शारिरिक शिक्षा और खेल - पुनरावृति नोट्स

CBSE कक्षा 12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 4 शारिरिक शिक्षा और खेल (विभिन्न अक्षमताओं एवं विकारों के संदर्भ में)
पुनरावृत्ति नोट्स

मुख्य बिंदु-
  1. अक्षमता की अवधारणा
  2. अक्षमता के प्रकार, अक्षमताओं की प्रकृति तथा कारण:-संज्ञानात्मक अक्षमता बैद्धिक अक्षमता, तथा शारीरिक अक्षमता
  3. विकार की अवधारणा
    विकारो को प्रकार, विकारो को लक्षण तथा उनको कारण:- ADHD, SPD, ASD, ODD तथा OCD
  4. अक्षमता शिष्टाचार
  5. विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिये शारिरिक क्रियाओं के लाभ
  6. विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिये शारिरिक क्रियाओं का निर्धारण करने की रणनीतियाँ
  1. अक्षमता वह हानि जिसके कारण व्यक्ति अपनी दैनिक क्रियाओं को प्रभावशाली ढंग से करने में अस्मर्थ होता है।
  2. (A) अक्षमता के प्रकार
    1. शारिरिक अक्षमता
    2. संज्ञानात्मक अक्षमता
    3. बौद्धिक अक्षमता
    (B) अक्षमता की प्रकृति-
    -अक्षमता जन्मजात अथवा अर्जित भी हो सकती है।
    -अक्षमता स्थायी होती है।
    -अक्षमता शारीरिक सज्ञानात्मक अथा बौद्धिक होती हैं अथवा इन सब का मिक्षण भी हो सकती है।
    (C) अक्षमताओं के कारण
    - वंशानुगत
    - गलत ठीकाकरण अथवा गलत दवा का इस्तेमाल
    - युद्ध
    - बिमारी
    - जहर
    - नभिकीय दुर्घटना
    - नशीले पदार्थों का तथा हानिकारक तत्वों का इस्तेमाल
    - शिक्षा की कमी
  3. विकार की अवधारणा
    कोई भी रुकावट अथवा विघटन जिसने कारण व्यक्ति अपनी सामान्य जीवन से सम्बन्धित क्रियाओं को करने में असमर्थ हो- विकार कहलाता है।
    विकारों के प्रकार
    A. ADHD
    B. SPD
    C. ASD
    D. OCD
    E. ODD
    A. ADHD (ए.डी.एच.डी.)-
    ए.डी.एच.डी. से पीड़ित व्यक्ति अत्याधिक सक्रिय हो जाता है तथा उसके लिए अपने आवेग को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है
    ADHD (ए.डी.एच.डी.) के लक्षण
    - एकाग्रता में कमी
    - गलतियाँ
    - एक जगह पर कम समय के लिए भी न बैठ पाना
    - बिना सोचे समझे कार्य करना
    - अपनी भावनाओं को नियंत्रित न कर पाना
    - आत्म केंद्रित व्यवहार
    - दिवा स्वप्न देखना
    ADHD (ए.डी.एच.डी.) के कारण
    - अनुवंशिक
    - मस्तिष्क की कार्यक्षमता तथा बनावट में कमी
    - समय से पूर्व जन्म
    - जन्म के समय वजन में कमी
    - कोई शरीर क्रियात्मक समस्या
    B. SPD (एस.पी.डी.)-
    इस विकार में तंत्रिका की कार्य क्षमता में आयी कमी के कारण तन्त्रिका तंत्र इंद्रियों के माध्यम से प्राप्त हुई सूचना को प्राप्त करने में या तो असमर्थ हो जाता है अथवा इन सूचनाओं को प्राप्त करने में मुश्किल आती है।
    SPD (एस. पी. डी.) के लक्षण
    1. vyavharik लक्षण

