महासागरीय जल-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                            CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)

पाठ 13 महासागरीय जल
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अति लघुत्तरात्मक प्रश्न (1 अंक वाले)

  1. पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते है?
    उत्तर- पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल के 71 प्रतिशत भाग पर जल तथा केवल 29 प्रतिशत भाग पर स्थल है इसलिए इसे जल ग्रह अथवा नीला ग्रह कहा जाता है।
  2. महासागरीय खाइयाँ अथवा गर्त किसे कहते है?
    उत्तर- महासागरीय नितल पर स्थित तीव्र ढाल वाले लम्बे, पतले और गहरे अवनमन को खाई या गर्त कहते है।
  3. विश्व के सबसे गहरे गर्त का नाम व गहराई बताइये?
    उत्तर- विश्व के सबसे गहरे गर्त का नाम मेरीआना गर्त है इसकी गहराई 11 किमी से भी अधिक है।
  4. एस ("S") आकृति वाले महासागर का नाम बताइये?
    उत्तर- अटलांटिक महासागर
  5. महाद्वीपीय सीमांत क्या होता है?
    उत्तर- समुद्र के नीचे महाद्वीपो वाली बाहृय सीमा को महाद्वीपीय सीमांत कहते है।
  6. विश्व की सबसे अधिक लवष्णता वाली झील का नाम बताअो ।
    उत्तर-
     वॉन झील (टर्की) लवणता =330/00 या 330 ग्राम प्रति किलोग्राम |
  7. विश्व में सवाधिक लवणता वाला सागर कौन-सा है।
    उत्तर-
     मृत सागर =2380/00 या 238 ग्राम प्रति किलोग्राम |
  8. विभिन्न महासागरों में गहरे गताँ की संख्या बताइए।
    उत्तर-
     प्रशांत महासागर में 32, अटलांटिक में 19, हिन्द महासागर में 6 |

CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)
पाठ 13 महासागरीय जल
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


लघुरात्मक प्रश्न (3 अंक वाले)

