राजनीतिक सिद्धांत एक परिचय - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

सीबीएसई कक्षा - 11 राजनीति विज्ञान
एनसीईआरटी प्रश्नोत्तर
पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धान्त-एक परिचय

1. राजनीतिक सिद्धांत के बारे में नीचे लिखे कौन-से कथन सही हैं और कौन-से गलत?
  1. राजनीतिक सिद्धांत उन विचारों पर चर्चा करते हैं जिनके आधार पर राजनीतिक संस्थाएँ बनती हैं।
  2. राजनीतिक सिद्धांत विभिन्न धर्मों के अंतर्संबंधों की व्याख्या करते हैं।
  3. ये समानता और स्वतंत्रता जैसी अवधारणाओं के अर्थ की व्याख्या करते हैं।
  4. ये राजनीतिक दलों के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करते हैं।
उत्तर-
  1. सही
  2. गलत
  3. सही
  4. गलत

2. 'राजनीति उस सबसे बढ़कर है, जो राजनेता करते हैं।' क्या आप इस कथन से सहमत हैं? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर- वर्तमान समय की राजनीति को देखते हुए यह पूर्णत सही कथन लगता है ,इस संदर्भ में असहमति का कोई कारण ही नहीं बनता है। वास्तव रूप में राजनीति उन सबसे बढ़कर है, जो राजनेता करते हैं। वर्तमान राजनेताओं का विचार लोगो की विकासशीलतान से बिलकुल भिन्न माना जाने लगा है। हाँ, वे स्वयं को जनसेवक कहते ज़रूर सुने-देखे जा सकते हैं। वास्तविकता तो यह है कि ये राजनेता अपने स्वार्थ के लिए कभी दल-बदल करते हैं, तो कभी बढ़-चढ़कर दावे करते हैं, तो कभी विभिन्न तबकों से जोड़तोड़ करते हैं। लेकिन वे काम कभी नहीं करते जिससे आम जनता को लाभ मिले। यही कारण है कि कुछ लोग राजनीति का संबंध किसी भी तरीके से निजी स्वार्थ साधने के धंधे से जोड़ देते हैं।
वास्तव में राजनीति इन सबसे बढ़कर है। राजनीति किसी भी समाज का आवश्यक तथा अभिन्न अंग है। यह सरकार के क्रियाकलापों के अलावा अनेक प्रकार की संस्थाओं से भी संबंधित है। परिवार, जनजाति तथा आर्थिक संस्थाओं से भी संबंधित है। परिवार, जनजाति और की ज़रूरतों आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायता करने के लिए अस्तित्व में हैं। ऐसी संस्थाएँ हमें साथ रहने के उपाय खोजने और एक-दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों को स्वीकार करने में मदद करती हैं। इनसंस्थाओं के साथ सरकारें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सरकारें कैसे बनती हैं और कार्य कैसे करती हैं, राजनीति में दर्शाने वाली अहम् बातें हैं।
राजनीति सरकार के क्रियाकलापों तक ही सीमित नहीं है। सरकारें जो भी काम करती हैं, वे लोगों के जीवन को भिन्न-भिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं। इसलिए हम सरकार के कामों में खूब दिलचस्पी लेते हैं। हम सरकार की कुछ नीतियों का स्वागत करते हैं, तो कुछ नीतियों का बहिष्कार। हम वाद-विवाद और विचार-विमर्श भी करते हैं। भ्रष्टाचार जैसी समस्या के समाधान का उपाय भी सोचते हैं। इस प्रकार हम राजनीति में संलग्न रहते हैं।

3. लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए नागरिकों का जागरूक होना ज़रूरी है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए नागरिकों का जागरूक होना ज़रूरी है।लोकतंत्र की सफलता की पहली शर्त ही नागरिकों की जागरूकता मानी जाती है । एक जागरूक तथा सजग नागरिक ही स्वतंत्रता, समानता, न्याय, धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों को महत्ता जानता है तथा उन्हें अपने जीवन में उतारता है। अगर वह अपने अधिकारों के लिए लड़ता है तो अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहता है। ऐसे नागरिकों की छत्रछाया में लोकतंत्र फलता-फूलता है।
नागरिकों को जागरूकता न होने का मतलब है-लोकतंत्र का सत्यानाश, क्योंकि तब सरकार इस स्थिति का फायदा उठाकर स्वेच्छाचारी बन सकती है तथा अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए लोगो के विकास मार्ग से भटक सकते है। सरकार का स्वेच्छाचारी बनना अर्थात् तानाशाही का जन्म। कहने की आवश्यकता नहीं कि तानाशाही के अस्तित्व में आते ही लोकतंत्र विलुप्त हो जाता है।
सजग नागरिक सरकार के कामों में दिलचस्पी लेते हैं। सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हैं, तो सही नीतियों का स्वागत। वे भ्रष्टाचार जैसी समस्या का समाधान भी ढूँढ़ते हैं और ज़रूरत पड़ने पर अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार तक अपनी बात भी पहुँचाते हैं। ये सारी बातें लोकतंत्र को मज़बूत बनाती हैं।

4. राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन हमारे लिए किन रूपों में उपयोगी है? ऐसे चार तरीकों की पहचान करें जिनमें राजनीतिक सिद्धांत हमारे लिए उपयोगी हों?
उत्तर- राजनीतिक सिद्धांत में, राजनीति के क्षेत्र विषयो का अध्ययन किया जाता है। राजनीतिक सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के सामने आने वाली सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का समाधान ढूँढ़ना है। यह नागरिको के सामने आने वाली मुश्किलों का ज्ञान करता है तथा उनके समाधान के लिए सुझाव देता हैं, ताकि वह अपना जीवन भली-भाँति जी सके। इस नाते राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन आवश्यक ही जाता हैं।
राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन कई रूपों में हमारे लिए उपयोगी हो सकता है जिनमें से चार तरीके नीचे दिए जा रहे हैं-
  1. राजनीति सिद्धांत का अध्ययन सभी नागरिको के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है। छात्र के रूप में वे भविष्य में अध्यापक, जज, वकील, राजनेता, नौकरशाह, पत्रकार जैसे पेशों में से किसी एक को चुन सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
  2. राजनीतिक सिद्धांत हमें राजनीतिक चीजों के बारे में अपने विचारों तथा भावनाओं के परीक्षण के लिए प्रोत्साहन प्रदान करता है। ज़्याद सतर्कता से देखने पर हम अपने विचारों और भावनाओं में उदार हो जाते हैं। हम सम्मान के लिए संघर्षरत अपने नौकरों और नौकरानियों के उत्पीड़न से इनकार करने लगते हैं।
  3. राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन हमें राजनीति के क्षेत्र में बहस और भाषण प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने योग्य बनाता है। जब हम दूसरे से बहस करते हैं, तभी हम अपने विचारों का बचाव करने की ज़रूरत महसूस करते हैं और इसके लिए तर्क और युक्तियाँ ढूंढ़ते हैं। राजनीतिक सिद्धांत हमें न्याय या समानता के बारे में सुव्यवस्थित सोच से अवगत कराते हैं, ताकि हम हित में सुविज्ञ तरीके से तर्क-वितर्क कर सकें।
  4. राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन के द्वारा कर हम तर्कशील तथा जानकार बनते हैं। दायित्वपूर्ण कार्य निर्वहन की क्षमता हमारे अंदर आती है। हमारी विचारशीलता तथा परिपक्वता हमें इस लायक बनाती है कि हम अपने साझा हितों को गढ़ने और व्यक्त करने के लिए नए माध्यमों का उपयोग कर सकने में सफल हो जाते हैं।

5. क्या एक अच्छा/प्रभावपूर्ण तर्क औरों को आपकी बात सुनने के लिए बाध्य कर सकता है?
उत्तर- निस्संदेह एक अच्छा/प्रभावपूर्ण तर्क औरों को आपकी बात सुनने के लिए बाध्य कर सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है। अच्छा वाचन एक बहुत बड़ी कला माना जाता है। अगर आप अच्छा वक्ता होने के साथ ही किसी बात को प्रभावपूर्ण तर्क से साबित करने का दम रखते हैं, तो लोग आपकी तरफ सहज भाव से खींचे चले आते हैं। आपकी यह कला बहुत जल्दी बहुतों को आपका प्रशंसक बना देती है।

6. क्या राजनीतिक सिद्धांत पढ़ना, गणित पढ़ने के समान है? अपने उत्तर के पक्ष में कारण दीजिए।
उत्तर- मेरी राय में, राजनीतिक सिद्धांत पढ़ना गणित पढ़ने के समान ही है। ज्ञातव्य है कि हम सभी गणित पढ़ते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हममें से सभी गणितज्ञ या इंजीनियर बन जाते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि बुनियादी अंकगणित हर व्यक्ति के जीवन में जरूरी सिद्ध होता है। हम सभी हर रोज किसी न किसी काम से जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि करते हैं। बिलकुल इसी प्रकार राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन की भी ज़रूरत है। लेकिन इसका अध्ययन करने वाला हर एक व्यक्ति राजनीतिक विचारक या दार्शनिक नहीं बन सकता, न ही राजनेता बनता है। फिर भी इसके अध्ययन की है, क्योंकि तभी हम शोषण से अपने को बचा सकेंगे,जरूरी वास्तविक स्वतंत्रता का उपभोग कर सकेंगे, दूसरों की स्वतंत्रता का सम्मान कर सकेंगे। अत: परोक्ष रूप से राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन सभी के लिए प्रासंगिक है।