तीन वर्ग-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
CBSE class 11 इतिहास
पाठ-6 तीन वर्ग
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
अति लघु प्रश्न (2 अंक वाले)
- सामन्तवाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- सामंतवाद जर्मन शब्द फ्रयूड से बना, फ्रयूड का अर्थ-भूमि का टुकड़ा भूमि के बदले में सेवा प्राप्त करना। - फ्रांसीसी समाज में मुख्य रूप से तीन वर्ग कौन से थे?
उत्तर- पादरी वर्ग, अभिजात वर्ग, कृषक वर्ग। - मेनर क्या था?
उत्तर- लॉर्ड की भूमि-मेनर। मेनर के मध्य में लॉर्ड का महल। - ‘टीथ’ तथा ‘फीफ’ शब्दों को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- फीफ- लॉर्ड द्वारा नाइट को दिया जाने वाला भूमि का टुकड़ा टीथ- चर्च द्वारा एक वर्ष के अंतराल में उस कृषक से उसकी उपज का दसवां भाग लिया जाना। - फ्रांस के कैथीड्रल नगरों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- बड़े-बड़े चर्चों के चारों ओर विकसित होने वाले नगर कैथीड्रल नगर कहलाए। - मध्यकाल में कृषि से जुड़ी दो समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-- लकड़ी के हल
- प्रभावहीन फसल चक्र।
- ‘फ्रायर’ किन्हें कहा जाता था?
उत्तर- भिक्षुओं के उन समूहों को, जिन्होंने मठों में न रहने का निश्चय किया, फ्रायर कहा गया। वे घूम घूम कर उपदेश देते थे और दान से अपनी जीविका चलाते थे।
लघु प्रश्न (4 अंक वाले)
- आप किस आधार पर कह सकते हैं कि फ्रांसीसी समाज में अभिजात वर्ग की एक विशेष हैसियत थी।
उत्तर- संपदा पर स्थायी तौर पर पूर्ण नियंत्रण सैन्य क्षमता बढ़ा पाना, स्वयं का न्यायालय लगा पाना तथा अपनी मुद्रा प्रचलित कर सकना तथा अपनी भूमि पर बसे सभी व्यक्तियों के मालिक होना। - भिक्षु, भिक्षुणियों के जीवन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर- मठों में निवास, प्रार्थना, अध्ययन और कृषि जैसे शारीरिक श्रम का व्रत, खानपान तथा वस्त्र सम्बन्धी निश्चित नियमों का पालन। - नाइट वर्ग का उदय क्यों हुआ? लॉर्ड तथा नाइट के आपसी संबंधों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर- नौंवी सदी में यूरोप में युद्धों के प्रायः होने के कारण कुशल अश्वसेना की आवश्यकता के कारण नाइट वर्ग का उदय हुआ। नाइट लॉर्ड से उसी प्रकार से संबंद्ध, जिस प्रकार लॉर्ड राजा से, (विस्तृत विवरण) फीफ- विस्तृत विवरण - सामंतवाद के अन्तर्गत यूरोप में किसानों की क्या स्थिति थी?
उत्तर- दो प्रकार के काश्तकार- स्वतंत्र किसान, कृषिदास। स्वतंत्र किसान- भूमि को लॉर्ड के काश्तकार के रूप में देखना, श्रम अधिशेष, टैली नामक कर कृषि दास- लॉर्ड के स्वामित्व वाली भूमि पर कृषि, कोई मजदूरी नहीं, लॉर्ड की आज्ञा बिना जागीर न छोड़ पाना, विवाह सम्बन्ध पर भी लॉर्ड का नियंत्रण - आरंभिक यूरोप में कृषि संबंधी समस्याएं क्या थीं। इन्होंने लॉर्ड तथा कृषक के संबंधों को कैसे प्रभावित किया।
उत्तर- समस्याएं- लकड़ी का हल, प्रभावहीन फसल चक्र मिट्टी की उर्वरता में कमी, अकालों का पड़ना इन सबने गरीबों का जीवन दुष्कर बना दिया। संबंध- समस्याओं के बावजूद लार्डों की आय बढ़ाने की इच्छा, किसानों द्वारा अत्याचार न सहना, निष्क्रिय प्रतिरोध का सहारा।
दीर्घ प्रश्न (8 अंक वाले)
- चौदहवीं सदी की शुरुआत तक यूरोप का आर्थिक विस्तार धीमा पड़ गया। ऐसा किन कारणों से हुआ?
