शांति - पुनरावृति नोट्स

CBSE कक्षा 11 राजनीति
पाठ - 9 शांति
पुनरावृति नोटस

स्मरणीय बिंदु:-
  • पारस्परिक सहयोग की स्थिति का होना तथा युद्ध की अनुपस्थिति को शांति के रूप में लिया जाता है। प्रथम तथा द्वितीय विश्व युद्ध की त्रासदी झेल चुके विश्व के देशों ने आपसी संबंधो में मैत्रीपूर्ण प्रयास को स्थान दिया।
  • आत्म रक्षा के लिए ही युद्ध को उचित ठहराया जा सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) जिसका गठन विश्व शांति के लिए हुआ है, ने विश्व शांति के अनेको प्रयास किए है। क्यूबा मिसाइल संकट ने मानवता को संपूर्ण तबाही के कगार पर खड़ा कर दिया था। शांति की अनुपस्थिति की भारी कीमत चुकाने के बाद मानवता ने इसके महत्व को पहचाना।
  • हिंसा अधिकतर समाज की मूल संरचना में रची बसी होती है। जातिभेद, वर्गभेद, पितृसत्ता, उपनिवेशवाद, नस्लवाद और सांप्रदायिकता इत्यादि संरचनात्मक हिंसा के अंतर्गत आती है।
  • संघर्षो का एक तरीका सविनय अवज्ञा है जिसका इस्तेमाल महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान किया तथा गांधी जी से प्रेरणा लेकर मार्टिन लूथर किंग ने अमेरिका में काले लोगों के साथ भेदभाव के खिलाफ 1960 में इसी तरह का संघर्ष का शुरू किया। यदि विश्व के सभी देश किसी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करें क्षेत्रीय अखण्डता का सम्मान करे तथा शांति पूर्ण सहअस्तित्व की नीति का अनुसरण करें तो शांति की स्थापना हो सकती है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने अनेक उपलब्धियाँ हासिल की लेकिन शांति के प्रति खतरों को रोकने और समाप्त करने में सफल नहीं हो पाया।
  • आधुनिक हथियारों और उन्नत तकनीक का निर्मम प्रयोग करके आतंकवादी शांति के लिए खतरा पैदा कर रहे है। शस्त्रे का दुरूपयोग न करके तथा निःशस्त्रीकरण की नीति को अपना कर शांति की स्थापना की जा सकती है।
  • शांति अर्थात् एक ऐसी स्थिति जहां किसी भी प्रकार का कोई तनाव ना हो।
  • हॉब्स, लॉक व रूसों सामाजिक समझौते के अनुसार शांति कायम रखना राज्य का उत्तरदायित्व है। ईसामसीह, सुकरात, गौतम बुद्ध तथा अनेक राजनीतिज्ञों ने शांति को महत्व दिया। गांधी जी ने भी अंहिसा को अपनाया |
  • इनके विपरीत दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे संघर्ष को ही सभ्यता की उन्नति का मार्ग मानते थे। सिद्धान्त की उन्नति का मार्ग मानते थे। सिद्धान्तकार विल्फ्रेडा पैरेटो (1848-1923) ने ताकत का इस्तेमाल करने वालों की तुलना शेर से की।
  • उन्नत तकनीक जहां एक ओर शंति व विकास में सहायक है वहीं दूसरी ओर पिछले विश्वयुद्धों में तकनीक का इस्तेमाल ही विध्वंस का कारण बना था। जापान के शहर हिरोशिमा व नागासाकी ऐसे उदाहरण है जिन्हें विश्व भूल नहीं सकता |
  • शांति का गुणगान राष्ट्र अच्छा लगने के लिये नहीं अपितु इसलिये करते है कि उसकी भारी कीमत उन्होने चुकाई है।
शांति का अर्थ:-
  • सामान्यतः शांति का अर्थ युद्ध न होने से लिया जाता है। दो देशों के बीच हथियारों के साथ आमना-सामना होना युद्ध कहलाता है। जबकि रवांडा या बोस्निया में ऐसी स्थिति नहीं थी लेकिन शांति का अभाव था।
