आधुनिकीकरण के रास्ते-अभ्यास प्रश्नोत्तर

                                                     CBSE कक्षा 11 इतिहास

पाठ-11 आधुनिकीकरण के रास्ते


  1. नीचे दिए गए अनुच्छेद पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    फुकुज़ावा यूकिची (1835-1901)
    इनका जन्म एक गरीब सामुराई परिवार में हुआ। इनकी शिक्षा नागासाकी और ओसाका में हुई इन्होंने डच और पश्चिमी विज्ञान पढ़ा और बाद में अंग्रेजी भी। 1860 में वे अमरीका में पहले जापानी दूतावास में अनुवादक के रूप में गए। इससे इन्हें पश्चिम पर किताब लिखने के लिए बहुत कुछ मिला। उन्होंने अपने विचार क्लासिकी नहीं बल्कि बोलने चालने के अंदाज में लिखे। यह किताब बहुत ही लोकप्रिय हुई। इन्होंने एक शिक्षा संस्थान स्थापित किया जो आज केओ विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। वे मेरोकुशा (meirokusha) संस्था के मुख्य सदस्यों में से थे। ये संस्था पश्चिमी शिक्षा का प्रचार करती थी। अपनी एक किताब, ज्ञान के लिए प्रोत्साहन (गाकुनोन नो सुसुमे, 1872-78) में उन्होंने जापानी ज्ञान की कड़ी आलोचना कीः "जापान के पास प्राकृतिक दृश्यों के अलावा गर्व करने के लिए कुछ भी नहीं है", उन्होंने आधुनिक कारखानों व संस्थाओं के अलावा पश्चिम के सांस्कृतिक सारतत्व को भी बढ़ावा दिया जो कि उनके मुताबिक सभ्यता की आत्मा है। उसके जरिये एक नया नागरिक बनाया जा सकेगा। इनका सिद्धांत था, "स्वर्ग ने इंसान को इंसान के ऊपर नहीं बनाया, न ही इंसान को इंसान के नीचे।"
    1. जापान के एक बुद्धिजीवी का नाम लिखिए। जापान के विषय में उनका क्या मत था? (3)
    2. "स्वर्ग ने इंसान को इंसान के ऊपर नहीं बनाया है" यह कथन किस पुस्तक से लिया गया है। (2)
    3. लेखक ने किस चीज को बढ़ावा देने की बात कही है? (3)
  2. नीचे दिए गए अनुच्छेद पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    परीक्षा प्रणाली
    अभिजात सत्ताधारी वर्ग में प्रवेश (1850 तक लगभग 11 लाख) ज्यादातर इम्तिहान के जरिये ही होता था। इसमें 8 भाग वाला निबंध निर्धारित प्रपत्र में (पा-कू वेन) शास्त्रीय चीनी में लिखना होता था। यह परीक्षा विभिन्न स्तरों पर हर 3 साल में 2 बार आयोजित की जाती थी। पहले स्तर की परीक्षा में केवल 1-2 प्रतिशत लोग 24 साल की उम्र तक पास हो पाते थे और वे (सुंदर प्रतिभा) बन जाते थे। इस डिग्री से उन्हें निचले कुलीन वर्ग में प्रवेश मिल जाता था। 1850 से पहले किसी भी समय 526,869 सिविल और 212,330 सैन्य प्रांतीय (शेंग हुआन) डिग्री वाले लोग पूरे देश में मौजूद थे। देश में केवल 27,000 राजकीय पद थे, इसलिए कई निचले दर्जे के डिग्रीधारकों के पास नौकरी नहीं होती थी। यह इम्तिहान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में बाधक का काम करता था क्योंकि इसमें सिर्फ साहित्यिक कौशल की मांग होती थी। चूंकि यह क्लासिक चीनी सीखने के हुनर पर ही आधारित था, जिसकी आधुनिक विश्व में कोई प्रासंगगिता नजर नहीं आती थी, इसलिए 1905 में इस प्रणाली को खत्म कर दिया गया।
    प्रश्न-
    1. चीन में अभिजात सत्ताधारी वर्ग में प्रवेश परीक्षा की प्रणाली का वर्णन कीजिए। (2)
    2. 1850 से पूर्व सिविल और सैन्य प्रान्तीय डिग्री वालों की संख्या कितनी थी? (2)
    3. चीन में यह प्रणाली कब व क्यों समाप्त हुई? (2)
