लेखन कला और शहरी जीवन-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
CBSE कक्षा 11 इतिहास
पाठ-2 लेखन कला और शहरी जीवन
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
अति लघु प्रश्न (2 अंक वाले)
- श्रम-विभाजन शहरी जीवन की विशेषता है। दो बिंदु दीजिए।
उत्तर-- नगर के सब लोग एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
- एक पत्थर की मुद्रा तराशने वाले को काँसे के औजारों की आवश्यकता होती है क्योंकि उसकी विशेषता तो पत्थर उकेरने (नक्काशी) तक ही सीमित है।
- काँसे के औजार बनाने वाले को भी तांबा, रांगा (टिन) और साथ ही लकड़ी के कोयले की आवश्यकता होती है।
- मेसोपोटामिया में सामान के आयात-निर्यात किस प्रकार होता था?
उत्तर-- मेसोपोटामिया में खनिज-संसाधनों का अभाव था, इसलिए वे लकड़ी, तांबा, रांगा, चांदी, सोना, सीपी और अन्य कीमती पत्थरों का तुर्की व ईरान से आयात करते थे।
- वे अपना कपड़ा, कृषि-उत्पाद काफी मात्रा में निर्यात करते थे।
- मेसोपोटामिया में भाषा के इस्तेमाल का वर्णन कीजिए।
उत्तर-- भाषा का इस्तेमाल हिसाब-किताब रखने में।
- शब्दकोश बनाने में।
- भूमि हस्तांतरण को कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए।
- कानूनों में परिवर्तन करने के लिए।
- राजाओं के कार्यों का वर्णन करने तथा आदेश जारी करने में।
- मुखिया अपने आस-पास लोगों को क्यों बसाता था? तर्क दीजिए।
उत्तर-- आवश्यकता पड़ने पर सेना तैयार मिले।
- आस-पास बसने से अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें।
- मेसोपोटामिया में बहुत कम लोग पढ़-लिख पाते थे? तर्क देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-- मेसोपोटामिया के बहुत कम लोग पढ़-लिख सकते थे।
- प्रतीकों या चिन्हों की संख्या सैकड़ों में थी तथा वे अधिक पेचीदा भी थे।
- मारी नगर के राजमहल की किन्हीं दो विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-- मारी नगर का विशाल राजमहल वहां के शाही परिवार का निवास-स्थान था।
- यह राजमहल प्रशासन तथा कीमती धातुओं के निर्माण का मुख्य केन्द्र था।
- राजा के भोजन की मजे पर हर रोज भारी मात्रा में खाद्य पदार्थ. आटा, रोटी, मांस, मछली, फल, मदिरा व बीयर आदि रखे जाते थे।
- इस विशाल महल में 260 कक्ष थे।
- मेसोपोटामिया शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- - मेसोपोटामिया नाम यूनानी भाषा के दो शब्दों ‘मेसोस’ अर्थात् ‘मध्य’ और ‘पोटैमोस’ अर्थात ‘नदी’ से मिलकर बना है।
- इसलिए मेसोपोटामिया शब्द दजला व फरात नदियों के बीच की उपजाऊ धरती को माना जाता है।
- यह ऐतिहासिक भूमि आजकल इराक गणराज्य का हिस्सा है।
लघु प्रश्न (4 अंक वाले)
- मेसोपोटामिया की भौगोलिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-- इराक भौगोलिक विविधता का देश है।
- इसके पूर्वोत्तर भाग में हरे-भरे मैदान हैं जिनमें छायादार पेड़ व पर्वत श्रृंखलाएं हैं।
- यहां पर्याप्त वर्षा होने से अच्छी फसल हो जाती है।
- भेड़-बकरियां यहां उगने वाली छोटी -छोटी झाड़ियों और घास से अपना पटे भर लेती हैं।
- पूर्व में दजला की सहायक नदियां ईरान के पहाड़ी प्रदशों में जाने के लिए परिवहन का अच्छा साधन हैं।
- दजला व फरात नदियों ने इस मैदान को सुन्दर, रमणीय, हरा-भरा तथा उपजाऊ बनाया है।
