जलवायु-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                                    CBSE कक्षा 11 (भाग-ख)

पाठ-4 जलवायु
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

  1. भारतीय किसान के लिए मानसून जुआ है? व्याख्या कीजिए।
    उत्तर- मानसून का भारत के आर्थिक जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।
    1. कृषि की फसलें मानसून पर निर्भर करती है। कृषि उपज की सफलता अथवा असफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दक्षिण पश्चिमी मानसून द्वारा की गई वर्षा सामान्य है या नहीं।
    2. भारत की 64 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर ही निर्भर करती है।
    3. वर्षा की उच्च परिवर्तिता के कारण देश के कुछ भागों में सूखे तथा अन्य भागों में बाढ़ का प्रकोप बना रहता है।
    4. भारतीय कृषि की सफलता मानसून वर्षा के निश्चित समय पर तथा नियमित रूप से वितरित होने पर निर्भर करती है।
    5. सिचाई विहीन क्षेत्रें में वर्षा की अनियमितता तथा अनिश्चितता का विशेष प्रभाव पड़ता है।
    6. मानसून का अचानक प्रस्फोट देश के व्यापक क्षेत्रें में मृदा अपरदन की समस्या उत्पन्न कर देता है।
  2. भारत में वर्षा पर्वतकृत है। वर्षा के वितरण तथा इस पर उच्चावच के प्रभाव के संदर्भ में पांच उदाहरण दीजिए?
    उत्तर- 
    1. पश्चिमी घाट के कारण पश्चिमी तटीय मैदान में भारी वर्षा- अरब सागर की मानसून पवनें पश्चिमी घाट से टकराकर पश्चिमी तटीय मैदान में 250 सेंटीमीटर से भी अधिक वर्षा करती हैं।
    2. पश्चिमी घाट के वृष्टि छाया क्षेत्रें में कम वर्षा- पश्चिमी घाट को पार करने के बाद यह नीचे उतरती है फलस्वरूप इसका तापमान बढ़ जाता है तथा आर्द्रता में कमी आ जाती है। उससे दक्षिण पठार के वृष्टि छाया क्षेत्र में बहुत कम वर्षा होती है।
    3. मेघालय में पर्वतों की बनावट के कारण भारी वर्षा- बंगाल की खाड़ी की एक शाखा गंगा के डेल्टा को पार करके मेघालय की गारो, खासी तथा जयन्तिया की पहाड़ियो से टकराती है। इन पहाड़ियों की आकृति कीप जैसी है जिसके कारण से यहां भारी वर्षा होती है।
    4. अरावली के विस्तार की दिशा के कारण राजस्थान में कम वर्षा- अरब सागर की मानसून पवनों की तीसरी शाखा उत्तर-पूर्वी दिशा में अरावली के समान्तर न आने के कारण ये पूरे राजस्थान में वर्षा नही करती।
    5. मानसून पवनों की दिशा पर हिमालय का प्रभाव- बंगाल की खाड़ी की दूसरी शाखा सीधे हिमालय पर्वत से टकराती है। यह हिमालय पर्वत की ऊंची श्रेणियों को पार करने में असमर्थ होती है तथा पश्चिम की ओर हिमालय पर्वत के समानान्तर चलना शुरू कर देती है। ज्यों-ज्यों यह पश्चिम की और बढ़ती है, त्यों-त्यों नमी कम होती जाती है।
  3. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भारत में कितने स्पष्ट मौसम पाए जाते है? किसी एक मौसम की दशाओं की सविस्तार व्याख्या कीजिए।
    उत्तर- भारतीय मौसम विभाग के अनुसार भारत में सामान्यतः चार ऋतुएँ मानी जाती है। वे है:
    1. शीत ऋतु
    2. ग्रीष्म ऋतु
    3. दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की ऋतु
    4. मानसून के निर्वतम अथवा प्रत्यावर्तन अर्थात मानसून के लौटने की ऋतु:- सितम्बर के दूसरे सप्ताह तक दक्षिण-पश्चिमी मानसून उत्तरी भारत से लौटने लगती है और दक्षिण में मध्य अक्टूबर तथा दिसम्बर के आरंभ तक लौटती रहती है। दक्षिण प्रस्फोट के विपरीत मानसून पवनों का लौटना काफी क्रमिक होता है। मानसून पवनों के लौटने आकाश साफ हो जाता है। दिन का तापमान कुछ बढ़ जाता है परन्तु राते सुखद हो जाती है इस ऋतु में दैनिक तापान्तर अधिक हो जाता है। बंगाल की खाड़ी में पैदा होने वाले चक्रवात दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम दिशा में चलते हैं और पर्याप्त वर्षा करते है।
  4. उदाहरण देकर समझाइये कि भारत की जलवायु भारत की स्थित तथा उच्चावच से प्रभावित है?
    उत्तर- भारत विषुवत रेखा से उत्तर की तरफ विस्तृत है। कर्क रेखा इसके लगभग मध्य से गुजरती है हिमालय पर्वत श्रृंखला इसको उत्तर में घेरे हुये है एवं दक्षिण में हिन्द महासागर है ये परिस्थितियां यहां की जलवायु को निम्न प्रकार से प्रभावित करती है।
