यायावर साम्राज्य-पुनरावृति नोट्स

 CBSE कक्षा 11 इतिहास

पाठ-5 यायावर साम्राज्य
पुनरावृति नोट्स


स्मरणीय तथ्य-

  • यायावर समाजों के ऐतिहासिक स्त्रोत हैं- इतिवृत, यात्रा वृतांत नगरीय सहित्यकारों के दस्तावेज। कुछ निर्णायक स्त्रोत हमें चीनी, मंगोली, फारसी और अरबी भाषा में भी उपलब्ध है।
  • यायावर साम्राज्य की अवधारणा विरोधात्मक प्रतीत होती है। क्योंकि यायावर लोग मूलतः घुमक्कड़ होते हैं। मध्य एशिया के मंगोलो ने पार महाद्वीपीय साम्राज्य की स्थापना की और एक भयानक सैनिक तंत्र और शासन संचालन की प्रभावी पद्धतियों का सूत्रपात किया।
  • मध्य-एशिया के स्टेपी प्रदेश में, तेरहवीं शताब्दी के प्रारंभिक दशकों में चंगेज खान ने मंगोलों को संगठित किया। मंगोल विविध जन समुदाय का एक निकाय थे जिनमें तातार, खितान, मंचू व तुर्की कबीले शामिल थे। ये लोग पशुपालक, शिकारी संग्राहक थे और कृषि कार्य नहीं करते थे। इन्हें मंगोल कहा गया। नृजातीय और भाषायी संबंधों ने मंगोलों को परस्पर जोड़ रखा था।
  • स्टेपी क्षेत्र में संसाधनों की कमी के कारण मंगोलों तथा मध्य एशिया के यायावरों को व्यापार एवं वस्तु-विनिमय के लिए पड़ोस में स्थित चीन में जाना पड़ता था। चीनी लोगों को यह शिकार किए गए पशु, घोड़े तथा फर देकर बदले में कृषि उत्पाद तथा लोहे के उपकरण लाते थे।
  • ‘बर्बर’ शब्द यूनानी भाषा के बारबरोस शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका तात्पर्य गैर-यूनानी लोगों से है।
  • यायावर कबीले चीन पर बार-बार आक्रमण करते थे और नगरों को लूट लेते थे। उनके आक्रमणों से चीन की सुरक्षा के लिए चीनी शासकों ने ‘महान दीवार’ बनाई।
  • चंगेज खान, जिसका प्रारंभिक नाम तेमुज़िन था, 1206 तक उसने अपने शत्रुओं को निर्णायक रूप से पराजित कर दिया था और स्टेपी क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गया। इसीलिए 1206 में कुरिलताई की एक सभा में उसे चंगेज खान ‘समुद्री खान’ या ‘सार्वभौम शासक’ की उपाधि के साथ मंगोलों का महानायक घोषित किया गया।
  • चंगेज खान की सैनिक उपलब्धियां विस्मित कर देने वाली थी- कुशल घुड़सवारी ने उसकी सेना को गति प्रदान की, घोड़े पर सवार होकर तीरंदाजी का कौशल अद्भुत था, घेराबंदी यंत्र और नेफ़्था बमबारी और अभियानों के दौरान हल्के, चल उपस्करों का उपयोग। चंगेज खान ने मंगोलों को एक सशक्त अनुशासित सैन्य शक्ति के रूप में संगठित किया जिससे उसके सैन्य अभियानों की सफलता तय हो गई।
  • नयी सैनिक टुकड़ियों को जो उसके चार पुत्रों के अधीन थी नोयान कहा जाता था।
  • मंगोलियन जनजाति संस्कृति के विकास का तीन चरणों में अध्ययन किया जा सकता है:-
    • जनजाति कबीलों का आरंभिक काल तुर्क तथा मंगोल कबीलों का परस्पर संघर्ष।
    • एकीकृत मंगोलयन साम्राज्य का काल।
    • बुद्ध धर्म को अपनाना।
  • अपने राज्य के दूर दराज के स्थानों में परस्पर सम्पर्क रखने के लिए फुर्तीली हरकारा पद्धति अपनाई। अपेक्षित दूरी पर निर्मित चैकियों में स्वस्थ व बलवान घोड़े तथा घुड़सवार संदेशवाहक तैनात थे, इसके लिए मंगोल अपने घोड़े या अन्य पशुओं का दसवाँ हिस्सा कुबकुर प्रदान करते थे।
  • तेरहवीं शताब्दी के मध्य तक मंगोलों का एक एकीकृत जनसमूह बन गया था जिन्होंने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया। उन्होंने अत्यंत जटिल शहरी समाजों पर शासन किया जिनके अपने-अपने इतिहास, संस्कृतियां और नियम थे। अपने साम्राज्य पर राजनीतिक प्रभुत्व होने के बावजूद संख्यात्मक रूप से मंगोल अल्पसंख्यक रहे। अपनी पहचान और विशिष्टता की रक्षा के लिए उन्होंने ‘यास’ विधि संहिता को अपनाया।
  • ‘यास‘ को प्रारंभिक स्वरूप में यसाक लिखा जाता था। इसे चंगेज खान ने सन् 1206 ई. में कुरिलताई में लागू किया था। इसका अर्थ था- विधि, आज्ञप्ति व आदेश। इसमें प्रशासनिक विनिमय हैं जैसे आखेट, सैन्य और डाक प्रणाली का संगठन।
  • मंगोलों के पतन के मौलिक कारण थे:-
    • उनकी संख्या बहुत कम थी और वह अपनी प्रजा की अपेक्षा कम सभ्य थे।
    • आपसी विरोध व अपनी सभ्यता को विजित देशों की सभ्यता में मिलाना।
