मीरा - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 CBSE कक्षा 11 हिन्दी (केन्द्रिक)

खण्ड ग
काव्यांश पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
पद-मीरा


मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई
जा के सिर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई
छांड़ि दयी कुल की कानि, कहा करिहै कोई?
संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी
अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेलि बोयी
अब त बेलि फैलि गयी, आणंद-फल होयी
दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से विलोयी
दधि मथि घृत काढ़ि लियो, डारि दयी छोयी
भगत देखि राजी हुयी, जगत देखि रोयी
दासि मीरां लाल गिरधर! तारो अब मोही

  1. मीरा अपना सर्वस्व किसे मानती हैंऔर वह स्वरूप कैसा है।
    उत्तर- मीरा श्रीकृष्ण को अपना सर्वस्व मानती हैं, जिनके सिर पर मोर-मुकुट सुशोभित है।
  2. मीरा ने समाज को क्या चुनौती दी है?
    उत्तर- मीरा ने समाज को चुनौती दी है कि उसने तो साधु-संन्यासियों के साथ बैठ-बैठकर सामाजिक और पारिवारिक मान-मर्यादा का परित्याग कर दिया है।
  3. मीरा किसे देखकर प्रसन्न हो उठती हैं तथा किसे देखकर रो पड़ती हैं?
    उत्तर- मीरा प्रभु-भक्त को देखकर प्रसन्न हो उठती हैं तथा संसार को देखकर रो पड़ती हैं।
  4. मीरा कृष्ण से क्या प्रार्थना करती हैं और क्यों?
    उत्तर- मीरा कृष्ण से अपना उद्धार करने की प्रार्थना करती हैं ताकि उन्हें मुक्ति मिल सके।