  • शांति को हम हिंसक संघर्षों के अभाव के रूप में देख सकते हैं। (संघर्ष न होना) जाति, वर्ग, लिंग, उपनिवेशवादी, सांप्रदायिक किसी भी प्रकार का संघर्षं न होना |
संरचनात्मक हिंसा को विभिन्न रूपः-
  1. जातिगत व्यवस्था पर आधारित: जिसे हमारे संविधान द्वारा समाप्त किया गया है।
  2. पितृसत्ता के आधार पर आधारितः जिसे निम्नलिखित कानून बना कर समाप्त किया |
  3. उपनिवेशवाद: यूँ तो समाप्त हो गया परन्तु असितत्व आज भी कायम है। उपनिवेशों का शोषण आदि इसके उदाहरण है।
  4. रंगभेद, साम्प्रदायिकता व नस्ल आधारित समूह आज भी देखे जा सकते हैं। (हिटलर से लेकर आज तक के उदाहरण लिये जा सकते है।)
    हिंसा व भेदभाव का प्रभाव व्यक्ति की मनोवैज्ञातिक व शारीरिक दोनों स्थितियों पर पड़ता है।
हिंसा की समाप्तिः-
  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनिसेफ) के अनुसार, "चूंकि युद्ध का आरम्भ लोगों के दिमाग मे होता है इसलिए शांति के बचाव को भी लोगों के दिमाग में ही रचे जाने चाहिये।” |
क्या हिंसा कभी शांति को प्रोत्साहित कर सकती है?
  • यूं तो हिंसा अपने पीछे मौत एवं बर्बादी की श्रृंखला छोड़ जाती है परन्तु फिर भी योजनाबद्ध तरीके में सहायक होता है। (गांधी, मार्टिन लूथर किंग, नलस्न मंडेला आदि के उदाहरण दिये जा सकते है)।
शांति अौर राज्यसत्ता:-
  • हर राज्य अपने को पूर्णतः एवं सर्वोच्च ईकाई के रूप में देखता है। शांति के लिये स्वयं को वृहत्तर मानवता के रूप में देखना होगा।
  • नागरिकों पर बल प्रयोग को रोकना होगा। लोकतंत्रीय शासन प्रणाली द्वारा ही यह सम्भव है।
शांति कायम करने के विभिन्न तरीके:-
  1. राष्ट्रों को केन्द्रीय स्थान देना, उनकी संप्रभुता का आदर करना।
  2. राष्ट्रों की आपसी प्रतिद्वंद्विता के कम कर, आर्थिक एकीकरण से राजनीतिक एकीकरण की ओर बढ़ना।
  3. विश्व वैश्वीकरण की प्रक्रिया
  4. निः शस्त्रीकरण को अपनाकर
समकालीन चुनौतियां:-
  1. दबंग राष्ट्रों को प्रभावपूर्ण प्रदर्शन – इराक में अमेरिका का दखल।
  2. आंतकवाद का स्वार्थपूर्ण आचरण - इन ताकतों द्वारा जैविक रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की आशंका ।
  3. अंतराष्ट्रीय हस्तक्षेप न होना - गोरिल्ला युद्ध 1994 में तुत्सी लोगों का मारा जाना रवांडा में खूनखराबा पर कोई कदम नहीं उठाया गया |
    इन सबके बावजूद भी कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां पर आण्विक हथियारों पर पाबन्दी है। ऐसे छ: क्षेत्र है:-
    1. दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र
    2. लेटिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र
    3. दक्षिण पूर्वी एशिया
    4. अप्रकीका
    5. दक्षिण प्रशांत क्षेत्र व
    6. मंगोलिया
  • समकालीन विश्व में शांति को प्राथमिकता दी जा रही है। शांति अध्ययन नामक ज्ञान की एक नई शाखा का भी सृजन हुआ है।
  • यूएन. की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को विश्व में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी।
कार्यकलाप:-
  1. हिंसा का सहारा लेना कभी-कभी जरूरी हो जाता है। जर्मनी के नाजी शासन को उखाड़ फेकने के लिए बाहरी सैनिक हस्तक्षेप का हवाला देते हुए कक्षा में वाद विवाद करें।
  2. शांति के बारे में छात्र/छात्राओं की राय जानें।