पृथ्वी पर जीवन-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                             CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)

पाठ 15 पृथ्वी पर जीवन
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ प्रश्नोत्तर (5 अंक वाले)

  1. पारिस्थितिक असन्तुलन के चार कारक कौन-कौन से है? स्पष्ट करो।
    उत्तर- संसार में जीवों तथा भौतिक पर्यावरण में सन्तुलन बना रहता है लेकिन जब ये सन्तुलन बिगड़ जाता है तब पारिस्थितिक असन्तुलन पैदा हो जाता है। इसके कई कारण है-
    1. जनसंख्या में वृद्धि- लगातार जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर जनसंख्या का दबाव बढ़ता जाता है और पारिस्थितिक असन्तुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
    2. वन सम्पदा का विनाश- वन सम्पदा के विनाश (मानव व प्रकृति दोनों के द्वारा) से भी पारिस्थितिक असन्तुलन की स्थिति पैदा हो जाती है। अत्याधिक वर्षा से बाढ़ द्वारा मृदा अपरदन या सूखे से भी वन नष्ट हो जाते है।
    3. तकनीकी प्रगति- लगातार प्रगति के कारण औद्योगिक क्षेत्र बढ़ता जा रहा है और इनसे निकलने वाला धुँआ व अपशिष्ट पदार्थ वातावरण को दूषित कर पारिस्थितिक सन्तुलन को बिगाड़ रहा है।
    4. मांसाहारी पशुओं की कमी- मांसाहारी पशुओं की कमी से शाकाहारी पशुओं की मात्र बढ़ जाती है और उनके द्वारा वनस्पति (घास-झाडियां) अधिक मात्र में खाई जाती हैं जिससे पहाड़ियों पर वनस्पति का आवरण कम हो जाता है और मृदा अपरदन की तीव्रता बढ़ जाती है जिससे पारिस्थितिक असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
  2. परितन्त्र क्या है? परितन्त्र के प्रकारों का वर्णन कीजिए?
    उत्तर- किसी विशेष क्षेत्र में किसी विशेष समूह के जीवधारियों का भूमि, जल तथा वायु से ऐसा अन्तर्सम्बन्ध जिसमें ऊर्जा प्रवाह व पोषण शृंखलाएं स्पष्ट रूप से समायोजित हों, उसे परितन्त्र कहा जाता है।
    परितन्त्र के प्रकार: परितन्त्र मुख्यतः दो प्रकार के हैं
    1. स्थलीय परितन्त्र- स्थानीय परितन्त्र को पुनः बायोम में विभक्त किया जा सकता है। बायोम, पौधो व प्राणियों का एक समुदाय है, जो एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में पाया जाता है। वर्षा, तापमान, आर्द्रता व मिट्टी आदि। बायोम की प्रकृति तथा सीमा निर्धारित करते है। विश्व के कुछ प्रमुख परितन्त्र वन, घास क्षेत्र, मरूस्थल और टुण्ड्रा परितन्त्र है।
    2. जलीय परितन्त्र- जलीय परितन्त्र को समुद्री परितन्त्र व ताजे जल के परितन्त्र में बांटा जाता है। समुद्री परितन्त्र में महासागरीय, ज्वारनदमुख, प्रवालभिति परितन्त्र सम्मिलित है। ताजे जल के परितन्त्र मे झीलें, तालाब, सरिताएं कच्छ व दलदल शामिल है।
  3. पारितंत्र की संरचना की दृष्टि से जैविक व अजैविक कारकों का वर्णन करें?
    उत्तर- अजैविक कारक में तापमान वर्षा सूर्य का प्रकाश, आर्द्रता, मृदा की स्थिति व अकार्बनिक तत्व (कार्बन-डाई-ऑक्साइड, जल, नाइट्रोजन, कैल्शियम फॉस्फोरस, पोटेशियम आदि) सम्मिलित है।
    अजैविक कारक में उत्पादक, उपभोक्ता (प्राथमिक, द्वितीयक व तृतीयक) तथा अपघटक शामिल है। उत्पादकों के सभी हरे पौधे सम्मिलित हैं, जो प्रकाश -संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन बनाते है। प्राथमिक उपभोक्ताओं में शाकाहारी जन्तु जैसे हिरण, बकरी, चूहे और सभी पौधो पर निर्भर जीव शामिल है। द्वितीयक श्रेणी के उपभोक्ताओं में सभी मांसाहारी जैसे सांप, बाघ, शेर आदि शामिल है। तृतीयक उपभोक्ताओं में वो मांसाहारी जीव शामिल है जो दूसरे मांसाहारी जीवों पर निर्भर हैं, जैसे बाज और नेवला। अपघटक वे हैं जो मृत जीवों पर निर्भर है जैसे कौवा और गिद्ध तथा कुछ अन्य अपघटक जैसे बैक्टीरीया और सूक्ष्म जीवाणु जो मृतकों को अपघटित कर उन्हें सरल पदार्थो में परिवर्तित करते है।
  4. खाद्य-शृंखला क्या है? इसके दो प्रकारों का उदाहरण सहित वर्णन करें?
