अंतर्राष्ट्रीय व्यापार-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 CBSE Class 12 Geography

Important Questions 
(भाग – 1)
पाठ - 9
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार


लघु उत्तरात्मक प्रश्न:

प्र-1 दक्षिणी अमेरिकी राष्ट्रों में ओपेक का सदस्य कौन-सा है।

उत्तर- वेनेजुएला

प्र-2 विश्व के किस महाद्वीप में व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है ?

उत्तर- यूरोप

प्र-3 विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय कहाँ पर है ?

उत्तर- जिनेवा (स्विटजरलैंड)

प्र-4 साफ्टा (साउथ एशियन फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट) का गठन कब हुआ था।

उत्तर- जनवरी 2006

प्र-5 आज विश्व में कितने प्रादेशिक व्यापार समूह है ?

उत्तर- 120 प्रादेशिक व्यापार समूह


अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न:

प्र-6 दिसम्बर 2005 में कितने देश विश्व व्यापार संगठन के सदस्य थे ?

उत्तर- 149 देश

प्र-7 व्यापार का अर्थ स्पष्ट करो ।

उत्तर- व्यापार का तात्पर्य वस्तुओं और सेवाओं के इच्छानुसार आदान-प्रदान से होता है। इसमें दो पक्षों का होना आवश्यक है। एक पक्ष जो बेचता है तथा दूसरा खरीदता है।

प्र-8 आदिम समाज की ‘विनिमय व्यवस्था’ का अर्थ स्पष्ट करो ।

उत्तर- आदिम समाज में व्यापार का आरंभिक स्वरूप ‘विनिमय व्यवस्था कहलाता था। इसमें वस्तुओं का प्रत्यक्ष आदान-प्रदान होता था अर्थात् रूपये के स्थान पर वस्तु के बदले वस्तु दी जाती थी।

प्र-9 ‘सैलेरी’ शब्द का अर्थ क्या है ?

उत्तर- ‘सैलरी’ शब्द लैटिन शब्द ‘सैलेरिअम’ से बना है जिसका अर्थ है नमक के द्वारा भुगतान। क्योकि उस समय केवल खनिज से नमक बनाया जा सकता था जो दुर्लभ व खर्चीला था इसीलिए यह भुगतान का माध्यम बना।

प्र-10 ‘रेशम मार्ग’ क्या है ?

उत्तर- ‘रेशम मार्ग’ लम्बी दूरी के व्यापार का आरंभिक उदाहरण है जो रोम को चीन से जोड़ता था। इस मार्ग के द्वारा व्यापारी चीन में बने रेशम, रोम की ऊन व बहुमूल्य धातुओं का परिवहन करते थे।

प्र-11 ‘दास व्यापार’ शब्द का अर्थ क्या है ?

उत्तर- 15वीं शताब्दी में यूरोपीय उपनिवेशवाद शुरू हुआ और इसके साथ ही व्यापार के एक नए स्वरूप का उदय हुआ जिसे ‘दास व्यापार’ कहा गया। इसके अंतर्गत पुर्तगालियों, डचों, स्पेनिश लोगों और अंग्रेजों ने अफ्रीकी मूल निवासियों को पकड़कर बलपूर्वक उन्हें बागानों में श्रमिको लिए परिवहित किया।

प्र-12 ‘मुक्त व्यापार की स्थिति’ का अर्थ स्पष्ट करो ।

उत्तर- व्यापार हेतु अर्थव्यवस्थाओं को खोलने का कार्य मुक्त व्यापार या व्यापार उदारीकरण के रूप में जाना जाता है। यह कार्य व्यापारिक अवरोधों जैसे सीमा शुल्क को घटाकर किया जाता है। मुक्त व्यापार घेरलू उत्पादों एवं सेवाओं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी स्थानों से वस्तुओं और सेवाओं के लिए अनुमति प्रदान करता है।