    अक्षांश- भारत का दक्षिणी भाग विषुवत रेखा एवं कर्क रेखा के बीच में पड़ता है अतः यहां उष्ण कटिबन्धीय प्रभाव रहता है जब कि कर्क रेखा से उत्तर का भाग शीतोषण कटिबन्ध में पड़ता है।
    पर्वत श्रेणी- भारत के उत्तर में स्थित हिमालय पर्वत श्रेणी उत्तरी धुव्र रेखा से उत्पन्न ठंडी हवाओं को भारत में आने से रोकती है जिससे भारतीय उपमहाद्वीप में जलवायु का समताकारी स्वरूप बना रहता है। यही पर्वत श्रृंखला मानसून पवनों को रोककर वर्षा करने में सहायक होती है।
    जल एवं स्थल का वितरण- भारत के प्रायद्वीपीय भाग का बंगाल की खाड़ी से एवं अरब सागर से घिरा होना वहां की जलवायु में तापमान को प्रभावित करता है साथ ही द॰ प॰ हवाओं को आर्द्रता से युक्त करने में भी सहायक है।
    भारत का उत्तरी भाग स्थलबद्ध है इसलिये यहां तापमान ग्रीष्म- ऋतु में अत्याधिक एवं शीतऋतु में बहुत कम हो जाता है।
    इसके अतिरिक्त समुद्रतट से दूरी, समुद्रतल से ऊंचाई एवं उच्चावच भी जलवायु को प्रभावित करते है।
  5. भारतीय उपमहाद्वीप में दक्षिण-पश्चिमी मानसून के आगमन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिये।
    उत्तर- भारत के उत्तरी पश्चिमी मैदानों में मई जून में तापमान बहुत तेजी से बढ़ता है जिसके कारण यहां निम्नवायुदाब स्थापित हो जाता है निम्नवायुदाब की ये दशाये हिन्दमहासागर में चलने वाली व्यापारिक पवनों को अपनी और आकर्षित करती है। (क्योंकि पवने उच्चदाब से निम्नदाब की और चलती है।)
    ये पवने भूमध्य रेखा में दक्षिण में द॰ पूर्व दिशा से बहती है किन्तु भूमध्य रेखा पार करते समय कोरियोलिस बल के कारण इनकी दिशा द॰ पश्चिमी हो जाती है महासागर के ऊपर से गुजरने के कारण ये आर्द्र होती है। भारत में प्रवेश के दौरान ये दक्षिणी पश्चिमी हवायें दो भागों में बँट जाती है ऐसा भारत के प्रायद्वीपीय स्वरूप के कारण होता है।
    (1) अरब सागर की शाखा।
    (2) बंगाल की खाड़ी की शाखा।
  6. भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए:-
    उत्तर-
    1. शीत कालीन वर्षा का क्षेत्र (दक्षिण भारत)
    2. भारत में सबसे कम तापमान वाला स्थान (-45॰ डिग्री सेल्सियस)
    3. भारत में 100 से.मी. की समवर्षा रेखा
    4. शीतकाली वर्षा का क्षेत्र (उत्तर पश्चिम भारत)
  7. कोपेन के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश कौन से है?
    उत्तर-
     कोपेन के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश निम्नलिखित है :-
    1. लघु शुष्क ऋतु का मानसूनी प्रकार (Amw) : इस प्रकार की जलवायु पश्चिमी तट के साथ-साथ।
    2. ग्रीष्म ऋतु में शुष्क मानसूनी प्रकार (As) : इस प्रकार की जलवायु वाले प्रदेश का विस्तार कोरमंडल तट के साथ-साथ है ।
    3. उष्ण कटिबंधीय सवाना प्रकार की जलवायु (Aw) : तटवर्ती प्रदेश के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर लगभग पूरे प्रायद्वीपीय भारत में इस प्रकार की जलवायु पाई जाती है।
    4. अर्धशुष्क स्टेपी जलवायु (BShw) : प्रायद्वीप के अन्दर के भाग में तथा गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर के कुछ भागों में पाई जाती है ।
    5. उष्ण मरुस्थलीय प्रकार की जलवायु (BWhw) : इस प्रकार की जलवायु केवल राजस्थान के पश्चिमी भाग में पाई जाती है।
    6. शुष्क शीत ऋतु वाला प्रदेश (Cwg) : भारत के उत्तरी मैदान के अधिकतर भाग में यह जलवायु पाई जाती है ।
    7. ठंडी आद्र शीत ऋतु वाला प्रदेश (Dfc) : यह जलवायु पूर्वी क्षेत्र में पाई जाती है।
    8. धवीय जलवायु (E) : इस प्रकार की जलवायु कश्मीर और निकटवर्ती पर्वतीय श्रृंखलाओं में पाई जाती है।
  8. नीचे दी गई तालिका में भारत के तीन स्थानों क, ख तथा ग के तापमान एवं वर्षा के आकड़ों का अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
    1. किस स्थान का वार्षिक ताप परिसर सर्वाधिक है?
    2. किस स्थान की जलवायु सर्वाधिक सम है?
    3. किस स्थान में सबसे अधिक वर्षा पीछे हटते मानसून की ऋतु में होती हे?
    4. इन तीनों स्थानों में से कौन सा स्थान चेन्नई की जलवायु के आंकडे दर्शाता है ?
    5. कौन सा स्थान लेह के जलवायु आंकड़ों की प्रतिनिधित्व करता है?
    6. कौन सा स्थान वर्षा के दो उत्कर्ष दर्शाता है?
      भारत के नगरों का मासिक औसत तापमान और वर्षा
       मास
      स्थानज.फ.मा.अ.म.जू.जु.