    - आवाज को प्रति अत्याधिक संवेदनशील होना
    - सुगन्ध को प्रति अत्यधिक संवदेनशील होना
    - रचनात्मक खेलों में शामिल न होना
    2. शारिरिक लक्षण
    - खराब आसन तथा खराब संतुलन
    - खराब मांसपेशीय नियंत्रण
    - धीमी मांसपेशीय वृद्धि।
    - नींद न आना अथवा नींद कम आना
    - शरीर के किसी हिस्से में अत्याधिक कम्पन्न
    - खराव तालमेल
    3. मनोवैज्ञानिक लक्षण
    - समाज से अलग रहना
    - अवसाद
    - अक्रमकता
    - चिंता
    - भीड़ से डर लगना
    - आक्सीमक छूने से डरना
    SPD (एस. पी. डी.) के कारण
    - वंशानुगत तत्त्व
    - असधारण मस्तिष्क
    - तंत्रिका तंत्र सम्बंधी विकार
    - गर्दन के ऊपरी भाग तथा ब्रेन स्टेम सम्बंधी चोट
    - भोजन के तत्त्वों से एलर्जी
    - मादक पदार्थों का सेवन
    - खराब वातावरण
    C. ASD (ए.एस.डी.)-
    यह एक तंत्रिका तंत्र तथा विकास से सम्बंधी विकार है। इस विकार में पीड़ित व्यक्ति किसी शब्द अथवा किसी वाक्य को बार-बार दोहरता है।
    ASD (ए एस. डी.) को लक्षण
    - बातचीत करने में समस्या
    - भाषा से सम्बन्धित समस्याएँ
    - आखों से सम्पर्क स्थापित करने से बचना
    - सामाजिक क्रियाओं में भाग न लेना
    - बार बार दो हराने वाली क्रियाओं में व्यस्त रहना
    - किसी वस्तु को बार-बार छूना
    - स्वाद अवाज तथा गंध के प्रति अत्याधिक संवेदनशील होना
    - समाजिक सम्पर्क स्थापित करने से बचना
    ASD (ए. एस. डी.) के कारण
    1. अनुवांशिक कारण

    - जुडवा बच्चों की स्थिति में ASD होने सम्भावना 30% से 40% तक अधिक हो जाती है
    - भाई बहन की स्थिति में ASD होने की सम्भावता 10% से 20% तक अधिक हो जाती है
    - फ्रिगलेक्स सिंड्रोम
    2. वातावरण सम्बन्धी कारण
    - माता का गर्भ को समय विभिन्न वायरस को सम्र्पक में आना
    - बूढ़े मां बाप से उत्पन्न सन्तान
    - सेरिब्रिल डाईजिनोसिस
    - रेल्ट सिड्रोम
    - चयापचय क्रिया में जन्म से उत्पन्न विसंगति
    D. OCD (ओ.सी.डी.)-
    इस विकार में पीड़ित व्यक्ति अपने से सम्बंधित वस्तुओं को बार बार जाँचता है तथा दैनिक जीवन से जुडी कुछ क्रियाओं को बार-बार दोहराता है जैसे बार-बार हाथ धोना आदि
    OCD (ओ. सी. डी.) को कारण
    1. जुनूनी विचार

