भारत के सन्दर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                           CBSE Class 12 Geoagraphy

Important Questions 
(भाग 2)
पाठ – 9
भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास


संक्षेप में उत्तर दे:-

प्र-1 प्रथम पंचवर्षीय योजना कब प्रारंभ हुई और इसकी अवधि क्या थी?

उत्तर- यह 1951 में प्रारंभ हुई और इसकी अवधि 1951 से 1956 तक थी ।

प्र-2 11 वीं पंचवर्षीय योजना के उपागम प्रपत्र का शीर्षक क्या है?

उत्तर- “तीव्रता के साथ और अधिक सम्मिलित वृद्धि की ओर ।”

प्र-3 पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम कब प्रारंभ किया गया?

उत्तर- पाँचवी पंचवर्षीय योजना में ।

प्र-4 सूखा संभावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम की शुरूआत किस पंचवर्षीय योजना में की गई?

उत्तर- चौथी पंचवर्षीय योजना में ।

प्र-5 भरमोर जनजातीय क्षेत्र में किस जनजाति के लोग रहते हैं?

उत्तर- गद्दी जनजाति ।

प्र-6 “द पापुलेशन बम” नामक पुस्तक कब और किसने लिखी?

उत्तर- 1968 में एहरलिच ने ।

प्र-7 “द लिमिट टू ग्रोथ” कब और किसने प्रकाशित की?

उत्तर- 1972 में मिडोस ने ।

प्र-8 “अवसर कॉमन फ्युचर” रिपोर्ट किस आयोग ने प्रकाशित की?

उत्तर- विश्व पर्यावरण और विकास आयोग ने ।

प्र-9 इंदिरा गांधी नहर की संकल्पना कब और किसेन की?

उत्तर- 1984 में कँवर सेने ने ।

प्र-10 इंदिरा गांधी नहर कहाँ से निकलती है?

उत्तर- पंजाब से हरिक बाँध से ।

प्र-11 नियोजन का अर्थ स्पष्ट करो ।

उत्तर- नियोजन एक प्रक्रिया है जिसमें सोच विचार का कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार करना तथा उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु गतिविधियों का क्रियान्वयन सम्मिलित है ।

प्र-12 खण्डीय नियोजन किसे कहते है? (बोर्ड परीक्ष 2013)

उत्तर- खण्डीय नियोजन का अर्थ है - अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों जैसे - कृषि, सिंचाई, विनिर्माण, ऊर्जा, परिवहन, संचार, सामाजिक अवसरंचना और सेवाओं के विकास के लिए कार्यक्रम बनाना और उन्हें लागू करना ।

प्र-13 आर. टी. डी. पी. कार्यक्रम का पूरा नाम क्या है?

उत्तर- समन्वित जनजातीय विकास कार्यक्रम ।


लघु - प्रश्नोत्तर

प्र-1 ‘भारत में सूखा संभावी क्षेत्रों में समन्वित जल - संभर विकास कार्यक्रम अपनाना जरूरी है । इस कथन की उपर्युक्त तथ्यों सहित व्याख्या करो ।

उत्तर- भारत में सूखा संभावी क्षेत्रों में समन्वित जल संभर विकास कार्यक्रम अपनाना जरूरी है -

  • सूखा संभावी क्षेत्रों में वैकल्पिक रोजगार के अवसर जुटा कर ।
  • इन क्षेत्रों में जल, मिट्टी, पौधों, मानव तथा पशु जनसंख्या के मध्य पारिस्थितिकीय सन्तुलन करके ।
  • पारिस्थितिकीय निम्नीकरण को रोकने के उपाय बताकर ।

प्र-2 भरमौर जन जातीय क्षेत्र की अर्थव्यवस्था व समाज को बुरी तरह प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से है?

उत्तर- भरमौर जनजातीय क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के दो तहसीले भरमौर और होली शामिल हैं । भारमौर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारक हैं –

  • भारमौर जनजातीय क्षेत्र की जलवायु कठोर है ।
  • पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहाँ संसाधन बहुत कम है ।
  • पर्यावरण भगुंर है, कमजोर है ।

प्र-3 ‘लक्ष्य क्षेत्र नियोजन’ में पिछड़े क्षेत्रों के लिए क्या - क्या कार्यक्रम रखे गए है?

