहिए। समाचार का आकार उपलब्ध स्पेस के अनुसार होना चाहिए। आलेख में कोई गलती या अशुद्धि नहीं होनी चाहिए। टी.वी. के लिए समाचार लेखन की बुनियादी शर्त दृश्य के साथ लेखन है। दृश्य अर्थात् बिजुअल्स के अनुसार ही समाचार लिखा जाता है। टी.वी. पर समाचार के कुछ चरण होते हैं, जैसे-ब्रेकिंग न्यूज, ड्राइ एंकर, फोन इन, एंकर विजुअल्स, एंकर बाइट, लाइव व एंकर पैकेज। इन सभी रूपों को ध्यान में रखते हुए अपेक्षानुसार समाचार लिखा जाता है।
  5. समाचार-पत्रों में विविध प्रकार की खबरें प्रकाशित होती हैं। सामान्यत: दुर्घटना, अपराध, आदि से सम्बन्धित खबरें, रोजमर्रा के घटनाक्रम, दुर्घटनाओं और अपराध से सम्बन्धित खबरें हार्ड न्यूज कहलाती हैं तथा मानवीय रुचि व मानवीय संवेदनाओं से जुड़ी खबरें सॉफ्ट न्यूज कहलाती हैं।