दो ध्रुवीयता का अंत - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
सीबीएसई कक्षा -12 राजनीति विज्ञान
महत्वपूर्ण प्रश्न
पाठ-2
दो ध्रुवीयता का अन्त
महत्वपूर्ण प्रश्न
पाठ-2
दो ध्रुवीयता का अन्त
एक अंक वाले प्रश्न:-
1. द्विध्रुवीयता का अर्थ लिखिए।
इसका अंत कब हुआ?
उत्तर: शीतयुद्ध के दौरान विश्व का दो गुटों में बंटना जिससे शक्ति संरचना द्विध्रुवीय हो गई जिन्हें अमेरिका व सोवियत संघ का नेतृत्व प्राप्त हुआ।
2. बर्सिन की दीवार को कब गिराया गया?
उत्तर: 9 नवंबर 1989 को।
3. समाजवादी सोवियत गणराज्य कब अस्तित्व में आया?
उत्तर: 1917 की रूसी क्रांति के बाद।
4. ‘दूसरी दुनिया’ किसे कहा जाता है?
उत्तर: पूर्वी यूरोप के अनेक देशों ने अपनी सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था को सोवियत संघ की समाजवादी प्रणाली की तरह ढाला। इन्हें ही समाजवादी खेमे के देश या दूसरी दुनिया कहते हैं।
5. सोवियत संघ के अंदर आर्थिक सुधारों तथा लोकतंत्रीकरण की नीति चलाने वाला नेता कौन थे?
उत्तर: मिखाइल गोर्बाचेव
6. स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रकुल अर्थात् CIS का पूरा नाम लिखिए?
उत्तर: Common Wealth of Independent states.
7. सोवियत अर्थव्यवस्था की प्रकृति एक वाक्य में लिखिए?
उत्तर: योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था व उत्पादन वितरण के साधनों पर राज्य का नियंत्रण।
8. सोवियत संघ द्वारा नाटो (NATO) के विरोध में कब व कौन-सा सैन्य गठबंधन बनाया गया?
उत्तर: वारसा पैक्ट 1955 में।
9. सर्वप्रथम सोवियत संघ से अलग होने वाले गणराज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर: रूस व यूक्रेन।
10. सोवियत संघ की राजनीतिक व्यवस्था में किस एक दल का प्रभुत्व रहा था?
उत्तर: साम्यवादी दल।
11. पूर्वी यूरोप में चैकोस्लोवाकिया किन दो भागों में टूटा था?
उत्तर: चेक तथा स्लोवाकिया।
12. ‘शॉक थेरेपी’ का मॉडल किसके द्वारा निर्देशित था?
उत्तर: विश्व बैंक व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष।
13. 1991 के बाद युगोस्लाविया में से तीन प्रांतों ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित किया। किन्हीं दो का नाम लिखो।
उत्तर: स्लोवेनिया, क्रोएशिया।
दो अंक वाले प्रश्न:-
1. सोवियत प्रणाली की कोई दो मुख्य विशेषताएं लिखो?
उत्तर: योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था व राज्य द्वारा नियंत्रित सभी नागरिकों को न्यूनतम जीवन स्तर की प्राप्ति।
2. 1970 के दशक के अंतिम वर्षों में सोवियत व्यवस्था के लड़खड़ाने के दो कारण लिखिए?
उत्तर: नौकरशाही का सख्त शिकंजा नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति की आजादी नहीं आदि जिससे विरोध बढ़ता गया।
3. काल क्रमानुसार लिखेंः-
अफगान संकट, बर्लिन की दीवार का गिरना, सोवियत संघ का विघटन, रूसी क्रांति।
उत्तर: रूसी क्रांति, अफगान, संकट, बर्लिन दीवार का गिरना, सोवियत संघ का विघटन।
4. ‘शॉक थेरेपी’ को आप क्या समझते है?
उत्तर: इसका शाब्दिक अर्थ आघात पहुंचाकर उपचार करना था। रूस, मध्य एशिया के गणराज्य व पूर्वी यूरोप के देशों की साम्यवाद से पूंजीवाद की ओर बदलने की प्रक्रिया थी। यह खास मॉडल विश्व बैंक व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा दिया गया। यह मॉडल सफल नहीं हुआ व जनता को उपयोग के आनंदसोक तक नहीं ले गया।
5. रिक्त स्थान भरिए:-
(क) 1985 में सोवियत संघ में सुधारों की शुरूआत .................... ने की।
(ख) शीतयुद्ध के अंत का प्रतीक ....................... का गिरना माना गया।
उत्तर: मिखाइल गोर्बोचेव - बर्लिन दीवार का गिरना।
6. सुमेलित कीजिए-
शॉक थेरेपी - सोवियत संघ का उत्तराधिकारी
रूस - सैन्य समझौता
बोरिस येस्तसिन - आर्थिक मॉडल
वारसा - रूस के राष्ट्रपति
उत्तर: शॉक थेरेपी - आर्थिक मॉडल
रुस - आर्थिक संघ का उत्तराधिकारी
बोरिस येस्तासिन - रूस के राष्ट्रपति
वारसा - सैन्य समझौता।
7. ‘शॉक थेरेपी’ मॉडल को इतिहास की सबसे बड़ी गराज सेल क्यों कहा जाता है?
