अंतरा - रघुवीर सहाय - पुनरावृति नोट्स

 CBSE Class 12 हिंदी ऐच्छिक

पुनरावृति नोट्स
पाठ-6 तोड़ो / वसंत आया


(क) वसंत  आया
जैसे बहन ‘दा ’........................बसंत  आ या।
मूलभाव:- ‘वसंत आया’ कविता में कवि ने आ ज के मनुष्य की आधुनिक जीवन-शैली पर व्यंग्य किया है। मनुष्य का प्रकृति  से रिश्ता टूट गया है। वसंत ऋतु का आना अब अनुभव करने के बजाय कैलेंडर से  जाना  जाता  है।
व्याख्या  बिंदु:- वसंत के  आगमन के  विषय में  कवि कहता  है  कि  सुबह की  सैर करते  समय किसी बंगले  के  आगे  लगे  अशोक  वृक्ष  पर  कोई  चिड़िया  छोटी  बहन  की  तरह  चहचहाएं  तथा  सड़क  के  किनारे पेड़ों से गिरे पीले-सूखे पत्ते पैरों के नीचे चरमराएं तथा खिली हुई हवा पिफरकी की तरह झूमती हुई, गरम  पानी  में  नहाई  हुई  सी  आये  तो  समझ  लेना  चाहिए  कि  वसंत  आ  गया  है।  कैलेंडर  की  तिथि  देखकर तथा  दफ्रतर में  छुट्टी होने के  कारण वसंत पंचमी  आने का प्रमाण  मिल जाता है।  इस कविता में कवि की  चिंता  है  कि  मनुष्य  आधुनिकता  एवं  अतिव्यस्तता  के  कारण  प्रकृति  और  मौसम  में  आने  वाले   परिवर्तनों से अनभिज्ञ हो गया है। प्रकृति के  सौंदर्य, हरियाली, पुष्प, कोयल, भौरें, रंग, रस, गंध्, आम के बौर तथा  ढाक  के  दहकते  वनों आदि  से  कटता  जा  रहा  है।

(ख) तोड़ो
तोड़ो  तोड़ो  तोड़ो........................गोड़ो गोड़ो गोड़ो।
मूल  भाव  -  ‘तोड़ो’  उद्बोध्न  कविता  हैं।  इसमें  कवि  सृजन  हेतु  भूमि  को  तैयार  करने  के  लिए  चट्टाने, ऊसर  और  बंजर को  तोड़ने  का  आह्वान  करता  है।  मन  के  भीतर की  ऊब  भी  सृजन  में  बाध्क  हैं  कवि उसे  भी  दूर  करने  की  बात  करता  है।
व्याख्या  बिंदु  -  चरती,  परती,  ध्रती  को  ऊर्वरा  ऊबरा  बनाने  के  लिए  पत्थर,  चट्टानों,  बंजर-ऊसर को तोड़ना पड़ता है। इसी प्रकार मन मे व्यापत ऊब और खीज को तोड़ना पड़ता है। ध्रती में पत्थर और चट्टान तथा  मन के  भीतर की  ऊब और  उदासी सृजन में  बाध्क  है।  ध्रती  को  खेती  योग्य बनाने के  लिए खोदने-पाटने,  गुड़ाई-बुवाई करने  की आवश्यकता  है।  इसी  तरह मन  में  व्याप्त  खीज को  बाहर निकालने पर सृजन होगा। मन की ऊब और खीज रचनात्मकता में बाध्क है। इस कविता के माध्यम से कवि विध्वंस के लिए नहीं सृजन के  लिए प्रेरित कर रहा है। वह मानव-मन की खीज और ऊब को  उसके  मन  से  निकाल  कर  नए  सृजन  के  लिए  तैयार  करना  चाहता  है।