  1. महासागरीय जल की लवणता क्या है?
    उत्तर- लवणता (Salinity):- समुद्र का जल खारा होता है ऐसा उसमें उपस्थित लवणता के कारण है लवणता शब्दावली का प्रयोग समुद्री परिभाषित करने के लिए किया जाता है। इसका परिकलन 1000 ग्राम (1किग्रा) समुद्री जल में घुले हुए नमक (ग्राम में) की द्वारा व्यक्त किया जाता है। इसे प्राय प्रति 1000 भाग या PPT के रूप में व्यक्त किया जाता है।
  2. महाद्वीपीय मग्नतट किसे कहते है?
    उत्तर- महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf):- मग्नतट महाद्वीपों के वे भाग, जो समुद्र के डुबे हुए है, महाद्वीपीय मग्नतट कहलाते है। इसकी अधिकतम गहराई सामान्यतः 200 मी॰ तथा ढलान सामान्य होता है। इसकी ढाल प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है इसकी चौड़ाई इसके ढाल पर निर्भर करती है। परिमाणस्वरूप इसकी चौड़ाई कुछ किलोमीटर से लेकर 1000 किमी तक हो सकती है। फिर भी इसकी औसत चौड़ाई 80 किमी होती है। महाद्वीपीय शेल्फ तीव्र ढाल पर समाप्त होता है जिसे शेल्फ अवकाश कहते है।
  3. गम्भीर सागरीय मैदान (Deep Sea Plain) किसे कहते है?
    उत्तर- महाद्वीपीय ढाल समाप्त होते ही ढाल मन्द पड़ जाता है और गम्भीर सागरीय मैदान शुरू हो जाता है जिसे नितल मैदान कहते है यह एक विस्तृत समतल क्षेत्र होता है जिसका ढाल 1 अंश से भी कम होता है। महासागरों की तली लगभग 40 प्रतिशत भाग इन्ही मैदानों से घिरा हुआ है। ये लगभग सभी महासागरों और बहुत से समुद्रो में उपस्थित है। इनकी गहराई 3000-6000 मी॰ तक होती है।
  4. नितल पहाडि़यों से क्या अभिप्राय है?
    उत्तर- नितल पहाड़ियाँ (Sea Mount):- की संख्या में ऐसी पहाड़ियाँ पार जाती है जो समुद्र के जल में डूबी हुई है जिनका शिखर नितल 1000 मीटर से अधिक ऊपर उठा हो उन्हें समुद्री पर्वत कहते है।
    समाट शीर्ष वाले पर्वतो को गाईआट Guyot कहते है इन सभी आकृतियो का निर्माण ज्वालामुखी प्रक्रिया द्वारा होता है सबसे अधिक नितल पहाड़ियाँ प्रशांत महासागर में हैं।
  5. जलमग्न कैनियन Sub-marine Canyon क्या है?
    उत्तर- महासागरीय नितल पर जलमग्न तीव्र ढालो वाली गहरी तथा संकरी घाटियों अथवा गहरे गार्जो को जलमग्न केनियन कहते है ये महाद्वीपीय मग्नढाल तथा गम्भीर सागरीय मैदान पर अधिक पार जाते है। शेयर्ड तथा बेयर्ड के अनुसार विश्व में 102 केनियन है। सबसे अधिक केनियन प्रशांत महासागर में पाए जाते है। संसार के सबसे लम्बे जलमग्न केनियन बेरिंग सागर में बेरिंग, प्रिविलाफ तथा जेमचुग पाये जाते है विश्व का सबसे प्रसिद्ध केनियन हडसन केनियन है जो हडसन नदी के मुहाने से शुरू होकर अंटलांटिक महासागर तक चला गया है।
  6. महाद्वीपीय ढाल (Continental Slop) क्या है ?
    उत्तर-
     महासागरीय बेसिनो तथा महाद्वीपीय निमग्न तट को मध्य स्थित भाग को महाद्वीपीय ढाल कहते हैं। इसकी प्रवणता 2- 5o के मध्य होती है तथा इसकी गहराई 200से 300 मीटर के बीच होती है।
  7. समुद्री टीला क्या है? उदाहरण सहित लिखो।
    उत्तर-
     समुद्री टीला नुकीले शिखरों वाला एक पर्वत है जो समुद्री तली से ऊपर की ओर उठता है। लेकिन महासागरीय सतह तक नहीं पहुँच पाता।
    इसकी ऊँचाई समुद्री की तली से 3000 मीटर से 4500 मीटर तक हो सकती है।
    उदाहरण - एम्पेरर समुद्री टीला है जो प्रशांत महासागर में हवाई द्वीप समूहों का विस्तार है।
  8. समुद्री जल में घुले हुए नमक में कौन-कौन मुख्य तत्व पाये जाते हैं?
    उत्तर-
     कलोरिन, सोडियम, सल्फेट, मैग्नेशियम, कैल्शियम, पौटेशियम व बाई कार्बोनेट ।

CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)
पाठ 13 महासागरीय जल
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ प्रश्न (5 अंक वाले)

