आधुनिकीकरण के रास्ते-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                               CBSE class 11 इतिहास

पाठ-11 आधुनिकीकरण के रास्ते
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अति लघु प्रश्न (2 अंक वाले)

1. शोगुन के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
 (i) शोगुन का अर्थ है ‘सर्वविजयी सेनानी’। (ii) 19 वीं शताब्दी से पहले जापान में सामन्ती शासन-पद्धति का प्रचलन था। (iii) शासन पर अधिकार करने वाले सामन्त को शोगुन कहा जाता था।
2. जापान को अमीर देश क्यों समझा जाता था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- 
(i) चीन से रेशम का आयात। (ii) भारत से कपड़े का आयात करता था। (iii) जापान इसका मूल्य सोने में चुकाता था।
3. मेजी की पुनर्स्थापना के दो महत्वपूर्ण कारण लिखिए।
उत्तर- 
(i) देश में तरह-तरह का असंतोष था (राजनीतिक, आर्थिक) (ii) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व कूटनीतिक संबंधों की मांग की जा रही थी।
4. फुकुजावा यूकिची’ कौन थेउनके उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
 यह मेजी काल के प्रमुख बुद्धिजीवियों में से थे। उद्देश्य- जापान को अपने में से एशिया को निकाल फेंकना चाहिए।
5. जापान का ‘एक आधुनिक समाज’ में रूपांतरण किस प्रकार हुआ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- पैतृक परिवार व्यवस्था थी- कई पीढि़यां परिवार के मुखिया के नियंत्रण में रहती थी। बाद में जैसे जैसे लोग समृद्ध हुए, एकल परिवार में बदल गये।
6. अमेरिका द्वारा जापान के कौन से दो शहरों पर नाभिकीय बम गिराये गये और क्यों?
उत्तर- हिरोशिमा और नागासाकी युद्ध को (द्वितीय विश्वयुद्ध) जल्दी खत्म करने के लिए।
7. एक युद्धोत्तर ‘चमत्कार’ से क्या तात्पर्य है।
उत्तर- युद्ध में भयंकर हार के बावजूद जापानी अर्थव्यवस्था का जिस तेजी से पुनर्निर्माण हुआ, उसे यह नाम दिया गया।
8. सन यात-सेन के तीन सिद्धांत कौन से थे?
उत्तर- राष्ट्रवाद, गणतंत्र, तथा समाजवाद।
9. जापान में नयी विद्यालय व्यवस्था क्या थी? इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर- 1870 के दशक में जापान में लड़के लड़कियों के लिए स्कूल जाना अनिवार्य, पढ़ाई की फीस बहुत कम थी। परिणाम- 1910 तक कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं रहा।
10. जापान में स्थापित पहली संसद कौन सी थी तथा यह किस देश की सोच से प्रभावित थी?
उत्तर- डायट, जर्मन विचारधारा पर।



लघु प्रश्न (4 अंक वाले)

