मानव विकास-पुनरावृति नोट्स

                                                    CBSE Class 12 भूगोल भाग – 1

पाठ - 4 मानव विकास
पुनरावृति नोटस


पाठ एक नजर में

पाठ एक नजर में

महत्वपूर्ण बिंदु

  • वृद्धि और विकास:- वृद्धि और विकास दोनों का सम्बन्ध समय के अनुसार परिवर्तन से है। अन्तर केवल इतना ही है कि वृद्धि मात्रात्मक है और मूल्य सामान्य, इसके ऋणात्मक और धनात्मक संकेत मिलते हैं। विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है। जो सदैव धनात्मक रूप में परिलक्षित होगा।
  • मानव विकास के चार स्तम्भ: समानता, सतत् पोषणीयता, उत्पादकता तथा सशक्तीकरण है।
  • मानव विकास की माप: मानव विकास संकेत, श्रेणी स्वास्थ्य, श्खिक्षा और संसाधनों पर निर्भर करता है। ये श्रेणियां 0 से 1 के मध्य है। इनके आधार पर अन्तराष्ट्रीय तुलनायें करना आसान हो जाता है।
  • मानव विकास सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों तक पहुँच जैसे सूचकों के आधार पर देशों का क्रम तैयार करता है | यह क्रम 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है |
  • लोगों की जीवन की गुणवत्ता, अवसरों की उपलब्धता और स्वतंत्रताओं का उपयोग विकास के महत्वपूर्ण पक्ष है |
  • मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन डाॅ महबूब उल हक़ के द्वारा किया गया था |
  • नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अमर्त्य सेन के अनुसार विकास का मुख्य ध्येय चयन की स्वतंत्रताओं में वृद्धि करना है लोगों के जीवन में सकारात्मक सुधर लाना है और ऐसी दशाएँ उत्पन्न करना है कि लोग सार्थक जीवन जी सकें |
  • समता का आशय व्यक्तियों को उपलब्ध अवसरों के लिए सभी वर्गों के समान पहुँच की व्यवस्था करना है |
  • सतत पोषणीयता भावी पीढ़ियों के लिए संसाधनों की उपलब्धता व अवसरों की उपलब्धता में निरंतरता स्थापित करती है |
  • उत्पादकता का अर्थ लोगों की क्षमताओं व कार्य कुशलताओं में वृद्धि करना है | इसका संबंध मानव श्रम की उत्पादकता से है |
  • सशक्तीकारण का अर्थ समाज के पिछड़े वर्ग जैसी स्त्रियों, सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को सशक्त करने के लिए सुशासन एवं लोकोन्मुखी नीतियाँ बनाना है |
  • मानव विकास के उच्च स्तरों वाले देश सामाजिक सेक्टरों जैसे शिक्षा एवं स्वास्थ्य में अधिक निवेश करते हैं |
  • मानव विकास के निम्न स्तरों वाले देश सामजिक सेक्टरों जैसी शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के बजाए प्रति रक्षा पर अधिक व्यय करते हैं |
  • निम्न मानव विकास के लिए किसी धर्म या संस्कृति को दोष नहीं दिया जाना चाहिए |
  • विश्व में भूटान एक ऐसा देश है जिसने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता को देश की प्रगति का अधिकारिक माप घोषित किया है |