बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                           CBSE class 11 इतिहास

पाठ-7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अति लघु प्रश्न (2 अंक वाले)

  1. इटली के तटवर्ती बंदरगाहों के पुनर्जीवित होने के दो मुख्य कारण बताइये।
    उत्तर- बाइज़ेंटाइन साम्राज्य और इस्लामी देशों के बीच व्यापार मंगोलों का चीन के साथ व्यापार
  2. रेनेसाँ व्यक्ति’ शब्द की व्याख्या कीजिए।
    उत्तर- वह मनुष्य जिसकी अनेक रुचियाँ हो अनेक हुनर में उसे महारथ प्राप्त हो।
  3. वेनिस और जेनेवा यूरोप के अन्य क्षेत्रों से किस प्रकार भिन्न थे?
    उत्तर- धर्माधिकारी और सामन्त राजनीतिक दृष्टि से शक्तिशाली नहीं थे। नगर के धनी व्यापारियों और महाजनों का शासन में सक्रिय भाग।
  4. दि पाइटा’ नामक चित्र के चित्रकार कौन हैं? इसमें क्या दर्शाया गया है?
    उत्तर- माइकल ऐंजिलो, मेरी को ईसा का शरीर धारण करते हुए।
  5. यथार्थवाद से क्या अभिप्राय है?
    उत्तर- यथार्थ चित्र बनाने की कोशिश शरीर विज्ञान, रेखागणित, भौतिकी तथा सौंदर्य की उत्कृष्ट भावना ने इतालवी कला को नया रूप दिया जिसे बाद में यथार्थवाद कहा गया।
  6. 15वीं शताब्दी में किन लोगों को मानवतावादी कहा गया?
    उत्तर- ‘वे जो भौतिक सम्पत्ति गौरव और शक्ति से आकृष्ट वे जिनकी अच्छे व्यवहारों के प्रति दिलचस्पी थी।
  7. पाप स्वीकारोक्ति नामक दस्तावेज क्या था?
    उत्तर- चर्च द्वारा जारी दस्तावेज जो व्यकित को उसके सभी पापों से मुक्ति दिला सकें।
  8. सूर्य केंद्रित सौरमंडलीय सिद्धांत क्या था?
    उत्तर- सूर्य स्थिर है और पृथ्वी समेत सारे गृह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
  9. मार्टिन लूथर किंग कौन थे?
    उत्तर- जर्मन युवा भिक्षु जिन्होंने चर्च कैथोलिक चर्च के विरुद्ध अभियान छेड़ा।

लघु प्रश्न (4 अंक वाले)