उत्तर- भारत में जो क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए । एक क्षेत्र का आर्थिक विकास उसके संसाधनों पर आधारित होता है लेकिन कभी - कभी संसाधनों से भरपूर क्षेत्र भी पिछुड़े रह जाते हैं । आर्थिक विकास के लिए संसाधनों के साथ – साथ तकनीक और निवेश की भी आवश्यकता होती है । इसके लिए भारत में कई कार्यक्रम योजना आयोग द्वारा रखे / शुरू किए गए है:-

  • कमान नियन्त्रि क्षेत्र विकास कार्यक्रम ।
  • सूखाग्रस्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम ।
  • पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम ।

प्र-4 पिछडे हुए क्षेत्रों में विकास के क्या सूझाव दिए गए हैं?

उत्तर- राष्ट्रीय समिति ने पिछ़डे क्षेत्रों के विकास के लिए कई सुझाव दिए है:-

1. सभी लोग लाभान्वित हों, केवल प्रभावशाली व्यक्ति ही नहीं,

2. स्थानीय संसाधनों और प्रतिभाओं का विकास हो,

3. जीविका - निर्वाह अर्थव्यवस्था को निवेश - उन्मुखी बनाना ।

4. पारिस्थतिकीय सन्तुलन बनाए रखना ।

5. पिछडे़ क्षेत्रों की बाज़ार व्यवस्था में सुधार करके श्रमिकों को लाभ पहुँचाना ।

प्र-5 इंदिरा गांधी नहर कमाण्ड क्षेत्र से क्या अभिप्राय है? इस क्षेत्र की स्थिति तथा विस्तार बताओ।

उत्तर- इंदिरा गांधी नहर थार मरूस्थल के विकास के लिए बनाई गई नहर है । यह संसार के बहुत बड़े नगर तन्त्रों में से एक है । इस नहर का कमाण्ड क्षेत्र राजस्थान के थार मरूस्थल के उत्तर पश्चिमी भाग में श्री गंगा नगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर तथा चुरू जिलों में स्थित है । यह पाकिस्तान की सीमा रेखा के साथ ही फैला हुआ है ।

प्र-6 भारत के विकास में प्रादेशिक विषमताओं की प्रमुख विशेषताओं का विवरण दीजिए ।

उत्तर- भारत के विकास में प्रादेशिक विषमताएं साफ झलकती हैं । इनकी प्रमुख विशेषताएं है:-

1. आन्तरिक भागों की तुलना में तटीय प्रदेश अधिक निर्धन है ।

2. व्यापारिक कृषि के क्षेत्र में विकास अधिक व्यापक है । पंजाब व केरल के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में विषमता कम है ।

3. जनजातीय क्षेत्र अभी भी कम विकसित हैं ।

4. भौतिक बाधाओं जैस शुष्क जलवायु, ऊबड़ - खाबड़ पर्वतीय व पठारी भूमि तथा बाढ़ से पीड़ित क्षेत्र आदि पिछड़े हुए हैं ।

5. भिन्न - भिन्न क्षेत्रों में साक्षरता दर में भी काफी विषमताएँ है और स्त्रियों की साक्षरता दर में भी काफी भिन्नता है ।


लघु प्रश्नोत्तर

प्र-7 पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए बनी राष्ट्रीय समिति ने कौन सी बातों को ध्यान में रखकर पहाड़ी क्षेत्रों में विकास के लिए सुझाव दिए? छः बिन्दुओं में वर्णन करे?

उत्तर- 1) सभी लोग लाभान्वित हो केवल प्रभावशाली अथवा साधन सम्पन्न व्यक्ति ही नहीं ।

2) स्थानीय संसाधनों और प्रतिभाओं का विकास ।

3) जीविका निर्वाह अर्थव्यस्था को निवेशेन्मुखी बनाना ।

4) अंत प्रादेशिक व्यापार में पिछड़े क्षेत्रों का शोषण न करना ।

5) पिछड़े क्षेत्रों की बाजार व्यवस्था में सुधार करके श्रमिकों को लाभ पहुँचाना।

6) परिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखना ।

प्र-8 सतत पोषणीय विकास क्या है? इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र का दो बिन्दुओं में वर्णन कीजिए।

उत्तर- “एक ऐसा विकास जो भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता पूर्ति को प्रभावित किए बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा आवश्यकता की पूर्ति हेतु किया जाता है, सतत् पोषणीय विकास कहलाता है ।

1. इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र देश का सबसे बड़ा नहर तंत्र है । यह नहर पंजाब के हरिके से निकलकर राजस्थान के थार मरूस्थल में पाकिस्तान सीमा के समानान्तर 40 कि. मी. की औसत दूरी पर बहती है ।

2. नहर द्वारा सिंचित क्षेत्र के विस्तार से बोए गए क्षेत्र में विस्तार हुआ है और सिचांई से गहन कृषि सम्भव हुई है। यहाँ की पारम्परिक फसलों जैसे चना, बाजरा व ज्वार का स्थान गेहूँ, कपास, मूंगफली और चावल ने लिया है ।

प्र-9 राजस्थान की शुष्क - भूमियों में इंदिरा गांधी नहर सिंचाई के शुरू होने से इस प्रदेश की पर्यावरणीय दशाओं पर किस प्रकार सकारात्मक प्रभाव पड़े है । कोई तीन बिन्दु दें?

उत्तर- 1. इंदिरा गांधी नहर सिंचाई के प्रसार ने राजस्थान के शुष्क क्षेत्र की परिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था और समाज को रूपान्तरित कर दिया है ।

2. लम्बी अवधि तक मृदा नमी उपलब्ध होने और कमान क्षेत्र विकास अधीन शुरू किए गए वनीकरण और चारागाह विकास कार्यक्रमों से यहाँ भूमि हरी भरी हो गई है ।

3. भूमि हरी भरी होने से वायु अपरदन और नहरी तन्त्र में वायु निक्षेप की प्रक्रियाएं भी धीमी पड़ गई है ।

4. इंदिरा गांधी नहर द्वारा सिंचित क्षेत्र के विस्तार से बोए गए क्षेत्र में विस्तार हुआ है और फसलों की सघनता में वृद्धि हुई है ।


विस्तृत प्रश्नोत्तर

प्र-1 विकास एक बहु - आयामी संकल्पना है और अर्थव्यवस्था समाज तथा पर्यावरण में सकारात्मक व अनुत्क्रमणीय परिवर्तन का द्योतक है । इस कथन की पुष्टि भारत में उपयुक्त तर्कों की मदद से कीजिए?

उत्तर- 1. साधारणत:- विकास शब्द से अभिप्राय समाज की स्थिति और उसके द्वारा अनुभव किए गए परिवर्तन की प्रक्रिया से होता है ।

2. मानव इतिहास के लम्बे अन्तराल में समाज और उसके जैव:- भौतिक पर्यावरण की निरंतर अंतः क्रियाएं समाज की स्थिति का निर्धारण करती हैं ।

3. मानव और पर्यावरण अन्तः- क्रिया की प्रक्रियाएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि समाज में किस प्रकार की संस्थाओं का पोषण किया है ।

प्रोद्योगिकी और संस्थानों ने मानव:- पर्यावरण अन्तः क्रिया को गति प्रदान की है तो इससे पैदा हुए संवेग ने प्रौद्योगिकी का स्तर ऊंचा उठाया है और अनेक संस्थाओं का निर्माण और रूपान्तरण किया है ।

5 विकास की संकल्पना में लोगों के कल्याण और रहने के स्तर, जन स्वास्थय, शिक्षा, समान अवसर और राजनैतिक तथा नागरिक अधिकारों से सम्बन्धित मुद्दे भी शामिल किए गए है।

प्र-2 भारत में पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम उनके स्थलाकृतिक पारिस्थतिकीय, सामाजिक तथा आर्थिक दशाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए है । इस कथन की पुष्टि उपयुक्त व्याख्या सहित कीजिए?

उत्तर- 1. पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रमों को पांचवी पंचवर्षीय योजना में प्रारंभ किया गया ।

2. 1981 में पिछड़े क्षेत्रों पर राष्ट्रीय समिति ने उन सभी पर्वतीय क्षेत्रों को पिछड़े पर्वतीय क्षेत्रों में शामिल करने की सिफारिश की जिनकी ऊँचाई 600 मी. से अधिक है जिनमें जनजातीय उप - योजना लागू नहीं है ।

3. पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए बनी राष्ट्रीय समिति के अनेक बातों को ध्यान में रखकर पहाड़ी क्षेत्रों में विकास के लिए सुझाव दिए ।

4. पहाड़ी क्षेत्र में विकास की विस्तृत योजनाएं इनके स्थलाकृतिक, पारिस्थितिकीय, सामाजिक और आर्थिक दशाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई ।

