प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                               CBSE कक्षा 11 भूगोल

(भाग-ख) पाठ-7 प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (5 अंक वाले)

  1. भारत में भू-संखलन क्षेत्रों की पहचान कीजिए और इस आपदा के निवारण के कुछ उपाय सुझाइये?
    उत्तर- भू-संख्लन सुभेधता क्षेत्र भारत में निम्नलिखित है-
    1. अत्याधिक सुभेधता क्षेत्र- इस क्षेत्र के अंतर्गत हिमालय की युवा पर्वत शृंखलाएं अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, पश्चिमी घाट तथा नीलगिरी के अधिक वर्षा तथा त्रीव ढाल वाले क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राज्य, अत्याधिक मानव क्रियाकलापों वाले क्षेत्र (विशेषतः सड़क निर्माण व बाध निर्माण) सम्मिलित है।
    2. अधिक सुभेधता क्षेत्र- इन क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थितियां अत्याधिक सुभेधता वाले क्षेत्रों की परिस्थतियों से मिलती-जुलती ही है। अंतर केवल इतना है कि इन क्षेत्रों में भू-स्खलन की गहनता एवं आवृत्ति कम होती है। इन क्षेत्रों में हिमालय क्षेत्र के सारे राज्य और उत्तर-पूर्वी भाग (असम को छोड़कर) सम्मिलित है।
    3. मध्यम एवं कम सुमेधता वाले क्षेत्र- इस क्षेत्र में लद्दाख, स्पिती, अरावली की पहाड़ियां पूर्वी तथा पश्चिमी घाट के वर्षा छाया वाले क्षेत्र ढक्कन का पठार सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त मध्य एक पूर्वी भारत के खदानों वाले क्षेत्रों में भूस्खल होता रहता है।
      भू-स्खलन को रोकने के उपाय-
    • भू-स्खलन प्रभावित व सम्भावित क्षेत्रों में सड़क व बांध निर्माण कार्यो को रोक।
    • स्थानांतरी कृषि की अपेक्षा स्थायी व सीढ़ीनुमा कृषि को प्रोत्साहित करना।
    • तीव्र ढालों की अपेक्षा मन्द ढालों पर कृषि क्रियाएं करना।
    • वनों के कटाव को प्रतिबधित करना तथा नये पेड़-पौधे लगाना।
  2. भारत में बाढ़ क्यों आती हैभारत में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का वर्णन कीजिये तथा इसे रोकने के उपाय बताइए?
    उत्तर-
    1. वर्षा ऋतु में नदी का जल उफान के समय नदी के तटबन्धों को तोड़ता हुआ मानव बस्तिओं, खेतों और आसपास की जमीन के निचले हिस्सो में बाढ़ के रूप में भर जाता है। भारी वर्षा, उष्णकटिबन्धीय चक्रवात, बांध टूटने और प्राकृतिक कारणों के अतिरिक्त मानव के कुछ अवांछित क्रियाकलाप भी बाढ़ को लाने में सहायक होते है।
    2. भारत में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र- असम पश्चिमी बंगाल और बिहार राज्य सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त उत्तर भारत की अधिकांश नदियां विशेषकर पंजाब और उत्तर प्रदेश में बाढ़ लाती है। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब में आकस्मिक बाढ़ आती रहती है।
    3. बाढ़ को रोकने के उपाय-
      1. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में नदियों के तटबन्ध बनाना, नदियों पर बांध बनाना, वर्गीकरण और बाढ़ वाली नदियों के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाना।
      2. नदियों के किनारे बसे लोागों को दूसरी जगह बसाना, बाढ़ के मैदानों में जनसंख्या के जमाव पर नियंत्रण रखना।
      3. तटीय क्षेत्रों चक्रवात सूचना, केन्द्र, तूफान के उपमान से होने वाले प्रभाव को कम कर सकते है।
  3. सूखा क्या है? इसके प्रकार बताइये तथा सूखे से निवारण के उपाय सुझाइये।
    उत्तर- सूखा- किसी विशेष क्षेत्र में, विशेष समय में, सामान्य से जल तथा नमी की मात्रा को सूखा कहते है। इसके निम्न चार प्रकार है।
    1. मौसम विज्ञान संबंधी सूखा: यह एक स्थिति है जिसमें लम्बे समय तक अपर्याप्त वर्षा होती है तथा सामयिक व स्थानिक वितरण भी असंतुलित होता है। जब वार्षिक वर्षा सामान्य से 35 प्रतिशत से कम होती है।
    2. कृषि सूखा: इसे भूमि आर्द्रता सूखा भी कहते है। जब जल के अभाव मं फसलें नष्ट हो जाती है उसे कृषि सूखा कहते हैं।
    3. जल विज्ञान संबंधी सूखा: जब धरातलीय एवं भूमिगत जलाशयों में जल स्तर एक सीमा से नीचे गिर जाए तथा वृष्टि द्वारा भी जलापुर्ति ना हो उसे जल विज्ञान संबंधी सूखा कहते हैं।
    4. पारिस्थितिक सूखा: जब प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र में जल की कमी से उत्पादकता में कमी हो जाती है और पर्यावरण मे तनाव उत्पन्न हो जाता है उसे पारिस्थितिक सूखा कहते हैं।
      सूखे से निवारण के उपाय
    • लोगो को तत्कालीन सेवाएं प्रदान करना जैसे सुरक्षित पेयजल वितरण, दवाइयां, पशुओं के लिए चारा, व्यक्तियों के लिए भोजन तथा उन्हें सुरक्षित स्थान प्रदान करना।
    • भूमि जल भंडारो की खोज करना जिसके लिए भौगोलिक सूचना तंत्र की सहायता लेना।
    • वर्षा के जल को सग्रहण एक संचय करना तथा इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित करना तथा छोटे बांयो का निर्माण करना।
    • अधिक जल वाले क्षेत्रों को निम्न जल वाले क्षेत्रों से नदी तंत्र की सहायता से मिलाना
    • वृक्षारोपण द्वारा सूखे से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
  4. भूकम्प किसे कहते है तथा इसके कारणों एवं परिणामों की व्याख्या कीजिए?
    उत्तर- भूकंप- भूकम्प पृथ्वी की पपड़ी की वह हलचल है जिससे पृथ्वी हिलने लगती है और भूमि आगे पीछे होने लगती है वास्तव में, पृथ्वी के अन्दर होने वाली किसी घटना के परिणाम स्वरूप जब धरातल का कोर भाग अकस्मात कांप उठता है तो उसे भूकम्प कहते है।
    भूकंप के कारण- भूकंप को महाविनाशकारी आपदा माना जाता है। इससे प्राय संकट की स्थिति पैदा होती है। भूकंम्प मुख्यतः विवर्तनिक हलचलों, ज्वालामुखी विस्फोटकों चट्टानो के फटने खानों के धंसने जलाशय में जल के इकट्ठा होने से उत्पन्न होते है। विर्वतिनक हलचलों से पैदा होने वाले भूकम्प सबसे अधिक विनाशकारी होते है। इसे इस चित्र के माध्यम से समझा जा सकता है।