    - दूषित होने का डर
    - जरूरत से ज्यादा धार्मिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना
    - चीजो को खोने का डर
    - वहमी
    2. बाध्यकारी व्यवहार
    - चीजो की दोहरी जाँच करना
    - अपने प्यारो की कुशलता को बार-बार जाँचना
    - शब्दों को बार बार दोहराना
    - धोने तथा साफ करने कि क्रिया पर अत्याधिक समय व्यतीत करना
    - चीजों की व्यवस्थित करने में ज्यादा ध्यान देना
    - अत्याधिक प्रार्थना करना
    - घर में खराब सामान को इकट्ठा करक रखना
    OCD (ओ. सी. डी.) को कारण
    जैविक तत्त्व
    आनुवांशिक तत्त्व
    संक्रमण
    वातावरण सम्बंधी तत्त्व
    न्यूद्रांसमीटर के स्तर में कमी
    मस्तिष्क के मार्गों में रुकावट
    जो माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित होते है
    स्ड्रैपयेकोक्स से संक्रमित होना
    पर्यावरण के तनाव
    E. ODD (ओ. डी. डी.)
    यह व्यवहार विकारो का एक समूह है जिसे विघटन कारी व्यवहार विकार के नाम से भी जाना जाता है इस विकार में पीड़ित व्यक्ति अपने चारों ओर की चीजों को बाधित करता है।
    ODD (ओ. डी. डी.) को लक्षण
    1. व्यवहार
    - तर्क करना
    - लड़ाई करना
    - दूसरों को आरोपित करना
    - स्वेच्छा से दोस्ती तोड़ना
    - बार-बार आज्ञा का उल्लंघन करना
    2. सज्ञानात्मक
    - अक्सर हताश होना
    - ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होना
    - बोलने से पहले न सोचना
    3. मनोवैज्ञानिक
    - दोस्त बनाने में मुश्किल होना
    - झुंझलाहट की भावना
    - आत्मसम्मान की कमी
    ODD (ओ. डी. डी.) को लक्षण
    अनुवांशिक कारण
    जैविक कारण
    वातावरण सम्बंधी कारण
    यदि परिवार के सदस्यों को मनोदशा सम्बंधी विकार हो, चिंता सम्बंधी विकार हो, व्यक्ति सम्बंधी विकार हो
    मस्तिष्क सम्बंधी चोट
    न्यूरो ट्रांसमीटर का
    असामान्य रूप से कार्य करना
    पारिवारिक  का ठीक न चलना
  4. अक्षमता शिष्टाचार
    ये वे सिद्धांत है जिनका हमें तब ध्यान रखना चाहिए जब हम किसी अक्षम व्यक्ति के सम्पर्क में आते है।
    • उचित शब्द का चयन-हमें अक्षम व्यक्ति के लिए दिव्यांग शब्द अथवा “व्यक्ति अक्षमता के साथ” शब्द को प्रयोगिता करना चाहिए
    • सहायक की सहायता के बिना दिव्यांग व्यक्ति से बातचीत करनी चाहिए
    • हाथ मिलना
    • ध्यान पूर्वक सम्पर्क में आना
    • अपनी पहचान तथा साथ में आये दूसरे लोगों की पहचान से दिव्यांग व्यक्ति को अवगत करवाना
    • दिव्यांग व्यक्ति को सभा में ठीक उसी प्रकार से सम्बोधित किया जाना चाहिए जैसे दूसरे लोगों को करते हैं
    • जब तक आपके द्वारा दी जाने वाली सहायता को अक्षम व्यक्ति न स्वीकारे तब तक प्रतीक्षा करनी चाहिए
    • व्हील चेयर पर बैठे हुए व्यक्ति की पीठ कंधे आदि पर दया दिखा कर नहीं थपथपाना चाहिए
    • व्हील चेयर पर नहीं झुकना चाहिए
  5. विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए शारीरिक क्रियाओं के लाभ
    1. शारीरिक सुधार-
      • एकाग्रता में सुधार
      • लचक में सुधार
      • शक्ति में सुधार
      • सहनशीलता में सुधार
      • हृदय सम्बन्धी सुधार
      • मोटापे से पीड़ित होने की सम्भावना कम हो जाती है।
      • अस्थि घनत्व को बनाये रखना
      • अच्छी शारीरिक पुष्टि
      • जोड़ो को सूक्ष्म कम होती है
      • तंत्रिका तंत्र की कार्य क्षमता में सुधार
    2. मानसिक सुधार-
      • मनोदशा में सुधार
      • सुयोग्यता में सुधार
      • अवसाद तथा चिंता के स्तर में कमी
    3. आत्म सम्मान
      • स्वयं क्षमता में बढ़ोतरी
    4. अच्छा स्वास्थ्य
      • बिमारी होने की सम्भावना में कमी आना
      • व्यक्तित्व को बढ़ाना अथवा व्यक्तित्व का विकास होना
    5. सामाजिक लाभ
      • नये अनुभव प्राप्त होना
      • नये दोस्त बनाना
      • आजादी का अनुभव होना
      • दोषारोपण से बचना
  6. विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिये शारीरिक क्रियाओं का निर्धारण करने को रणनीतियाँ
    • पूर्व डॉक्टरी जाँच
    • पूर्व अनुभव
    • रूचि
    • क्षमता
    • रूपांतरित उपकरण
    • उपयुक्त वातावरण
    • रूपांतरित नियम
    • अनुदेश में विविधता
    • साधारण से मुश्किल की ओर
    • सभी अंगों का उपयोग करना
    • अतिरिक्त देखभाल