- मेसोपोटामिया की कृषि-व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर-- यहां 7,000 से 6,000 ई.पू. के बीच खेती आरंभ हो गयी थी।
- यहां की मुख्य फसलें गेहूं, जौ, मटर, मसूर हैं। गर्मियों में खजूर के पेड़ अत्यधिक फल देते थे।
- समकालीन सभ्यताओं में सबसे अच्छी खेती यहीं पर होती थी।
- ऊंचाई वाले इलाकों में, भारी मात्रा में मांस, दूध, ऊन आदि वस्तुएँ मिल जाती हैं।
- स्टेपी घास के मैदानों में पशुपालन भी आजीविका का अच्छा साधन है।
- दजला व फरात कई धाराओं में बंटकर नहरों के रूप में खेतों की सिंचाई करती है।
- अच्छी खेती ही शहरी जीवन का आधार है।
- मेसोपोटामिया में शहरीकरण का क्या महत्व था? विवेचना कीजिए।
उत्तर-- खाद्य उत्पादन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियां विकसित होने लगती हैं
- जनसंख्या का घनत्व बढ़ने से कस्बे बसने लगते हैं।
- धीरे-धीरे कारोबार बढ़ने से व्यापार के केन्द्र बन जाते हैं।
- शहरी अर्थव्यवस्था को अपना हिसाब-किताब लिखित रूप में रखना होता है।
- श्रम-विभाजन का भी शहरी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है।
- कुशल परिवहन व्यवस्था का भी इस सभ्यता में महत्वपूर्ण योगदान है।
- लेखन कला के क्रमबद्ध विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर-- मेसोपोटामिया के लोग मिट्टी की पट्टिकाओं पर लिखा करते थे।
- चिकनी मिट्टी को आकार देकर सुखाया जाता था।
- लिखने वाली सतह चिकनी बनायी जाती थी।
- सरकंडे की तीली की नोक से पट्टी पर लिखा जाता था।
- पट्टी धूप में सूखकर पक्की हो जाती थी।
- यहां पर खुदाई से सैकड़ों पट्टिकाएं मिली हैं।
- दक्षिणी मेसोपोटामिया के इलाके में ग्रामीण लोगों के मध्य झगड़े क्यों होते थे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-- ग्रामीणों में पानी व जमीन के लिए झगड़े बार-बार होते थे।
- नदियों के रास्ता बदलने से लोग पुनः स्थापित होते रहते थे।
- नदी की जल धाराओं के ऊपर रहने वाले लोग सारा पानी अपने खेतों में इस्तेमाल कर लेते थे।
- कभी-कभी नदी में गाद जमने से नदी का बहाव रुक जाता था।
- इसलिए नीचे वाले लोगों को पानी नहीं मिलता था और उनके खेत सूखे रह जाते थे।
- मेसोपोटामिया में परिवार व शादी के लिए कैसे नियम थे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-- समाज में एकल परिवार ही आदर्श माना जाता था।
- पिता परिवार का मुखिया होता था।
- शादी की शुरुआत में वधू के माता-पिता अपनी सहमति देते थे।
- विवाह की रस्म पूरी होने पर दोनों पक्ष उपहारों का आदान-प्रदान करते थे।
- एक साथ बैठकर भोजन करते थे।
- मन्दिर में पूजा करने के बाद, सास नववधू को लेने आती थी।
- शादी के बाद पुत्र माता-पिता के पास ही रहता था।
- पिता का घर, पशधन, खेत आदि उसके पुत्रों को ही मिलता था।
- ‘उर’ शहर की नगर-योजना का वर्णन कीजिए।
उत्तर-- ‘उर’ नगर में गलियां संकरी, टेढ़ी-मेढ़ी थी।
- अनाज के बोरे, ईंधन के गट्ठे गधे पर लाद कर घर पर लाए जाते थे।
- गलियाँ बहुत घुमावदार व पतली थीं।
- जल निकासी के लिए नालियाँ, सड़कों के किनारे न होकर घरों के भीतर पायी गयी हैं।
- लोग वर्षा के जल के लिए घर में हौज बनाते थे जिससे बाहर गली में कीचड़ न हो जाय।
- यह कहना क्यों सही होगा कि खानाबदोश पशुचारक निश्चित रूप से शहरी जीवन के लिए खतरा थे?
