अंतर्राष्ट्रीय संगठन - पुनरावृति नोट्स

CBSE Class 12 राजनीति विज्ञान
पुनरावृति नोटस
पाठ-6 अंतर्राष्ट्रीय संगठन

स्मरणीय बिन्दु-
  1. संयुक्त राष्ट्र संघ-संयुक्त राष्ट्र संघ एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
  2. संयुक्त राष्ट्र को संयुक्त राष्ट्र संघ नाम अमरीका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी० रूजवेल्ट ने दिया था।
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को अमरीका, फ्रांस, चीन, सोवियत संघ, इंग्लैंड तथा बहुत से अन्य कुल देशों के हस्ताक्षर के बाद की गई थी।
  4. संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रधान कार्यालय न्यूयार्क में है।
  5. संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य अंग-महासभा, सुरक्षा परिषद, न्यास परिषद् सचिवालय, आर्थिक और सामाजिक परिषद्, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हैं |
  6. संयुक्त राष्ट्र संघ के 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं।
  7. अस्थायी सदस्य प्रत्येक दो वर्ष बाद चुने जाते हैं।
  8. सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्य हैं, जिन्हें वीटो शक्ति प्राप्त हैं।
  9. संयुक्त राष्ट्र की महासभा के सभी सदस्य राष्ट्र सदस्य होते हैं।
  10. अगस्त 1941-अमरीकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट और ब्रितानी प्रधानमंत्री चर्चिल द्वारा अटलांटिक चार्टर पर हस्ताक्षर किए गए।
  11. जनवरी 1942-धुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ रहे 26 मित्र-राष्ट्र अटलांटिक चार्टर के समर्थन में वाशिंगटन में मिले और दिसंबर 1943 में संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा पर हस्ताक्षर किए।
  12. जनवरी 1945-तीन बड़े नेताओं (रूजवेल्ट, चर्चिल और स्टालिन) ने याल्टा सम्मेलन में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय संगठन के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ का एक सम्मेलन करने का निर्णय किया।
  13. अप्रैल-मई 1945-सेन फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्रसंघ का अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने के मसले पर केंद्रित दो महीने लंबा सम्मेलन संपन्न।
  14. 26 जून, 1945-संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर पर 50 देशों के हस्ताक्षर। पोलैंड ने 15 अक्टूबर को हस्ताक्षर किए। इस तरह संयुक्त राष्ट्र संघ में 51 मूल संस्थापक सदस्य हैं।
  15. 24 अक्टूबर, 1945-संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई। 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
  16. 30 अक्टूबर, 1945-भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल हुआ।
  17. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद 24 अक्टूबर, 1945 को की गई थी।
  18. संयुक्त राष्ट्र संघ में अमरीका का खास प्रभाव है, क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में सबसें ज्यादा योगदान वालें देश हैं।
  19. संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य उदेश्य युद्धों को रोकना एवं विश्व शांति की स्थापना करना है।
  20. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष संयुक्त राष्ट्र संघ का एक महत्वपूर्ण अभिकरण हैं।
  21. शीतयुद्ध के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्थिति तनावपूर्ण बनी थी, लग रहा था, युद्ध कभी भी हो सकता है।
  22. शीतयुद्ध-शीतयुद्ध 'युद्ध' न होते हुए भी युद्ध की-सी पारिस्थितियों को बनाए रखने की कला है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमरीका और सोवियत संघ के मध्य शीतयुद्ध चलता रहा, 1945 से 1990 तक।
  23. वर्तमान में (2014) संयुक्त राष्ट्र संघ की कुल सदस्य संख्या 193 है।
  24. संयुक्त राष्ट्र संघ के पाँच स्थायी सदस्य हैं-संयुक्त राज्य अमरीका, रूस (भूतपूर्व सोवियत संघ) ब्रिटेन, फ्रांस तथा चीन।
  25. एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International)- यह एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए कार्य करता है |
  26. सूडान संयुक्त राष्ट्र संघ का नया सदस्य है जो 14 जुलाई, 2011 को शामिल हुआ |
  • क्षेत्र की समस्या के हल के लिये क्षेत्रीय संगठनों की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार विभिन्न देशों के मध्य समस्या समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता होती है।
  • संसार को युद्धों के विनाश से बचाने तथा विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता महसूस की गई थी।
  • प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात ‘लीग ऑफ नेशंस’ की स्थापना की गई परन्तु यह दूसरे विश्व युद्ध को (1939-45) रोक पाने में असफल रहा।
  • उत्तराधिकारी के रूप में 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। 51 देशों ने इसके घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये।
