खेलों में प्रशिक्षण - पुनरावृति नोट्स

CBSE कक्षा 12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 12 खेलों में प्रशिक्षण
पुनरावृत्ति नोट्स

मुख्य बिन्दु-
  1. शक्ति:- परिभाषा, प्रकार तथा शक्ति में सुधार के तरीके- आइसोमीट्रीक तथा आइसोकाइनेटिक
  2. सहन क्षमताः- परिभाषा, प्रकार तथा सहन क्षमता को विकसित करने को तरीके - निरंतर प्रशिक्षण, अंतराल प्रशिक्षण तथा फार्टलेक प्रशिक्षण
  3. गतिः- परिभाषा प्रकार तथा गति विकसित करने को तरीको त्वरण तथा पेस दौड़े
  4. लचक:- परिभाषा, प्रकार तथा लचक की बढ़ाने या सुधारने की विधियाँ
  5. समन्वय तथा तालमेल संबधी:- परिभाषा और प्रकार
  6. सर्किट ट्रेनिंग और एलटिट्यूड ट्रेनिंग:- परिचय तथा इसके प्रभाव
  1. शक्ति (Strength) [किसी प्रतिरोध का सामना करने की मांसपेशियो की योग्यता]
    1. गतिशील शक्ति
      • अधिकतम शक्ति
      • विस्फोटक शक्ति
      • सहन क्षमता शक्ति
    2. स्थिर शक्ति
  2. सहन क्षमता
    बिना थके किसी शारीरिक क्रिया या गतिविधि की लंबी अवधि तक जारी रखने की शारीरिक योग्यता
    1. गतिविधि की प्रकृति के अनुसार सहन क्षमता
      • मूलभूत सहन क्षमता
      • सामान्य सहन क्षमता
      • विशिष्ट सहन क्षमता
    2. गतिविधि की अवधि के अनुसार सह क्षमता
      • गति सहन क्षमता → 45 sec तक चलने वाली स्प्रिंट
      • अल्प अवधि सहन क्षमता → 45 sec - 2 min → 800
      • मध्यम अवधि सहन क्षमता → 2 min - 11 min → 1500
      • दीर्घ अवधि सहन क्षमता → 11 min से अधिक → 5000 m 10,000 m, क्रॉस कंट्री, मैराथन दौड़
  3. गति (कम से कम समय में अधिक दूरी तय करने की क्षमता)
    • प्रतिक्रिया योग्यता
    • त्वरण योग्यता
    • शारीरिक क्रियाओं की गति
    • गति क्षमता योग्यता
    • गतिसहन क्षमता
  4. लचक के प्रकार
    (किसी व्यक्ति के शरीर के जोड़ों की गतियों के विस्तार को लचक कहते है)
    1. अक्रिय लचक (बाहरी सहायता से शरीर के जोड़ों की गति करने की योग्यता)
    2. सक्रिय लचक (बिना किसी बाहरी सहायता के शरीर के स्थिर लचक जोड़ों की गति करने की योग्यता गतिशील लचक)
  5. समन्वय तथा तालमेल संबधी योग्यताएँ
    (व्यक्ति की ऐसी योग्यता जो उसे विभिन्न गति क्रियाएँ सुचारू तथा प्रभावशाली ढंग से करने के योग्य बनाती है।)
    प्रकार-
    • अनुस्थापन योग्यता
    • संयोजन योग्यता
    • प्रतिक्रिया योग्यता
    • संतुलन योग्यता
    • लयात्मक योग्यता
    • अनुकूलन योग्यता
    • विभेदन योग्यता
  6. परिधि प्रशिक्षण विधि
    परिधि प्रशिक्षण विधि में उच्च तीव्रता वाली ऐरोबिक्स का प्रयोग शरीर अनुकूलित या प्रतिरोध प्रशिक्षण के लिए किया जाता है इसका लक्ष्य शक्ति तथा माँसपेशीय सहनक्षमता बढ़ाना है।
    परिधि प्रशिक्षण एक ऐसी प्रशिक्षण विधि है जिसमें विभिन्न व्यायामों को यन्त्रों तथा बिना यन्त्रों तथा बिना यन्त्रों के निश्चित मात्रा में किया जाता है।
    • उद्देश्य:-
      परिधि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सहनशीलता शक्ति, लचक और गतिशीलता बढ़ाना है।
    • परिधि प्रशिक्षण के लाभ (Advantages of Ciruit Training)
      1. परिधि प्रशिक्षण की विधि Indoor या Outdoor भी हो सकती है। वर्षा ऋतु में यह प्रशिक्षण बड़े कमरे में भी किया जा सकता है।
      2. खेल-संबंधी उपकरण आसानी से प्राप्त किए जा सकता है।
      3. यह विधि सीखने में बहुत आसान है। कोई भी खिलाड़ी अपने-आप प्रशिक्षण ले सकता है।
      4. इस प्रशिक्षण को करने से खिलाड़ी बहुत कम समय में अच्छे परिणाम दे सकता है।
      5. प्रशिक्षण की यह विधि बहुत रूचिकर है।
      6. इसमें विभिन्न व्यायामों को करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता नहीं होती।
      7. एक ही समय में बहुत से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
      8. इस विधि में प्रशिक्षण आसानी से प्रशिक्षण को देख सकता है। और उसका निरीक्षण भी कर सकता है।
      9. सीखने वाले खिलाड़ियों की योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण बढ़ाया व घटाया जा सकता है।
      10. शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो सकता है।
    • परिधि प्रशिक्षण के व्यायामों के उदाहरण
      1. एक ही स्थान पर दौड़ना।
      2. 15-20 बार को फंकना तथा पकड़ना।
      3. 30-50 मीटर तक अपने साथी की कन्धों पर ले जाना।
      4. 15-20 बार एक ही जगह जम्प करना।
      5. 5-10 बार Chin-ups करना।
      6. 50 मीटर तक तेज दौड़ना।
      7. 10-20 बार Push-ups करना।
      8. 10-20 बार खड़े-खडे कूदना।
      9. 10-20 बार Sit-ups करना।
      10. 1-2 मिनट तक रस्सी कूदना।
      11. 15-20 बार Dips लगाना।
      12. वजन के साथ आधी बैठक लगाना।
      13. एक या दो बार रस्से पर चढ़ना।
      14. बेन्च प्रेस करना।
      15. बैठे-बैठे वजन को प्रेस करना।
  • समुद्र तल से अत्यधिक ऊँचाई: का अर्थ, “स्थान को समुद्र तल से ऊँचाई”
    हाई एल्टी प्रशिक्षण का अर्थ है, खिलाड़ियों की गामक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण व अभ्यास समुद्र तल से ऊँचे स्थान पर करवाई जाए।
  • समुद्र तल से ऊँचाई प्रशिक्षण विधि
    प्रभाव
    1. सकारात्मक
      1. लाल रक्त कणिकाओं के हारमोंस को संख्या बढ़ाना
      2. लाल रक्त कणिकाओं का बढ़ाना
      3. लाल रक्त कणिकाओं के आकार में बढ़ोतरी
      4. VO2max का बढ़ाना
      5. फेफड़ों के आकार का बढ़ाना
      6. थकान को दूसर भगाना
      7. फेफड़ों के आयतन का बढ़ाना
    2. नकारात्मक
      1. वातावरण तनाव के कारण शरीर के रोग मुक्त संस्थान पर नकारात्मक प्रभाव
      2. तनाव हार्मोन्स (कोरटीसोल) का बढ़ाना
      3. मांसपेशीय का कम होने उपपाचक क्रिया के कारण