उत्तर-- मारी नगर में किसान तथा पशुचारक दोनों ही रहते थे।
- पशुचारकों को जब अनाज, धातके औजारों आदि की आवश्यकता होती थी तब वे अपने पशुओं तथा उनके पनीर, चमड़ा, व मांस आदि के बदले ये चीजें प्राप्त करते थे।
- गोबर की खाद भी किसानों के लिए बहुत उपयोगी थी।
- गड़रिये कई बार अपनी भेड़-बकरियों को पानी पिलाने के लिए बोए हुए खेतों से गुजर कर जाते थे। परिणाम स्वरूप किसानों की फसल को हानि पहुँचती थी।
- गड़रिये (खानाबदोश) कई बार किसानों की बस्ती पर हमला बोल देते थे।
- किसान भी कई बार नदी-नहर तक जाने से गड़रियों को रोक देते थे।
- इसलिए दोनों के बीच झगड़े होते रहते थे।
- मारी नगर एक प्रसिद्ध व्यापारिक नगर था तर्क देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-- मारी नगर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल पर स्थित था। यहां से लकड़ी, तांबा, रांगा, तले, मदिरा आदि माल फरात नदी से तुर्की सीरिया, लेबनान आदि के साथ व्यापार होता था।
- दक्षिणी नगरों को जाने वाले पोत जो पत्थर, चक्की, लकड़ी, शराब व तेल के पीपों से लदे होते थे मारी में रुकते थे।
- लदे माल पर 10% कर वसूल किया जाता था।
- यह नगर उन दिनों तांबे व टिन के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
- कांसा औजार बनाने के लिए प्रयोग किया जाता था।
- मारी नगर व्यापार के लिए सम्पन्न व समृद्ध नगर था।
- मेसोपोटामिया सभ्यता में लेखन कला की क्या देन है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-- कुछ किस्से कहानियों को तो मौखिक रूप से याद रखते हैं।
- परन्तु विज्ञान, गणित को जीवित रखने के लिए दस्तावेजों, किताबों की आवश्यकता होती है।(iii) कालगणना का लेखा-जोखा भी लिखित रूप में मिला है।
- चन्द्र ग्रहण का हिसाब रखा जाता था।
- विद्यार्थीगण पुरानी पट्टिकाओं को पढ़ते थे।
- कुछ छात्रों को इतना सम्पन्न बनाया जाता था कि बौद्धिक उपलब्धियों को सवाँर कर अगली पीढ़ी को प्रदान करें।
- यह सब लेखन कला की ही देन है जिससे हम मेसोपोटामिया की उपलब्धियाँ जान पाये हैं।
दीर्घ प्रश्न (8 अंक वाले)
- मेसोपोटामिया की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-- लेखन कला सर्वाधिक महत्वपूर्ण देन।
- गणित की गणनाओं का विकास।
- विद्यालय जैसी संस्थाएँ।
- मेसोपोटामिया के शहरी लोगों का आधुनिक तौर-तरीकों से परिचित होना।
- शहरी जीवन तथा सामाजिक व्यवस्था।
- उत्तराधिकार के मामलों में कानूनी दस्तावेजों का होना।
- मोहर: एक शहरी शिल्प कृति।
- 5000 ई.पू. बस्तियों का विकास।
- लेखन-प्रणाली।
- शहरीकरण का महत्व
- ‘उर’ नगर की नगर-योजना को विस्तार से समझाइए।
उत्तर-- उर नगर की सबसे पहले खुदाई।
- पतली व घुमावदार गलियाँ।