  • 2006 तक इसकी सदस्य संख्या 192 थी। (2011 तक 193)
  • इसका सबसे सार्वजनिक चेहरा, उसका प्रधान प्रतिनिधि महासचिव होता है वर्तमान महासचिव का नाम बान की मून है जो दक्षिण कोरिया के हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता-
  1. अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण हल।
  2. युद्धों की रोकथाम में सहायक।
  3. विश्व के आर्थिक विकास में सहायक।
  4. प्राकृतिक आपदा, महामारी से निपटना।
  5. अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को बढावा देना।
  6. वैश्विक तापवृद्धि से निपटना।
प्रथम विश्व युद्ध के बाद युद्ध रोकने के लिए बनी संस्था राष्ट्रसंघ (लीग-आफ-नेशन्स) के असफल होने के कारण एवं 1939 से 1945 तक चले द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात अन्तरांगाष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा स्थापित करने के लिए पुनः एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता महसूस की गई। अतः 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ UNO की स्थापना की गई। स्थापना के समय संयुक्त राष्ट्र संघ में 51 सदस्य थे, भारत भी इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल था। मई 2013 तक इसके सदस्यों की संख्या 193 हो गयी है। 193वाँ सदस्य दक्षिणी सूडान है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग है:-
  1. महासभा
  2. सुरक्षा परिषद्
  3. सचिवालय
  4. आर्थिक व सामाजिक परिषद्
  5. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय
  6. न्यासिता परिषद् - इन सभी के सहायक (इसका कार्य सन् 1994 सामाजिक परिषद् से समाप्त कर दिया गया है)
अंगो की नामसदस्य संख्यामुख्यालयउद्देश्य
सुरक्षा परिषद्5 स्थायी + 10 अस्थायीन्यूयार्कशांति एवं सुरक्षा कायम रखना। सैन्य कार्यवाही करना।
महासभा193न्यूयार्कसदस्य प्रवेश व निलम्बन एवं बजट पारित करना।
ट्रस्टीशिप काउंसिल14न्यूयार्कविशेष क्षेत्रों की स्रामाजिक, आर्थिक उन्नति 1994 में पलाऊ के स्वतंत्र होने पर स्थगित।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय15 न्यायाधीशलेगदेशों के पारस्परिक विवाद आपसी झगड़े क्षेत्रीय व सीमा विवाद पर विचार।
सचिवालयमहासचिव + अन्य कर्मचारीन्यूयार्कसंयुक्त राष्ट्र के नित्य कार्यों का संचालन।
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद्57न्यूयार्कआर्थिक, सामाजिक, शिक्षा स्वास्थ्य पर विचार कर महासभा को रिपोर्ट भेजेगा।
  • इसका सबसे शक्तिशाली अंग सुरक्षा परिषद् है इससे कुल 15 सदस्य है इसमें पांच स्थायी सदस्य (अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन) तथा दस अस्थायी सदस्य है जो दो वर्षों की अवधि के लिए चुने जाते है। स्थायी सदस्यों को वीटो (निषेधाधिकार) की शक्ति प्राप्त है।
  • शीत युद्ध के बाद से ही संयुक्त राष्ट्र में इसके ढाँचे एवं कार्य करने की प्रक्रिया दोनों में सुधार की मांग जोर पकड़ने लगी। सुरक्षा परिषद् में स्थायी व अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर बल दिया गया। इसके अतिरिक्त गरीबी, भुखमरी, बीमारी, आतंकवाद पर्यावरण मसले एवं मानवाधिकार आदि मुद्दो पर संयुक्त राष्ट्र की भमिका को ओर अधिक सक्रिय बनाने पर बल दिया गया।
  • महासचिव संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रतिनिधि होता है। वर्तमान महासचिव का नाम एंटोनियो गुटेरेस (पुर्तगाल) है।
  • भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रमों में अपना योगदान लगातार देता रहा है। चाहे वह शांति सुरक्षा का विषय हो, नि:शस्त्रीकरण हो, दक्षिण कोरिया संकट हो, स्वेज नहर का मामला हो या इराक का कुवैत पर आक्रमण हो। इसके अतिरिक्त, मानवाधिकारों की रक्षा, उपनिवेशवाद व रंगभेद का विरोध तथा शैक्षणिक आर्थिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भारत की भूमिका बनी रहती है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत का पक्ष।
    • आबादी के दृष्टिकोण से बड़ा राष्ट्र।
    • स्थिर लोकतत्र व मानवाधिकारों के प्रति निष्ठा।
    • उभरती हुई आर्थिक ताकत।
    • संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में लगातार योगदान।
    • शांति बहाली में भारत का योगदान।
संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंसियाँ
  1. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ शैक्षिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ बालकोष (UNICEF)
  4. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDEP)
  5. संयुक्त राष्ट्रसंघ मानवाधिकार आयोग (UNHRC)
  6. संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR)
  7. संयुक्त राष्ट्रसंघ व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD)
संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य एवं सिद्धान्त-