    भूकम्पों का परिणाम
    भूकम्पों से होने वाले नुकसान को निम्न बिन्दुओं की सहायता से देखा जा सकता है।
    1. जाने तथा माल को यति
    2. भूस्खलन
    3. आग
    4. बाढ़
    5. सूनामी आदि
  5. भूकम्प से होने वाले नुकसान को कम करने के पांच उपाय बताइए?
    उत्तर- 
    1. भूकम्प नियन्त्रण केन्द्रो की स्थापना करके, भूकम्प संभावित क्षेत्रों में लोगों को सूचना प्रदान करना।
    2. सुभेद्यता मानचित्र तैयार करना और संभावित जोखिम की सूचना लोगों तक देना तथा उन्हें इसके प्रभाव को कम करने के बारे में शिक्षित करना।
    3. भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में घरो के प्रकार और भवन डिजाइन में सुधार लाना। उन्हें भूकम्प रोधी बनाना।
    4. भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में ऊंची इमारते, बड़े औद्योगिक संस्थान और शहरीकरण को बढ़ावा न देना।
    5. भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में भूकम्प प्रतिरोधी इमारते बनाना और सूभेद्य क्षेत्रों में हल्के निर्माण सामग्री का प्रयोग करना।
  6. चक्रवातीय आपदा क्या है? तथा इसके विध्वंशकारी प्रभावों की विवेचना कीजिए?
    उत्तर- चक्रवातः- चक्रवात निम्न वायुदाब का वह भाग है जो चारो ओर से उच्च वायुदाब द्वारा घिरा हुआ होता है वायु चारो और से चक्रवात के निम्न वायुदाब वाले क्षेत्र की और चलती है। चक्रवातीय आपदा में वर्षा सामान्य से 50-100 सेमी तक अधिक होती है साथ ही तेज हवाओं का परिसंचरण भी होता है।
    चक्रवातीय आपदा के विनाशकारी प्रभाव-
    चक्रवातों का आकार छोटा होता है और दाब प्रवणता तीव्र होने के कारण वायु बड़ी तीव्र गति से चलती है। अतः इससे जान-माल की भारी हानि होती है। लाखों की संख्या में लोग मर जाते है। पेड़ बिजली तथा टेलीफोन के खम्बे उखड़ जाते है और भवनों की इमारते खस्ता हालत में पहुंच जाती है इन चक्रवातों से भारी वर्षा होती है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। समुद्र में चक्रवात से ऊंची-ऊंची लहरे उठती है जिससे मछुवारों व नाविको की जान का खतरा हो जात है और तटीय क्षेत्रों के निवासियों को जान-माल की भारी हानि उठानी पड़ती है।