प्र-13 ‘प्रादेशिक व्यापार समूह’ का आशय स्पष्ट करो ।

उत्तर- व्यापारिक मदों में भौगोलिक समीपता, समरूपता तथा पूरकता के साथ देशों के मध्य व्यापार को बढ़ानें के उद्देश्य से प्रादेशिक व्यापार समूह अस्तित्व में आए है। ये कुछ चुने हुए देशों के समूह है जो सदस्य राष्ट्रों में व्यापार शुल्क को हटा देते है और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देते है।

प्र-14 विनिमय व्यवस्था की प्रमुख दो कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।    (बोर्ड परीक्षा-2013)

उत्तर- विनिमय व्यवस्था की प्रमुख कठिनाइयाँ -

1. सही खरीददार पाना कठिन है क्योंकि जरूरी नहीं कि जो जरूरत चीज बेचनी है उसे दूसरा व्यक्ति खरीदे ।

2. सही विक्रेता पाना कठिन है क्योंकि जिस वस्तु की हमें जरूरत है उसे कौन बेचना चाहता है यह जानना भी कठिन है।

3. उचित मूल्य का निर्धारण कठिन है क्योकि प्रत्येक वस्तु का मूल्य अलग अलग होता है और विनिमय के दौरान वस्तुओ का मूल्य लगाना बहुत मुश्किल होता है।

प्र-15 विश्व व्यापार संगठन का गठन कब हुआ ?इसका पुराना नाम क्या था ?

उत्तर- विश्व व्यापार संगठन का गठन 1995 में हुआ। इसका पुराना नाम था गेट् (जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेफिक एण्ड ट्रेंड) ।

प्र-16 सार्क तथा ओपेक के मुख्यालय कहाँ है ?

उत्तर- सार्क - काठमाण्डू (नेपाल)

ओपेक - वियना (आस्ट्रिया)


लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्र-1 आयात तथा निर्यात में अन्तर स्पष्ट कीजिए । इनका व्यापार संतुलन से क्या संबंध है ?

उत्तर- आयात वस्तुओं को क्रय करने की क्रिया को आयात कहते है। आयात व्यापार का एक अभिन्न अंग है किसी देश में जिन वस्तुओं और सेवाओं की कमी होती है। वह देश दूसरे देशों से उन वस्तुओं तथा सेवाओं को क्रय करता है। इस क्रिया को आयात कहते है। आयात की क्रिया के कारण विदेशी पूंजी का व्यय होता है।

निर्यात यह भी व्यापार का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह क्रिया मुख्यतः अतिरिक्त उत्पादन वाले देशों के द्वारा की जाती है। वहां अतिरिक्त उत्पादन को दूसरे देशों को विक्रय कर दिया जाता है। इस क्रिया के द्वारा विदेशी मुद्रा अर्जित होती है।

आयात और निर्यात का सीधा सम्बन्ध व्यापार सन्तुलन से होता है। जहां आयात ज्यादा होता है तथा निर्यात की क्रिया कम होती है। वहां प्रतिकूल व्यापार सन्तुलन होता है। जिस देश में आयात की क्रिया ज्यादा होती है वहां अनुकुल व्यापार संतुलन होता है।

प्र-2 अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तीन महत्वपूर्ण पक्षों का विश्लेषण कीिजए ?

उत्तर- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तीन महत्वपूर्ण पक्ष:-

व्यापार का परिणाम:- व्यापार की गई वस्तुओं का वास्तविक तौल परिमाण कहलाता है। सभी प्रकार की व्यापारिक सेवाओ को तौला नहीं जा सकता इसीलिए व्यापार की गई वस्तुओं व सेवाओं के कुल मूल्य को व्यापार का परिमाण के रूप मे जाना जाता है।

व्यापार संयोजन:- व्यापार संयोजन से अभिप्राय देशों द्वारा आयतित व निर्यातित वस्तुओं व सेवाओं ने इसका स्थान ले लिया आजकल सेवा सेक्टर में भारी आदान-प्रदान होता है।

व्यापार कई दिशा पहले विकासशील देश कीमती वस्तुओ तथा शिल्पकला की वस्तुओं आदि का निर्यात की जाती थी। 19वीं शताब्दी में यूरोपीय देशों ने विनिर्माण वस्तुओं को अपने उपनिवेशो से खाद्य पदार्थ व कच्चे माल के बदले निर्यात करना शुरू कर दिया। वर्तमान में भारत ने विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा शुरू कर दी है।