    • मंगोलों द्वारा अन्य धर्मों का अपनाया जाना।
  • यायावर साम्राज्य की अवधारणा विरोधात्मक प्रतीत हो सकती है। एक ओर यायावर लोग घुमक्कड़ होते थे तो दूसरी ओर 'साम्राज्य' शब्द भौतिक अवस्थितियों को दर्शाता है।
  • मुस्लिम साम्राज्यों के पतन के साथ-साथ मध्य एशिया के स्टेपी प्रदेश में एक नयी राजनैतिक शक्ति का उदय हुआ। चंगेज खान (मृत्यु 1227) ने मंगोलों को संगठित किया।
  • चंगेज खान का जन्म लगभग 1162 ई० में आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के पास हुआ। उसका प्रारंभिक नाम तेमुजिन व पिता का नाम येसूजेई (Yesugei) था। ओलुन-इके (Oelun-eke) उसकी माता थी और बोरटे (Borte) उसकी पत्नी थी।
  • मंगोल वस्तुत: जनसमुदायों का निकाय था। चंगेज ने इन असभ्य व असंगठित कबीलों की एक सेना बनाकर संपूर्ण एशिया महाद्वीप में भयानक लूटपाट की और उत्तरी चीन पर अपना कब्जा जमा लिया।
  • चंगेज खान के नेतृत्व में मध्य एशियाई मंगोलों ने तेरहवीं व चौदहवीं शताब्दी में पारमहाद्वीपीय साम्राज्य की स्थापना की तथा उन्होंने अपनी पारंपरिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रथाओं को परिवर्तित कर एक भयानक सैनिक तंत्र और संचालन की प्रभावी पद्धतियों की स्थापना की।
  • यह सत्य है कि चंगेज खान की सेना की शक्ति मंगोलों और तुकों के कुशल घुड़सवार थे।
  • स्टेपी-क्षेत्र में संसाधनों की कमी के कारण मंगोल और यायावर कबीले चीन पर लगातार आक्रमण किया करते थे। इन आक्रमणों से चीन की सुरक्षा के उद्देश्य से महान दीवार का निर्माण किया गया था।
  • 1206 ई० तक तेमुजिन ने अपने सभी शत्रुओं को निर्णायक रूप से पराजित कर दिया था। इसके साथ ही तेमुजिन को चंगेज खान यानी मंगोलों का 'सार्वभौम शासक' या 'समुद्री खान' की उपाधि के साथ मंगोलों का महानायक घोषित किया गया।
  • स्टेपी-क्षेत्र में अनेक मंगोल कबीले बनाकर रहते थे। वे अपनी अलग-अलग विशेषताओं के लिए जाने जाते थे। चंगेज खान द्वारा उनकी अलग पहचान को समाप्त कर दिया गया।
  • मोंके, चंगेज खान का पोता था। वह उसी की तरह पराक्रमी था। उसने फ्रांस के शासक लुई नौवें को चेतावनी दी थी कि वह मंगोलों पर आक्रमण करने का दुस्साहस न करे।
  • चंगेज खान के चार पुत्र थे। नव-विजित लोगों पर शासन करने का दायित्व उसने अपने चार पुत्रों को सौंप दिया। इस प्रकार चार 'उलुस' का गठन हुआ।
  • मंगोल के अधीन इस व्यवस्था को 'कुबकुर' कहा जाता था। मंगोलों द्वारा विजित राज्यों में स्थानीय नागरिकों को नागरिक प्रशासक के रूप में भर्ती किया जाता था। परिणामस्वरूप इस व्यवस्था से दूरस्थ राज्यों को संघटित करने में सहायता मिली।
  • निशापुर के आक्रमण के दौरान एक मंगोल राजकुमार की हत्या कर दी गई थी। परिणामस्वरूप चंगेज खान द्वारा निशापुर को ध्वस्त कर देने का आदेश दिया गया।
  • चंगेज खान की मृत्यु के पश्चात् उसके पुत्र ओगोदेई का शासन 1241 ई० तक चला। उसने यायावर साम्राज्य का विस्तार एशिया में किया। उसकी मृत्यु सन् 1241 ई० में अचानक हुई थी।
  • स्टेपी के खानाबदोश लोगों ने अपने नेता चंगेज खान के अधीन नगरों को बुरी तरह से लूटा और उन्हें ध्वस्त कर दिया। यहाँ तक कि उन्होंने अनेक नगरवासियों की निर्मम हत्याएँ भी कीं। इसी के फलस्वरूप चीन, ईरान एवं पूर्वी यूरोप के नगरवासी इन स्टेपी के गिरोहों को भय और घृणा की दृष्टि से देखते थे।
  • चंगेज खान की महत्ता इस बात से आँकी जा सकती है कि तैमूर ने स्वयं को चघताई वंश के आधार पर चंगेज खान का वंशज बताया था।
  • मंगोलों के लिए चंगेज खान एक महान शासक था- उसने मंगोलों को संगठित किया, कबीलाई लड़ाइयों और चीनियों द्वारा शोषण से मुक्ति दिलाई, पारमहाद्विपीय साम्राज्य बनाया, व्यापार के रास्ते तथा बाजारों को पुर्नस्थापित किया। इनका शासन बहु-जातीय, बहुभाषी, बहु-धार्मिक था।
  • आधुनिक युग में मंगोलिया एक स्वतंत्र राष्ट्र है। 1921 ई० में मंगोलिया गणराज्य की स्थापना हुई थी। आज के मंगोलिया में चंगेज खान को महान् राष्ट्रनायक के रूप में देखा जाता है। वह मंगोलों के लिए एक आराध्य है।