उत्तर: औद्योगिक ढांचा चरमरा गया, 90 प्रतिशत उद्योग निजी हाथों या कंपनियों को औन-पौने दामों में बेच दिए गए
चार अंकों वाले प्रश्न:-
1. स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रकुल (CIS) में कितने राज्य शामिल थे। प्रस्तुत मानचित्र के आधार पर प्रारंभ में शामिल कोई दो राज्य व 1993 में इसमें शामिल राज्य का नाम लिखें।
उत्तर: सोवियत अर्थव्यवस्था समाजवादी थी जिसमें कि योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था राज्य द्वारा नियंत्रित थी उत्पादन व वितरण के साधनों पर भी राज्य का नियंत्रण था जबकि अमेरिका में अर्थव्यवस्था पूंजीवादी थी जहां स्वतंत्र आर्थिक प्रतियोगिता व न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य का रूप दिखता था।
2. साम्यवादी सोवियत अर्थव्यवस्था तथा पूंजीवादी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखें।
व्यवस्था में एकदम ढील देते ही नागरिकों की अपेक्षाओं का ज्वार उमड़ पड़ा जिस पर काबू करना कठिन हो गया। कुछ के अनुसार गोर्बाचोव की कार्यपद्धति तेज नहीं थी, वे अपनी ही नीतियों का ठीक तरह से बचाव नहीं कर पाए।
3. गोर्बाचोव तो रोग का ठीक-ठीक निदान कर रहे थे और सुधारों को लागू करने का उनका प्रयास ठीक था फिर भी सोवियत संघ क्यों विघटित हुआ?
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखें |
4. 1990 में अपनायी गई शॉक थेरपी जनता को उपभोग के उस आनंदलोक तक नहीं ले गई जिसका उसने वादा किया था इस कथन के संदर्भ में शॉक थेरेपी के परिणाम लिखें।
उत्तर: भारत ने उत्तर साम्यवादी देशों से अपने सम्बन्धों को नई दिशा दी। रूस के साथ संबंधें में कोई गिरावट नहीं आई हालांकि शक्ति संरचना बदलने से नई विश्व व्यवस्था में भारत ने स्वयं को ढाला है फिर भी वे मित्रवत व सहयोग पूर्ण बने हुए हैं। दोनों ही देश जानते हैं कि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने से दोनों की ताकत बढ़ेगी। हालांकि अपने विकास के लिए भारत को परोक्ष रूप से अमेरिकी नीतियों का भी समर्थन करना पड़ रहा है क्योंकि एकमात्र महाशक्ति के रूप में वह विश्व राजनीति को प्रभावित कर रहा है।
5. सोवियत संघ के विघटन का भारत के साथ सम्बन्धों पर क्या प्रभाव पड़ा? स्पष्ट करें।
उत्तर: नहीं, परिवर्तन तुरन्त किए जाने की अपेक्षा धीरे-धीरे होने चाहिए। वहां की परिस्थितियां अचानक आघात सहन करने की नहीं थी।
6. क्या ‘शॉक थेरेपी’ साम्यवाद से पूंजीवाद की तरफ संक्रमण का सबसे बेहतर तरीका थी।
उत्तर: एक विचारधरा के रूप में समाजवाद अभी भी कायम व सोवियत संघ का टूटना इस व्यवस्था का अन्त नहीं। बदलते समय व परिस्थितियों के अनुसार अपने को ढालकर अभी भी विश्व के कई देशों में यह व्यवस्था कायम है।
7. सोवियत संघ का अंत समाजवाद का अंत नहीं है। स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: सोवियत संघ के प्रति राष्ट्रवादी असंतोष यूरोपीय व अपेक्षाकृत समृद्ध गणराज्यों रूस, यूक्रेन में अधिक था। यहां के लोग मध्य एशियाई गणराज्यों से स्वयं को अलग महसूस कर रहे थे यह भी भावना थी कि पिछड़े इलाकों को सोवियत संघ में रखने की उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
छः अंकों वाले प्रश्न:-
1. द्विध्रुवीयता के अंत अर्थात सोवियत संघ के विघटन के परिणामों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखं।
2. पूर्व सोवियत संघ में हुए ‘संघर्ष व तनाव’ पर निबन्धत्मक रूप में विचार लिखिए।
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखें। तथा विस्तार से लिखें।
3. पूर्व साम्यवादी देशों व भारत के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखें। तथा विस्तार से लिखें।
4.क्या आप मानते है कि दूसरी दुनिया के विघटना के बाद भारत को अपनी विदेश नीति बदलनी चाहिए तथा रूस जैसे परंपरागत मित्र की जगह अमेरिका से दोस्ती करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए?
उत्तर: भारत को अपने राष्ट्रीय व वैदेशिक हितों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका से भी सम्बन्ध मधुर करने चाहिए परन्तु उसका परंपरागत मित्र रूस, हमेशा उसकी अपेक्षाओं पर खरा उतरा है यह भी नहीं भूलना चाहिए। अतः पूर्णतः विदेश नीति न बदल कर विकास के लिए अमेरिका के साथ चलना चाहिए।
5. आपकी दृष्टि में सोवियत प्रणाली क्या एक आदर्श व्यवस्था थी या आप उसे असफल प्रणाली की संज्ञा देंगे। एक महाशक्ति के रूप में उभरने के बाद भी सोवियत व्यवस्था की कमियां क्या थीं?
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखें व विस्तार से लिखें।
6. ‘सोवियत संघ अब नहीं रहा, वह अब दफन हो चुका था’ इस कथन के संदर्भ में सोवियत संघ के विघटन के कारण लिखिए?
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखें।