जामुन का पेड़ - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

 CBSE Class 11 Hindi Core A

NCERT Solutions
Chapter 18
Krishan Chander


1.1 बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था।
और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं।
ये संवाद कहानी के किस प्रसंग में आए हैं?

उत्तर:-
 यह संवाद सेक्रेटेरियेट के लॉन में लगे जामुन के पेड़ के गिरने के संदर्भ में आया है। उपर्युक्त संवाद तब कहा गया है जब सेक्रेटेरियेट के लॉन में लगा पेड़ आँधी के कारण रात में गिर पड़ा और उसके नीचे एक आदमी दब गया ।सुबह होने पर जब माली ने उसे देखा तो क्लर्क को बताया और वहाँ पर भीड़ इकट्ठी हो गई । वे लोग जामुनों की बात कर रहे थे जिससे स्पष्ट होता है कि उन्हें उस व्यक्ति की कोई चिंता नहीं थी बल्कि वे तो उस पेड़ के जामुनों का गुणगान कर रहे थे ।

1.2 बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था।
और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं।
इससे लोगों की किस मानसिकता का पता चलता है हैं?

उत्तर:-
 उपर्युक्त संवाद से हमें लोगों की संवेदनशून्य होती मानसिकता का पता चलता है। जामुन के पेड़ के पास खड़ी भीड़ को उसके नीचे दबे व्यक्ति से कोई सहानुभूति नहीं होती; उल्टे वे उस पेड़ के लगे जामुनों को याद कर शोक प्रकट करते हैं जिससे पता चलता है कि लोग कितने स्वार्थी और संवेदनशून्य होते जा रहे हैं।

2. दबा हुआ आदमी एक कवि है, यह बात कैसे पता चली और इस जानकारी का फ़ाइल की यात्रा पर क्या असर पड़ा?
उत्तर:-
 जब माली ने पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को उसके केस के संबंध में यह उम्मीद जगाई कि कल उसका केस सेक्रेटेरियेट के सारे सेक्रेटरियों की मीटिंग में रखा जाएगा । उस समय दबे हुए आदमी के मुँह से एक शेर निकलता है जिससे माली जान जाता है कि वह कोई कवि है और फिर माली द्वारा अन्य लोगों को भी खबर हो जाती है।
इस खबर के पता चलते ही उस व्यक्ति का केस कल्चर डिपार्टमेंट में भेज दिया जाता है परंतु काम वहाँ भी नहीं होता बल्कि केवल कागज़ी कार्यवाही होती रहती है और उसकी फाइल कई विभागों में घूमती रहती है ।

3. कृषि-विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया?
उत्तर:-
 कृषि विभाग वालों ने पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति के मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे यह तर्क दिया कि कृषि विभाग को अनाज और खेती-बाड़ी से जुड़े मामलों पर निर्णय देने का अधिकार है ।चूँकि गिरने वाला पेड़ एक फलदार पेड़ है अत: इसका संबंध कृषि विभाग से न होकर हॉर्टीकल्चर विभाग से है।


4. इस पाठ में सरकार के किन-किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ से उनके कार्य के बारे में क्या अंदाजा मिलता है?
उत्तर:-
 इस पाठ में सरकार के निम्नलिखित विभागों की चर्चा की गई है -
व्यापार विभाग, कृषि-विभाग, हॉर्टीकल्चर विभाग, मेडिकल विभाग, कल्चरल विभाग, फॉरेस्ट विभाग, विदेश विभाग और साहित्य अकादमी ।

पाठ से उनके कार्यों के बारे में यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर एक विभाग का कार्य गैरज़िम्मेदाराना है । कोई भी विभाग काम नहीं करना चाहता और अपनी ज़िम्मेदारी दूसरों पर थोपना चाहता है । वे स्वयं भी काम नहीं करते बल्कि दूसरे विभाग की भी आलोचना करते रहते हैं ।

