अंतर्राष्ट्रीय व्यापार-पुनरावृति नोट्स

                                              CBSE Class 12 भूगोल भाग – 2

पाठ – 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
पुनरावृति नोटस


अवधारणा मानचित्र

परिचय:- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सभी देशों के लिए परस्पर लाभदायक है, चूंकि कोई भी देश आत्मनिर्भर नही है सामान्यतः व्यापार दो प्रकार का होता है घरेलू या देशी व्यापार तथा अन्तर्राष्ट्रीय या विदेशी व्यापार।

  • वस्तुओं के क्रय विक्रय को व्यापार कहते हैं | यह सामान्यतः दो प्रकार का होता है - राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय |
  • राष्ट्रीय व्यापार के अंतर्गत वस्तुओं का क्रय विक्रय देश के एक भाग से दुसरे भाग में किया जाता है जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अंतर्गत वस्तुओं का क्रय-विक्रय अंतर्राष्ट्रीय (देश के बाहर) स्तर पर होता है |
  • जब किसी वस्तु को देश से बाहर भेजा जाता है तो उसे निर्यात और किसी वास्तु को दुसरे से मंगाया जाता है तो उसे आयात कहते हैं |
  • आयात व निर्यात के सन्तुलन को व्यापार सन्तुलन कहते हैं।
  • यदि आयात निर्यात से कम हो तो व्यापार सन्तुलन पक्ष में होता है और यदि आयात निर्यात से अधिक होता हैं तो व्यापार सन्तुलन विपक्ष में होता है।
  • भारत के पूर्वी तट के पतन-कोलकता, हल्दिया, पराद्वीप, विशाखापट्नम, चेन्नई व तूतीकोरिन।
  • भारत के पश्चिमी तट के पतन-मुम्बई, न्हावाशेवा, कांडला. मार्मगोवा व कोचि ।
  • अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सभी देशों के लिए परस्पर लाभदायक होता है। क्योंकेि कोई भी देश आत्मनिर्भर नहीं है।
  • यद्यपि विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी फुल मात्रा का केवल एक प्रतिशत है। तथापि विश्व की अर्थ व्यवस्था में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • वर्ष 1950-51 में भारत के वैदेशिक व्यापार का मूल्य 1214 करोड़ रूपये था जो 2009–2010 में बढ़कर 2208270 करोड़ रूपये हो गया जो लगभग 1820 गुना बढ़ गया हैं |
  • वैसे तो भारत में आयात एवं निर्यात दोनों की ही मात्रा में वृद्धि हुई है परन्तु निर्यात की अपेक्षा आयात का मूल्य अधिक है।
  • व्यापार घाटे में हुई इस वृद्धि के लिए अपरिष्कृत पेट्रोलियम को उत्तरदायी ठहराया जा सकता है|
  • भारत में आयात की प्रमुख वस्तुएँ ईधन पूंजीगत वस्तुएँ बहुमूल्य रत्न, सोना चाँदी, रसायन, उर्वरक आदेि प्रमुख हैं।
  • भारत ने हाल के वर्षों में व्यापार में विविधता की नीति अपनाई हैं। इस नीति के कारण ही भारत को वैश्विक संकट से संभालने में मदद मेिंली हैं।
  • भारत का अधिकतर विदेशी व्यापार समुद्री एवं वायु मार्गों द्वारा संचालित होता हैं | व्यापार का छोटा-सा भाग नेपाल, भूटान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान से सड़क मार्ग द्वारा भी होता है।
  • वर्तमान में भारत के पास 12 प्रमुख एवं 185 छोटे व मझोले पत्तन है। देश कें 12 प्रमुख पत्तन देश के महासागरीय यातायात का 71% भाग निपटा देते हैं।
  • लम्बी दूरी वाले उच्च मूल्य वाले ना नाशवान सामान को कम समय में ले जाने व निपटाने के लिए वायु परिवहन उपयुक्त है |
  • पोषित किए जाने वाले मानिविय मूल्य
    - समानता का भाव
    - वैज्ञानिक सोच
    - जागरूकता
    - संवेदनशिता
    - वैश्विक एकता
    - प्रतिर्स्पधा
    - सांस्कृतिक समरसता
    - परस्पर सहयोग
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