अंतर्राष्ट्रीय व्यापार-पुनरावृति नोट्स

                                              CBSE Class 12 भूगोल भाग - 1

पाठ - 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
पुनरावृति नोटस


अवधारणा मानचित्र
इतिहास: 
रेशम मार्ग के जरिये चीन की रेशम एवं रोम की ऊन का भारत एवं मध्य एशिया के जरिये व्यापार होता था | अफ्रीका से दासों का व्यापार अमेरिका में होता था | औद्योगिक क्रान्ति के समय विनिर्मित वस्तुओं का व्यापार| आधुनिक युग में W.T.O. का गठन | आधुनिक युग में पत्तनों की महत्वपूर्ण भूमिका |

  1. द्विपाक्षिक व्यापार बहुपाक्षिक व्यापार
  2. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार-
    (i) राष्ट्रिय संसाधनों में भिन्नता |
    (ii) जनसंख्या का कम या अधिक होना |
    (iii) देशों में आर्थिक विकास में अंतर होना |
    (iv) व्यापार नीतियाँ- विदेशी निवेश की सीमा|
  3. महत्वपूर्ण पक्ष-
    (i) व्यापार का परिणाम
    (ii) व्यापार संयोजन
    (iii) व्यापार की दिशा

महत्वपूर्ण बिंदु

  1. वस्तुओं एवं सेवाओं के स्वैच्छिक आदान-प्रदान को व्यापार कहते है।
  2. राष्ट्रीय व्यापार देश के सीमाओं के अन्दर देश के विभिन्न भागों के बीच होता है।
  3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न राष्ट्रों के बीच राष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार वस्तुओं एवं सेवाओं के आदान-प्रदान से सम्बन्धित हैं।
  4. किसी देश को अन्य किसी देश से व्यापर करना जब आसान होता है तो वह उन देशों को सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र (MFN) की संज्ञा देते हैं |
  5. व्यापर के इतिहास के प्रारंभ में लोग मुद्राओं के स्थान पर वास्तु विनिमय करते थे | मुद्रा के आविष्कार ने व्यापार आसान कर दिया है किंतु वस्तु विनिमय आज भी मौजूद है |
  6. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होने के एक या कई कारण हो सकते हैं | जैसे-दो राष्ट्रों में अलग-अलग खनिजों का पाया जाना आदि |
  7. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में व्यापार की वस्तु का मूल्य, आयात-निर्यात एवं किस देश से व्यापार किया गया, आदि महत्वपूर्ण बातें होती है |
  8. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में देशों के मध्य सेवाओं को सुचारू रूप से करने के लिये एवं विवादों को निपटाने के लिए विश्व व्यापार संगठन का गठन हुआ है |
  9. आयात तथा निर्यात के बीच मूल्यों मे अंतर को व्यापार संतुलन कहते हैं।
  10. लागत की दृष्टि से नहीं वरन विभिन्न कारणों से भिन्न कीमत की किसी वस्तु को दो देशों में विक्रय करना डॅपिंग कहलाता है।
  11. सम्बन्धित देशों द्वारा संरक्षात्मक बाधाओ को दूर करने तथा अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए गठित संगठन को व्यापार संघ कहते है।
  12. आर्थिक विकास के लिए व्यापार करना आवश्यक है। यह आपसी संबंधो को मधुर बनाता है |
  13. अंतर्राष्टीय व्यापर राष्ट्रों के लिए लाभदायक है जैसे - उत्पादन का उच्च स्तर, वस्तुओं एवं सेवाओं की विश्व्यापी उपलब्धता, कीमतों एवं वेतन का समानीकरण एवं ज्ञान एवं संस्कृति का प्रसार |
  14. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के हानिकारक पहलू-अन्य देशों पर निर्भरता, विकास का असमान स्तर, शोषण युद्ध का कारण |
  15. पत्तन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रमुख भूमिका निभाते है | पत्तन कई प्रकार के होते हैं |