प्र-3 अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से सम्बन्धित प्रमुख समस्याओं को उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से सम्बन्धित प्रमुख समस्याए:-

  • अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का होना राष्ट्रों के लिए पारस्परिक लाभदायक होता है। अगर यह उत्पादन के उच्च स्तर, वस्तुओं व सेवाओं की उपलब्धता कीमतों व वेतन का समानीकरण प्रस्तुत करता है।
  • अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार देशो के लिए हानिकारक हो सकता है यदि यह अन्य देशों पर निर्भरता, विकास के असमान स्तर, शोषण और युद्ध का कारण बनने वाली प्रतिद्वंदिता की ओर उन्मुख होता है।
  • अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ता जा रहा है जिससे पर्यावरण व स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न हो रही है।

प्र-4 विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन से है ? तीन बिन्दुओं में वर्णन कीजिए? (बोर्ड परीक्षा-2013)

उत्तर- विश्व व्यापार संगठन एक मात्र ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, जो राष्ट्रो के मध्य वैश्विक नियमों का व्यवहार करता है।

यह संगठन विश्व व्यापी तन्त्र के लिए नियमों को तय करता है। और इसके सदस्य देशों के मध्य विवादों को निपटारा करता है।

यह संगठन दूर संचार और बैकिग जैसी सेवाओं तथा अन्य विषयों जैसे बौद्धिक सम्पदा अधिकार के व्यापार को भी अपने कार्यो मे सम्मिलित करता है।

प्र-5 निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए ?

क) द्विपक्षीय व बहुपक्षीय व्यापार (बहु-पार्श्विक)

ख) अंतर्देशीय तथा बाह्य पत्तन

ग) ऋणात्मक और धनात्मक व्यापार संतुलन

उत्तर- क) द्विपक्षीय व बहुपक्षीय व्यापार (बहु-पार्श्विक)

द्विपक्षीय व्यापार:- दो देशो के मध्य किया जाने वाला व्यापार द्विपक्षीय व्यापार कहलाता है। आपस में निर्दिष्ट वस्तुओं का व्यापार करने के लिए दोनों देशों की सहमति होती है।

बहु-पक्षीय-पार्श्विक व्यापार: यह व्यापार बहुत से व्यापारिक देशों के साथ किया जाता है। देश किसी भी अन्य देशों के साथ व्यापार कर सकता है।

ख) अंतर्देशीय तथा बाह्य पत्तन

अंतर्देशीय पत्तन:- ये पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते है। ये समुद्र से एक नदी या नहर द्वारा जुड़े होते हैं जैसे कोलकाता हुगली नदी (जो गंगा नदी की एक शाखा है) पर स्थित है और मानचेस्टर एक नहर से जुड़ा है।

बाह्य पत्तन: ये गहरे जल के पत्तन हैं जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते है। ये उन जहाजों, जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुंचने में अक्षम हैं को ग्रहण करके पैतृक पत्तन को सेवाएँ प्रदान करते है जैसे एथेंस व यूनान में पिरेइअस पत्तन का संयोजन है।

ग) ऋणात्मक और धनात्मक व्यापार संतुलन:

व्यापार संतुलन एक देश के द्वारा अन्य देशों को आयात एवं निर्यात की गई वस्तुओं तथा सेवाओं की मात्रा का प्रलेखन करता हैं यदि आयात का मूल्य देश के निर्यात मूल्य की अपेक्षा अधिक है तो देश का व्यापार सन्तुलन ऋणात्मक या प्रतिकूल है। यदि निर्यात का मूल्य, आयात के मूल्य की तुलना में अधिक है तो देश का व्यापार सन्तुलन धनात्मक या अनुकुल है। ऋणात्मक व्यापार सन्तुलन का अर्थ है कि देश वस्तुओ के क्रय पर अधिकव्यय करता है जबकि उसकी विक्रय द्वारा अर्जित आय कम है।

