अंतराल - अंडे के छिलके - पुनरावृति नोट्स

 CBSE कक्षा 11 हिंदी (ऐच्छिक)

अन्तराल भाग-1
पाठ-1 अंडे के छिलके
पुनरावृत्ति नोट्स


विधा- एकांकी
(एकांकी नाटक में केवल एक अंक होता है। इस अंक को कई दृश्यों में बाँटा जा सकता है। एकांकी नाटक में जीवन की कोई एक घटना, एक परिस्थिति, एक समस्या एक कोई एक प्रसंग प्रस्तुत किया जाता है नाटक की अपेक्षा एकांकी में पात्रों की संख्या कम होती है। इसमें घटनाओं या पूर्वापर प्रसंगों की विविधता इतनी नहीं होती)

एकांकीकार- मोहन राकेश

एकांकी का उद्देश्य-

  1. आधुनिक समाज की दिखावे की संस्कृति और समाज की विकृति को प्रस्तुत करना।
  2. परम्परा और आधुनिकता के द्वन्द्ध को उभारना।
  3. विद्यार्थियों को संदेश देना कि वह अपने जीवन में बनावटीपन को नहीं यथार्थ को महत्व दें।
  4. परिवार में एकता एवं आत्मीयता को बनाए रखने के लिए सदस्यों द्वारा एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना।
  5. धूम्रपान जैसी बुराईयों के प्रति जागरूक करना।

मुख्य स्मरणीय बिन्दु-

  • मोहन राकेश ने इस एकांकी में एक संयुक्त परिवार की विभिन्न रूचियों को सूक्ष्मता से उभारा है। परिवार में अम्मा, माधव, राधा, वीना, गोपाल और श्याम कुल छह विभिन्न रूचियों के पात्र हैं। सभी पात्र एक-दूसरे से छिपकर अपने शौक पूरे करते हैं, लेकिन एक दूसरे की भावनाओं को समझते भी हैं। वीना, गोपाल, राधा और श्याम अम्मा से छिपकर अण्डे खाते हैं। गोपाल सिगरेट पीता है। यहाँ तक कि अम्मा भी सब कुछ जानते हुए अनदेखा करती है। सभी पात्रों की परस्पर घनिष्ठता तथा आत्मीयता पूरे एकांकी में झलकती हैं।
  • एकांकी की शुरुआत में पर्दा उठते ही गैलरीवाला दरवाजा खुला दिखाई देता है। श्याम सीटी बजाता आता है। बाहर वर्षा हो रही है उसकी बरसाती से पानी टपक रहा है।
  • श्याम और वीना में बातें होती हैं। वीना श्याम की भाभी हैं। श्याम वीना के कमरे में आते हुए कहता है कि उसे भाई का कमरा अब पराया-सा लगता है। पहले इस कमरे में जूते को छोड़कर सभी चीजें चारपाई पर होती थी। आज कमरे का नक्शा बदला हुआ है। बीना श्याम को चाय पीने को कहती है। श्याम इस सुहावने मौसम में चाय के साथ कुछ खाने के लिए ले आने को कहता है। वीना उससे चार छः अण्डे लाने को कहती है। जब श्याम अंडे के नाम पर नाक-भौंह सिकोड़ता है तो वीना कहती हैं कि यहाँ तो रोज अण्डे का नाश्ता होता है। वैसे श्याम भी छिपकर कच्चा अण्डा खाता है। वीना उससे कहती है कि अगर कुछ खाना है तो इसमें छिपाने की क्या बात है।
  • श्याम के बाहर जाते ही वीना काम करते हुए पानी लेने के लिए राधा के कमरे में जाती है। उसे राधा के बिस्तर पर ‘चन्द्रकांता’ पुस्तक मिल जाती है पूछने पर राधा कहती है। कि ऐसी किताब माँ जी के सामने नहीं पढ़ सकती।
  • वीना चाय के लिए स्टोव पर केतली में पानी रखती हैं बाहर से गोपाल आता है। चाय बनती देख प्रसन्न हो जाता हैं वीना उसे बताती हैं कि यह चाय श्याम के लिए हैं। गोपाल अपनी भाभी राधा की प्रशंसा करता है। गोपाल सिगरेट पीना चाहता है वह वीना को बताता है कि वह भाभी के सामने पी लेता है। उन्होंने यह बात किसी को नहीं बताई। थोड़ी देर में श्याम अंडे लेकर लौट आता है और उनकी पोल खुल जाती है। वीना अंडे का हलुआ बनाती है तभी जमुना देवी की आवाज सुनाई देती हैं सब सकपका जाते हैं सारी चीजें ढक देते हैं जमुना अंदर आकर पूछती है कि दरवाजा ऐसे क्यों बन्द कर रखा है? जमुना अपने कमरे की छत चूने की शिकायत करती है। वह गोपाल से पूछती है कि वह कोने में खड़ा क्या कर रहा है? गोपाल कहता है कि वीना का हाथ जल गया है। मैं उसके लिए मरहम ढूँढ रहा हूँ। माँ पूछती है कि स्टोव के ऊपर क्या रखा है? वह देखना चाहती है गोपाल माँ को हाथ लगाने से मना करता है। वह करंट मारने का डर दिखाता है। राधा बहाना बनाती है कि श्याम के घुटने में गेंद लग गई है इसलिए पुलटिस बाँधने के लिए गरम किया है। जमुना स्वयं पुलटिस बाँधने को कहती हैं गोपाल बहाने बनाकर उन्हें मना करता है तथा उन्हें उनके कमरे तक छोड़ने जाता है।
  • वे सभी हलुवा खाने लगते हैं तथा छिलकों को छिपाने का उपाय करते हैं। तभी बड़ा भाई माधव आ जाता है। माधव को सब पता चल जाता है। गोपाल उनसे प्रार्थना करता है कि अम्मा को मत बताना। माधव कहता है कि अम्मा को सभी बातें पता हैं। अब अंडे के छिलके छिपाने की कोई जरूरत नहीं हैं।