CBSE कक्षा 11 भूगोल
(भाग-ख)
 पाठ-7 प्राकृतिक आपदाएं और संकट
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


लघु उत्तरात्मक प्रश्न (3 अंक वाले)

  1. प्राकृतिक आपदा तथा संकट में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
    उत्तर- प्राकृतिक आपदाओं तथा संकटो में बहुत कम अन्तर है। इनका एक-दूसरे के साथ गहरा सम्बन्ध है। फिर भी इनमें अन्तर स्पष्ट करना अनिवार्य है।
    प्राकृतिक संकट, पर्यावरण मे हालात के वे तत्व है जिनसे जन-धन को नुकसान पहुँचाने की सम्भावना होती है। जबकि आपदाए बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि तथा सामाजिक व आर्थिक व्यवस्था ठप्प हो जाती है।
  2. प्राकृतिक आपदाओं का वर्गीकरण कीजिए?
    उत्तर- प्राकृतिक आपदाओं को उनकी उत्पत्ति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जैसे:-
    • वायुमण्डलीय (तड़ितझंझा, टारनेडो, उष्णकटिबंधीय चक्रवात, सूखा, करकापात आदि।
    • भौमिक (भूकंप, ज्वालामुखी, भू-स्खलन, मृदा अपरदन आदि)।
    • जलीय (बाढ़, सूनामी, ज्वार, महासागरीय धाराएं, तूफान आदि)।
    • जैविक (पौधो व जानवरों के कीट, ग्रसन, फंफूद, बैक्टीरिया, वायरल संक्रमण, बर्डफलू, डेंगू इत्यादि)।
  3. सूनामी के कारण तथा प्रभाव लिखिए?
    उत्तर- कारण- ‘सूनामी समुद्र में भूकंप भूस्खलन अथवा उद्गार जैसी घटनाओं से पैदा होती है’।
    प्रभाव- तटवर्ती क्षेत्रों के निवासियों के लिए सूनामी बहुत बड़ा खतरा होती है। सूनामी समुद्र तट पर विराट लहरों के रूप में अपार शक्ति के साथ प्रहार करती है और बिना किसी चेतावनी के पानी के बम की तरह टकराती है। ये घरों को गिरा देती है। गावों को बहाकर ले जाती है। पेड़ो व बिजली के खम्बों को उखाड़ देती हैं, नावों को तट से दूर बहाकर ले जाती है और अंत में वापस जाते समय हजारों असहाय पीड़ितों को समुद्र में घसीट कर ले जाती है। सूनामी का प्रभाव बहुत ही विध्वशंकारी है।
  4. हिमालय और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में अधिक भूकम्प क्यों आते है?
    उत्तर- हिमालय पर्वत नवीन वलित पर्वत है, जिसका निर्माण अभी भी पूरा नही हुआ। इसका कारण यह है कि हिमालय क्षेत्र में अभी भी भू-संतुलन की स्थिति उत्पन्न नही हुई है। भारतीय प्लेट निरन्तर उत्तर की और गतिशील है और इस क्षेत्र में प्रायः भूकंप आते रहते है जिस कारण इस क्षेत्रों में हलचल होती रहती है।
  5. किस स्थिति मे विकास कार्य आपदा का कारण बन सकता है?
    उत्तर- संकट संभावित क्षेत्रों में विकास कार्य आपदा का कारण बन सकते है। ऐसा उस स्थिति में होता है, जब पर्यावरणीय परिस्थितियों की परवाह किए बिना ही विकास कार्य किया जाता है।
    उदाहरणतया बाढ़ के समय बांध बनाया जाता है ताकि बाढ़ का पानी और अधिक नुकसान न कर सके, लेकिन कुछ समय पश्चात उस रूके हुए पानी में महामारिया फैलनी आरम्भ हो जाती है इसलिए हम कह सकते है कि अक्सर विकास कार्य आपदा का कारण बन जाते हैं।
  6. आपदा निवारण और प्रबन्धन की तीन अवस्थाओं का वर्णन कीजिए?
    उत्तर-
    1. आपदा से पहले- आपदा के विषय में आंकड़े और सूचना एकत्र करना, आपदा संभावित क्षेत्रों का मानचित्र तैयार करना और लोगों को इसके बारे में जानकारी देना।
    2. आपदा के समय- युद्ध स्तर पर बचाव व राहत कार्य करना। आपदा प्रभावित क्षेत्रों से पीड़ित व्यक्तियों को निकालना, राहत कैंप में भोजन, जल और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना।
    3. आपदा के पश्चात- आपदा प्रभावित लोगों के पुर्नवास की व्यवस्था करना।
  7. पश्चिमी भारत की बाढ़ पूर्वी भारत की बाढ़ से अलग कैसे होती है?
    उत्तर- भारत के पूर्वी भाग असम, पश्चिम बंगाल बिहार तथा झारखंड जैसे क्षेत्र है। इन क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी नदियां बहती है जैसे ब्रहमपुत्र, हुगली, दामोदर, कोसी, तिस्ता तथा तोरसा आदि। इनमें प्रत्येक वर्ष लगभग बाढ़ आती रहती है जिसके चलते यहां के स्थानीय निवासी इन नदियों को विध्वंशकारी प्रभाव से भलीभांति परिचित है। लेकिन पश्चिमी भारत में कुछ नदियों को छोड़कर ज्यादातर मौसमी नदियां है जोकि कम ढाल व अधिक बरसात के कारण बाढ़ का कारण बन जाती है। दूसरे यहां पर स्थानीय व प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ के बचाव के स्तरो व उपकरणों में कमी पाई जाती है इसलिए पश्चिमी भारत में जब बाढ़ आती है तो अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।

