जलवायु-पुनरावृति नोट्स

                                                                   सीबीएसई कक्षा - 11

विषय - भूगोल
पुनरावृत्ति नोट्स
पाठ - 4 जलवायु


महत्त्वपूर्ण तथ्य-

  • भारत एक उष्ण मानसूनी जलवायु वाला देश है भारत की अन्य विशेषताओं की प्रकार इस देश की जलवायु में भी एक रूपता एवं विभिन्नता पायी जाती है। भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण तक के सभी राज्यों में मानसूनी प्रकार की है जो इसके एकरूप जलवायु को दर्शाते है वही दूसर ओर तापमान, वर्षा एवं पवनों में प्रादेशिक विभिन्नता भी चरम पर पायी जाती है उदाहरण, भारत में एक ओर विश्व का सबसे ज़्यादा वर्षा का क्षेत्र मासिनरम है। तो दूसरी ओर जैसलमेर है जहां वर्षा बहुत ही कम होती है। इसी प्रकार कारगिल जैसा ठंडा प्रदेश है तो राजस्थान का चुरू जैसा गर्म प्रदेश है।
  • भारत की जलवायु की विविधता साथ ही इसके एक रूप तत्वों इसके कारणों एवं इसके प्रभावों का अध्ययन हम इस अध्याय में करेंगें।
  1. मौसम वायुमंडल की क्षणिक अवस्था है, लेकिन जलवायु का अभिप्राय अपेक्षाकृत लंबे समय की मौसमी दशाओं के औसत से होता है। मौसम तीव्रता से परिवर्तित होता है, जैसे कि एक दिन में या एक सप्ताह में लेकिन जलवायु में परिवर्तित 50 अथवा इससे भी ज़्यादा वर्षों में आता है।
  2. भारत की जलवायु उष्ण मानसूनी मानी गई है, जो दक्षिणी एवं दक्षिणी पूर्वी एशिया में मिलती है।
  3. गर्मियों में पश्चिमी मरुस्थल में तापक्रम कई बार 55° सेल्सियस तक पहुंच जाता है। लेकिन सर्दियों में लेह के आसपास तापमान -45° सेल्सियस तक चला जाता है। राजस्थान के चुरू जिले में जून के महीने के किसी एक दिन का तापमान 50° सेल्सियस और इससे हो जाता है ज़्यादा यधपि उसी दिन अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में तापमान मुश्किल से 19° सेल्सियस तक पहुँचता है। दिसंबर की किसी रात में जम्मू और कश्मीर के द्रास में रात का तापमान -45° सेल्सियस तकपहुंच जाता है  लेकिन उसी रात को तिरुवनंतपुरम अथवा चेन्नई में तापमान 20° या 22° सेल्सियस रहता है।
  4. केरल तथा अंडमान द्वीप समूह में दिन और रात के तापमान में मुश्किल से 7° या 8° सेल्सियस  की भिन्नता पाई जाती है, लेकिन थार मरुस्थल में यदि दिन का तापमान 50° सेल्सियस हो जाता है, तो वहाँ रात का तापमान 15° से 20° सेल्सियस के मध्य तक आ जाता है।
  5. हिमालय में वर्षण मुख्यतः हिमपात के रूप में होता है जबकि देश के अन्य भागों में वर्षण जल की बूंदों के रूप में होता है। इसी प्रकार केवल वर्षण के प्रकारों में ही अंतर नहीं है बल्कि वर्षण की मात्रा में भी अंतर है। मेघालय की खासी पहाड़ियों में स्थित चेरापूँजी और मॉसिनराम में औसत वार्षिक वर्षा 1080 से.मी. से ज्यादा होता है। इसके विपरीत राजस्थान के जैसलमेर में औसत वार्षिक वर्षा शायद ही 9 से.मी. से अधिक होती हो।
  6. मेघालय की गारो पहाड़ियों में स्थित तुरा में एक ही दिन में इतनी वर्षा होती है जितनी जैसलमेर में दस वर्षों में। उत्तरी-पश्चिमी हिमालय तथा पश्चिमी मरुस्थल में वार्षिक वर्षा 10 से.मी. से भी कम होती है, जबकि उत्तर-पूर्व में स्थित मेघालय में वार्षिक वर्षा 400 से.मी. से भी ज्यादा होती है।
  7. गंगा के डेल्टा तथा ओडिशा के तटीय भागों में जुलाई या अगस्त में, हर तीसरे या पाँचवें दिन प्रचंड तूफान मूसलाधार वर्षा करते हैं। जबकि इन्हीं महीनों में मात्र एक हजार किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित तमिलनाडु का कोरोमंडल तट शांत एवं शुष्क रहता है।
  8. देश के ज़्यादातर भागों में वर्षा जून तथा सितंबर के मध्य होती है लेकिन तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा शरद ऋतु अथवा जाड़ों के शुरू में होती है।