      अ.

      सि.अ.न.दि.
      (i) ताप. वर्षा27
      2.3
      27
      2.1
      28
      3.9
      29
      10.9
      29
      20.8
      27
      35.6

      26
      22.3

      26
      14.6
      27
      13.8

      27
      37.3

      27
      20.6
      27
      7.5
      (ii) ताप. वर्षा-8
      1.0
      -7
      0.8
      -1
      0.8
      6
      0.5
      10
      0.5
      14
      0.5
      17
      1.3
      17
      1.3
      12
      0.8
      6
      0.5
      0
      0
      -6
      0.5
      (iii) ताप. वर्षा24.5
      4.6
      25.7
      1.3
      27.7
      1.3
      30.4
      1.8
      33.0
      3.8
      32.5
      4.5
      31
      8.7
      30.2
      11.3
      29.8
      11.9

      28
      30.6

      25.9
      35.0
      24.7
      13.9
    उत्तर-
    1. 'ख' स्थान का वार्षिक ताप परिसर सर्वाधिक है।'
    2. क' स्थान की जलवायु सर्वाधिक सम है ।
    3. 'ग' स्थान पर पीछे हटते मानसून की ऋतु में वर्षा होती है ।
    4. 'ग' स्थान चेन्नई की जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है ।
    5. 'ख' स्थान लेह की जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है ।
    6. 'क' स्थान वर्षा के दो उत्कर्ष दर्शाता है।


CBSE कक्षा 11 (भाग-ख)
पाठ-4 जलवायु
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


लघु प्रश्न (3 अंक वाले)