5. कहानी में दो प्रसंग ऐसे हैं, जहाँ लोग पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के लिए कटिबद्ध होते हैं। ऐसा कब-कब होता है और लोगों का यह संकल्प दोनों बार किस-किस वजह से भंग होता है?
उत्तर:-
 पहला प्रसंग - पहली बार सेक्रेटेरियेट विभाग के माली और कुछ क्लर्क दबे आदमी को निकालने के लिए तैयार होते हैं पर उन्हें ऐसा करने से सुपरिटेंडेंट यह कहकर रोक देता है कि वह पेड़ कृषि विभाग के अंतर्गत होने के कारण वह इस मामले की फ़ाइल कृषि विभाग को भेज रहा है।
दूसरा प्रसंग - दूसरी बार फॉरेस्ट विभाग के लोग उस पेड़ को काटने के लिए पहुँचते हैं परंतु उन्हें भी यह कहकर रोक दिया जाता है कि वह पेड़ पिटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने लगाया था। यदि वे इस पेड़ को काट देंगे तो दोनों राज्यों के संबंध बिगड़ सकते हैं और साथ ही पिटोनिया राज्य से मिलने वाली सहायता से भी हम वंचित हो सकते हैं।


6. यह कहना कहाँ तक युक्तिसंगत है कि इस कहानी में हास्य के साथ-साथ करुणा की भी अंतर्धारा है। अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर:-
 यह कहना बिल्कुल युक्तिसंगत है कि इस कहानी में हास्य के साथ-साथ करुणा की भी अंतर्धारा है। कहानी का आरंभ और अंत भी करुणाजनक है। वास्तव में प्रत्येक विभाग, क्लर्क, अधिकारियों के हास्य के साथ करुणा और भी गहराती गई है। लोगों का जामुन के फलों के स्वाद को याद करना, मनचले युवकों द्वारा उस व्यक्ति को ही आधे भाग में कटवाकर प्लास्टिक सर्जरी का सुझाव आदि अनेक ऐसी बातें हैं जो हास्य के साथ करुणा को अपने चरम पर ले जाती हैं।

केवल माली ही पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति के दर्द को समझता है। दृश्य तब और करुण हो उठता है ; जब पेड़ के नीचे दबा व्यक्ति मर जाता है और उसके मुँह में चीटियाँ जाने लगती हैं ।

 

7. यदि आप माली की जगह पर होते, तो हुकूमत के फैसले का इंतज़ार करते या नहीं? अगर हाँ, तो क्यों? और नहीं, तो क्यों?

उत्तर:- यदि मैं माली की जगह होता तो कभी भी हुकूमत के फैसले का इंतजार न करता। मैं अपनी ओर से सेक्रेटेरियेट विभाग के लोगों को इकठ्ठा करता, उन्हें प्रेरित कर पेड़ हटवाता। यदि वे सरकारी डर से आगे आने के लिए तैयार न होते तो उन्हें समझाता कि पेड़ काटना अपराध माना जाता है, गिरे पेड़ को हटाना नहीं अत: पेड़ को हटाये जाने पर हम पर कोई अनुशासनहीनता कार्यवाही नहीं होगी और इस तरह से मैं उस आदमी को बचा लेता।


8. कहानी के वैकल्पिक शीर्षक सुझाएँ। निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखकर शीर्षक गढ़े जा सकते हैं -
1. 
कहानी में बार-बार फ़ाइल का ज़िक्र आया है और अंत में दबे हुए आदमी के जीवन की फ़ाइल पूर्ण होने की बात की कही गई है।
2. 
सरकारी दफ़्तरों की लंबी और विवेकहीन कार्यप्रणाली की ओर बार-बार इशारा किया गया है।
3. कहानी का मुख्य पात्र उस विवेकहीनता का शिकार हो जाता है।

उत्तर:-
 उपर्युक्त बिंदुओं के आधार पर हम कहानी के कुछ वैकल्पिक शीर्षक सुझा सकते हैं - मेरी जीवन की फ़ाइल, अफसरों के चक्कर में चकराती फ़ाइल, फ़ाइल से हुई मौत।