  9. लंबी तटीय रेखा की वजह से भारत के विस्तृत तटीय प्रदेशों में समकारी जलवायु मिलती है यधपि समुद्र से दूरवर्ती इलाकों में विषम जलवायु मिलती है।
  10. तापमान ऊँचाई के साथ घटता है। 165 मीटर की ऊँचाई पर 1° सेंटीग्रेट तापमान कम हो जाता है। विरल वायु की वजह से पर्वतीय प्रदेश मैदानों की तुलना में ज़्यादा ठंडे होते हैं। उदाहरणतः आगरा और दार्जिलिंग एक ही अक्षांश पर स्थित है लेकिन जनवरी में आगरा का तापमान 16° सेल्सियस जबकि दार्जिलिंग का तापमान 4° सेल्सियस होता है।
  11. जून में प्रायद्वीप के दक्षिणी भाग पर पूर्वी जेट प्रवाह 90 कि.मी. प्रति घंटा की गति से चलता है। यह जेट प्रवाह अगस्त में 15° उत्तर अक्षांश पर तथा सितंबर में 22° उत्तर अक्षांश पर स्थित हो जाता है। ऊपरी वायुमंडल में पूर्वी जेट प्रवाह सामान्यतः 30° उत्तर अक्षांश से परे नहीं जाता।
  12. 1 जून को दक्षिण-पश्चिमी मानसून केरल तट पर पहुँचता है और शीघ्र ही 10 और 13 जून के बीच ये आर्द्र पवनें मुंबई व कोलकाता तक पहुँच जाती हैं। मध्य जुलाई तक संपूर्ण उपमहाद्वीप मानसून के प्रभाव में रहता है।
  • भारत की ऋतुएँ
    1. शीत ऋतु (दिसम्बर से फरवरी)
    2. ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मई)
    3. दक्षिण-पश्चिम मानसून की ऋतु (जून से सितम्बर)
    4. पीछे हटते मानसून की ऋतु (अक्टूबर से नवम्बर)
  1. उत्तरी भारत के ज़्यादातर भागों में शीत ऋतु में औसत दैनिक तापमान 21° सेल्सियस से कम रहता है। रात्रि का तापमान बहुत कम हो जाता है जो पंजाब और राजस्थान में हिमांक (0° सेल्सियस) से भी नीचे चला जाता है।
  2. तिरुवनंतपुरम में जनवरी का ज़्यादातर तापमान 31° सेल्सियस तक रहता है जबकि जून में यह 29.5° सेल्सियस मिलता है। पश्चिमी घाट की पहाड़ियों पर तापमान अपेक्षाकृत कम पाया जाता है।
  3. अप्रैल, मई व जून में उत्तरी भारत में स्पष्ट रूप से ग्रीष्म ऋतु होती है। भारत के ज़्यादातर भागों में तापमान 30° से 32° सेल्सियस तक पाया जाता है। मार्च में दक्कन पठार पर दिन का अधिकतम तापमान 38° सेल्सियस हो जाता है।
  4. भारत में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 125 सेंटीमीटर है। लेकिन इसमें क्षेत्रीय विविधता मिलती हैं।
  5. अधिक वर्षा वाले क्षेत्र-अधिक वर्षा पश्चिमी तट, उत्तर-पूर्व के उपहिमालयी क्षेत्र तथा मेघालय की पहाड़ियों पर होती है। खासी और जयंतिया पहाड़ियों के कुछ भागों में वर्षा 1000 सेंटीमीटर से भी अधिक होती है। ब्रह्मपुत्र घाटी तथा निकटवर्ती पहाड़ियों पर वर्षा 200 सेंटीमीटर से भी कम होती है।
  6. मध्यम वर्षा के क्षेत्र-गुजरात के दक्षिणी भाग, पूर्वी तमिलनाडु, उप हिमालय के साथ संलग्न गंगा का उत्तरी मैदान, ओडिशा सहित उत्तर-पूर्वी प्रायद्वीप, झारखंड, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, कछार घाटी और मणिपुर में वर्षा 100 से 200 सेंटीमीटर के मध्य होती है।
  7. न्यून वर्षा के क्षेत्र- पंजाब, जम्मू व कश्मीर, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात तथा दक्कन के पठार पर वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर के मध्य होती है।
  8. अपर्याप्त वर्षा के क्षेत्र-प्रायद्वीप के कुछ भागों विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में, लद्दाख एवं पश्चिमी राजस्थान के ज़्यादातर भागों में 50 सेंटीमीटर से कम वर्षा होती है।
  9. विगत 150 वर्षों में पृथ्वी की सतह का औसत वार्षिक तापमान बढ़ा है। यह मना जाता है कि सन् 2100 में भूमंडलीय तापमान में लगभग 2° सेल्सियस की वृद्धि हो जाएगी। तापमान में वृद्धि की वजह से 21वीं शताब्दी में समुद्र का जल स्तर बढ़ जाएगा।