5. यह कार्यक्रम पहाड़ी क्षेत्रों में बागवानी का विकास, रोपण, कृषि, पशुपालन, मुर्गीपालन, वानिकी, लघु तथा ग्रामीण उद्योगों को विकास करने के लिए स्थानीय संसाधनों को उपयोग में लाने के उद्देश्यसे बनाए गए ।

प्र-3 “भारत में सूखा संभावी क्षेत्रों के विकास की रणनीति मे जल, मिट्टी, पौधो मानव तथा पशु जनसंख्या के बीच पारिस्थितिकीय सन्तुलन को पुन: स्थापन पर मुख्य रूप से ध्यान देना चाहिए । इस कथन की उपयुक्त तथ्यों सहित व्याख्या कीजिए?

उत्तर- 1. सूखा संभावी क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना ।

2. सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए उत्पादन के साधनों को विकसित करना ।

3. सिंचाई परियोजनाओं, भूमि विकास कार्यक्रमों, वनीकरण, चारागाह विकास पर बल देना ।

4. सूखा संभावी क्षेत्र के आधारभूत ग्रामीण ढाँचा जैसे विद्युत, सड़क, बाजार, ऋण, सुविधाओं और सेवाओं पर बल दिया गया ।

5. इन क्षेत्रों के विकास की रणनीति में सूक्ष्म स्तर पर समन्वित जल संभर विकास कार्यक्रम अपनाकर पारिस्थिकीय सन्तुलन को पुन: स्थापित किया जाना शामिल है ।

प्र-4 इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत् पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक किन्ही पाँच उपायों का वर्णन कीजिए?

उत्तर- 1. जल प्रबन्धन नीति का कठोरता से कार्यान्वयन करना ।

2. सामान्यत: जल सघन फसलों को नहीं बोना चाहिए ।

3. कमान क्षेत्र विकास कार्यक्रम जैसे नालों को पक्का करना, भूमि विकास तथा समतलन और वाराबन्दी पद्धति प्रभावी रूप से कार्यान्वित की जाए ताकि बहते जल की क्षति मार्ग से कम हो सके ।

4. जलाक्रान्त एवं लवण से प्राप्त भूमि का पुनरूद्धार किया जाए ।

5. वनीकरण, वृक्षो की रक्षण मेखला का निर्माण और चारागाह विकास, परितन्त्र विकास से लिए अति आवश्यक है ।

प्र-5 नियोजन के दो उपगमनों का वर्णन कीजिए । हिमाचल प्रदेश के भरमोर क्षेत्र में समन्वित जनजातीय विकास परियोजना के अन्तर्गत अवसंरचना के विकास में तीन महत्वपूर्ण योगदानों तथा किन्ही तीन सामाजिक लाभों की उपलब्धियों को बताए?

उत्तर- नियोजन के दो उपगमन (1) खंडीय नियोजन (2) प्रादेशिक नियोजन

खंडीय नियोजन:- इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न खंडो जैसे कृषि, सिचांई, विनिर्माण ऊर्जा, निर्माण, परिवहन, संचार सामाजिक अवसंरचना और सेवाओं के विकास के लिए कार्यक्रम बनाना तथा उनको लागू करना ।

प्रादेशिक नियोजन:- इसका उद्देश्य विकास के संदर्भ में प्रादेशिक असमानताओं को दूर करना है । किसी भी देश में सभी क्षेत्रों में एक समान आर्थिक विकास नहीं हुआ है । विकास का यह असमान प्रतिरूप् सुनिश्चित करता है कि नियोजक एक स्थानिक परिप्रेक्ष्य अपनाएं तथा विकास में प्रादेशिक असंतुलन कम करने के लिए योजना बनाएं ।

समान्वित जनजातीय विकास परियोजना के अन्तर्गत अवसंरचना के विकास में योग्यदानः-

(1) विद्यालयों की स्थापना तथा स्वास्थय सेवाओं का विस्तार करना ।

(2) पेयजल तथा विद्युत की व्यवस्था करना ।

(3) सड़कों और संचार के साधनों का विकास करना ।

समन्वित जनजातीय विकास परियोजना के अन्तर्गत सामाजिक लाभो की उपलब्धियां

(1) साक्षरता दर में तेजी से वृद्धि ।

(2) लिंग अनुपात में सुधार ।

(3) बाल - विवाह की घटनाओं में कमी ।