प्र-6 पत्तनों द्वारा संभाले गए यातायात के प्रकार के अनुसार पत्तनों का वर्गीकरण करो।

उत्तर- पत्तनों का वर्गीकारण उनके द्वारा संभाले गए यातायात के प्रकार के अनुसार किया जाता है:-

  • औधोगिक पत्तन: - ये पत्तन थोक नौभार के लिए विशेषीकृत होते है जैसे - अनाज, चीनी, अयस्क, तेल, रसायन आदि।
  • वाणिज्यिक पत्तन:- ये पत्तन सामान्य नौभार उत्पादों तथा निविवर्मित वस्तुओं का निपटान करते हैं। ये पत्तन यात्री-यातायात का भी प्रबन्ध करते है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

प्र-1 अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के पाँच आधारों का वर्णन करो ?

उत्तर- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के पाँच आधार -

1. राष्ट्रीय संसाधनों में भिन्नता:- विश्व में प्राकृतिक संसाधनों का वितरण बहुत असमान है। भूगर्भिक संरचना, जलवायु, वनस्पति मिटृटी आदि में विभिन्नता पायी जाने के कारण विभिन्न देशों मे भिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधन पाये जाते है। कुछ देशो में कुछ संसाधन उनकी आवश्यकता से अधिक पाये जाते है, जैसे अरब देशो मे पैट्रोलियम के विशाल भण्डार है। वे पैट्रोलियम मे अभाव वाले देशो को उसका निर्यात कर देते है। इस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों में असमानता अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का मुख्य आधार है।

2. जनसंख्या कारक:- विभिन्न देशो में जनसंख्या के आकार, वितरण तथा उसकी विविधता व्यापार की गई वस्तुओ के प्रकार और मात्रा को प्रभावित करती हैं। जनसंख्या का आकार एवं जनसंख्या का जीवन स्तर आयतित उत्पादो की मांग को निर्धारित करत है।

3. आर्थिक विकास की अवस्था:- देशो के आर्थिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं मे व्यापार की गई वस्तुओ का स्वरूप बदल जाता है। कृषि प्रधान, देश कृषि उत्पादों के बदले उद्योगो में बनी वस्तुएं खरीदते है जबकि औधोगिक रूप से विकसित देश मशीनों और निर्मित वस्तुओं के बदले मे खाद्यान्न एवं अन्य कच्चामाल खरीदते हैं।

4. विदेशी निवेश की सीमा:- पूँजी की कमी वाले विकासशील देशो में विदेशी निवेश से खनन, तेल की खोज और उत्पादन, भारी मशीनों, इमारती लकड़ी और रोपण कृषि का विकास संभव होता है।

5. परिवहन एवं संचार:- ये अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख आधार है। अतिरिक्त उत्पादन वाले देशो से अभाव वाले देशों मे वस्तुओं का निर्यात करने के लिए परिवहन एवं संचार के उत्तम साधनों की आवश्यकता होती है।

प्र-2 स्पष्ट कीजिए कि पत्तनों को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वार क्यों कहा जाता है ?

उत्तर- पत्तन अंग्रेजी के शब्द पोर्ट का हिन्दी रूपातंरण है। अंग्रेजी का शब्द पोर्ट लैटिन भाषा के पोर्टा से लिया गया है । जिसका अर्थ ‘द्वार’ है। इस प्रकार पत्तन समुद्र तथा स्थल को आपस में जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है अर्थात यह समुद्र से स्थल तथा स्थल से समुद्र तक जाने का द्वार है। वास्तव में पत्तन का मुख्य उद्देश्य ही देश के विदेशी व्यापार के लिए सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। पतन वह तटीय स्थल है जहां से जहाज अपनी यात्रा आरम्भ करते है या आकार समाप्त करते हैं ये सागरीय व्यापार के द्वार होते है जहां से जहाज अपनी यात्रा आरम्भ करते है या आकर समाप्त करते है। ये सागरीय व्यापार के द्वार होते है जहां जहाजों के ठहरने का उचित प्रबन्ध होता है। जहाजों से सामान उतारने तथा उन पर सामान लादने की भी उचित व्यवस्था होती है। यह देश के आन्तिरक भागों से रेलों तथा सड़कों द्वारा जुडा हुआ होता है इसप्रकार एक पतन व्यापार के लिए स्थल से समुद्र तक तथा समुद्र से स्थल तक द्वार का काम करता जै। अतः पत्तनों को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के द्वार कहा जाता है।