  1. विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में अरबियों के योगदान की व्याख्या कीजिए।
    उत्तर- अतीत की पाण्डुलिपियों का संरक्षण तथा अनवाद इब्न सिना तथा इब्न रुश्द का योगदान। अनुवादों के जरियें इक्का प्रचार-प्रसार।
  2. पैट्रार्क के विचारों के परिप्रेक्ष्य में मानवतावादी विषयों के अध्ययन के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर- पैट्रार्क के विचारों के अनुसार पुराकाल एक विशिष्ट सभ्यता जिसे प्राचीन यूनानियों और रोमनों के वास्तविक शब्दों के माध्यम से ही अच्छी तरह समझा जा सकता था। अतः प्राचीन लेखकों की रचनाओं के अध्ययन की आवश्यकता।
  3. मुद्रण ने किस प्रकार मानवतावादी संस्कृति के प्रसार में सहायता की?
    उत्तर- मुद्रण के कारण जो कुछ भी इटली में लिखा गया, विदेशों तक पहुंचा। विचार, मत और ज्ञान का तेजी से प्रसारण हुआ। मुद्रण से पहले कुछ ही हस्तलिखित प्रतियां।
  4. मध्यकालीन यूरोपीय समाज में महिलाओं की स्थिति स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर- पारिवारिक निर्णयों में तथा सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी नहीं। कारोबार चलाने में महिलाओं की कोई राय नहीं यद्यपि दहेज को कारोबार में लगाया जाता था। व्यापारी महिलाओं की स्थिति भिन्न। कुछ अपवाद भी।
  5. कॉन्सटेन्टाइन के अनुवाद नामक दस्तावेज क्या था? मानवतावादी विद्वानों की इसके प्रति प्रतिक्रिया से चर्च के विरोधी राजाओं को खुशी क्यों हुई?
    उत्तर- संभवतः प्रथम ईसाई रोमन सम्राट कान्स्टैंनटाइन द्वारा जारी न्यायिक और वित्तीय शक्तियों पर पादरियों का दावा मानवतावादी विद्वान यह दर्शाने में सफल रहे कि यह दस्तावेज असली नहीं अपितु परवर्ती काल में जालसाजी द्वारा तैयार- यह राजाओं की खुशी का कारण।
  6. ब्रह्माण्ड के प्रति कोपरनिकस के सूर्य-केंद्रित सौरमंडलीय सिद्धांत तथा ईसाइयों के विश्वास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर- कोपरनिकस का सिद्धांत- सूर्य स्थिर है, पृथ्वी समेत सारे ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर काटते हैं। ईसाइयों का विश्वास- पृथ्वी पापों से भरी है और पापों की अधिकता के कारण वह स्थिर है। पृथ्वी ब्रह्माण्ड के बीच में स्थिर है। जिसके चारों ओर खगोलीय ग्रह घूम रहे हैं।
  7. ईसाई मानवतावादी इंग्लैंड के टॉमस मोर और हालंडै के इरेस्मस की चर्च के प्रति क्या अवधारणा थी?
    उत्तर- चर्च लालची और लूट खसोट वाली संस्था। पाप स्वीकारोक्ति दस्तावेज धन ठगने का तरीका। कान्स्टैनटाइन के अनवा द नामक दस्तावेज जालसाजी द्वारा तैयार किसानों पर लगाए गए कर अधिक और अनुचित।


दीर्घ प्रश्न (8 अंक वाले)