  1. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को बनाये रखना।
  2. राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधी को बढ़ाना।
  3. आपसी सहयोग द्वारा आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा मानवीय ढंग की अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को हल करना।
  4. अंतर्राष्ट्रीय संधियों एवं अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को सम्मानपूर्वक लागू करवाना।
  5. राष्ट्रों की प्रादेशिक अखंडता और राजनीति स्वतंत्रता का आदर करना।
संयुक्त राष्ट्र संघ को एक ध्रुवीय विश्व में अधिक प्रासंगिक बनाने के उपाय।
  1. शति संस्थापक आयोग का गठन।
  2. मानवाधिकार परिषद की स्थापना।
  3. सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य को प्राप्त करने पर सहमति।
  4. एक लोकतंत्र कोष का गठन।
  5. आतंकवाद के सभी रूपों की भत्सना।
  6. न्यासिता परिषद की समाप्ति।
  • आज एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था में जब अमेरिका का वर्चस्व पूरे विश्व पर हो चुका है तो ऐसे में संयुक्त राष्ट्र संघ भी अमेरिकी ताकत पर पूर्णरूप से अंकुश नहीं लगा सकता, क्योंकि अमेरिका का इसके बजट में योगदान अधिक है, इसके अतिरिक्त इसका मुख्यालय भी अमेरिकी भू-क्षेत्र पर स्थित है। परन्तु इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्रसंघ वो मंच है जहाँ अमेरिका से शेष विश्व के देश वातां करके उसपर नियंत्रण रखने का प्रयास कर सकते है।
अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ व गैर सरकारी संगठन :-
संयुक्त राष्ट्र संघ के अतिरिक्त कई अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएँ एवं गैर सरकारी संगठन है जो निरन्तर अपने उद्देश्यों को पूर्ण करने में लगे है जैसे :-
  1. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) . वैश्विक स्तर पर वित्त व्यवस्था की देख-रेख एवं वित्तीय तथा तकनीकी सहायता मुहैया कराना।
  2. विश्व बैंक (WB) - मानवीय विकास (शिक्षा, स्वास्थ्य) कृषि और ग्रामीण विकास, पर्यावरण सुरक्षा, आधारभूत ढाँचा तथा सुशासन के लिए काम करता है।
  3. विश्व व्यापार संगठन (WTO) - यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन वैश्विक व्यापार के नियमों को तय करता है।
  4. अंतर्राष्ट्रीय आण्विक उजां एजेन्सी (IAEA) - यह संगठन परमाण्विक उजा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और सैन्य उद्देश्यों में इसके इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करता है।
  5. एमनेस्टी इंटरनेशनल :- यह एक स्वयंसेवी संगठन है। यह पूरे विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाता है।
  6. हयूमन राइटस वॉच : यह स्वयंसेवी संगठन भी मानवाधिकारों की वकालत ह।
  7. अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास सोसायटी :- यह सोसायटी युद्र और आतरिक हिंसा के सभी पीड़ितों की सहायता तथा सशस्त्र हिंसा पर रोक लगाने वाले नियमों को लागू करने का प्रयास करता है।
  8. ग्रीनपीस- 1971 के स्थापित ग्रीन पीस फाउण्डेशन विश्व समुदाय को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु कानून बनाने के लिए दबाव डालने का कार्य करती  है।
  • हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ में थोड़ी कमियाँ अवश्य है, लेकिन बिना इसके दुनिया और बदहाल होगी। संयुक्त राष्ट्र संघ एवं उपरोक्त वर्णित सभी है। जिसससे की संस्थाओं की उत्तरदायित्वता भी बढ़ती जा रही है। इसलिए आने वाली सरकारों को संयुक्त राष्ट्र एवं इन अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के समर्थन एवं उपयोग के तरीके तलाशने होगें।
  • संयुक्त राष्ट्रसंघ ने 1948 से लेकर अब तक अनेकों शांति स्थापना अभियानों में सफलता प्राप्त की।
  • इसकी अनेक अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाऐं भी है जो अपने उद्देश्यों को पूरा करने में लगी हैं। इस प्रकार है।
  • विश्व बैंक - मानव विकास, ग्रामीण विकास, पर्यावरण सुरक्षा आदि।
  • अन्तर्राष्ट्रीय आणिव्क ऊर्जा एजेन्सी - परमाणु प्रौद्योगिकी का शान्तिपूर्ण उपयोग।
  • अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष - वैश्विक वित्त व्यवस्था की देखरेख।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल - मानवाधिकारों की रक्षा।
  • रेडक्रास सोसायटी - ग्रीन पीस आदि।
  • 1965 में सुरक्षा परिषद् के अस्थाई सदस्यों की संख्या 11 से बढ़ा कर 15 कर दी गई।
  • अन्तर्राष्ट्रीय पहल पर राष्ट्रसंघ में सुधारों व बदलावों की मांग उठती रही है।
  • ब्राजील, जर्मनी, जापान तथा भारत भी सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य बनने की होड़ में शामिल है|
  • एक ध्रुवीय विश्व में यूएन को प्रासंगिक बनाये रखने की विभिन्न प्रयास किए गए जैसे:-
  • शांति संस्थापक आयोग का गठन।
  • सहस्राब्दि विकास लक्ष्य
  • एक लोकतन्त्र कोष का गठन आदि।