वायुमंडल का संघटन तथा संरचना-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                                 CBSE कक्षा 11 भूगोल

(भाग-क) पाठ वायुमण्डल का संघटन एवं संरचना
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अति लघुतरात्मक प्रश्न (1 अंक वाले)

  1. कौन सी गैस हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैगनी विकिरण से बचाती है?
    उत्तर- ओजोन गैस।
  2. वायुमण्डल की कौनसी परत मानव जीवन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है?
    उत्तर- क्षोभमण्डल
  3. वायुमण्डल की कौन सी गैस जीवन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है?
    उत्तर- आक्सीजन
  4. तापमान की सामान्य ह्रास दर किसे कहते है?
    उत्तर- क्षोभमण्डल में 165 मीटर की ऊंचाई पर एक डिग्री सेल्सियस तापमान गिर जाता है। इसे तापमान की सामान्य हास्रदर कहते है।
  5. आयनमंडल मानव के लिए किस तरह उपयोगी है ?
    उत्तर-
     इस मंडल में विद्युत आवेषित आयन कण पाये जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी से भेजी गई रेडियो तरंगों को हम पुनः प्राप्त कर पाते हैं और यहाँ दूर संचार प्रणाली संभव हो पाती है।
  6. वायुमंडल में उपस्थित वह कौन सी गैसें हैं, जो रासायनिक प्रक्रिया में भाग नही लेती है?
    उत्तर-
     (i) क्रिप्टोन (ii) निओन (iii) आर्गन
  7. जलवायु के दो प्रमुख तत्वों के नाम बताहए?
    उत्तर- तापमान एवं वर्षा।
  8. ऑक्सीजन एवं कार्बन डाईऑक्साइड गैसें वायुमंडल में कितनी ऊचाँई तक पाई जाती हैं?
    उत्तर-
     कार्बन डाईऑक्साइड 90 कि.मी की ऊँचाई तक और ऑक्सीजन लगभग 120 कि. मी. की ऊँचाई तक पाई जाती है।
  9. वायु यातायात के लिये वायुमंडल की कौन सी परत सर्वाधिक उपयुक्त है?
    उत्तर-
     समताप मंडल
  10. कौन सी गैस सौर विकिरण को पृथ्वी की सतह तक तो आने देती है किन्तु पार्थिव विकिरण को रोक लेती है।
    उत्तर-
     कार्बन डाईऑक्साइड।
  11. वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में उपस्थित दो गैसें कौन सी हैं उनकी मात्रा प्रतिशत भी लिखिये।
    उत्तर-
     
    1. नाइट्रोजन (N)=78.8%
    2. ऑक्सीजन (O) = 20.95%
  12. क्षोभ सीमा में हवा का तापमान कितना होता है ?
    उत्तर-
     विषुवत वृत्त के ऊपर - 80° सेल्सियस तथा
    ध्रुवों के ऊपर -45° सेल्सियस
  13. आयन किसे कहते है?
    उत्तर- आयनमण्डल में उपस्थित गैस के कण विद्युत-आवेशित होते है। ऐसे विद्युत आवेशयुक्त कणों को आयन कहते है।


CBSE कक्षा 11 भूगोल
(भाग-क) 
पाठ वायुमण्डल का संघटन एवं संरचना
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


लघुत्तरात्मक प्रश्न (3 अंक वाले)