CBSE कक्षा 11 भूगोल
(भाग-ख)
 पाठ-7 प्राकृतिक आपदाएं और संकट
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (1 अंक वाले)

  1. प्राकृतिक आपदाएं किसे कहते हैं?
    उत्तर- मानव पर दुष्प्रभाव डालने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों को प्राकृतिक आपदाएं है।
  2. भू-स्खलन क्या है?
    उत्तर- गुरूत्वाकर्षण के प्रभाव से चट्टान तथा मिट्टी के अचानक नीचे की और खिसकने की क्रिया को भू-स्खलन कहते है।
  3. सूखा किसे कहते हैं?
    उत्तर- जब किसी क्षेत्र में जल तथा नमी की मात्रा कुछ समय के लिए सामान्य से कम हो जाती है। उसे सूखा कहते हैं।
  4. त्रि-अकाल किसे कहते हैं?
    उत्तर- जब अकाल तृण अकाल तथा जल अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाती है उसे त्रिकाल कहते हैं।
  5. पश्चिमी और मध्य भारत में सूखा क्यों पड़ता है?
    उत्तर- पश्चिमी तथा मध्य भारत में किसी ऊंची पर्वतमाला के ना होने के कारण वर्षा सामान्य से कम होती है। इसलिए इन क्षेत्रों में सूखाा पड़ता है।
  6. तृण-अकाल किसे कहते हैं?
    उत्तर- जब अकाल के कारण पशुओं के लिए चारा कम हो जाता है उस स्थिति को तृण-अकाल कहते हैं।
  7. महासागर में सूनामी लहर की गति कहां अधिक तीव्र तथा कहां, कम होती है?
    उत्तर- सूनामी लहर की गति उथले समुद्र से अधिक और गहरे समुद्र में कम होती है।
  8. भारत में सूनामी लहर कब आई थी?
    उत्तर- 26 दिसम्बर 2004 को।
  9. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में कौन-कौन सी बीमारियां फैल जाती है?
    उत्तर- हैजा, आंत्रशोध, हैपेटाइटिस और दूसरी जल जनित बिमारियां।
  10. भारत में चक्रवतीय तूफानों की आवृति किन महीनों में सबसे अधिक होती है?
    उत्तर- अक्टूबर-नवम्बर में।
  11. योकोहोमा रणनीति तथा अधिक सुरक्षित संसार के लिए कार्य योजना’ किस वर्ष में बनी?
    उत्तर- मई 1994 में।