  1. भारतीय मौसम तंत्र को प्रभावित करने वाले तीन महत्वपूर्ण कारक कौन से है?
    उत्तर- भारतीय मौसम तंत्र को प्रभावित करने में वायुदाब एवं पवन संबंधी कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इनका अध्ययन अति आवश्यक है।
    1. दाब तथा वायु धरातलीय वितरण
    2. ऊपरी वायु परिसंचरण, वायुराशियों का अंतप्रवाह जैट प्रवाह
    3. शीत ऋतु में पश्चिमी विक्षोभों तथा वर्षा ऋतु में उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों में वर्षा
  2. अतः उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आईटीसीजैड) क्या है?
    उत्तर- 
    • भूमध्य रेखा के निकट वह कटिबंध है जहां उत्तरी गोलार्द्ध से उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवने तथा दक्षिणी गोलार्द्ध से दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनें आपस में मिलती हैं।
    • सूर्य की लम्बवत् किरणों के साथ इसकी स्थिति में परिवर्तन होता रहता है ग्रीष्मकाल में इसकी स्थिति उत्तर में कर्क रेखा के निकट तथा शीतकाल में मकर रेखा के निकट होती है।
    • ग्रीष्म ऋतु में इसकी स्थिति 25° अंश उत्तरी अंक्षाश पर होती है जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण पूर्वी व्यापारिक पवनें भूमध्य रेखा को पार करके दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के रूप में भारत में प्रवेश करती है।
  3. जेट-प्रवाह क्या है? इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
    उत्तर- क्षोभमंडल मे भूपृष्ठ से लगभग 12 किमी की ऊंचाई पर क्षैतिज दिशा में तेज गति से चलने वाली वायुधाराओं को जेट वायु प्रवाह कहते हैं।
    1. शीत ऋतु में अत्यन्त लाभकारी वर्षा वाले पश्चिमी विक्षोभों को भारत में जाने का काम यही जेट-स्ट्रीम करती है। जेट स्ट्रीम में अपनी स्थिति में परिवर्तन के कारण ही ये विक्षोभ भारत में प्रवेश पाते हैं।
    2. इसी प्रकार पूर्वी जेट-प्रवाह उष्ण - कटिबंधीय चक्रवातों को भारत की ओर आकर्षित करता है
  4. भारतीय मानसून की प्रमुख विशेषताएं बताइए?
    उत्तर- भारतीय मानसून की तीन प्रमुख विशेषताएं है।
    1. ऋतु के अनुसार वायु की दिशा में परिवर्तन होना।
    2. मानसून पवनों का अनिश्चित तथा संदिग्ध (अनियमित) होना।
    3. मानसून पवनों के प्रादेशिक स्वरूप में भिन्नता होते हुए भी भारतीय जलवायु को व्यापक एक रूपता प्रदान करना।
  5. मानसून प्रस्फोट से आपका क्या अभिप्राय है?
    उत्तर- आर्द्रता से लदी पवनें जब अत्याधिक भारी हो जाती है तो अपनी अधिशेष नमी को अत्याधिक गर्जन के साथ छोड़ती है। जो मूसलाधार वर्षा के रूप से धरातल पर पहुंचती है। यह वर्षा इतनी अधिक होती है कि कुछ ही घंटो में एक विस्तृत क्षेत्र को बाढ़कृत कर देती है। दक्षिण पश्चिमी मानसून द्वारा वर्षा अक्समात् ही शुरू हो जाती है। मानसून के इस अकस्मात् आरम्भ को ही मानसून प्रस्फोट कहते हैं।
  6. मानसून में विच्छेद किसे कहते हैं?
    उत्तर- मानसून में विच्छेद जब पवनें दो सप्ताह या इससे अधिक अवधि के लिए वर्षा करने में असफल रहती है तो वर्षा काल में शुष्क दौर आ जाता है, इसे मानसून का विच्छेद कहते हैं। इसका कारण या तो उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों में कमी आना या भारत में अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति में परिवर्तन आना है। पश्चिमी तटीय भाग में शुष्क दौर तब आता है जब वाष्प से लदी हुई वायु राशि तट के समान्तर चलती है। पश्चिमी राजस्थान में तापमान की विलोमता जलवाष्प से लदी हुई वायु को ऊपर उठने से रोकती है और वर्षा नही होती।
  7. जलवायु प्रदेश क्या होते है? कोपेन की पद्धति के प्रमुख आधार कौन-से है?
    उत्तर- जलवायु प्रदेश उस भूभाग को कहते है। जहाँ जलवायु के तत्वों के संयुक्त प्रभाव से जलवायु की एक जैसी दशाएं पायी जाती है। कोपेन के वर्गीकरण का मुख्य आधार है तापमान और वर्षा है।
  8. उत्तर पश्चिमी भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को किस प्रकार के चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है? वे चक्रवात कहां उत्पन्न होते है?
    उत्तर- उत्तर-पश्चिमी भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को पश्चिमी दिशा में आने वाले चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है। इन चक्रवातों को पश्चिमी विक्षोभ कहते है और यह भूमध्य सागर से उत्पन्न होते है।
  9. संसार में सर्वाधिक वर्षा मौसिनराम में क्यों होती है?
    उत्तर- मानसून की बंगाल की खाड़ी की शाखा गंगा के डेल्टा को पार करके मेघालय की गारो, खाती तथा जयन्तिया की पहाड़ियों की आकृति कीप आकार की सी है। जिसमें वायु को एकदम ऊंचा उठना पड़ता है और इससे भारी वर्षा होती है। यहां पर स्थित चेरापूंजी में 1102 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा होती है जो अभी तक विश्व की सबसे अधिक मानी गई थी परन्तु नवीनतम आकड़ो के अनुसार चेरापूंजी के पश्चिम में 16 कि.मी. की दूरी पर स्थित मौसिन राम के स्थान पर 1221 से.मी. वार्षिक वर्षा रिकार्ड की गई है जो विश्व में सर्वाधिक है।
  10. तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में जाड़े के मौसम में अधिक वर्षा क्यों होती है?
    उत्तर- भारत का पूर्वी तट विशेषतः तमिलनाडु तट दक्षिण-पश्चिम मानसून द्वारा वर्षा प्राप्त नही करता है कि तमिलनाडु के तट बंगाल की खाड़ी की मानसून शाखा के समान्तर है और अरब सागर की धारा के वृष्टि क्षेत्र में स्थित है। इसलिए यहाँ उत्तर-पूर्व से लौटते मानसून की धारा बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों के प्रभावधीन शीत ऋतु में यहां वर्षा करती है।