  1. जापान की भौगोलिक स्थिति का पांच बिन्दुओं में वर्णन कीजिए।
    उत्तर- 
    1. जापान एक द्वीप श्रृंखला है।
    2. 50 प्रतिशत से अधिक जमीन पहाड़ी है।
    3. भूकम्प वाला क्षेत्र
    4. ओकिनावा द्वीपों की श्रृंखला दक्षिण में हैं
    5. सबसे बड़े चार द्वीप- होंशू, क्यूशू, शिकोकू तथा होकाइदो।
  2. जापान पर तोकुगावा परिवार के शोगुनों ने कब से कब तक शासन किया? तथा उनकी शासन व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
    उत्तर- 1603 से 1867
    1. राजा के नाम पर (शोगुन) शासन करते थे।
    2. देश 250 भागों में विभाजित था जिनका शासन दैम्यो चलाते थे।
    3. शोगुन दैम्यो पर नियंत्रण रखते थे।
    4. शोगुन प्रमुख शहरों और खदानों पर भी नियंत्रण रखते थे।
  3. उन कारणों का वर्णन कीजिये जिनके कारण जापान समृद्ध देश माना जाता था।
    उत्तर- 
    1. चीन से रेशम और भारत से कपड़ा जैसी विलासी वस्तुएँ आयात करता था।
    2. आयातों के लिये सोने-चांदी के रूप में कीमत अदा करनी पड़ती थी।
    3. कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगा दीं
    4. अर्थतंत्र नयी दिशाओं में विकसित हो रहा था- मुद्रा का बढ़ता इस्तेमाल और चावल के
    5. शेयर बाजार के कारण
    6. निशिजिन का रेशम दुनिया भर में बेहतरीन रेशम माना जाने लगा।
  4. जापान में 1870 के दशक में अपनाई गई नयी विद्यालय व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
    उत्तर-
    1. 1870 के दशक- लड़के और लड़कियों के लिए स्कूल जाना अनिवार्य हो गया।
    2. 1910 तक स्कूल जाने से कोई वंचित नहीं रहा।
    3. पढ़ाई की फीस बहुम कम थी।
    4. शिक्षा मंत्रलय पाठ्यचर्चा पर किताबों के चयन और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर नियंत्रण रखता था।
    5. किताबों में माता पिता के प्रति, राष्ट्र के प्रति वफादारी और अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा दी जाती थी।
  5. सन यात-सेन कौन थेउनके तीन सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
    उत्तर- सन यात-सेन (1866-1925) आधुनिक चीन के संस्थापक माने गये हैं। (लोकतंत्र और ईसाई धर्म)
    तीन सिद्धांत -
    1. राष्ट्रवाद- मांचू वंश को सत्ता से हटाना।
    2. गणतंत्र - गणतांत्रिक सरकार की स्थापना।
    3. समाजवाद- पूंजी का नियमन करना तथा भू-स्वामित्व में बराबरी लाना।
  6. चीन की पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार कब कायम हुई तथा यह किस सिद्धांत पर आधारित थी? इसकी सफलताओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
    उत्तर- 1949 में, यह लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आधारित थी।
    सफलताएँ-
    1. लोकतंत्र (सभी सामाजिक वर्गों का संगठन था।)
    2. अर्थ व्यवस्था के मुख्य क्षेत्र सरकार के नियंत्रण में रखे गये।
    3. निजी कारखानों और भूस्वामित्व को धीरे-धीरे खत्म किया गया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक वाले)

1. मेज़ी शासन के अन्तर्गत जापान में अर्थव्यवस्था का आधुनिकीकरण किस प्रकार हुआ? पर्यावरण पर उद्योगों के विकास का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर- 
मेज़ी शासन के अन्तर्गत जापान में अर्थव्यवस्था का आधुनीकीकरण:

  • कृषि पर कर।
  • जापान में रेल लाइन बिछाना।
  • वस्त्र उद्योग के लिए मशीनों का आयात।
  • मजदूरों का विदेशी कारीगरों द्वारा प्रशिक्षण।
  • विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए विदेश भेजना।
  • आधुनिक बैंकिग व्यवस्था का प्रारम्भ।कम्पनीयों को कर में छूट व सब्सिडी देना।

पर्यावरण पर उद्योगों के विकास का प्रभाव :-

  • लकड़ी जैसे प्राकृतिक संसाधनों की मांग से पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव |
  • औद्योगीकरण के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण का बढ़ना।
  • कृषि उत्पादों में कमी का प्रमुख कारण लोगों का शहरों की तरफ पलायन।

2. कुओमीन तांग के नेता के रूप में 'चियांग काई-शेक' के कार्यों का वर्णन करते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि कुआमीनतांग देश को एकीकृत करने की कोशिशों में क्यों असफल रहा?
उत्तर- चियांग काईशेक के कार्य:

  • वारलार्ड्स पर नियन्त्रण करना।
  • साम्यवादियों का खात्मा ।
  • सेक्यूलर और इहलौकिक कन्फ्यूशियसवाद की हिमायत की।
  • राष्ट्र का सैन्यकरण का प्रयास |
  • महिलाओं के चार सद्गुण पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया। सतीत्व, रूप-रंग, वाणी और काम 
     

देश को एकीकृत करने में असफलता के कारण :-

  • संकीर्ण सामाजिक आधार |
  • सीमित राजनीतिक दृष्टि।
  • पूंजी नियमन और भूमि अधिकारों में समानता लाने में असमर्थता।
  • लोगों की समस्या पर ध्यान न देकर, फौजी व्यवस्था थोपने का प्रयास किया |

