वसंत यह सबसे कठिन समय नहीं - नोट्स

CBSE पुनरावृति नोट्स
CLASS - 8 hindi
पाठ - 8 
यह सबसे कठिन समय नहीं

- जया जादवानी
पाठ का सारांश- इस कविता में मनुष्य को यह समझाने का प्रयास किया गया है कि यह (वर्तमान) सबसे कठिन समय नहीं है। अभी तो हमारे आस-पास आशान्वित करनेवाले अनेक कारक हैं। अब इन लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है। बस आवश्यकता है तो ईमानदारी से प्रयास करने की। अभी हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है।
कवयित्री जया जादवानी द्वारा रचित इस कविता में मानव को इन परिस्थितियों में भी निराश होने की सलाह दी गई है। कवयित्री मनुष्य से कहती है कि यह सबसे कठिन समय नहीं है। यह सिद्ध करने के लिए वह अनेक दृष्टांत प्रस्तुत करती है। वह कहती है कि चिड़िया अपनी चोंच में तिनका दबाए उड़ने की तैयारी में है। पेड़ से गिरने वाली पत्ती को थामने के लिए कोई हाथ तैयार बैठा है। अर्थात किसी गिरते व्यक्ति को सहारा देने के लिए अब भी लोग तैयार हैं। उनके मन में मदद करने की भावना है। रेलवे स्टेशन पर अभी भी भीड़ है। रेलगाड़ी अपने गंतव्य पर जाने को तैयार है। वहाँ पहुँचते ही कोई किसी के इंतज़ार में बैठा है कि उसका प्रियजन आ रहा होगा। शाम को सूरज ढलने का वक्त होते ही कोई किसी के इंतज़ार में व्याकुल हो जाता है। कविता में सदियों से दादी-नानी द्वारा कहानी सुनाने का वर्णन है। अंत में कवयित्री कहती है कि जो बस लोगों को लेकर गई थी, वहाँ पर कार्य करते हुए कुछ लोग मारे गए, किंतु जो बचे हैं उनकी खबर लेकर बस आने वाली है। ये लोग अंतरिक्ष के पार की नई-नई जानकारियाँ लेकर आएँगे। संसार में जब अभी इतना कुछ हो रहा है, तथा होने को है तो कहा जा सकता है कि यह सबसे कठिन समय नहीं है। ऐसे में किसी को भी निराश होने की आवश्यकता नहीं है।