मनोविज्ञान और खेल - पुनरावृति नोट्स

CBSE कक्षा 12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 11 मनोविज्ञान और खेल
पुनरावृत्ति नोट्स

मुख्य बिन्दु-
  1. तनाव का अर्थ, परिभाषा, प्रकार तथा प्रबन्धन एवं सामना करने की युक्तियाँ (समस्या केन्द्रित समस्याओं से भावना कन्द्रित समस्याओं)
  2. व्यक्तित्व-अर्थ, परिभाषा तथा प्रकार - लक्षण एवं प्रकार (शैल्डन और जुंग का वर्गीकरण) तथा बिग 5 लक्षण सिद्धान्त
  3. अभिप्रेरण- इसके प्रकार, विधि (तकनीक)
  4. आत्म सम्मान तथा शारीरिक छवि
  5. व्यायाम के मनोवैज्ञानिक लाभ
  6. आक्रामकता का अर्थ, अवधारणा तथा आक्रामकता को प्रकार।

    1. तनाव अर्थः किसी माँग के कारण शरीर के होमो अस्टेसिस बिगड़ने की दशा तनाव कहलाती है।
      • तनाव के प्रकार
        • तीक्षण तनाव (छोटी अवधि के लिये)
        • दीर्घकालिक तनाव (लम्बी अवधि के लिये)
      • तनाव के प्रभाव
        • हृदय दर का बढ़ना
        • रक्त चाप का बढ़ना
        • श्वांस दर का बढ़ना
        • याददाश्त कमजोर होना
        • मांसपेशीय तनाव का बढ़ना
        • भूख का बढ़ना
        • अम्ल का बढ़ना
        • हृदय रोग की सम्भावना का बढ़ना
        • थकावट जल्द होना
        • चयापचय बिगड़ जाता है
        • असुरक्षित महसूस करना
      • प्रबन्धन
        • क्षमताओं को स्वीकार करना
        • शारीरिक पुष्टि को बढ़ाना
        • योग करना
        • मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त होना
        • संतुलित आहार
        • तनावग्रस्त व्यक्तियों से दूर रहना
        • वातावरण को अनुरूप बनाना
        • तनावग्रस्त विचारों से दूर रहना
        • व्यायाम करना
    2. सामना करने की युक्तियाँ
      अर्थ : 
      वे बदलाव जो व्यक्ति अपने अन्दर लेकर आता है ताकि वह तनावपूर्ण स्थिति के साथ समायोजन कर सके।
      • समस्या कन्द्रित स्थिति से
        • अपनी योग्यताओं को समझना
        • आत्म विश्वास मजबूत करना
        • लक्ष्य को पुनः निर्धारित कीजिए
        • आत्म सुझाव देना
        • मनोरंजन करना
        • शारीरिक पुष्टि को अच्छा करना
        • अध्यापक अथवा कोच से समस्या की चर्चा करना तथा उनका परामर्श लेना
      • भावना केन्द्रित स्थिति से
        • चीखना
        • दूसरों पर आरोप लगाना
        • सच्चाई को झुठलाना
        • खेलकूद में भाग लेना
        • मनोवैज्ञानिकों से परामर्श लेना
        • योग करना
        • नकारात्मक सोच से दूर रहना
        • तनावपूर्ण स्थिति को अनदेखा करना
        • भावनाओं को बाहर निकालना
  1. व्यक्तित्त्व
    अर्थ: व्यक्ति के सभी शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावानात्मक, गुणों का, रूचियों का, व्यवहार का तथा सामाजिक गुणों का योग व्यक्तित्व कहलाता है।
    “व्यक्तित्व व्यक्ति में उन मन शारीरिक पद्धतियों का गति शील संगठन है जो वातावरण के साथ उसके अपूर्व समायोजन को निर्धारित करती है।”
    • व्यक्तित्व प्रकार
      • शैल्डन के द्वारा शारीरिक आधार पर
        1. बर्हिमुखी
        2. अर्न्तमुखी
        3. अम्बीवर्ट
      • जुग को द्वारा मनोवैज्ञानिक आधार पर
        1. एण्डोर्मोफिक
        2. मेसोर्मोफिक
        3. एक्टोर्मोफिक
    • व्यक्तित्व का बिग 5 लक्षण सिद्धांत
      इस सिद्धांत के अनुसार किसी भी व्यक्तित्व को आंकने के लिये 5 लक्षणों को आंकना चाहिए अर्थात् व्यक्तित्व का आंकलन 5 लक्षणों के आंकलन के आधार पर होता है।
    • बिग 5 लक्षण सिद्धांत के अनुसार व्यक्तित्व के लक्षण
      • स्पष्टता सम्बंधी लक्षण
        व्यावहारिक
        - कल्पनाशील
        - रूचि
        - बौद्धिक जिज्ञासा की चाह
        - रचनात्मकता
        - भावना
      • कर्तव्य निष्ठा सम्बंधी लक्षण
        - जीवन की चुनौतियों के साथ क्षमता
        - आत्म अनुशासन
        - कर्तव्यनिष्ठता
        - योजना
        - प्रबन्धन
        - दूसरे पर नियंत्रण
        - कठोर परिश्रम
        - महत्वाकांक्षा
      • बर्हिमुर्खता सम्बंधी लक्षण
        - ऊर्जा
        - सकारात्मक भावना
        - स्वीकारात्मक
        - मिलनसार
        - बातूनी
        - जिंदादिल
        - स्नेह
        - मित्रतापूर्ण
      • सहमतता सम्बन्धी लक्षण
        - सहयोग
        - व्यवस्थित