उत्तर- आर्थिक विस्तार धीमा पड़ने के कारण -- 13 वीं सदी के अंत तक उत्तरी यूरोप में तेज ग्रीष्म ऋतु का स्थान ठंड़ी ग्रीष्म ऋतु ने ले लिया |
- पैदावार के मौसम छोटे
- तूफानों व सागरीय बाढ़ों से फार्म प्रतिष्ठान नष्ट
- फलस्वरूप सरकार को करों से कम आमदनी
- पहले की गहन जुताई के तीन क्षेत्रीय फसल-चक्र से भूमि कमजोर
- चरागाहों की कमी से पशुओं की संख्या में कमी
- जनसंख्या वृद्धि के कारण उपलब्ध संसाधन कम।
- 1315-1317 यूरोप में भयंकर अकाल, 1320 में अनेक पशुओं की मौत।
- ऑस्ट्रिया व सर्बिया की चाँदी की खानों के उत्पादन में कमी।
- धातु-मुद्रा में कमी से व्यापार प्रभावित।
- दूर देशों से व्यापार करने वाले पोतों के साथ चूहे आए जो ब्यूबोनिक प्लेग जैसी महामारी का संक्रमण लाए।
- लाखों लोग काल ग्रसित
- विनाशलीला के साथ आर्थिक मंदी से सामाजिक विस्थापन।
- मजदूरों की संख्या में कमी।
- ‘शासक अब पिरामिड के शिखर पर नहीं था जहां राजभक्ति आपसी निर्भरता पर टिकी थी अपितु वह अब व्यापक दरबारी समाज और आश्रयदाता अनुयायी तंत्र का केन्द्र बिन्दु था’ यूरोप की नई शासन व्यवस्था के संदर्भ में इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-- 12 वीं व 13 वीं सदी में हुए सामाजिक परिवर्तन नये राजतंत्रों की सफलता का कारण।
- जागीदारी व सामंतशाही के विलयन व धीमे आर्थिक विकास से शासक प्रभावशाली।
- 15 वीं - 16वी सदी में शासकों का सैनिक व वित्तीय दृष्टि से शक्तिशाली होना।
- शासकों द्वारा विशाल तोपों व बंदूकों से सुसज्जित सेना का गठन।
- अभिजातों राजसत्ता के केन्द्रीयकरण का विरोध नये शासकों की गोली की शक्ति प्रदर्शन के समक्ष टुकड़े-टुकड़े।
- अभिजात वर्ग ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिये स्वयं को राजभक्तों में बदला।
- अब लार्ड जो पहले शासक थे प्रशासनिक सेवाओं में महत्वपूर्ण स्थानों पर।
- शासकों को शक्तिशाली लोगों का समर्थन चाहिये था।
- धन समर्थन का माध्यम।
- धनी गैर अभिजात (व्यापारी व साहूकार) का दरबार में प्रवेश। राजा को धन उधार।
- शाही निरंकुशता सामंतवाद का परिष्कृत रूप
- अतः शासक अब ................. बिन्दु था।
- ग्यारहवीं शताब्दी में यूरोप में होने वाले विभिन्न प्रौद्योगिकी बदलावों की विवेचना करते हुए चौथे वर्ग के उदय पर प्रकाश डालिये।
उत्तर-- लकड़ी के हल के स्थान पर लोहे के भारी नोक वाले हल साँचेदार पटरे का प्रयोग।
- पशुओं के गले के स्थान पर जुआ अब कंधे पर।
- घोड़े के खुरों पर अब लोहे की नाल का प्रयोग।
- कृषि के लिये वायु और जल शक्ति का प्रयोग।
- संपीड़कों व चक्कियों में भी वायु तथा जल शक्ति का प्रयोग।
- दो खेतों की व्यवस्था के स्थान पर तीन खेतों वाली व्यवस्था।
- कृषि उत्पादन में तेजी से बढ़ोत्तरी।
- भोजन की उपलब्धता दुगुनी।
- कृषकों द्वारा खेती योग्य भूमि का विस्तार चौथे वर्ग का उदय।
- कृषि के विस्तार के साथ जनसंख्या, व्यापार व नगरों का विस्तार।
- कृषिदास नगरों में छिपकर स्वतंत्र
- नये-नये व्यवसायों से एक चौथे वर्ग का उदय जिनमें व्यापारी, दुकानदार, विशिष्ट कौशल वाले साहूकार, वकील, चिकित्सक, अध्यापक आदि।
