निर्मला पुतुल - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 CBSE कक्षा 11 हिन्दी (केन्द्रिक)

खण्ड ग
काव्यांश पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
आओ, मिलकर बचाएँ-निर्मला पुतुल


और इस अविश्वास-भरे दौर में
थोड़ा-सा विश्वास
थोड़ी-सी उम्मीद
थोड़े-से सपने
आओ, मिलकर बचाएँ
कि इस दौर में भी बचाने को
बहुत कुछ बचा है,
अब भी हमारे पास !

  1. कवयित्री किसे और कैसे बचाने की बात कहती है?
    उत्तर- कवयित्री सामाजिक-सांस्कृतिक और प्राकृतिक परिवेश को व्यक्ति के प्रयासों के द्वारा बचाना चाहती हैं।
  2. कवयित्री थोड़ी सी आशा देकर किसे जीवित करने की बात कर रही हैं?
    उत्तर- कवयित्री धूमिल पड़ती आदिवासी समाज की आशा की किरण को फिर से थोड़ी सी आशा देकर जीवित करने की बात कर रही हैं।
  3. प्रकृति के विनाश के कारण कौन विस्थापन के कगार पर पहुँच चुका है?
    उत्तर- प्रकृति के विनाश के कारण आदिवासी जातियाँ विस्थापन के कगार तक पहुँच चुकी हैं।
  4. आज के युग के बारे में कवयित्री कौन से विचार रखती हैं?
    उत्तर- कवयित्री का मानना है कि आज का युग ऐसा बन गया है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति दूसरे पर अविश्वास करने लगा है। हर कोई संदेह के घेरे में दिखने लगा है।