  1. वायुमण्डल में ऑक्सीजननाइट्रोजन तथा कार्बनडाइऑक्साइड का क्या महत्व है?
    उत्तर- वायुमण्डल में अनेक महत्वपूर्ण गैसे पाई जाती है। जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन कार्बनडाइआक्साइड आदि।
    1. आक्सीजन- यह जीवनदायिनी गैस मानी गई है क्योंकि इसके बिना हम साँस नही ले सकते। अन्य पदार्थो के साथ मिलकर यह जलने का कार्य करती है।
    2. नाइट्रोजन- वायुमण्डल में नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण ही वायुदाब, पवनों की शक्ति तथा परावर्तन का आभास होता है। नाइट्रोजन से पेड़-पौधो में प्रोटीन का निर्माण होता है जो भोजन का मुख्य अंग है।
    3. कार्बन डाइ-आक्साइड- यह सबसे भारी गैस है और इस कारण यह सबसे निचली परत में ही मिलती है। यह गैस पेड़-पौधो के लिए आवश्यक है। यह एक ग्रीन हाऊस गैस है।
  2. क्षोभमंडल को जीवनदायनी परत क्यों कहा जाता है ?
    उत्तर-
     क्षोभमंडल को जीवनदायनी परत इसलिए समझा जाता है, क्योंकि जीवित रहने के लिए समस्त अनुकूल दशाएं इस परत में होती हैं इसके अलावा वायु का चलना, वर्षा का होना, बिजली चमकना व बादलों का बनना आदि मौसम संबंधी समस्त घटनाएं इसी परत में होती हैं।
  3. वायुमण्डल में धूल के कणों का क्या महत्व है?
    उत्तर- वायुमण्डल में वायु की गति के कारण सूक्ष्म धूल के कण उड़ते रहते है। ये धूल के कण विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त होते है। इनमें सूक्ष्म मिट्टी, धूल, समुद्री नमक, धुँए की कालिख राख तथा उल्कापात के कण सम्मिलित है। ये धूल कण हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी होते है। इनमें अधिकांश आर्द्रताग्राही केन्द्र बन जाते है जिन पर वायुमण्डलीय जलवाष्प का संघनन होता है। इस प्रक्रिया से बादल बनते है और वर्षा होती है। धूल-कण सूर्यातप को रोकने तथा उसे परावर्तित करने का कार्य भी करते है। ये सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय आकाश में लाल तथा नारंगी रंग की छटाओं का निर्माण करते है।
  4. क्षोभमण्डल को वायुमण्डल की सबसे महत्वपूर्ण परत क्यो माना जाता है?
    उत्तर- क्षोभमण्डल वायुमण्डल की सबसे निचली परत हैं। इसकी औसत ऊँचाई 13 किलोमीटर हैं। इसकी ऊँचाई भूमध्य रेखा पर 18 किलोमीटर तथा ध्रुवों पर 8 किलोमीटर है, भूमध्य रेखा पर क्षोभमण्डल की ऊँचाई अधिक होने का कारण वहाँ पर चलने वाली संवहन धाराएं है जो ऊष्मा को पर्याप्त ऊँचाई तक ले जाती है। यही कारण है कि किसी भी अक्षांश पर क्षोभमण्डल की ऊंचाई शीत ऋतु की अपेक्षा ग्रीष्म ऋतु में अधिक होती है इसे संवहन क्षेत्र भी कहते है। क्षोभमण्डल की निम्नलिखित विशेषताएं है।
    1. क्षोभमण्डल में मौसम सम्बन्धी सभी घटनाएं जैसे बादल बनना, वर्षा, संघनन आदि घटित होती है।
    2. यह परत सबसे संघन परत है।
    3. इसी परत में धूल-कण तथा जलवाष्प सबसे अधिक मात्र में होते हैं।
  5. मौसम तथा जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
    उत्तर- मौसम- तापमान, वर्षा, वायुदाब, आर्द्रता, वायु की दिशा व गति आदि तत्वों को औसत छोटी समय अवधि तथा छोटे क्षेत्र के लिए ज्ञात करना मौसम कहलाता है।
    जलवायु- मौसम के तत्वों का औसत लम्बी समय अवधि तथा बड़े क्षेत्र के लिए ज्ञात करना जलवायु कहलाता है।
  6. एयरोसोल्स से क्या तात्पर्य है ?
    उत्तर-
     वायुमंडल में जल कण, कार्बन डाईआॅक्साइड, ओजोन, जेनाॅन, क्रिप्टाॅन, निओन, आर्गन तथा बड़े ठोस कण मिलकर एयरसोल्स कहलाते है |
  7. वायुमंडल के संघटन की संक्षेप में व्याख्या करें ?
    उत्तर-
     वायुमंडल मुख्यतः गैसों, जलवाष्प एंव धूलकणों से बना है।
    गैसें :- वायुमंडल की गैसों का अधिकांश भाग नाइट्रोजन (78.8%) एवं ऑक्सीजन (20.95%) से युक्त है। इसके अतिरिक्त मुख्य गैसें कार्बन डाई आक्साइड, आर्गन एंव ओजोन आदि हैं। सभी गैसों का महत्व है। ये गैसें जिस निश्चित अनुपात में है वह बना रहना चाहिये।
    जलवाष्प :- वायुमंडल में जलवाष्प की मात्रा जलवायु पर निर्भर करती है। जलवाष्प सूर्यातप का कुछ भाग सोख लेती है और पृथ्वी से उत्सर्जित ताप को भी ग्रहण करती है। इस तरह यह पृथ्वी को अधिक गर्म एंव अधिक ठंडा होने से बचाती है।
    धूलकण :- धूलकण आद्रता को ग्रहण करने के लिये केन्द्रक का कार्य करते हैं और मेघों के निर्माण में सहायक होते हैं। 