- नगर नियोजन की पद्धति का अभाव।
- जल निकासी की व्यवस्था न होना।
- घरों के बारे में अंधविश्वासों का प्रचलन।
- कमरों में खिड़कियों का अभाव।
- शकुन-अपशकुन संबंधी बातें।
- नगरवासियों के लिए कब्रिस्तान।
- आँगन में हौज़ों का होना।
- सामान का लाना ले जाना।
- मंदिर मेसोपोटामिया की संस्कृति के अभिन्न अंग थे। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-- 5000 ई.पू. दक्षिणी मेसोपोटामिया में बस्तियों का विकास।
- कुछ प्राचीन शहर मंदिर के चारों ओर विकसित हुए।
- सबसे पहले ज्ञात मंदिर एक छोटा-सा देवालय था, जो कि कच्ची ईटों का बना हुआ था।
- मंदिर विभिन्न प्रकार के देवी-देवताओं के निवास स्थान थे जैसे उर जो चंद्र देवता के और इन्नाना जो प्रेम व युद्ध की देवी थी।
- कुछ प्रारम्भिक साधारण मंदिर घरों जैसे ही होते थे क्योंकि मंदिर भी किसी देवता के घर होते थे।
- देवता पूजा का केन्द्र-बिन्दु होता था, लोग देवी-देवता के लिए अन्न, दही और मछली लाते थे।
- आराध्य देव सैद्धान्तिक रूप से खेतों, मत्स्य क्षेत्रों और स्थानीय लोगों के पशुधन का स्वामी माना जाता था।
- समय आने पर उपज को उत्पादित वस्तुओं में बदलने की प्रक्रिया मंदिरों में ही की जाती थी।
- मंदिर ने धीरे-धीरे अपने क्रियाकलाप बढ़ा लिए।
- उस काल में मंदिर ना केवल धार्मिक केन्द्र थे अपितु आर्थिक-क्रियाओं से भी जुड़े थे।
- सम्भवतः दुनिया को मेसोपोटामिया की सबसे बड़ी देन उसकी कालगणना और गणित की विद्वतापूर्ण परम्परा है।
उत्तर-- मेसोपोटामिया की दुनिया को सबसे बडी देन उसकी कालगणना और गणित की विद्धतापूर्ण परम्परा है।
- 1800 ई.पू. के आस-पास की कुछ पटिटकाएं मिली हैं जिनमें गुणा और भाग की तालिकाएं वर्ग तथा वर्गमूल और चक्रवृद्धि ब्याज की सारणियां दी गई हैं।
- मेसोपोटामिया वासियों से ही हमें ज्ञात हुआ कि पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की परिक्रमा के अनुसार एक पूरे वर्ष का 12 महीनों में विभाजन, एक महीने का 4 हफ्तों में विभाजन, एक दिन का 24 घंटों में विभाजन और एक घंटे का 60 मिनट में विभाजन। आज यह सब हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है।
- सूर्य और चन्द्र ग्रहण घटित होने पर वर्ष, मास और दिन के अनुसार उनका हिसाब रखकर गणना की जाती थी |
- रात को आकाश में तारों और तारामंडल की स्थिति पर नजर रखते हुए गणना की जाती थी |
- मेसोपोटामिया की प्रमुख उपलब्ध्यिों को वर्णित कीजिए।
उत्तर-- लेखन कला ।
- गणित की गणनाओं का विकास ।
- शहरी जीवन तथा सामाजिक व्यवस्था ।
- विद्यालय जैसी संस्थाएँ।
- 5000 ई.पू. बस्तियों का विकास।
- विवाह, उत्तराधिकार के मामलों में कानूनी दस्तावेजों का होना।
- मोहर: एक शरही शिल्प कृति।
- शहरीकरण का महत्व |