तीन वर्ग-अभ्यास प्रश्नोत्तर

                                                                  CBSE कक्षा 11 इतिहास

पाठ-6 तीन वर्ग


  1. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और अन्त में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः-
    बारहवीं सदी में, बिंगेन ने आबेस हिल्डेगार्ड ने लिखा- कौन चरवाहा अपने समस्त पशुओं, गायों, गधों, भेड़ों, बकरियों का कोई अंतर किए बिना एक अस्तबल में रखने की सोचेगा? इसलिए मनुष्यों में अंतर स्थापित करना आवश्यक है जिससे वे एक दूसरे को तबाह न करे..... ईश्वर अपने रेवड़ में अंतर रखता है चाहे स्वर्ग पर अथवा पृथ्वी पर। उसके द्वारा सबको प्यार मिलता है परंतु उनमें कोई समानता नहीं है।
    प्रश्न-
    1. लेखक इस लेख द्वारा किस अवधारणा पर बल डाल रहा है? (3)
    2. तत्कालीन समाज मुख्य रूप से कौन-कौन से वर्गों में बंटा था? (2)
    3. लेखक का नाम बताइये। (1)
    4. मनुष्यों में अंतर रखना क्यों आवश्यक था? (2)
  2. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और अन्त में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः-
    “अगर मेरे प्यारे लॉर्ड को काट दिया जाता है, उसकी तकदीर का मैं भागीदार बनूंगा, अगर वह लटका दिया जाता है तब मुझे भी उसके साथ लटका दें, अगर उसे अग्नि दंड दिया जाता है तो मैं भी उसके साथ जल जाऊंगा; और अगर उसे डुबा दिया जाए।” तेरहवीं सदी में गाई जाने वाली फ्रांसीसी कविता ‘डून दे मयान्स’ जो नाइटों के साहस की याद दिलाती है।
    प्रश्न-
    1. उपरोक्त पंक्तियां किस वर्ग से संबंधित हैं? (2)
    2. ये पंक्तियों उल्लेखित वर्ग के किस गुण पर प्रकाश डाल रही हैं। (2)
    3. इन पंक्तियों के आधार पर आप लॉर्ड और नाइट के संबंधों के विषय में क्या कह सकते हैं? (4)
  3. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और अन्त में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः-
    बेनेडिक्टीन (Benedictine) मठों में भिक्षुओं के लिए एक हस्तलिखित पुस्तक होती थी जिसमें नियमों के 73 अध्याय थे। इसका पालन भिक्षुओं द्वारा कई सदियों तक किया जाता रहा।

    पुस्तक के कुछ नियम इस प्रकार है-
    अध्याय 6: भिक्षुओं को बोलने की आज्ञा कभी-कभी ही दी जानी चाहिए।
    अध्याय 7: विनम्रता का अर्थ है आज्ञा पालन।
    अध्याय 33: किसी भी भिक्षु को निजी संपत्ति नहीं रखनी चाहिए।
    अध्याय 47: आलस्य आत्मा का शत्रु है, इसलिए भिक्षु और भिक्षुणियों को निश्चित समय में शारीरिक श्रम और निश्चित घंटों में पवित्र पाठ करना चाहिए।
    अध्याय 48: मठ इस प्रकार बनाने चाहिए कि आवश्यकता की समस्त वस्तुएँ- जल, चक्की, उद्यान, कार्यशाला सभी उसकी सीमा के अंदर हों।
    प्रश्न-
    1. अध्याय 47 में भिक्षु व भिक्षुणियों के लिए क्या आदेश है? (2)
    2. निजी सम्पत्ति संबंधी नियम किस अध्याय में दिया गया है? (1)
    3. मठ किस प्रकार बनने चाहिये? (2)
    4. भिक्षु व भिक्षुणियों के लिये लिखे गये किन्हीं तीन नियमों का उल्लेख कीजिये। (3)

मानचित्र कार्य-1

  • दिये गये पश्चिमी यूरोप के मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों को अंकित कीजिए।
    जर्मन राज्य, इटली, इंग्लिश चैनल, आस्ट्रिया, पुर्तगाल

मानचित्र कार्य-2

  • दिये गये पश्चिमी यूरोप के मानचित्र में 1-5 स्थान दिए गये हैं। उन्हें पहचानकर उनके नामक लिखिए।