CBSE कक्षा 11 भूगोल
(भाग-क) 
पाठ वायुमण्डल का संघटन एवं संरचना
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (5 अंक वाले)

  1. वायुमण्डल की महत्वपूर्ण गैसों का वर्णन कीजिए?
    उत्तर- वायुमण्डल कई गैसों का मिश्रण है। गैसों के अतिरिक्त वायुमण्डल में जलवाष्प तथा धूल के कण भी उपस्थित है। कुछ महत्वपूर्ण गैसों का वितरण निम्न प्रकार है:-
    1. नाइट्रोजन: इस गैस की प्रतिशत मात्र सबसे अधिक 78.08 प्रतिशत है। यह वायुमण्डल की महत्वपूर्ण गैसों में से एक है। नाइट्रोजन से पेड़-पौधों मे प्रोटीनों का निर्माण होता है जो भोजन का मुख्य अंग है।
    2. ऑक्सीजन- ऑक्सीजन गैस जीवनदायिनी मानी गई है क्योंकि इसके बिना हम सांस नही ले सकते। वायुमण्डल में ऑक्सीजन की मात्र 20.94 प्रतिशत है। ऑक्सीजन के अभाव में हम ईधन नही जला सकते है।
    3. कार्बन डाई-आक्साइड गैस- यह सबसे भारी गैस है और इस कारण यह सबसे निचली परत मे ही मिलती है वायुमण्डल में केवल 0.03 प्रतिशत होते हुए भी कार्बनडाई ऑक्साइड महत्वपूर्ण गैसं है क्योंकि यह पेड़-पौधो के लिए आवश्यक है।
    4. ओजोन गैस: यह वायुमण्डल में अधिक ऊंचाइयो पर ही अति न्यून मात्र में मिलती है। यह सूर्य से आने वाली तेज पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करती है।
  2. वायुमण्डल की संरचना का वर्णन चित्र सहित कीजिए?
    उत्तर- तापमान तथा वायुदाब के आधार पर वायुमण्डल को पांच प्रमुख परतों में बांटा जाता है। रासायनिक संघटन के आधार पर वायुमण्डल दो विस्तृत परतों होमोस्फेयर तथा हैट्रोस्फेयर में विभक्त है।
    1. क्षोभमण्डल- यह वायुमण्डल की सबसे निचली परत है। इसकी औसत ऊचाई 13 किलोमीटर है। इसकी ऊँचाई भूमध्य रेखा पर 18 किलोमीटर तथा ध्रुवो पर 8 किलोमीटर है। ऋतु तथा मौसम से सम्बन्धी सभी घटनाएं इसी परत मानव के लिए उपयोगी है।
    2. समतापमण्डल- यह परत 50 किलोमीटर तक विस्तृत है। इसके निचले भाग में 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक तापमान में कोई परिवर्तन नहीं आता इसीलिए इसे समतापमण्डल कहते है। इसके ऊपर 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक तापमान मे वृद्धि होती है। इस परत के निचले भाग में ओजोन गैस उपस्थित है जो सूर्य से भाने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करती है।
    3. मध्यमंडल- इस परत का विस्तार 50 से 90 किलोमीटर की ऊँचाई तक है। इस परत में ऊंचाई के साथ तापमान मे गिरावट आती है।