        - उदार
      • मनोविक्षुब्धता सम्बंधी लक्षण
        - गुस्सा
        - अवसाद
        - चिंता
        - भावनाओं पर नियंत्रण
  2. अभिप्रेरणा
    अर्थ: वह स्थिति जिसमें व्यक्ति आन्तरिक, एवं बाहरी कारणों से प्रेरित होकर लक्ष्य की ओर लगातार अग्रसर रहता है।
    1. प्रकार
      1. आन्तरिक अभिप्रेरणा
        (व्यक्ति आंतरिक शक्तियों से प्रेरित होता है। जैसे- श्रेष्ठता सिद्ध करना, सामाजिक सम्मान, मनोरंजन, आत्म संतुष्टि
      2. बाहरी अभिप्रेरणा
        (व्यक्ति बाहरी शक्तियों से प्रेरित होता है।) जैसे- पुरस्कार, दंड, दोषारोपण, प्रशंसा
    2. तकनीकें
      • प्रतिपुष्टि
      • मूल्यांकन
      • अभ्यास की लम्बाई
      • विभिन्नताएँ
      • आधुनिक उपकरण
      • दर्शक
      • आसान
      • भर्त्सना
      • छात्रवृत्तियाँ
      • ईनाम
      • प्रशंसा
      • रोमांचक वातावरण
      • संचार माध्यम
      • रिकॉर्ड
      • क्रम देना
      • संयुक्त जिम्मेदारी
  3. आत्मसम्मान तथा शारीरिक छवि
    1. आत्म सम्मान (व्यक्ति के द्वारा खुद को दिया जाने वाला सम्मान)
    2. शारीरिक छवि (अपनी शारीरिक बनावट के बारे में सोच)
      सकारात्मक शारीरिक छवि
      नकारात्मक शारीरिक छवि
    • प्रभावित करने वाले तत्व
      • दूसरों से तुलना
      • दूसरो का व्यवहार
      • रंगरूप
      • शारीरिक गठन
      • जीवन के अनुभव
      • समाज से मिलने वाली टिप्पणियाँ
      • उम्र बढ़ने की प्रकिया मीडिया में छवि
    • सुधारने के तरीके
      • सकारात्मक सोच
      • अपनी योग्यताओं पर ध्यान देना
      • प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग
      • सुन्दरता के संसाधनों का प्रयोग
      • नकारात्मक सोच को रोकना
      • आत्म प्रशंसा करना
      • अच्छे व्यक्ति के व्यक्तित्व को अपनाना
      • प्रतिदिन व्यायाम करना
  4. मनोविज्ञान: “मनुष्यों को गुणों का अध्ययन है जो कि वातावरण के साथ-साथ परिवर्तित है।”
    मनोविज्ञान विज्ञान की शाखा है जिससे व्यक्तियों के विचार व्यवहारों का अध्ययन जो व्यक्तियो द्वारा विभिन्न लोगों के साथ किया जाता है।
    व्यायाम के मनोवैज्ञानिक लाभ
    1. प्रतियोगिता से पूर्व
      • शारीरिक छवि का विकास
      • समन्वयक योग्यता का विकास
      • शारीरिक नियंत्रण
      • संतुलन
      • आत्म सम्मान
      • योग्यता व क्षमता का विकास
      • लक्ष्य निर्धारण
    2. प्रतियोगिता के दौरान
      • चिंता व तनाव प्रबंधन
      • मानसिक दृढ़ता
      • सकारात्मक प्रवृत्ति
      • अभिप्रेरणा
    • प्रतियोगिता के पश्चात्
      • परिस्थितियों का सम्मान करना
      • लक्ष्य को पुनः निर्धारित करना
      • चोटों के पुनर्वास में सहायता करना
  5. आक्रमकता
    यह शारीरिक तथा मौखिक व्यवहार है जिसका लक्ष्य दूसरों को शारीरिक तथा मनोवैज्ञानिक रूप से नुकसान पहुचाना होता है।
    • आक्रामकता के प्रकार
      1. शत्रतापूर्ण आक्रामकता एवं प्रतिक्रियाशील आक्रमकता
        • जानबूझ कर नुकसान पहुँचाना
        • दूसरों को घायल करना
        • शारीरिक बल का इस्तेमाल करना
      2. बाह्य आक्रामकता
        • अनजाने में दूसरों को शारीरिक रूप से घायल करना
        • लक्ष्य उच्चतम प्रदर्शन की प्राप्ति हेतु
        • शारीरिक बल का इस्तेमाल
      3. मुखर व्यवहार आक्रामक्रता
        • शारीरिक रूप से नुकसान न पहुँचाना
        • वैद्य बलों का इस्तेमाल
        • नियम नहीं तोड़ते है
        • दूसरों को मनोवैज्ञानिक रूप से नुकसान पहुँचाना
        • मौखिक बल का इस्तेमाल करना
    • आक्रामकता की निकासी
      1. आक्रामकता ने करने पर शाबासी।
      2. उन संकेतों को हटा देना चाहिए जिनसे आक्रामता पैदा होती है।
      3. सज्ञानात्मक क्रियाएँ जैसे कि आत्मसुझाव काल्पनाशीलता तथा अपने आप से बात करना आदि।
      4. तनाव को प्रबन्धन करना तथा शिथिलन क्रियाएँ।
      5. सकारात्मक सुदृढ़ीकरण प्रदान करना जब एक खिलाड़ी आक्रामकता पर नियंत्रण करे।
      6. खेल के महत्त्व पर जोर देना चाहिए न कि जीतने पर यह बताना चाहिए कि किस प्रकार एक खिलाड़ी की आक्रामकता किस प्रकार टीम के स्तर को नीचे की ओर ला सकती है।
      7. जो खिलाड़ी अत्यधिक आक्रामकता दिखाए उसको दण्डित किया जाना चाहिए।
      8. कोच का खुद का व्यवहार जरूर शांत होना चाहिए।