3. 1870 के दशक में जापान में विद्यालयी व्यवस्था और राष्ट्र के एकीकरण के लिए क्या बदलाव किए गए? विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर- विद्यालयी व्यवस्था में बदलाव :

  • लड़के और लड़कियों के लिए स्कूल जाना अनिवार्य।
  • पढ़ाई की फीस बहुत कम करना।
  • आधुनिक विचारों पर जोर देना।
  • राज्य के प्रति निष्ठा और जापानी इतिहास के अध्ययन पर बल दिया गया।
  • किताबों के चयन और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर नियन्त्रण।
  • माता-पिता के प्रति आदर, राष्ट्र के प्रति वफादारी और अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा दी गई।
    राष्ट्रीय एकीकरण के प्रयास :
  • पुराने गाँवों और क्षेत्रीय सीमाओं को बदलकर नया प्रशासनिक ढांचा तैयार किया गया।
  • प्रशासनिक इकाईयों के लिए पर्याप्त राजस्व की व्यवस्था ताकि स्कूल स्वास्थ्य सेवायें जारी रहें।
  • बीस साल से अधिक आयु के युवकों के लिए कुछ अरसे सेना में कार्य करना अनिवार्य किया गया।
  • आधुनिक सैन्य बल तैयार किया गया।
  • सख्त सेंसर व्यवस्था लागू की गई।
  • नौकरशाही और सेना सिधे सम्राट के अधीन रखी गई।

4. जापान और चीन ने आजाद और आधुनिक राष्ट्र बनने के लिए बिल्कुल अलग-अलग राहें अपनाई, विस्तार से व्याख्या कीजिए।

उत्तर- जापान अपनी आजादी बनाये रखने में सफल रहा और पारंपरिक हुनर और प्रथाओं को नये तरीके से इस्तेमाल कर पाया। कुलीन वर्ग के नेतृत्व में आधुनीकीकरण ने उग्र राष्ट्रवाद को जन्म दिया और शोषणकारी सत्ता को बरकरार रखा |
औपनिवेशिक साम्राज्य की स्थापना की जिससे उस क्षेत्र में बैर की भावना बढ़ी। कोशिश की। नये और रचनात्मक तरीके इस्तेमाल किये जैसे नयी विद्यालयी व्यवस्था, सम्राट के प्रति वफादारी, नैतिक शास्त्र का पढ़ना अनिवार्य, निष्ठावान नागरिक का निर्माण आदि 
चीन में पश्चिमी और जापानी साम्राज्यवाद ने राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को तोड़ने का माहौल बना दिया। 19वीं और 20वीं सदी में परम्पराओं को ठुकराया गया और राष्ट्रीय एकता और सुदृढ़ता के लिए नये रास्तों की तलाश की गई। लोगों को अधिकार और सत्ता देने की बात की परन्तु वास्तव में केंद्रीकृत राज्य की स्थापना की। दमन कारी राजनीतिक व्यव्स्था लागू की गई तथापि शिक्षा का विस्तार हुआ और लोगों के बीच जागरूकता पैदा हुई। बाजार संबंधी सुधारों के द्वारा आर्थिक दृष्टि से ताकतवर बनने में सफलता प्राप्त की।

5. ताईवान का एक लोकतन्त्र में रूपान्तरण एक नाटकीय मोड़ रहा, व्याख्या कीजिए।

उत्तर- चीनी साम्यवादी दल से पराजित होकर चियांग काई शेक 1949 में ताइवान भाग निकले और वहां उन्होंने चीनी गणतन्त्र की स्थापना की। कुआमीनतांग ने चियांग काईशेक के नेतृत्व में एक दमनकारी सरकार की स्थापना की लेकिन भूमि सुधार लागू नहीं किये गये। अर्थव्यवस्था का आधुनीकीकरण किया गया।
1975 में चियांग की मृत्यु के बाद धीरे-धीरे लोकतन्त्र में रूपान्तरण प्रारम्भ हुआ। 1887 में फौजी कानून हटा लिया गया। विरोधी दलों को गठन की इजाजत मिली और स्वतन्त्र मतदान द्वारा ताइवानियों को सत्ता में लाने का प्रयास प्रारम्भ किया गया। ताईवान में पूर्ण राजनैयिक संबंध और दूतावास रखना सम्भव नहीं है क्योंकि इसे चीन का ही एक हिस्सा समझा जाता है।