CBSE कक्षा 11 (भाग-ख)
पाठ-4 जलवायु
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


एक अंक वाले प्रश्न- (1 अंक वाले)

  1. भारत में सबसे ठंडा स्थान कौन सा है?
    उत्तर- दरास (द्रास) न्यूनतम तापमान -40 डिग्री।
  2. उत्तर पश्चिमी भारत में शीत कालीन वर्षा का क्या कारण है?
    उत्तर- पश्चिमी विक्षोभ।
  3. मानसून पूर्व का वह कौन सा स्थानीय तूफान है जो कहवा की कृषि के लिए उपयोगी होता है?
    उत्तर- फूलो वाली बौछार (चेरी ब्लोसम)
  4. जाड़े के आरंभ में तमिलनाडु के तटीय प्रदेशो में वर्षा किस कारण होती है?
    उत्तर- उत्तर-पूर्वी मानसून
  5. भारत में कौन-सा स्थान सर्वाधिक वार्षिक वर्षा प्राप्त करता है?
    उत्तर- मौसिनराम
  6. कोपेन द्वारा भारत के जलवायु वर्गीकरण के क्या आधार है?
    उत्तर- तापमान एवं वृष्टि के मासिक मान
  7. कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में AS प्रकार की जलवायु कहां पाई जाती है?
    उत्तर- कोरोमंडल तट पर
  8. प्रश्न 8. केरल व तटीय कर्नाटक में मानसून पूर्व की स्थानीय तूफानी वर्षा को क्या है? यह वर्षा आमों को जल्दी पकने में सहायता करती है।
    उत्तर- आम्र वृष्टि (वर्षा)
  9. असम और पश्चिम बंगाल में बैशाख के महीने में शाम को चलने वाली भंयकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवने कहलाती है?
    उत्तर- काल बैसाखी
  10. उत्तरी मैदान में पंजाब में बिहार तक चलने वाली शुष्क, गर्म व पीड़ादायक पवनें कहलाती है?
    उत्तर- लू