    उत्तर- किसी भी पारिस्थितिकी तन्त्र के समस्त जीव भोजन के लिए परस्पर एक दूसरें पर निर्भर रहते हैं। इस प्रकार समस्त जीव एक दूसरे पर निर्भर होकर भोजन शृंखला बनाते हैं इससे परिस्थितिकी तन्त्र में खाद्य ऊर्जा का प्रवाह होता है। खाद्य ऊर्जा का एक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊर्जा प्रवाह की खाद्य श्रृंखला कहलाती है।
    सामान्यतः दो प्रकार की खाद्य शृंखलाएं पाई जाती है।
    1. चराई खाद्य शृंखला पौधों (उत्पादक) से आरम्भ होकर मांसाहारी (तृतीयक उपभोक्ता) तक जाती है, जिसमें शाकाहारी मध्यम स्तर पर है। हर स्तर पर ऊर्जा का हृास होता है जिसमे श्वसन, उत्सर्जन व विघटन प्रक्रियाएं सम्मिलित है।
    2. अपरद खाद्य श्रृंखला चराई खाद्य शृंखला से प्राप्त मृत पदार्थो पर निर्भर है और इसमें कार्बनिक पदार्थ का अपघटन सम्मिलित है।
  5. विश्व के बोरियल बायोम का तीन बिन्दुओं में वर्णन करे?
    उत्तर- बोरियल बायोम या टैगा शंकुधारी वन, शीतल और छोटी अवधि की ग्रीष्म ऋतु तथा बहुत ठंडी और लम्बी शीत ऋतु जलवायु विशेष प्रदेशो में पाए जाते है। यहाँ वर्षा मुख्यतः हिमपात के रूप में 40 से 100 से॰मी॰ तक होती है।
    • इन वनों में यूरेशिया व उत्तर अमेरिका का उच्च अक्षांशीय भाग, साइबेरिया का कुछ भाग, अलास्का कनाडा व स्केन्डीनेविया के देश शामिल है।
    • यहाँ मिट्टी की अपेक्षाकृत पतली परत है जिसमें अम्लीय व पोषक तत्वों की कमी होती है।
    • यहाँ सदाबहार कोणधारी वन उगते है जिसमे पाइन स्प्रुस व फर के वृक्ष प्रमुख है। यहाँ चील, भालू, हिरण, खरगोश, भेड़िया व चमगादड़ आदि प्रमुख प्राणी पाए जाते है।
  6. जैव भू-रासायनिक चक्र क्या है? इस के प्रकारों का वर्णन करें।
    उत्तर- विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि पिछले 100 करोड़ वर्षो में वायुमण्डल व जलमंडल की संरचना में रसायनिक घटकों का संतुलन लगभग एक जैसा अर्थात बदलाव रहित रहा है। रासयनिक ऊतकों से होने वाले चक्रीय प्रवाह के द्वारा बना रहता है। यह चक्र जीवों द्वारा रासायनिक तत्वों के अवशोषण से आरंभ होता है और उनके वायु, जल व मिट्टी में विघटन से पुनः आरंभ होता है। ये चक्र मुख्यतः सौर ताप से संचालित होते है। जैवमंडल मे जीवधारी व पर्यावरण के बीच में रासायनिक तत्वों के चक्रीय प्रवाह को जैव भू-रासायनिक चक्र कहा जाता है।
    1. गैसीय चक्र- यहाँ पदार्थ का भंडार/स्त्रेत वायुमंडल व महासागर हैं।
    2. तलछटी चक्र- यहाँ पदार्थ का प्रमुख भंडार पृथ्वी की भूपर्पटी पर पाई जाने वाली मिट्टी, तलछट व अन्य चट्टाने है।
  7. परिस्थितिक संतुलन क्या है? वर्णन करो।
    उत्तर- किसी परितंत्र या आवास में जीवों के समुदाय में परस्पर गतिक साम्यता की अवस्था ही पारिस्थितिक संतुलन है। इसे परितंत्र में हर प्रजाति की संख्या के एक स्थायी संतुलन के रूप में तभी रह सकता है, जब किसी पारिस्थितिकी तंत्र में निवास करने वाले विभिन्न जीवों की सापेक्षिक संख्या में संतुलित हो। यह इस तथ्य पर भी निर्भर करता है कि कुछ जीव अपने भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर करते है। उदाहरणातय घास के विशाल मैदानों में हिरण, जेबरा, भैस आदि शाकाहारी जीव अधिक संख्या में होते है। दूसरी और बाघ व शेर जैसे मांसाहारी जीव अपने भोजन के लिए शाकाहारी जीवों पर निर्भर करते है और उनकी संख्या अपेक्षाकृत कम होती है अथवा इनकी संख्या नियंत्रित रहती है |
  8. खाद्य जाल को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?
    उत्तर- 
    खाद्य शृंखलाएं पृथक अनुक्रम न होकर एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। उदाहरणार्थ - एक चूहा जो अन्न पर निर्भर है, वह अनेक द्वितीयक उपभोक्ताओं का भोजन है और तृतीयक माँसाहारी अनेक द्वितीयक जीवों से अपने भोजन की पूर्ति करते है। इस प्रकार प्रत्येक मांसाहारी जीव एक से अधिक प्रकार के शिकार पर निर्भर है। परिणामस्वरूप खाद्य शृंखलाएं आसपास में एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। प्रजातियों के इस प्रकार के जुड़े होने (अर्थात जीवों की खाद्य शृंखलाओं के विकल्प उपलब्ध होने पर) को खाद्य जाल कहा जाता है।
  9. नाइट्रोजन चक्र को समझाइए।
    उत्तर-
     