- चौदहवीं सदी की शुरूआत तक यूरोप का आर्थिक विस्तार धीमा पड़ गया। ऐसा किन कारणों से हुआ, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-- आर्थिक विस्तार धीमा पड़ने के कारण - तेरहवीं सदी के अंत उत्तरी यूरोप में तेज ग्रीष्म ऋतु का स्थान ठंडी ग्रीष्म ऋतु ने ले लिया।
- पैदावार के मौसम छोटे तूफानों व सागरीय बाढ़ों से फार्म प्रतिष्ठान नष्ट।
- सरकार को करों से आमदनी में कमी |
- पहले की गहन जुताई के तीन क्षेत्रीय फसल चक्र से भूमि कमजोर।
- चरागाहों की कमी से पशुओं की संख्या में कमी।
- जनसंख्या वृद्धि के कारण उपलब्ध संसाधन कम पड़ना।
- 1315-1317 में यूरोप में भयंकर अकाल, 1320 ई. में अनेक पशुओं की मौत |
- अस्ट्रिया व सर्बिया की चाँदी की खानों के उत्पादन में कमी।
- धातु-मुद्रा में कमी से व्यापार प्रभावित।
- जल पोतों के साथ चुहे आए जो ब्यूबोनिक प्लेग जैसी महामारी का संक्रमण लाए |
- लाखों लोग ग्रसित ।
- विनाशलीला के साथ आर्थिक मंदी से सामाजिक विस्थापन हुआ।
- मजदूरों की संख्या में कमी आई इससे मजदूरी की दर में 250 प्रतिशत तक की वृद्धि।
- ‘शासक अब पिरामिड के शिखर पर नहीं था जहाँ राजभक्ति विश्वास और आपसी निर्भरता पर टिकी थी अपितु वह अब दरबारी समाज और आश्रयदाता अनुयायी तंत का केन्द्र बिन्दु था यूरोप की नई शासन व्यवस्था के संदर्भ में इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-- 12वीं व 13वीं शताब्दी में हुए सामाजिक परिवर्तन नए राजतंत्रों की सफलता का कारण|
- जागीरदारी और सामंतशाही के विलय और धीमे आर्थिक विकास से शासक प्रभावशाली |
- 15वीं 16वीं शताब्दी में शासकों का सैनिक व वित्तीय दृष्टि से शक्तिशाली होना |
- शासकों द्वारा विशाल तोपों व बंदूकों से सुसज्जित सेना का गठन।
- अभिजातों द्वारा राजसत्ता के केन्द्रीयकरण का विरोध नए शासकों की गोली की शक्ति प्रदर्शन के समक्ष टुकड़े-टुकड़े।
- अभिजात वर्ग ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए स्वयं को राजभक्तों में बदला |
- लार्ड जो पहले शासक थे अब प्रशासनिक सेवाओं में महत्वपूर्ण स्थानों पर।
- शासकों को शक्तिशाली लोगों का समर्थन चाहिए था, धन समर्थन का माध्यम |
- धनी गैर अभिजात (व्यापारी व साहुकार) का दरबार में प्रवेश, राजा को धन उधार |
- ग्यारहवीं शताब्दी यूरोप में होने वाले विभिन्न प्रौद्योगिकी बदलावों की विवेचना कीजिए।
उत्तर-- लकडी के हल क स्थान पर लोहे की भारी नोक वाले हल और साँचेदार पटरे का प्रयोग |
- पशुओं के गले के स्थान पर जुआ अब कंधे पर।
- घोड़े के खुरों पर अब लोहे की नाल का प्रयोग।
- कृषि के लिये वायु और जलशक्ति का प्रयोग।
- संपीडको व चक्कियों में भी वायु तथा जलशक्ति का प्रयोग।
- दो खेतों की व्यवस्था के स्थान पर तीन खेतों वाली व्यवस्था का उपयोग।
- कृषि उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी। भोजन की उपलब्धता दुगुनी।
- कृषकों को बेहतर अवसर।
- जोतों का आकार छोटा। इससे अधिक कुशलता के साथ कृषि कार्य होना व कम श्रम की आवश्यकता |
- कृषकों को अन्य गतिविधियों के लिए समय।