राष्ट्रवाद - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
CBSE कक्षा 11 राजनीति विज्ञान
पाठ-16 राष्ट्रवाद
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
पाठ-16 राष्ट्रवाद
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
एक अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- सामान्यत: राष्ट्रवाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- सामान्यता जनता की राय में राष्ट्रीय ध्वज, देशभक्ति, देश के लिए बलिदान जैसी बातें राष्ट्रवाद में आती हैं। - राष्ट्रवाद ने वृहदत्तर राष्ट्र राज्यों की स्थापना का मार्ग दिखाया है। उदाहरण दीजिए।
उत्तर- आज के जर्मनी तथा इटली का एकीकरण और सदृढ़ीकरण की प्रक्रिया का अच्छा उदाहरण है। - 'राष्ट्र' शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- राष्ट्र के सदस्य के रूप में हम अपने राष्ट्र के अधिकतर सदस्यों को प्रत्यक्ष रूप से न कमी जान पाते हैं और न ही उनके साथ वंशानुमत संबंध होता है फिर भी हम राष्ट्रों का सम्मान करते हैं। - राष्ट्र के निर्माण में इतिहास का क्या योगदान रहता है?
उत्तर- राष्ट्र के सदस्य के रूप में हम सभी राष्ट्र को मानते हैं क्योंकि हम सभी के अंदर एक ऐतिहासिक पहचान की भावना होती है। - भूक्षेत्र को लेकर लोग उसे क्या-क्या नाम देते है?
उत्तर- मातृभूमि, पितृभूमि या पवित्र भूमि। - राष्ट्रीय आत्म निर्णय के सिद्धांत का क्या अर्थ है?
उत्तर- सामाजिक समूहों से जब राष्ट्र अपना शासन स्वयं करने और अपने भविष्य केा तय करने का अधिकार चाहते हैं। - समतामूलक समाज से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक और नस्लीय पहचान वाले देश में समान नागरिकों और मित्रों की तरह सह-आस्तित्वपूर्वक रह सकें। - 'एक संस्कृति-एक राज्य' का सिद्धांत का क्या अर्थ है?
उत्तर- एक राज्य में एक ही संस्कृति के लोग निवास करेंगे।
दो अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- "राष्ट्रवाद ने लोगों को संगठित किया है साथ ही विभाजित भी किया है" कैसे?
उत्तर- राष्ट्रवाद ने उत्कट निष्ठाओं के साथ-साथ गहरे विद्वेषों को प्रोत्साहित किया है। इसने जनता को एकत्र किया है तो विभाजित भी किया है। - "राष्ट्रवाद साम्राज्यों के पतन के लिए जिम्मेदार रहा है" कैसे? कुछ उदाहरण दीजिए।उत्तर- बीसवीं शताब्दी की शुरूआत में यूरोप में अस्ट्रियाई- हंगेरियाई और रूसी साम्राज्यों के पतन तथा उनके साथ एशिया और अफ्रीका में फ्रांसीसी, ब्रिटिश, डच और पुर्तगाली साम्राज्य के बंटवारें में राष्ट्रवाद ही था।
- 'राष्ट्र' शब्द और 'राष्ट्रवाद' में क्या अंतर है?
उत्तर- राष्ट्र:- राष्ट्र जनता का कोई आकस्मिक समूह नहीं है यह परिवार से भिन्न है राष्ट्र के अधिकतर सदस्यों को प्रत्यक्ष तौर पर न कभी जान पाते हैं और न ही उनके साथ वंशानुगत संबंध जोड़ने की जरूरत पड़ती है।
राष्ट्रवाद:- राष्ट्रवाद एक भावना है, देश प्रेम की भावना जो विकसित होती है साझे विश्वास, साझा इतिहास, साझे भू-क्षेत्र साझे राजनीतिक आदर्श तथा साझी राजनीतिक पहचान के द्वारा। - 'सांझे विश्वास' किस प्रकार राष्ट्रवाद के विकास में सहायक हैं।
उत्तर- साझे विश्वास:- राष्ट्र का निर्माण विश्वास के द्वारा होता है राष्ट्र ऐसी इमारते नहीं जिन्हें हम स्पर्श कर सकें, न ही ये ऐसी वस्तुएं है जिनका लोगों के विश्वास से स्वतंत्र अस्तित्व हो। राष्ट्र की तुलना एक टीम से की जा सकती है। - साझी राजनीतिक पहचान से कया अभिप्राय हे?
उत्तर- साझी राजनीतिक पहचान:- अधिकांश समाज सांस्कृतिक रूप से विविधता से भरे हैं। एक ही भू-क्षेत्र में विभिन्न धर्म और भाषाओं के लोग मिलजुल कर रहते हैं इसलिए अच्छा होगा यदि हम राष्ट्र की कल्पना राजनीतिक शब्दावली में करे न कि सांस्कृतिक पदों में। लोकतंत्र में किसी खास नस्ल, धर्म या भाषा से संबद्धता की जगह एक मूल्य समूह के प्रति निष्ठा की आवश्यकता होती है। - क्या 'राष्ट्रीय आत्मनिर्णय' की मांग समकालीन विश्व में विरोधाभासी है?