    1. वायुमंडल में 79% नाइट्रोजन है। कुछ विशिष्ट जीव, मृदा, जीवाणु व नीले हरे शैवाल ही इसे प्रत्यक्ष रूप से ग्रहण कर सकते है।
    2. स्वंतत्र नाइट्रोजन का मुख्य स्त्रोत मिट्टी के सूक्ष्म जीवाणुओं की क्रिया व संबंधित पौधों की जड़े तथा रंध्र वाली मृदा है जहाँ से वह वायुमंडल में पहुँचती है।
    3. वायुमंडल में चमकने वाली बिजली एवं अंतरिक्ष विकिरण द्वारा नाइट्रोजन का योगीकीकरण होता है तथा हरे पौधों में स्वांगीकरण होता है।
    4. मृत पौधों तथा जानवरों के अपशिष्ट मिट्टी में उपस्थित बैक्टीरिया द्वारा नाइट्राइट में बदल जाते हैं।
    5. कुछ जीवाणु इन नाइट्रेट को दोबारा स्वंतत्र नाइट्रोजन में परिवर्तित करने में योग्य होते हैं इस प्रक्रिया को डी-नाइट्रीकरण कहते हैं।


CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)
पाठ 15 पृथ्वी पर जीवन
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अतिलघु प्रश्नोत्तर (1 अंक वाले)

  1. बायोम का अर्थ स्पष्ट करो?
    उत्तर- पौधो व प्राणियों का समुदाय जो एक भौगोलिक क्षेत्र में पाया जाता है उसे बायोम कहते है।
  2. पारिस्थितिक अनुकूलन से क्या अभिप्राय है
    उत्तर- विभिन्न प्रकार के पर्यावरण व विभिन्न परिस्थितियों में भिन्न भिन्न प्रकार के पारितन्त्र पाए जाते है में अलग-अलग प्रकार के पौधे व जीव जन्तु धीरे-धीरे उसी पर्यावरण के अभ्यस्त हो जाते है अर्थात् स्वयं को पर्यावरण के अनुकूल ढाल लेते है। इसी को पारिस्थितिक अनुकूलन कहा जाता है।
  3. शीतोष्ण घास भूमियों को संयुक्त राज्य अमेरिका में क्या कहते है?
    उत्तर- प्रेयरी
  4. शीतोष्ण घास-भूमियों को अर्जेटाइना में क्या कहते है?
    उत्तर- पम्पास
  5. शीतोष्ण घास-भूमियों को आस्ट्रेलिया व एशिया में क्या कहते है?
    उत्तर- आस्ट्रेलिया-डॉउन, एशिया-स्टेपी।
  6. खाद्य श्रृंखला (Food Chain) की प्रक्रिया क्या है?
    उत्तर- एक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊर्जा के प्रवाह को खाद्य शृंखला कहते है।
  7. पारितंत्र में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत्र कौन सा है ?
    उत्तर-
     सौर विकिरण।
  8. जैवमण्डल क्यों महत्वपूर्ण है?
    उत्तर-
     जैवमण्डल में विभिन्न प्रकार के जीव पाए जाते हैं। ये जीव सूक्ष्म जीवाणुओं से लेकर विशालकाय हवेल अथवा बड़े वृक्ष के आकार तक हो सकते हैं। इन्हीं जीवों के अन्तक्रियात्मक एंव पारस्परिक अध्ययन के लिए जैवमण्डल महत्वपूर्ण है।
  9. जू प्लैंक्टन क्या है?
    उत्तर-
     सूक्ष्म जीव जो महासागरीय जल में पाए जाते है। जू प्लैंक्टन कहलाते हैं।
  10. डीट्रीटस पोषक क्या है ?
    उत्तर-
     उपभोक्ता समूह जो चराई खाद्य श्रृंखला से प्राप्त मृत प्राणियों पर निर्भर करता है।