  1. चौदहवीं शताब्दी को ‘पुनर्जागरण’ काल कहना कहाँ तक उचित है?
    उत्तर- 
    1. अब पुनर्जागरण की अवधारणा पर पुनर्विचार।
    2. प्रश्न यह कि क्या पहले का काल 12 वीं व 13 वीं सदी अंधकार का काल था।
    3. इंग्लैंड के पीटर बर्क का सुझाव कि बर्कहार्ट के विचार अतिश्योक्तिपूर्ण।
    4. इस काल और पहले के कालों के फर्क को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया।
    5. पुनर्जागरण गतिशीलता व कलात्मक सृजनशीलता का काल तथा मध्यकाल अंधकारमय काल सही नहीं।
    6. इटली में पुनर्जागरण से जुड़े तत्व 12 वीं व 13 वी सदी में फ्रांस में साहित्यिक व कलात्मक रचनाओं के विचार पनपे।
    7. इस समय के बदलावों में केवल रोम व यूनान की क्लासिकी सभ्यता का हाथ नहीं बल्कि एशिया की विकसित प्रौद्योगिकी व कार्य कुशलता का भी हाथ विकसित प्रौद्योगिकी व कार्य कुशलता का भी हाथ।
    8. विश्व का बड़ा क्षेत्र आपस में संबद्ध हो चुका था।
    9. वास्तव में यूरोप के प्रारंभिक इतिहासकारों ने पुनर्जागरण पर यूरोप केन्द्रित दृष्टिकोण ही रखा।
  2. यूरोप के सर्वप्रथम विश्वविद्यालय इटली में क्यों स्थापित हुए? उन्होंने मानवतावादी विचारधारा के प्रसार में क्या योगदान किया?
    उत्तर- सबसे पहले विश्वविद्यालय इटली में स्थापित होने के कारण -
    1. 20वीं सदी से पादुआ व बोलोनिया नगर व्यापार व वाणिज्य से संबंधित।
    2. वकीलों व नोटरी की बड़े पैमाने के व्यापार के लिये नियमों को लिखने व्याख्या करने व समझौते तैयार करने के लिये आवश्यकता।
    3. अतः पादुआ व बोलोनिया विश्वविद्यालय विधिशास्त्र अध्ययन के केन्द्र।
    4. फ्रांचेस्को पेट्रार्क के प्रयत्नों से कानून रोमन संदर्भ में पढ़ा गया व वहां के प्राचीन लेखकों की रचनाओं केा भी।
    5. नई संस्कृति में धार्मिक शिक्षण के परे भी ज्ञान की अवधारणा।
    6. पेट्रार्क के स्थायी नगर निवास फ्रलोरेंस में भी विश्वविद्यालय, मानवतावादी विचारधारा का प्रसार।
    7. नये विश्वविद्यालयों मे व्याकरण, अलंकारशास्त्र, कविता, इतिहास व नीतिदर्शन विषय।
    8. इन विषयों को पढ़ाने वाले अध्यापक मानवतावादी कहलाए।
    9. ये विषय धार्मिक नहीं वरन् उस कौशल पर बल देते जो व्यक्ति के चर्चा व वाद-विवाद से विकसित।
    10. हयूमेनिटिज लातिनी शब्द हयूमेनिटास से बना।
    11. मानवतावादी विचारधारा के प्रसार में इटली के जीवंत बौद्धिक नगरों का योगदान उल्लेखनीय। दांते व जोटो का योगदान।
  3. चौदहवीं और सत्रहवीं शताब्दी के मध्य यूरोपीय सभ्यता में आए परिवर्तन और विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
    उत्तर- 
    नगरों की संख्या में वृद्धि हो रही थी। नगरीय सभ्यता का विकास हो रहा था। फ्लोरेन्स, वेनिस और रोम, कला और विद्या के केन्द्र बन गए।
    राजाओं और चर्च ने नगरों को कुछ स्वायत्ता दे दी थी। अमीर और अभिजात वर्ग कलाकारों को सहायता प्रदान करते थे। मुद्रण (छाप खाना) के आविष्कार से पुस्तकें लोगों को प्राप्त होने लगी। प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छानुसार धर्म चुन सकता था। पुस्तकें छपने से लोगों के ज्ञान में वृद्धि होने लगी थी। भूमध्य सागर विश्व का केन्द्र है। यह विचार गलत सिद्ध हो चुका था।
  4. इसाई धर्म के अंतर्गत वाद-विवाद क्यों हुआ और इसके क्या परिणाम हुए?
    ​​उत्तर-​ 
    अनावश्यक कर्म कांडों को त्यागने को कहा।
    ईसाइयों को अपने पुराने धर्म ग्रन्थों के तरीकों से धर्म का पालन करने का आहवान किया। मानव को एक मुक्त विवेकपूर्ण कर्ता माना गया। मनुष्य को अपना जीवन मुक्त रूप से चलाने की पूरी स्वतन्त्रता है। पाप स्वीकारोक्ति दस्तावेज की आलोचना की गई। बाईबिल का स्थानीय भाषा में अनुवाद होने से लोगों का पता चला कि धन लूटने वाली प्रथाएं धर्म के अनुकूल नहीं है।
    चर्च द्वारा किसानों पर लगाए गए करों का विरोध किया गया। राजा भी चर्च द्वारा राज्य के कार्य में हस्तक्षेप से नाराज थे।
  5. सोलहवीं शताब्दी में महिलाओं की स्थिति का वर्णन कीजिए।
    उत्तर-
     महिलाओं को कारोबार में परामर्श आदि देने का अधिकार नहीं था। दहेज का प्रबंध न होने के कारण लड़कियों को भिक्षुणी बना दिया जाता था। सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी कम थी |
    व्यापारी परिवारों में महिलाओं को दुकानों को चलाने का अधिकार था। कुछ महिलाओं ने बौद्धिक रूप से रचनात्मक कार्य किये जैसे : वेनिस निवासी कसान्द्रा फेदले जो यूनानी और लातिनी भाषा की विद्धवान थी सार्वजनिक जीवन में अभिजात व सम्पन्न परिवार के पुरूषों का प्रभुत्व था।
    मंटुआ की मार्चिसा ईसाबेला दि इस्ते जिन्होंने अपने पति की अनुपस्थिति में अपने राज्य पर शासन किया |