  1. महासागरीय जल की लवणता किन कारकों से प्रभावित होती तथा लवणता के क्षैतिज वितरण का वर्णन कीजिए?
    उत्तर- विभिन्न स्थानों पर विभिन्न मात्र में लवणता पाई जाती है। इसको प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
    1. स्वच्छ जल की पूर्ति
    2. वाष्पीकरण की मात्र
    3. सागरीय धाराएं
      लवणता का क्षैतिज वितरण-
      विश्व के विभिन्न सागरों के जल में लवणता का वितरण भिन्न-भिन्न प्रकार का है इसका वर्णन इस प्रकार से किया जा सकता है। खुले सागरो की लवणता
    • कर्क तथा मकर रेखा पर लवणता की मात्र सबसे अधिक है।
    • भूमध्य रेखा के निकट लवणता की मात्र कम होती है।
    • ध्रुवों के समीप लवणता की मात्र कम होती है।
    • हिन्द महासागर में औसत लवणता की मात्र कम पाई जाती है।
      अपरलिखित बिन्दुओ को विस्तार से अध्ययन कीजिए?
  2. महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए?
    उत्तर- पृथ्वी पर उपस्थित अन्य सभी वस्तुओं की भांति महासागरीय जल को ऊष्मा सूर्य से ही प्राप्त होती है। समुद्र का जल सौर-विकिरण से ऊष्मा प्राप्त करके गर्म होता है जिससे उसका तापमान बढ़ता है। समुद्री जल का तापमान एक-सा नही रहता है। यह समय तथा स्थान के अनुसार बदलता रहता है।
    महासागरीय जल के तापमान को प्रभावित करने वाले कारक निम्न बिन्दुओं को विस्तार से लिखे व अध्ययन करे-
    1. अंक्षाश (Latitude)
    2. प्रचलित पवनें (Prevailing Winds)
    3. महासागरीय धाराएं (Ocean Currents)
    4. समीपवर्ती स्थलखण्डो का प्रभाव (Effect of Act Jacent Land Masses)
    5. लवणता (Salinity)
    6. प्लावी हिमखंड तथा प्लावी हिमशैल (Ice Floes and Icebergs)
  3. समुद्र से नीचे जाने पर तापमान की किन परतों का सामना करेगें? गहराई के साथ तापमान में भिन्नता क्यों आती है?
    उत्तर- समुद्र में हजारों प्रकार के जीव-जन्तु व अन्य तत्व समाहित है जोकि समुद्री तापमान के द्वारा प्रभावित होते रहते है जैसे-जैसे हम समुद्र की गहराई की और बढ़ते है वैसे-वैसे समुद्री तापमान में भिन्नता आती रहती है। समुद्र में नीचे जाने पर निम्नलिखित परतों का सामान्य होता है।
    1. प्रथम स्तर (First Level)- यह महासागरीय जल को सबसे ऊपरी गर्म स्तर प्रदर्शित करता है। इसकी मोटाई लगभग 500 मीटर है यहां तापमान 20 अंश 25 अंश के मध्य रहता है।
    2. द्वितीय स्तर (Second Level)- यह थर्मोक्लाइन या ताप प्रवणता कहलाता है इसकी विशेषता गहराई बढ़ने के साथ तीव्र गति से तापमान का घटना है इसकी मोटाई 500-1000 मीटर तक होती है।
    3. तृतीय स्तर (Third Level)- यह स्तर बहुत अधिक ठंडा होता है तथा गम्भीर सागरीय तली तक विस्तृत होता है आर्कटिंक एवं अंटार्कटिक वृतों में सतही जल का तापमान 0 से॰ के निकट होता है। यहां ठंडे पानी की केवल एक ही परत पाई जाती है जो सतह से गम्भीर महासागरीय मैदान तक विस्तृत होती है। इसमें ऊष्मा सीधे सूर्य से प्राप्त होती है और संचलन द्वारा निचले भागों को प्राप्त होती है।

