कार्यालयी पत्र - CBSE Test Papers

 CBSE Test Paper 01

कार्यालयी पत्र


  1. किसी आपराधिक घटना की अपनी सनसनीखेज़ पड़ताल में कुछ समाचार चैनल जाँच में बाधा डालते हैं और न्यायालयों में मामला पहुँचने से पहले ही आरोपी को अपराधी ठहरा देते हैं। इस प्रवृत्ति पर अपने विचार किसी समाचार-पत्र के संपादक को लिखिए।

  2. दिल्ली में हुए बम धमाकों के एक चश्मदीद नाबालिग गवाह का फोटो और उसका इंटरव्यू कुछ समाचार चैनलों द्वारा दिखाया जाना बच्चे की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। इस संबंध में अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।

  3. किसी पर्यटन स्थल के होटल के प्रबंधक को निर्धारित तिथियों पर होटल के दो कमरे आरक्षित करने का अनुरोध करते हुए पत्र लिखिए। पत्र में उन्हें कारण भी बताइए कि आपने वही होटल क्यों चुना।

CBSE Test Paper 01
कार्यालयी पत्र


Solution

  1. 4/41, आज़ादपुर, दिल्ली।
     17 अप्रैल, 2019
    सेवा में,
    संपादक,
    हिंदुस्तान टाइम्स,
    मथुरा रोड, दिल्ली।
    विषय- आपराधिक घटनाओं को समाचार चैनल द्वारा सनसनीखेज़ बनाए जाने के संबंध में।
    महोदय,
    इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान आपराधिक घटनाओं को समाचार चैनलों द्वारा सनसनीखेज़ बनाए जाने तथा न्यायालय के निर्णय से पूर्व स्वयं निर्णय लेने की प्रवृत्ति की ओर आकर्षित कराना चाहती हूँ।
    पत्रकारिता को भारतीय समाज में लोकतंत्र का चौथा आधार स्तंभ माना जाता है। लोकतंत्र को सुचारु रूप से चलाने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान समय में कई बार देखा गया है कि विभिन्न समाचार चैनलों ने अपनी सनसनीखेज़ पड़ताल के द्वारा न्यायालयों के निर्णय से पूर्व ही आरोपी को अपराधी ठहरा कर जाँच की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न की है। 'आरूषि हत्याकांड' इसका उपयुक्त उदाहरण है। समाचार चैनलों की यह प्रवृत्ति जन सामान्य की भावनाओं को आंदोलित करने के साथ ही न्यायिक प्रणाली को भी प्रभावित करती है। किसी भी समाचार चैनल को कार्य केवल उस घटना से संबंधित तथ्यों से जनता को अवगत कराना होता है। किसी भी आरोपी को अपराधी घोषित करना या न करना केवल न्यायालय का कार्य होता है।
    अतः मेरा आपके माध्यम से ऐसे समाचार चैनलों से अनुरोध है कि उन्हें अपनी ऐसी प्रवृत्ति को त्याग देना चाहिए। मैं आपसे निवेदन करती हूँ कि आप अपने समाचारपत्र के माध्यम से इन चैनलों के इस रवैये के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाए।
    धन्यवाद।
    भवदीया
    ज्योति मेहरा

  2. परीक्षा भवन
    नई दिल्ली
    दिनांक: 22 नवंबर 2019
    संपादक महोदय
    नवभारत टाइम्स
    बहादुरशाह जफर मार्ग
    विषय- नाबालिक बच्चे की सुरक्षा के संबंध में।
    महोदय,
    निवेदन यह है कि पिछले दिनों दिल्ली में कुछ बम धमाके हुए। इन बम धमाकों का चश्मदीद गवाह एक बालक पुलिस के सामने आया। जैसे ही मीडिया को इसका पता चला, उन्होंने उस बच्चे का इंटरव्यू लिया तथा उसे चैनलों, अखबारों व पत्रिकाओं में प्रकाशित किया। उसमें उस नाबालिक बच्चे का संपूर्ण विवरण भी दिया गया। मेरी आपत्ति मीडिया की भूमिका के बारे में है। सुरक्षा एजेंसियों का कार्य गवाहों को गुप्त रखना होता है, न कि अपनी पीठ थपथपाने के लिए उन्हें मीडिया के सामने प्रस्तुत करना। इसके अतिरिक्त मीडिया के भी नैतिक व राष्ट्रीय दायित्व होते हैं। उन्हें भी उस बच्चे की सुरक्षा करनी चाहिए थी। उन्हें उसके फोटो व विवरण न देकर घटना के बारे में जानकारी ही देनी चाहिए थी। उन्हें चैनल या समूह की ख्याति के लिए बच्चे को मोहरा नहीं बनाना चाहिए था। उन्हें अपनी इस प्रकृत्ति पर रोक लगानी चाहिए। ये सब होने के बाद उस बच्चे के ऊपर जानलेवा हमले भी हो सकते हैं और बच्चे की जान भी जा सकती है।
    अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि आप उस नाबालिग बच्चे की सुरक्षा पर संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करें। इसके अलावा उसके सुरक्षा के यथोचित उपाय किया जाए।
    धन्यवाद
    भवदीय
    गोविन्द शाह

  3. सेवा में,
    प्रबंधक महोदय,
    स्पार्क हेवन होटल,
    नैनीताल, उत्तराखंड।
    17 अप्रैल, 2019
    विषय -होटल में कमरे आरक्षित करवाने हेतु।
    महोदय,
    मैं जय प्रकाश, दिल्ली का निवासी हूँ। मैंने आपके होटल की आवभगत के विषय में बहुत प्रशंसा सुनी है। मैं और मेरा परिवार दिनांक 25 अप्रैल, 2019 से 27 अप्रैल, 2019 तक नैनीताल में पर्यटन के उद्देश्य से आ रहे हैं इसलिए मैं चाहता हूँ कि आप अप्रैल 20, 2019 से 27 अप्रैल 27 , 2019 तक की दिनांक के लिए मेरे नाम से दो कमरे आरक्षित कर दीजिए।
    धन्यवाद
    भवदीय
    जय प्रकाश
    दिल्ली