उत्तर- राष्ट्रीय आत्मविश्वास:- उस वक्त विरोधाभासी लगता है जब हम उन अब वे अपने भू-क्षेत्रों में राष्ट्रीय आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग करने वाले अल्पसंख्यक समूहों का खंडन कर रहे हैं। - राष्ट्रीय पहचान के लिए समावेशी नीति से कार्य करने का क्या अर्थ है?
उत्तर- समावेशी नीति का आशय है जो राष्ट्र राज्य के समस्त सदस्यों के महत्व एवं अद्वितीय योगदान को मंजूरी दे सके अर्थात् अल्पसंख्यक समूहों और उनके सदस्यों की संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए संवैधानिक संरक्षा के अधिकार। - बहुलवाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- बहुलवाद:- जब एक संस्कृति एक राज्य की अवधारणा को त्याग दिया गया तब नई व्यवस्था वह होगी जहां अनेक संस्कृतियां और समुदाय एक ही देश में फल फूल सकें। भारतीय संविधान में भाषायी, धार्मिक एवं सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों की संरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
चार अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- राष्ट्रवाद ने राज्यो को जोड़ा भी है और तोड़ा भी है। कैसे?
उत्तर- राष्ट्रवाद ने उन्नीसवीं शताब्दी के यूरोप में कई छोटी-छोटी रियासतों के एकीकरण से वृहतर राष्ट्र राज्यों की स्थापना का मार्ग दिखाया। आज के जर्मनी, इटली का गठन एकीकरण और सुदृढ़ीकरण की इसी प्रक्रिया के माध्यम से हुआ था। किन्तु राष्ट्रवाद बड़े-बड़े साम्राज्यों के पतन में भी भागीदार रहा है। बीसवीं शताब्दी में यूरोप में आस्ट्रियाई-हंगेरियाई और रूसी साम्राज्य तथा इनके साथ एशिया और अफ्रीका में फ्रांसीसी, ब्रिटिश, डच एवं पुर्तगाली साम्राज्य के बंटवारे के मूल में 'राष्ट्रवाद ही था। - "भूमंडलीकरण के दौर में आज भी राष्ट्रीय आकांक्षाए सिर उठाती रहती है” इस समस्या का समाधान कैसे संभव है?
उत्तर- भूमंडलीकरण का दौर चल रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ राष्ट्रीय आकांक्षाए सिर उठाती रहती है। ऐसी मांगों से निपटने का एक मात्र तरीका लोकतांत्रिक तरीका है। इससे निपटने में संबंधित देश विभिन्न वर्गों के साथ उदारता एवं दक्षता का परिचय दें।
परंतु इसका आशय यह कदापि नहीं है कि हम राष्ट्रवाद के असहिष्णु एकजातीय स्वरूपों के साथ कोई सहानुभूति बरतें। - "एक संस्कृति एक राज्य" इस नीति से क्या अभिप्राय है? क्या यह नीति प्रयोग में लाना संभव है?
उत्तर- एक संस्कृति-एक राज्य की धारणा की शुरूआत 19 वीं सदी के यूरोप में सामने आई परिणाम स्वरूप प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् राज्यों की पुर्नव्यवस्था में इस विचार को परखा गया परंतु आत्म निर्णय की सभी मांगों को संतुष्ट करना संभव नहीं था।
आज भी इस नीति को प्रयोग में ला पाना संभव नहीं तभी बहुलवाद की प्रचलन है अर्थात् बहुत से समुदाय और संस्कृतियों के लोग एक ही देश में फल फूल सकें। - आत्मनिर्णय के सिद्धांत के द्वारा जिन राष्ट्रों ने स्वाधीनता प्राप्त की, आज वे ही अपने भू-क्षेत्रों में राष्ट्रीय आत्म निर्णय के अधिकार की मांग का विरोध करते है? क्यों?
उत्तर- आत्मनिर्णयः क्योंकि इससे आबादी का देशांतरण, सीमाओं पर युद्ध और हिंसा की घटनाएं होती रहती है प्रथम विश्व युद्ध के बाद जितने भी नए राष्ट्र राज्य बने उसके परिणामस्वरूप जनसंख्या का बड़ी मात्रा में विस्थापन हुआ, लाखों लोग अपने घरों से उजड़ गए और उस जगह से बाहर धकेल दिए गए जहां पीढ़ियों से उनका घर था। - राष्ट्रवाद के मार्ग में आने वाली कठिनाइयाँ कौन सी हैं?
