दुष्यंत कुमार - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 CBSE कक्षा 11 हिन्दी (केन्द्रिक)

खण्ड ग
काव्यांश पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
साये में धूप (गज़ल)-दुश्यंत कुमार


कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए,
कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।
यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है,
चलो यहाँ से चलें और उम्र भर के लिए।

  1. आज़ादी प्राप्त कर लेने के बाद क्या तय हुआ था?
    उत्तर- आज़ादी प्राप्त कर लेने के बाद यह तय हुआ था कि प्रत्येक घर को रोशनी देने के लिए सुख-सुविधा रूपी चिराग निश्चित रूप से प्रदान किए जाएँगे।
  2. कवि आज की कौन-सी स्थिति बताना चाहता है?
    उत्तर- कवि कहना चाहता है कि आज तो स्थिति यह बन गई है कि घर तो क्या, पूरे शहर को रोशनी देने के लिए एक भी दीपक नहीं है।
  3. कवि के अनुसार वृक्षों को किस लिए लगाया जाता है?
    उत्तर- कवि के अनुसार वृक्षों को इसलिए लगाया जाता है ताकि हमें धूप न लग सके, किन्तु दुर्भाग्यवश आज़ादी प्राप्ति के पश्चात भी सुख-सुकून प्राप्त नहीं हो पा रहा है।
  4. कवि ने किस पर कटाक्ष किया है और क्यों?
    उत्तर- कवि ने शासन व्यवस्था से जुड़े हुए लोगों पर कटाक्ष किया है, क्योंकि देशवासियों की सुख-सुविधा का दायित्व शासक वर्ग का होता है।