खनिज तथा ऊर्जा संसाधन-पुनरावृति नोट्स

                                        CBSE Class 12 भूगोल भाग – 2

पाठ – 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन
पुनरावृति नोटस


अवधारणा मानचित्र

पाठ एक नजर में

महत्वपूर्ण बिंदु

  • भारत अपनी विविधतापूर्ण भूगार्मिक संरचना के कारण विविध प्रकार के खनिज संसाधनों से सम्पन्न है ।
  • भारी मात्रा में बहुमूल्य खनिज पूर्व - पुराजीवी काल या प्री पैलाइजोइक युग की चट्टानों में उद्भीत हैं ।
  • खनिजों की गुणवत्ता एवं मात्रा के बीच प्रतिलोभी संबंध पाया जाता है अर्थात् मूल्यवान खनिज कम मात्रा में उपलब्ध होते हैं | जैसे-सोना, युरेनियम आदि |
  • अधिकांश धात्विक खनिज हमारे देश के प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र की प्राचीन क्रिस्टलीय पाए जाते है ।
  • भारत में खनिज मुख्यत: तीन विस्तृत पट्टियों में संकेंद्रित है ।
    (1) उत्तर –पूर्वी पठार
    (2) दक्षिण पश्चिमी पठार
    (3) उत्तर - पश्चिमी प्रदेश ।
  • भारत में पर्याप्त मात्रा में लौह भंडार है यह लगभग 2000 करोड़ टन के भंडार हैं लौह के कुल आरक्षित भंडारों का लगभग 95% भाग उड़ीसा-झारखंड, छत्तीसगढ़ कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु में है |
  • मैगनीज बहुउपयोगी खनिज है भारत विश्व में इसके उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है | उपयोग मिश्र धातु बनाने व विनिर्माण में किया जाता है |
  • भारत में ईधन खनिज जैसे कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैसे भी प्रचुर मात्रा में है | पेट्रोलियम का आयात करना पड़ता है |
  • कोयला पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस व परमाणु ऊर्जा के परंपरागत स्रोत है | य समाप्य संसाधन है |
  • परमाणु ऊर्जा के लिये कच्चे माल के रूप में युरेनियम एवं थोरियम भी भारत में पाया है | भारत में 6 प्रमुख परमाणु शक्ति केंद्र हैं |
  • सतत पोषणीय विकास के लिए खनिज संसाधनों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है ।
  • इसी प्रकार के खनिज भूगर्भ में एक निश्चित मात्रा में ही है अतः उनका उपयोग बुद्धिमता से करना चाहिये |
  • ऊर्जा के परंपरागत साधनों जैसे कोयले, गैस प्राकृतिक तेल के संरक्षण के साथ-साथ गैर परंपरागत साधनों का विकास आवश्यक है जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जैव ऊर्जा आदि |