प्र-3 विशिष्टीकृत कार्यकलापों के आधार पर पत्तनों के प्रकारों का वर्णन करों।

उत्तर- विशिष्टीकृत कार्यकलापों के आधार पर पत्तनों के प्रमुख पाँच प्रकार है:-

1. तैल पत्तन: ये पत्तन तेल के प्रक्रमण और नौ-परिवहन का कार्य करते हैं। इनमें से कुछ टैंकर पत्तन है तथा कुछ तेल शोधन पत्तन है। जैसे पर्शिया की खाड़ी पर अबा पत्तन एक तेल शोधन पत्तन है।

2. मार्ग पत्तन (विश्राम पत्तन): ये ऐसे पत्तन है जो मूल रूप से मुख्य समुद्री मार्गो पर विश्राम केन्द्र के रूप में विकसित हुए। जहां पर जहाज ईधन भरने, जल भरने व खाद्य सामग्री के लिए लंगर डाला करते थे। बाद में ये वाणिज्यिक पत्तनों मे विकसित हो गए। जैसेै- सिंगापुर, होनोलूलू व अदन ।

3. पैकेट स्टेशन: इन्हें फेरी-पत्तन के नाम से भी जाना जाता है। ये पैकेट स्टेशन विशेष रूप से छोटी दूरियों को तय करने हुए जलीय क्षेत्रो के आर-पार डाक तथा यात्रियों के परिवहन से जुड़े होते है। जैसे इंग्लिश चैनल के आरपार इग्लैंड में डोवर और फ्रांस में कैलाइस।

4. आंत्रपो पत्तन: ये वे एकत्रण केन्द्र है जहां विभिन्न देशों से निर्यात हेतु वस्तुएं लाई जाती है जैसे सिंगापुर एशिया के लिए आंत्रपों पत्तन है तथा राटरडम यूरोप के लिए।

5. नौ सेना पत्तन: ये केवल सामाजिक महत्व के पतन है। ये पतन युदक जहाजों को सेवाएं देते है। तथा उनके लिए मरम्मत कार्यशालांए चलाते है जैसे भारत में कोच्चि तथा कारवाड़ पत्तन ।

POINT TO REVISE

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार

1. प्राकृतिक संसाधनों में भिन्नता

2. खनिज संसाधन

3. जलवायु

4. जनसंख्या

5. आर्थिक विकास का स्तर

6. विदेशी निवेश

7. परिवहन

 

 

पत्तनों के प्रकार

1. औद्योगिक पत्तन

2. वाणिज्यिक पत्तन

3. अन्तर्देशीय पत्तन

4. बाह्य पत्तन

5. तैल पत्तन

6. मार्ग पत्तन

7. नौसेना पत्तन

8. आंत्रोपो पत्तन

 

प्रादेशिक व्यापार संघ

संघ                 मुख्यालय

1. आसियान      जर्काता (इण्डोनेशिया)

2.यूरोपीय संघ          ब्रुसेल्स (बेल्जियम)

3.ओपेक        वियना (आस्ट्रिया)

4. C.I.S       मिंसक (बेलारूस)

5. LAIA        मॉण्टे विडियो उस्वे)

6. NAFTA

7. SAFTA


मानचित्र कार्य:-

प्रश्न:- विश्व के मानचित्र में निम्नलिखित को दिखाओं -

1. न्यूयार्क
2. वैकूंक्र
3. सैंटिआगो
4. ब्यूनस आयर्स
5. अदन
6. लन्दन
7. कराची
8. मुम्बई
9. चेन्नई
10. हांग कांग
11. बीजिंग
12. विलिगंटन