    4. आयनमंडल- इस परत का विस्तार 100 किलोमीटर से 400 किलोमीटर तक है यहाँ पर उपस्थित गैस के कण विद्युत -आवेशित होते है इन्हें आयन कहते है। आयनमण्डल पृथ्वी से प्रेषित रेडियो तरंगो को परावर्तित करके पृथ्वी पर वापस भेज देता है।
    5. बाह्यमंडल- आयनमण्डल के ऊपर वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत है जिसे बाह्यमण्डल कहते है। इस परत में वायु बहुत ही विरल है और धीरे-धीरे बाह्य अन्तरिक्ष में विलीन हो जाती है।
  3. मौसम तथा जलवायु के प्रमुख तत्व तथा प्रमुख जलवायु नियंत्रकों का वर्णन करो |
    उत्तर-
     मौसम तथा जलवायु के प्रमुख तत्व हैं-
    (1) तापमान (Temperature)
    (2) दाब तथा पवन (Pressure and Wind)
    (3) आर्द्रता तथा वर्षण (Moisture and Precipitation)
    जलवायु के तत्व स्थान-स्थान पर भिन्न-भिन्न होते हैं। इन्हें जलवायु नियंत्रक प्रभावित करते हैं। ये जलवायु नियंत्रक जलवायु नियंत्रक निम्नलिखित है-
    1. अक्षांश अथवा सूर्य )
    2. स्थल तथा जल का वितरण
    3. उच्च तथा निम्न वायुदाब पेटी
    4. पवन
    5. ऊँचाई
    6. पर्वतीय बाधा
    7. महासागरीय जल धाराएँ
    8. अन्य विभिन्न प्रकार के तूफान
  4. पृथ्वी के धरातल पर तापमान के वितरण को प्रभावित करने वाले कारको का वर्णन कीजिए?
    उत्तर- उष्मा किसी पदार्थ कणों के अणुओं की गति को दर्शाती है, वही तापमान किसी पदार्थ या स्थान के गर्म या ठण्डा होने या डिग्री में माप है। किसी भी स्थान पर वायु का तापमान निम्नलिखित कारकों द्वारा प्रभावित होता है-
    1. अंक्षाश- किसी भी स्थान या तापमान उस स्थान द्वारा प्राप्त सूर्यातप पर निर्भर करता है। सूर्यातप की मात्र में अक्षांश के अनुसार भिन्नता पाई जाती है |
    2. उतुगता या ऊंचाई- वायुमण्डल पार्थिव विकिरण द्वारा नीचे की परतों में पहले गर्म होता है। यही कारण है कि समुद्र तल के पास के स्थानों पर तापमान अधिक तथा ऊंचे भाग में स्थित स्थानों पर तापमान कम होता है।
    3. समुद्र से दूरी- किसी भी स्थान के तापमान को प्रभावित करने वाला दूसरा कारक समुद्र से उस स्थान की दूरी है। स्थल की अपेक्षा समुद्र धीरे-धीरे गर्म और धीरे-धीरे ठण्डा होता है। समुद्र के निकट स्थित क्षेत्रें पर समुद्र एवं स्थली समीर का सामान्य प्रभाव पड़ता है।
    4. वायुसंहति या वायुराशि तथा महासागरीय धाराएं- वायुराशि भी तापमान को प्रभावित करती है। कोष्ण वायु संहतियों से प्रभावित होने वाले स्थानों का तापमान अधिक तथा वायु संहतियों से प्रभावित स्थानों का तापमान कम होता है। इसी प्रकार महासागरीय धाराओं का प्रभाव तापमान पर पड़ता है।