कबीर - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 CBSE कक्षा 11 हिन्दी (केन्द्रिक)

खण्ड ग
काव्यांश पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
पद-कबीरदास


हम तौ एक एक करि जांनां।
दोइ कहैं तिनहीं कौं दोजग जिन नाहिंन पहिचांनां।।
एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांनां।
एकै खाक गढ़े सब भांडै़ एकै कोंहरा सांनां।।
जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
माया देखि के जगत लुभांनां काहे रे नर गरबांनां।
निरभै भया कछू नहिं ब्यापै कहै कबीर दिवांनां।।

  1. कबीर परमात्मा के किस स्वरूप में आस्था रखते हैंऔर वह स्वरूप किस प्रकार का है?
    उत्तर- कबीर परमात्मा के अद्वैत स्वरूप में आस्था रखते थे और वह स्वरूप निर्गुण निराकार ईश्वर का है।
  2. कबीर ने किन लोगों को नरक का अधिकारी माना है?
    उत्तर- कबीर ने उन लोगों को नरक का अधिकारी माना है जो लोग परमात्मा को एक नहीं, दो मानते हैं।
  3. कबीर ने किस प्रकार सिद्ध किया है कि ईश्वर एक है?
    उत्तर- कबीर ने कहा कि जिस प्रकार विश्व में एक ही वायु और जल है उसी प्रकार संपूर्ण संसार में एक ही परम ज्योति व्याप्त है। सभी मानव एक ही मिट्टी से ब्रह्मा द्वारा निर्मित हैं।
  4. कबीर के अनुसार प्रभु को जानने के लिए क्या आवश्यक है?
    उत्तर- कबीर के अनुसार प्रभु को जानने के लिए मिथ्या दंभ, माया-मोह अर्थात सुखों को त्यागना आवश्यक है।