    4. पुरानी चीनी परीक्षा-प्रणाली कब तथा किस युद्ध के बाद समाप्त की गई? (2)
  3. नीचे दिए गए अनुच्छेद पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    कार क्लब
    मोगाः- ‘आधुनिक लड़की’ के लिए संक्षिप्त शब्द। यह 20वीं शताब्दी में लिंग बराबरी, विश्वजनीन (कॉस्मोपॉलिटन) संस्कृति और विकसित अर्थव्यवस्था के विचारों के एक साथ आने का सूचक है। नए मध्यमवर्ग परिवारों ने आवागमन और मनोरंजन के नए तरीकों का लुत्फ उठाया। शहरों में बिजली की ट्रामों के साथ परिवहन बेहतर हुआ। 1878 से जनता के लिए बाग बनाये गए और बड़ी दुकाने डिपार्टमेंट स्टोर बनने लगे। टोक्यों में गिन्जा गिनबुरा के लिए एक फैशनेबुल इलाका बन गया। गिनबुरा शब्द गिन्जा और बुरबुरा मिला कर बनाया गया है। बुरबुरा का अर्थ है ‘बिना किसी लक्ष्य के घूमना’। 1925 में पहला रेडियो स्टेशन खुला। अभिनेत्री मात्सुई, सुमाको, इब्सन के नाटक एक गुडि़या का घर (A Doll’s House) में नोरा का बेहतरीन किरदार निभा कर राष्ट्रीय स्तर की तारिका बन गई। 1899 में फिल्में बनने लगीं और जल्द ही दर्जन भर कंपनियां सैकड़ों की तादाद में फिल्में बनाने लगीं। यह दौर ओज से भरा हुआ था और इस दौरान सामाजिक राजनीतिक व्यवहार के पारंपरिक मानकों पर सवाल उठाये गए।
    प्रश्न-
    1. मोगा शब्द से क्या तात्पर्य है? (2)
    2. 1978 में जनता के लिए किये गये किन्हीं दो कार्यों का वर्णन कीजिए। (2)
    3. ‘गिनबुरा’ और ‘बुरबुरा’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए। (2)
    4. पहला रेडियो-स्टेशन कब खुला तथा फिल्में कब बनने लगीं? (2)
  4. नीचे दिए गए अनुच्छेद पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जापानी भाषा एक साथ तीन लिपियों का प्रयोग करती है। इनमें से एक कांजी, जापानियों ने चीनियों से छठी शताब्दी में ली। चूंकि उनकी भाषा चीनी भाषा से बहुत अलग है, उन्होंने दो ध्वन्यात्मक वर्णमालाओं का विकास भी किया- हीरागाना और कताकाना। हीरागाना नारी सुलभ समझी जाती है क्योंकि हेआन काल में बहुत सी लेखिकाएं इसका इस्तेमाल करती थीं- जैसे कि मुरासाकी। यह चीनी चित्रात्मक चिह्नों और ध्वन्यात्मक अक्षरों (हीरागाना अथवा कताकाना) को मिलाकर लिखी जाती है। शब्द का प्रमुख भाग कांजी के चिह्न से लिखा जाता है और बाकी का हीरागाना में।
    ध्वन्यात्मक अक्षरमाला की मौजूदगी के चलते ज्ञान कुलीन वर्गों से व्यापक समाज में काफी तेजी से फैल सका। 1880 के दशक में यह सुझाव दिया गया कि जापानी या तो पूरी तरह से ध्वयान्तमक लिपि का विकास करें या कोई यूरोपीय भाषा अपना लें। दोनों में से कुछ भी नहीं किया गया।
    1. जापानी भाषा में एक साथ कितनी लिपियों का प्रयोग होता है। एक का नाम लिखिये तथा वह कहां से ली गई? (2)
    2. दो ध्वन्यात्मक वर्णमालाओं के नाम लिखिए। (2)
    3. 1880 के दशक में क्या सुझाव दिया गया? क्या वह सफल हुआ? (2)
    4. हीरागाना नारी सुलभ समझी जाती थी क्यों? स्पष्ट कीजिए। (2)

मानचित्र कार्य-1

  • दिये गये पूर्वी एशिया के मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों को अंकित कीजिए-
    1- टोकिया, 2- क्योतो, 3- हिरोशिमा, 4- शंघाई, 5- नागासाकी

मानचित्र कार्य-2

  • दिये गये पूर्वी एशिया के मानचित्र में 1-5 स्थानों को पहचानकर अंकित कीजिए।