      महासागरों में सतही लवणता का वितरण

      महासागरों की सतह के तापमान का स्थानिक प्रतिरूप
  4. जल चक्र क्या है। चित्र सहित बताओ ।
    उत्तर-
     जल चक्र करोड़ों वर्षों से पृथ्वी पर कार्यरत एक चक्र है। इसमें जल अपनी अवस्था और स्थान निरंतर बदलता रहता है और चक्र के रूप में महासागर से धरातल पर और धरातल से वापस महासागर में पहुंचता है। महासागरों के तल से जल का वाष्पीकरण होता है जिससे बादलों का निर्माण होता है। वायुमंडल में उपस्थित जलवाषप संघनित होकर धरती पर वर्षण के रूप में आती है। यही जल नदियों के रास्ते वापस महासागर में पहुंच जाता है। जल के इसी चक्र को जल चक्र कहा जाता है।
  5. महासागरीय जल की लवणता किन कारकों से प्रभावित होती है तथा लवणता के क्षेतिज वितरण का वर्णन कीजिए ?
    उत्तर-
     विभिन्न स्थानों पर विभिन्न मात्रा में लवणता पाई जाती है। इसको प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है :-
    1. जल की आपूर्ति :- ठण्डे जल में गर्म जल की अपेक्षा कम लवणता होती है। नदियों के मुहानों पर लवणता कम मिलती है।
    2. वाष्पीकरण की मात्रा :- ध्रुवों व उच्च अक्षांशों पर कम, जबकि कर्क एंव मकर वृत पर अधिक वाष्पीकरण होता है। जहाँ वाष्पीकरण अधिक होगा लवष्णता अधिक होगी।
    3. महासागरीय धाराएं :- ठंडी धाराओं में लवणता कम तथा गर्म धाराओं में अधिक पायी जाती हैं।
      लवणता का क्षेतिज वितरण
      विश्व के विभिन्न सागरों के जल में लवणता का वितरण भिन्न-2 प्रकार का है इसका वर्णन इस प्रकार से किया जा सकता है:-
      खुले सागरों की लवणता
    • कर्क तथा मकर रेखा पर लवणता की मात्रा सबसे अधिक है। (वाष्पीकरण की अधिकता के कारण)
    • वर्षा अधिक होने के कारण भूमध्य रेखा के निकट लवणता की मात्रा कम होती है।
    • ध्रुवों के समीप लवणता की मात्रा कम पाई जाती है, (बर्फ के समुद्र में मिलने के कारण)
  6. महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए ?
    उत्तर-
     पृथ्वी पर उपस्थित अन्य सभी वस्तुओं की भांति महासागरीय जल को ऊष्मा सूर्य से ही प्राप्त होती है। समुद्र का जल सौर-विकिरण से ऊष्मा प्राप्त करके गर्म होता है जिससे उसका तापमान बढ़ता है। समुद्री जल का तापमान सदा एक सा नहीं रहता है। यह समय तथा स्थान के अनुसार बदलता रहता है। महासागरीय जल के तापमान को प्रभावित करन वाले कारकों को विस्तार से लिखें व अध्ययन करें:-
    1. अक्षांश (Latitude)
    2. प्रचलित पवनें (Prevailing Winds)
    3. महासागरीय धाराएं (Ocean Currents)
    4. समीपवर्ती स्थलखंडों का प्रभाव (Effect of Adjacent Land Masses)
    5. लवणता (Salinity)
    6. प्लावी हिमखंड तथा प्लावी हिमशैल (lce Flows and Icebergs)
  7. समुद्र से नीचे जाने पर तापमान की किन परतों का सामना करेंगे ? गहराई के साथ तापमान में भिन्नता क्यों आती है ?
    उत्तर-
     समुद्र में हजारों प्रकार के जीव-जन्तु व अन्य तत्व समाहित है जोकि समुद्री तापमान के द्वारा प्रभावित होते रहते हैं जैसे-जैसे हम समुद्र की गहराई की और बढ़ते है वैसे-वैसे समुद्री तापमान में भिन्नता आती रहती है। समुद्र में नीचे जाने पर निम्नलिखित परतों का सामना होता है।
    1. प्रथम स्तर (First Level):- यह महासागरीय जल का सबसे ऊपरी, गर्म स्तर प्रदर्शित करता है। इसकी मोटाई लगभग 500 मी है, यहाँ तापमान 20° सेल्सियस से-25° सेल्सियस के मध्य रहता है।
    2. द्वितीय स्तर (Second Level):- यह थर्मोक्लाइन या ताप प्रवणता कहलाता है। इसकी विशेषता गहराई बढ़ने के साथ तीव्र गति से तापमान घटता है। इसकी मोटाई 500-1000 मीटर तक होती है।
    3. तृतीय स्तर (Third Level):- यह स्तर बहुत अधिक ठंडा होता है तथा गम्भीर सागरीय तली तक विस्तृत होता है अंटार्कटिका वृतों में सतही जल का तापमान 0° से. के निकट होता है जो सतह से गम्भीर महासागरीय मैदान तक विस्तृत होती है। इसमें ऊष्मा सीधे सूर्य से प्राप्त नहीं होती है बल्कि संचलन द्वारा निचले भागों को प्राप्त होती है।
  8. ताप प्रवणता (थर्माक्लाइन) तथा लवण प्रवणता (हैलोक्लाइन) में क्या अन्तर है।
    उत्तर- 
    समुद्र में गहराई के अनुसार तापमान व लावणता के वितरण में ताप प्रवणता एवं लवण प्रवणता उस स्तर का घोतक है, जहाँ तापमान व लवणता में तेजी से क्रमशः गिरावट या वृद्धि होती है। समुद्र में ये दोनों परतें 500-1000 मीटर की गहराई पर पाई जाती है।
    ताप प्रवणता परत तेजी से गिरते हुए तापमान को बदलती है जबकि लवण प्रवणता तेजी से बढ़ती हुई लवणता को दिखलाती है। तापमान और लवणता दोनों ही समुद्री जल के घनत्व को प्रभावित करती है। जिससे महासागरीय जल का स्तरीकरण होता है। उच्च घनत्व वाला जल निम्न घनत्व वाले के नीचे चला जाता है तथा महासागरों में जल धाराओं के जन्म का कारण बनता है।