उत्तर-- सांप्रदायिकता
- जातिवाद
- क्षेत्रवाद
- भाषावाद
- नस्लवाद
- 'राष्ट्रीय एकता के लिए आवश्यक है अपने शासन में अल्पसंख्यक समूहों के अधिकारों और संस्कृति पहचान का आदर किया जाएं।' क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
उत्तर- जो राष्ट्र राज्य अपने शासन में अल्पसंख्यक समूहों के अधिकारों और प्राप्त करना कठिन होता है। इसके लिए राज्यों को ज्यादा लोकतांत्रिक व समतामूलक बनना होगा ताकि भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक और नस्लीय पहचान के लोग देश में समान नागरिक और मित्रों की तरह रह सके।
पाँच अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- "यद्यपि बाहरी रूप में लोगों में विविधता और अनगिनत विभिन्नताएं थी, परंतु हर जगह एकात्मकता की वह जबर्दस्त छाप थी जिसने हमें युगों तक जोड़े रखा, चाहे हमें जो भी राजनीतिक भविष्य अथवा दुर्भाग्य झेलना पड़ा हो"।
निम्न प्रश्नो को उत्तर दो-- उपरोक्त कथन किसका है?
- लेखक किस विविधता और विभिन्नता की बात कर रहा है?
- राजनीतिक दुर्भाग्य से लेखक का क्या अभिप्राय है?
- पं. जवाहर लाल नेहरू
- लेखक अपने देश विभिन्न धर्म, भाषाएं जातियां आदि है उसके बावजूद एकता दिखाई देती है।
- राजनीतिक दुर्भाग्य का अर्थ है वह लंबा परातंत्रता का समय जो ब्रिटिश काल में भारत को झेलना पड़ा।
- "राष्ट्रवाद मेरी आध्यात्मिक मंजिल नहीं हो सकती, मेरी शरण स्थली तो मानवता है। मै हीरों की कीमत पर शीशा नहीं खरीदूंगा, और जब तक मैं जीवित हूँ देशभक्ति को मानवता पर कदापि विजयी नहीं होने दूंगा।
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-- लेखक राष्ट्रवाद की बजाय मानवता को क्यों महत्व दे रहा है?
- 'देशभक्ति को मानवता पर विजयी न होने देने' का क्या अभिप्राय है?
- 'हीरों की कीमत कपर शीशा नहीं खरीदूंगा इस कथन में लेखक ने हीरा और शीशा किसे कहा है?
- लेखक चाहता है कि राज्यों की सीमाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि सबको मानवता की भलाई के लिए काम करना चाहिए ताकि विश्व हमें विश्व ग्राम की तरह नजर आए।
- देशभक्ति ने बहुत साम्राज्यों का पतन किया है इसलिए मानव को प्राथमिकता दी जाए राज्य या राष्ट्र को नहीं।
- लेखक का अभिप्राय है कि हमे विश्व ग्राम को प्राप्त करने की ओर चलना चाहिए देश या राष्ट्र की सीमाएं नहीं बनानी चाहिये।
- सामान्यतया लोग राष्ट्रवाद से क्या अर्थ लगाते हैं?
- चित्र में राष्ट्रवाद किस प्रकार दिखाया गया है?
- एक अच्छे नागरिक के क्या गुण होते हैं?
- सामान्यतया लोग राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय गान, राष्ट्र गान, देशभक्ति, देश के लिए बालिदान आदि से अर्थ लगाते है।
- चित्र में राष्ट्रवाद को वोट डालने, टैक्स देने, कानूनों का सम्मान करने, देशवासी होने या टीम को जीतते वक्त उसका उत्साह बढ़ाना से दर्शाया गया है।
- एक अच्छा नागरिक कानूनों का पालन करना, वाट डालना, समय पर टैक्स देना, देशवासी होने पर गर्व महसूस करना, ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्ष करना आदि।
छ: अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाले विभिन्न तत्वों का वर्णन करो?
उत्तर-- साझा इतिहास
- साझे विश्वास
- साझा भू-क्षेत्र
- साझे राजनीतिक आदर्श
- साझी राजनीतिक पहचान
- "संघर्षवादी ताकतों से निपटने में तानाशाही सरकारों की बजाय लोकतांत्रिक सरकारें अधिक कारगर सिद्ध हुई है? कैसे?
उत्तर- लोकतांत्रिक सरकारें समतामूलक व समावेशी होने के लिए संघर्षवादी ताकतों से निपटने में निपुण होती है बजाय तानाशाही सरकारों के। आज संसार एक विश्व ग्राम का स्वप्न देख रहा है ऐसे में संघर्षवादी शक्तियां उस स्वप्न में बाधा उत्पन्न करती है ऐसी भागों से लोकतांत्रिक ढंग से समाधान किया जा सकता है और इसमें संबंधित देश को अपना योग्यता और दक्षता का परिचय देना होगा ।
यह आवश्यक है कि हम राष्ट्रीय पहचान के इनके दावों की सत्यता को स्वीकार करें परंतु इसका यह आशय कदापि नहीं है कि हम राष्ट्रवाद के असहिष्णु और एक जातीय स्वरूपों के साथ कोई सहानुभूति बरतें। - राष्ट्रवाद के दायरें क्या-क्या हैं। (सीमाएं)
उत्तर-- क्षेत्रवाद
- नैतिक मूल्यों का पत्तन
- धार्मिक विविधता
- आर्थिक विषमता
- भाषायी विषमता