हरिबंश राय बच्चन - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

 CBSE Class 12 हिंदी कोर

NCERT Solutions
आरोह पाठ-1
हरिवंश राय बच्चन



1. कविता एक ओर जग-जीवन का भार लिए घूमने की बात करती है और दूसरी ओर मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ - विपरीत से लगते इन कथनों का क्या आशय है?
उत्तर: 
संसार के आम लोगों की भाॅंति कवि को भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है तथा सुख-दुःख, हानि-लाभ को झेलते हुए वह अपनी जीवन यात्रा पूरी कर रहा है। कवि संसार के प्रति अपने दायित्व को समझता है। वह सांसारिक कष्टों की ओर ध्यान नहीं देता बल्कि वह संसार की चिंताओं के प्रति सजग है। वह अपनी कविता के माध्यम से संसार को भारहीन और कष्टमुक्त करना चाहता है। वह मार्ग में आने वाली चुनौतियों और रूकावटों की परवाह नहीं करता है बल्कि अपने कर्त्तव्य की पूर्ति करता है।


2. 'जहाँ पर दाना रहते हैं, वहीं नादान भी होते हैं' - कवि ने ऐसा क्यों कहा होगा?
उत्तर: 
'जहाँ पर दाना रहते हैं, वहीं नादान भी होते हैं' - पंक्ति के माध्यम से कवि कहते है कि जहाॅं विलासता एवं उपभोग के साधन होते हैं ,लोग वहीं रहना पसन्द करते हैं। मनुष्य सांसारिक मायाजाल में उलझ कर जीवनभर भटकता रहता है और वह अपने मोक्ष प्राप्ति के लक्ष्य को भूल जाता है। कवि सत्य की खोज के लिए, अहंकार को त्याग कर जीवन के सदुपयोग पर बल दे रहा है ताकि मनुष्य जीवन सार्थक हो सके।


3. मैं और, और जग और कहाँ का नाता - पंक्ति में और शब्द की विशेषता बताइए।
उत्तर: 
यहाँ 'और' शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है। अतः यहाँ यमक अलंकार है। इस प्रकार अनेकार्थी शब्द के रूप में प्रयुक्त हुआ है।

  • पहले 'और' में कवि स्वयं को आम आदमी से अलग विशेष भावना प्रधान व्यक्ति बताता है।
  • दूसरे 'और' के प्रयोग में संसार की विशिष्टता को बताया गया है।
  • तीसरे 'और' के प्रयोग संसार और कवि में किसी तरह के संबंध को नहीं दर्शाने के लिए किया गया है।

4. शीतल वाणी में आग - के होने का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: 
कवि ने यहाँ विरोधाभास अलंकार का प्रयोग किया है। इस का आशय यह है कि कवि अपनी शीतल और मधुर आवाज में भी जोश, आत्मविश्वास, साहस, दृढ़ता जैसी भावनाएँ बनाए रखते हैं ताकि वह लोगों को जागृत कर सके।उनकी शीतल आवाज़ में विद्रोह की आग छिपी है।


5. बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे?
उत्तर: 
पक्षियों के बच्चे दिनभर अपनी माॅं की प्रतीक्षा में इस आशा से नीड़ो से झाॅंकते रहते हैं कि शाम को लौटते समय वे उनके लिए भोजन लेकर आएगी और उन्हें ममता का मधुर स्पर्श प्रदान करेगी।


6. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है - की आवृत्ति से कविता की किस विशेषता का पता चलता है?
उत्तर: 
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है-की आवृत्ति से यह प्रकट होता है कि प्रेम में डूबे और लक्ष्य की तरफ़ बढ़ने वाले मनुष्य को समय बीतने का पता नहीं चलता। गंतव्य का स्मरण पथिक के कदमों में स्फूर्ति भर देता है।